चुदने को बेकरार फुप्पो की लौंडिया-2

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अब तक आपने पढ़ा..

फुप्पो की लौंडिया मुझसे चूत में उंगली करवाने लगी थी और मेरे लौड़े की मुठ मारने लगी थी।

अब आगे..

कुछ दिनों के बाद मुझे नोएडा में जॉब मिल गई और करीब 6 महीने बाद मैं फिर से अपनी दादी के गाँव में घूमने गया। मेरी दादी का घर जो रिश्ते में सीमा की नानी का घर भी बनता है। मुझे मालूम था कि शायद सीमा आजकल यहीं है। वहाँ जाकर मैंने देखा कि वहाँ सीमा नहीं थी।

मैं थोड़ा उदास हो गया और फिर अगले दिन अपनी फुप्पो के घर सीमा से मज़े लेने के लिए चला गया।

उन दिनों बहुत सर्दी पड़ रही थी और सब कमरे में लिहाफ़ लेकर बैठे थे। यह देख कर मुझे लगा कि मेरा अब प्लान फेल हो गया.. मैं शायद सीमा के साथ मज़े नहीं ले पाऊँगा।

जब खाना ख़ाकर सब सोने को चले तो मैंने देखा कि मेरा बिस्तर एक-दूसरे कमरे में है और सीमा का बिस्तर दूसरे कमरे में है। ये देखकर मुझे और गुस्सा आया.. लेकिन क्या करता।

रात में 8 बजे करीब सीमा मुझसे बातें करने मेरे बिस्तर में आ गई और बात करने लगी।

ऐसे ही बातें करते-करते मैंने लिहाफ़ के नीचे से उसकी चूत में उंगली डाल दी और अन्दर-बाहर करने लगा। फिर उसने भी मेरा लंड लिहाफ़ के अन्दर ही अपने हाथ में ले लिया और हिलाने लगी।

कुछ देर बाद वो उठकर चली गई, जाते हुए मैंने उससे कहा- जब सब सो जाएं.. तो मेरे पास आ जाना।

यह सुनकर उसने कोई जवाब नहीं दिया.. तो मैंने सोचा कि ये शायद नहीं आएगी।

रात में करीब 3 बजे उसने मुझे आकर उठाया और मेरे लिहाफ़ में घुस गई। मुझे तो मानो करार आ गया, मैंने उसके मम्मों को चूसना शुरू कर दिया और वो मेरे लंड की मुठ मारने लगी।

थोड़ी देर बाद मैंने उसकी सलवार खोल दी और उसकी चूत में उंगली डालने लगा। उस दिन भी मैंने बहुत बड़ी मिस्टेक कर दी.. मैंने कंडोम नहीं लिया और बस ऐसे ही ऊपर-ऊपर से मज़े लेने लगा।

थोड़ी ही देर बाद मैं झड़ गया और सीमा की चूत में उंगली करता रहा।

उंगली करते-करते ही कुछ मिनट बाद सीमा भी झड़ गई और उठकर वापिस अपने बिस्तर पर चली गई।

अगले दिन सुबह मैं वापिस अपनी दादी के पास अपने गाँव आ गया और शाम को वापिस दिल्ली आ गया। दिल्ली आकर मैं फिर से अपनी जॉब में लग गया।

तीन महीने बाद मेरे फुफेरे भाई यानि सीमा के बड़े भाई की शादी आ गई। मेरी पूरी फैमिली सीमा के घर शादी में चली गई।

शादी में ज़्यादा मेहमानों की वजह से मैं सीमा से मस्ती नहीं कर पा रहा था।

लेकिन रात हम सब लोग फिर से छत पर सोने के लिए चले और सबने अपना बिस्तर छत पर ही लगा लिया था। मैंने देखा कि सीमा ने अपना बिस्तर मेरे ही पास लगाया हुआ था।

तब भी मेहमानों की वजह से हम ज़्यादा मज़े नहीं कर पाए और थोड़ी देर ही मैंने उसकी चूत में उंगली डाली और सो गया।

