This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
अन्तर्वासना पर हिन्दी सेक्स कहानी पढ़ने वाले सभी पाठकों को सोनाली का नमस्कार! मैं अपनी सेक्स कहानी में आपका फिर से स्वागत करती हूँ। कुछ समय से अस्वस्थ होने के कारण मुझे इस भाग को लिखने में समय लग गया, इसके लिए मैं आप सभी से क्षमा मांगती हूँ।
मेरी इस कहानी के तीसरे भाग में आपने पढ़ा कि मनीषा के साथ मस्ती करने के बाद मैं थक चुकी थी और फिर रोहन के लगातार चोदने की वजह से मैं और थक गई थी पर रोहन अभी तक नहीं झड़ा था तो उसने मेरी गांड में अपना लंड डालने का बोला जिसके लिए बाद में मैंने स्वीकृति दे दी थी।
अब आगे-
मैंने उसे हाँ बोल दिया और उससे बोला अगर ज्यादा दर्द हुआ तो मैं गांड में लंड नहीं डलवाऊंगी। रोहन ने मेरी बात मान ली और तैयार हो गया।
मैंने रोहन को क्रीम लाने के लिए कहा तो वो उठकर क्रीम ले आया। फिर मैंने रोहन से मेरी गांड के छेद पर क्रीम लगाने को बोला। उसने ढेर सारी क्रीम अपनी उंगली से मेरी गांड के छेद के ऊपर और कुछ क्रीम अंदर भर दी।
वैसे तो रोहन का लंड बहुत गीला था पर फिर भी उसने अपने लंड को भी क्रीम से मल लिया। अब रोहन बिल्कुल तैयार था पर मुझे बहुत डर लग रहा था।
मैं रोहन को फिर से याद दिलाते हुए बोली- रोहन, अगर दर्द हुआ तो फिर मैं नहीं करवाऊँगी। तो रोहन बोला- मम्मी आप चिंता मत करो, मैं आपको बिल्कुल भी दर्द नहीं होने दूंगा।
रोहन ने मुझे उल्टा लिटा दिया और घोड़ी बनने का बोला तो मैं अपने दोनों हाथों को बेड पर रखकर घोड़ी बन गई। मैंने डर के मारे अपने मम्मों और सर को भी बेड से चिपका दिया।
फिर रोहन उठा और मेरी गांड पर हाथ फेरते हुए मेरी गांड से अपने लंड को टच करने लगा, फिर उसने अपने लंड को मेरी गांड के छेद पर रख दिया। मैं समझ चुकी थी कि आज मैं दर्द से तड़पने वाली हूँ, मेरी धड़कनें तेज होने लगी थी।
रोहन ने मेरी गांड के छेद को अपने दोनों हाथों से खींचकर फैलाया और फिर अपने लंड को हल्के से अंदर की तरफ धकेला। मुझे हल्का सा दर्द हुआ तो मैंने अपने हाथों से अपनी गांड को पकड़ लिया।
रोहन ले सख्त लण्ड का आधा सुपारा मेरी गांड में घुस चुका था फिर रोहन ने एक और हल्के धक्के में अपना सुपाड़ा मेरी गांड के अंदर कर दिया।
मैं चिल्ला उठी मैंने दर्द में कराहते हुए रोहन को बोला- रोहन, मुझे गांड में दर्द हो रहा है। अब इससे ज्यादा दर्द मैं सहन नहीं कर पाऊँगी।
रोहन बोला- मम्मी, बस अब इससे ज्यादा दर्द नहीं होने दूँगा आपको। मैं कुछ नहीं बोली और वैसे ही लेटी रही।
रोहन ने कुछ देर के लिये अपने धक्कों को रोक दिया, वो मेरे नॉर्मल होने का इंतेजार कर रहा था। थोड़ी देर बाद जब उसे लगा कि अब मुझे दर्द नहीं हो रहा तो उसने धीरे धीरे ही अपने लंड के सुपारे को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया।
वो लंड को धीरे से बाहर करता और फिर थोड़े से दबाव के साथ ही उसे फिर से अंदर कर देता। ऐसा करते करते उसका लंड मेरी गांड के अंदर जाने लगा था पर इसमें एक मीठे से दर्द के अलावा रोहन के प्यार का एहसास था।