सुबह भाई की बारात से वापिस आकर मैं वापिस दिल्ली आ गया क्योंकि मुझे ऑफिस से ज़्यादा छुट्टी नहीं मिल पाई थी।

फिर बीच-बीच में मेरी सीमा से फ़ोन पर बात होती रहती थी और ऐसे ही दिन गुज़रते चले गए।

एक दिन सीमा ने मुझे फ़ोन करके बताया कि उसका रिश्ता पक्का हो गया है और शादी, आने वाली शादियों के सीजन में हो जाएगी।

यह सुनकर मैं बहुत मायूस हो गया और मैंने सोचा कि शायद अब सीमा मुझे मज़े नहीं लेने देगी।

करीब 3 महीने बाद मैं फिर से अपने गाँव गया। वहाँ जाकर मैंने देखा कि सीमा अपनी नानी मतलब मेरी दादी के घर आई हुई है.. लेकिन मैंने सोचा कि अब क्या फायदा.. अब तो सीमा मुझे हाथ भी नहीं लगाने देगी.. लेकिन ऐसा कुछ नहीं था। रात को जब हम सोने चले तो सीमा ने अपना पलंग मेरे पलंग के पास ही लगा लिया।

हम सब आँगन में सो रहे थे, थोड़ी देर बाद ही बारिश होने लगी और हमने अपने अपने पलंग बरामदे में कर लिए।

बारिश और गहरे बादलों की वजह से बहुत अंधेरा हो रहा था और कुछ दिखाई भी नहीं दे रहा था। फिर मैंने धीरे से सीमा का हाथ अपने हाथ में लिया.. तो उसने कुछ नहीं कहा और साथ देने लगी।

लेकिन उस दिन सीमा के पलंग से कुछ ही दूरी पर मेरी छोटी चाची सो रही थीं। मुझे उनके जागने का डर लग रहा था और सीमा के और मेरे पलंग के बीच में भी थोड़ा अंतर भी था।

तो आज भी मैं कुछ सही से कर नहीं पा रहा था।

सीमा मुझसे बार-बार मेरे पलंग पर आने को कह रही थी.. लेकिन चाची की वजह से मैं उसे मना किए जा रहा था।

बाद में उसके बार-बार कहने पर मैंने उसको अपने पलंग पर बुला ही लिया और उसके मम्मों को चूसने लगा। आज तो वो खुद कहने लगी थी- मुझे चोद दो मेरे भैया.. आज मेरे सैंया बन जाओ।

मैंने उसकी चूत में अपने सुपारे को दबाया.. तो लौड़ा घुसने लगा। जैसे ही मेरा लंड दो इंच घुसा, वो चिल्लाने वाली हो उठी थी। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

दोस्तो, इसके बारे में मुझे पहले ही अंदाज़ा था.. मैंने अपना हाथ उसके मुँह पर रख दिया था। उसकी सीत्कार निकलने लगी- आअहह.. आआह्ह्ह.. मैं मर गई।

मैं कुछ देर उसी तरह रुका रहा.. फिर धीरे से एक और झटका दिया। अब उसकी चूत से खून निकलने लगा। वो हड़बड़ा गई मैंने कहा- चिंता मत करो रानी अब तुम्हें खूब मज़ा आएगा।

वो रोने लगी उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे, वो कहने लगी- प्लीज़.. निकालो। मैंने कहा- थोड़ी देर और रुक जा।

मैं धीरे-धीरे धक्के देने लगा और कुछ देर बाद जब दर्द कम होने लगा तो वो भी कमर उचकाने लगी। अब मैं समझ गया कि उसको भी मज़ा आ रहा है।

धक्के देने पर अब वो मजे से मादक आवाजें निकालने लगी, वो कह रही थी- आह्ह.. चोद दो.. आज मुझे.. आह्ह.. मजा आ रहा है।