वो इतना धीरे से ये सब कर रहा था कि कब रोहन का आधा लंड मेरी गांड के अंदर बाहर होने लगा, मुझे पता ही नहीं लगा। मैं भी अब मस्त हो चुकी थी और ‘आआहहहह… रोहन… …आ…आ… हा.. हा.. ओह्ह… मेरे लाल… उफ्फ्फ…’ की सीत्कारें भर रही थी।
फिर रोहन ने अपने लंड का दबाव मेरी गांड पर बढ़ाना शुरू कर दिया और उसका थोड़ा और लंड मेरी गांड के अंदर चला गया। मैं ‘अआई आअहूचच…’ करते हुए रोहन को बोली- रोहन बेटा, अब इससे ज्यादा अंदर मत डालो, मुझे दर्द हो रहा है।
वो रुक गया और फिर उतने ही घुसे हुए लंड से मेरी गांड को चोदना शुरू कर दिया। पहले तो वो हल्के हल्के धक्कों से मेरी गांड को चोद रहा था फिर धीरे धीरे उसने अपने धक्कों की गति बढ़ा दी।
रोहन मेरी कमर को पकड़कर मुझे आगे की तरफ धक्के दे रहा था। मैं भी मीठे से दर्द और मजे के साथ अपनी गांड को अपने बेटे रोहन से चुदवा रही थी।
फिर रोहन ने मुझे वैसे ही पकड़कर उठाया, उसका लंड अभी भी मेरी गांड के अंदर था, वो नीचे लेट गया और मुझे अपने ऊपर बैठा लिया।
अब मैं रोहन के ऊपर बैठी हुई थी और उसका लंड मेरी गांड के अंदर था। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
मैं थक चुकी थी तो मैंने अपना शरीर रोहन के शरीर के ऊपर रख दिया था। मेरे मम्मे रोहन के सीने पर रगड़ खा रहे थे और फिर वो मेरे होंठों को चूमने लगा।
रोहन के दोनों हाथ मेरी गांड पर थे और वो उन्हें सहला और दबा रहा था। रोहन ने फिर धीरे से अपने लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और फिर लगातार धक्कों से मेरी गांड में अपना लंड डाल रहा था। मैं भी कमर उठा कर उसका साथ दे रही थी।
रोहन अब तेजी से मेरी गांड मार रहा था और मेरे होंठों को चूमे जा रहा था।
मेरी कसी हुई गांड ने रोहन को ज्यादा देर तक नहीं टिकने दिया और उसने मेरी गांड को मजबूती से जकड़ लिया और जोर से झटके देते हुए मेरी गांड के अंदर ही झड़ने लगा। उसका गर्म वीर्य मेरी कसी हुई गांड में काफी देर तक स्खलित हुआ।
रोहन अब निढाल होकर बेड पर ही लेट गया और मैं भी उसके ऊपर लेट गई। रोहन का लंड अभी भी मेरी गांड के अंदर था।
थोड़ी देर बाद जब रोहन का लंड मुरझा कर बाहर आया तो मुझे दर्द का एहसास होने लगा और मेरी गांड में से रोहन के वीर्य का सैलाब बाहर आकर बहने लगा जो मेरी गांड से होते हुए रोहन के पैरों पर आने लगा था।
आज पहली बार रोहन का इतना वीर्य स्खलन हुआ था। मैं रोहन से बोली- आज तो दवा खाकर बड़े ही जोश में हैं जनाब? और आज मेरी गांड को भी नहीं छोड़ा।
रोहन बोला- मम्मी, आज तो मैंने आपको थका दिया ना… और आपको दर्द हुआ उसके लिए सॉरी मम्मी।
मैं रोहन को बोली- चल ठीक है, अपनी मम्मी को भी सॉरी बोलेगा अब? और तूने मुझे इतने प्यार से चोदा कि ज्यादा दर्द नहीं हुआ मुझे। आज मैं पहले से ही थकी हुई थी तो ज्यादा देर तक एन्जॉय नहीं कर पाई तेरे साथ।
रोहन मेरे बालों पर हाथ फेरने लगा और मेरे माथे पर चुम्बन करते हुए बोला- मम्मी… आई लव यू… आपने मेरे लिए कितना कुछ किया। मैंने आपसे जो भी बोला आपने मेरी हर वो बात मानी… मम्मा… आई लव यू सो मच!
मैंने रोहन से बोला- आई लव यू टू बेटा… और मैं तेरी बात नहीं मानूँगी तो कौन मानेगा। भला माँ अपने बेटे का ख्याल नहीं रखेगी तो कौन रखेगा?
फिर मैंने रोहन से कहा- अब तूने जो मेरी गांड में फैलाया है उसे कौन साफ करेगा? मेरे इतना बोलते ही वो उठा और मेरी नई पैंटी को उठाकर मेरी टांगों के बीच आ गया और मेरी गांड के छेद को साफ करने लगा।
मुझे साफ करने के बाद रोहन ने अपनी टांगों को भी साफ किया और फिर हम दोनों आपस में लिपट कर बाते करने लगे। रोहन का लंड फिर से मेरे नंगे बदन का स्पर्श पाकर खड़ा होने लगा तो मैंने रोहन से कहा- ये महाशय तो फिर से खड़े हो गए लगता है इनका मन नहीं भरा अभी तक?
रोहन हंसने लगा और बोला- मम्मी, आप हो ही इतनी सेक्सी कि मन भर ही नहीं सकता। मैं भी उसकी बात सुनकर हँसने लगी।
तो रोहन बोला- मम्मी, आप थक चुकी हो तो रहने दो… मैं बाद में आपको परेशान करूँगा। मैंने कहा- कोई बात नहीं, मैं इसे सहला देती हूँ।
तब मैंने रोहन के लंड को अपने हाथों में लिया और सहलाने लगी। रोहन का लंड एकदम कड़क हो चुका था।
थोड़ी देर सहलाने के बाद मैं उसका लंड मुँह में लेकर चूसने लगी। रोहन भी मेरे सर को अपने लंड पर दबा रहा था जिससे उसका लंड मेरे मुँह के अंदर समाने लगा।
रोहन ने फिर अपने लंड से मेरे मुँह को चोदना शुरू कर दिया। फिर वो उठा और मेरे मुँह से लंड को निकालकर मुझे बेड पर लेटा दिया। रोहन का लंड मेरे थूक से सना हुआ था।
रोहन मेरे ऊपर आया और मेरे बूब्स के बीच अपना लंड डालकर मेरे मम्मों को आपस में दबाने लगा। मुझे उसकी यह हरकत बहुत अच्छी लगी।
उसने मेरे मम्मों को चोदना शुरू कर दिया। रोहन के दोनों हाथ मेरे मम्मों पर थे और लंड मेरे मम्मों के बीच से उन्हें चोद रहा था।
रोहन अब झड़ने वाला था तो उसने मुझसे बोला- मम्मी, मैं झड़ने वाला हूँ… अपना वीर्य कहाँ निकालूँ?
मैंने उसकी बात का जवाब न देते हुए सीधे उसके लंड को अपने मुंह में ले लिया और उसे चूसने लगी।
कुछ ही पलों बाद उसने झड़ना शुरू कर दिया और उसका सारा वीर्य मेरे मुंह में स्खलित हो गया जिसे मैंने निगल लिया। मैंने रोहन के लंड को चाटकर साफ कर दिया।
मैं रोहन से बोली- अन्नू के आने का टाइम हो गया है अब कपड़े पहन लो। फिर मैं उठी और अपने कपड़े पहनने लगी। रोहन अपनी चड्डी पहनते हुए बोला- मम्मी, आज बहुत दिनों बाद हम दोनों को टाइम मिला था और वो भी इतनी जल्दी ख़त्म हो गया… पता नहीं अब कब हमें टाइम मिलेगा।
रोहन का उदास सा चेहरा देखकर मैं बोली- इतना उदास मत हो, दो दिन बाद तेरे पापा बाहर जा रहे है और फिर एक हफ्ते बाद ही आएंगे। तब तेरे पास टाइम ही टाइम होगा।
मेरी बात सुनकर रोहन इतना खुश हुआ की उसने मुझे गोद में उठा लिया। रोहन बोला- मम्मी आने वाले सात दिन बस मैं और आप साथ में बिताएंगे। मैंने भी हंसते हुए उसे हां बोल दिया।
फिर वो अपने रूम में चला गया।
थोड़ी देर बाद अन्नू और रवि दोनो घर आ गए।
दो दिन बाद रवि अपने काम के सिलसिले में बाहर चले गए। अन्नू भी स्कूल जा चुकी थी।
रवि को दिखाने के लिए रोहन भी कॉलेज चला गया था पर उनके जाने के बाद वो घर पर वापस आ गया।
इससे आगे की चुदाई की कहानी अगले भाग में। आपको यह कहानी कैसी लगी, आप अपने सुझाव और विचार मुझे मेल कर सकते हैं। [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000