मैं करीब काफी देर तक उसको लगातार चोदता रहा.. फिर वो झड़ गई और मैं भी उसकी चूत में ही झड़ गया। झड़ने के बाद मैं उसके ऊपर ही उसकी चूचियों को पकड़ कर पड़ा रहा।

कुछ देर बाद मैंने कहा- इस चादर को छुपा कर दूसरा चादर बिछा दो.. नहीं तो किसी को पता चल जाएगा। उसने वही किया जो मैंने कहा था।

सच बताऊँ तो दोस्त.. वो टाइम ज़िंदगी का सबसे खूबसूरत टाइम था.. जब सीमा की चूचियां मेरी छाती से टच हो रही थीं और मेरा लंड उसकी चूत में अन्दर-बाहर हो रहा था।

चुदाई के बाद हमने एक लंबा सा किस किया और सीमा उठकर टायलेट जाने लगी। तभी मेरी छोटी चाची सीमा से बोलीं- कहाँ जा रही है?

चाची की आवाज़ सुनकर मुझे एकदम से झटका लग गया कि शायद चाची जाग रही थीं और उन्हें सब पता चल गया है। मैं सारी रात इसी डर में सो नहीं पाया।

जब सुबह उठा तो मैंने सीमा से पूछा- चाची को सब पता चल गया है क्या? तो वो हँस कर बोली- हाँ, सब पता चल गया है। मैं और परेशान हो गया।

फिर अगले दिन मैं वापिस दिल्ली आ गया और मैंने सीमा से बार-बार फोन पर पूछा- सच बताना यार.. चाची को पता चल गया था क्या?

लेकिन वो हँसकर ही जवाब देती थी और कहती थी कि ‘हाँ, उन्हें सब पता चल गया है।’

फिर करीब एक महीने बाद मैंने फोन किया और यही सवाल पूछा- सीमा तुझे मेरी कसम.. सच बता, चाची को पता चल गया था क्या? तब उसने बताया कि चाची को कुछ पता नहीं चला था। मुझे राहत मिली कि चलो जान बच गई।

ऐसे ही दिन गुज़रते चले गए और फिर मैं अभी 15 दिन पहले अपने गाँव गया। सीमा भी वहीं पर थी.. लेकिन मैं सिर्फ़ एक दिन के लिए गया था। इस बार मुझे सीमा के साथ मस्ती करने का मौका नहीं मिला और बस एक बार मैं उसके मम्मों को ही दबा पाया था।

दूसरे दिन मैं वापिस दिल्ली आ गया।

अब दीवाली के बाद सीमा की शादी होने वाली है और मुझे लगता है सीमा अपनी शादी के बाद भी मेरे साथ मस्ती करती रहेगी। लेकिन क्या होता है देखते हैं।

दोस्तो, टाइम आने पर ही पता चलेगा।

लेकिन दोस्तों मुझे अभी भी एक ही बात का अफ़सोस है कि मैं आज तक सीमा को सही से नहीं चोद पाया हूँ। कभी कंडोम ना होने की वजह से और कभी सही से चान्स ही नहीं मिल पाने की वजह से मजा नहीं ले पाया। खैर.. कोई बात नहीं कभी मौका लगा तो ज़रूर चोदूंगा और हाँ मेरी एक और योजना है अगर सीमा अपनी शादी के बाद भी मुझसे मस्ती करती रही तो मैं उसे बिना कंडोम के ही चोदूंगा। मैं चाहता हूँ कि सीमा की गोद में मेरा भी एक बच्चा होना चाहिए। देखते हैं कि वो शादी के बाद मुझसे चुदवाएगी या नहीं।

तो दोस्तो, अभी तक की तो मेरी यही सच्ची कहानी थी। मैं जानता हूँ कि आप लोगों को यह कहानी ज्यादा पसंद नहीं आएगी क्योंकि इसमें ज़्यादा चुदाई, सकिंग या गाण्ड फकिंग की बातें नहीं हैं.. क्योंकि मुझे गलत लिखना नहीं आता।

फिर भी आप सब मुझे अपने कमेंट्स जरूर देना मुझे मेल करें। [email protected]

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