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हॉट चाची सेक्स स्टोरी मेरी पत्नी की चाची की गरम चूत की चुदाई की है. एक बार हम दोनों उनके घर रुके तो चाची का भरा पूरा जिस्म मेरा लंड खड़ा कर रहा था.
दोस्तो, मेरा नाम दीपक देव है. मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ और आज लॉकडाउन के चलते में अपनी आपबीती हॉट चाची सेक्स स्टोरी आप सबको बताने जा रहा हूँ.
इससे पहले मैं आगे बढूं, एक बार मैं उन सभी का धन्यवाद करूंगा जिन्होंने मेरी पिछली सेक्स कहानी चाची को करवाई लंड की सवारी को बहुत पसंद किया और कमेंट्स के जरिए भारी प्यार दिया.
मेरी शादी 5 साल पहले हो गई थी और मेरा एक दो साल का लड़का है. ज्यादातर लोगों को अपनी सुसराल से काफ़ी लगाव होता है, मुझे भी है. इसलिए मैं महीने में एक बार अपनी सुसराल जाता रहता हूँ.
वहां लोग भी काफ़ी मिलनसार हैं, ख़ासकर मेरी चचिया सास और मेरे चाचा ससुर, जो कि मुझसे फ्रैंक रहते हैं.
शुरू शुरू में काफ़ी शर्मीला था और किसी से ज्यादा बात नहीं करता था. वहां चाचा चाची ही ऐसे लोग थे, जिनके साथ मुझे थोड़ा सहज महसूस होता था.
मैं आपको अपनी चाची सास के बारे में बता देता हूँ.
चाची जी का नाम मंजू है, उनकी उम्र 37 साल है. चाची जी दूध की तरह गोरी हैं और दिखने में बिल्कुल 29-30 साल की लगती हैं.
मंजू चाची की फिगर में दो चीजें देखने लायक हैं जो किसी का भी लंड खड़ा करने की क्षमता रखती हैं. एक तो चाची के हैवी चुचे है. जो कि अलग से ही तने हुए दिखते हैं. चाची के नाजुक से चूचों का साइज 38 इंच है.
दूसरी खास चीज चाची जी की गांड है. उनकी गांड इतनी बड़ी है कि पीछे उनकी गांड पर आराम से एक ट्रे रखी जा सकती है. चाची की उठी हुई गांड 40 इंच से ज्यादा होगी. चाची जब चलती हैं, तो उनकी गांड देख कर सबके लंड खड़े हो जाते हैं.
यदि चाची को बैठ कर उठते टाइम देखा जाए, तो उनकी गांड की दरार कपड़ा फंस जाता है जो चाची खींच कर निकालती हैं. चाची की चुदाई के बाद 2-3 बार तो मैंने ही उनकी गांड से मैक्सी निकाली है, उस वक्त चाची मुस्कुरा कर मेरा हाथ झटक देती थीं.
इससे पहले चाची के लिए मेरे विचार बिल्कुल ऐसे नहीं थे. जबसे चाची जी चुत की खुजली वाली बात सुनी थी, तब से दिमाग भन्ना गया था.
ये बात तब की है, जब हमारे देश में सरकार ने लॉकडाउन लगाया था.
लॉकडाउन के एक महीने बाद मेरी सासू जी की तबीयत बिगड़ गई थी. वो 42 साल की हैं.
हुआ यूं कि अचानक एक दिन उनके पेट में दर्द होने लगा था. इस वजह से उनको अस्पताल लेकर जाना पड़ा. ये सूचना मुझे मिली तो मैंने अस्पताल जाने की सोची. ये अस्पताल मेरी सुसराल से तीन किलोमीटर दूर था.
मुझे और मेरी वाइफ को इस लॉकडाउन में भी वहां जाना ही पड़ा.
बहुत सोच विचार का फैसला किया कि सासू जी देखने जाना ही है. किसी तरह हम दोनों मियां बीवी किसी तरह हॉस्पिटल पहुंच गए. उधर सासू जी से मिल कर हम दोनों अपने सुसराल वाले घर की तरफ़ रवाना हो गए.
सुसराल आने के बाद सबसे पहले हम दोनों अपनी चाची सास के घर आए. चाची जी को हमारे आने की सूचना हॉस्पिटल से ही मिल गई थी. चाची मुझे देख कर काफ़ी खुश थी.
उनके खुश होने का एक रीजन मेरी वाइफ से मिलने का भी था.
मेरी वाइफ, चाची से सात साल छोटी है लेकिन फिर भी वो चाची जी के साथ ऐसे रहती है, जैसे की वो उनकी सहेली हो. इसी दोस्ती के चलते वो दोनों अपनी सारी बातें एक दूसरे के साथ शेयर कर लेती थीं.
यहां तक कि चाची जी ही ने मेरी बीवी को सुहागरात के कुछ टिप्स दिए थे, जो कि बाद में मुझे मेरी वाइफ से पता चला था.
चाची एक खुश मिज़ाज महिला हैं जो डबल मीनिंग मज़ाक भी करने में किसी तरह का कोई गुरेज नहीं करती हैं.
मुझे आज भी वो दिन याद है, जब साले साहब की शादी में डांडिया लाने के ऊपर चाची ने मज़ाक में कह दिया था कि दीपक के पास तो ऑलरेडी लंबा मोटा डंडा होगा, इनको नकली डंडे की क्या जरूरत होगी.
चाची की ये बात सुनकर सभी महिलाएं जोर से हंस पड़ी थीं.
खैर … ये सब पहले की कुछ मीठी यादें हैं, जो अक्सर याद आ जाती हैं.
तो जैसे ही हम दोनों चाची जी के घर पहुंचे, चाची जी गले लगा कर मेरा स्वागत किया. चाची जी की नाइटी में हिलते हैवी चुचे देख कर और उनके मम्मे मेरे सीने पर टच होते ही मेरे लंड में आग लग गई. मेरा मन गदगद हो गया और लंड में हलचल सी होने लगी थी.
हम दोनों घर के अन्दर आ गए और बैठ गए.
तब तक चाची जी पानी ले आईं और पानी देने के लिए वो जैसे ही झुकीं, उनकी बड़ी बड़ी चुचियों के दर्शन हो गए.
चाची जी ने मेरी निगाहों का पीछा किया और ये भांप लिया कि मेरी नजरें उनके चूचों पर हैं.
चाची जी ने मुस्कुरा कर पानी का गिलास टेबल पर रखा और अपनी मोटी गांड मटकाते हुए नाश्ता लेने रसोई की तरफ़ चल दीं.
नाश्ता के बाद चाची, मेरी वाइफ के साथ बातचीत में बिज़ी हो गईं. बात करते समय चाची जी ने अपनी चुत को खुजाया.
मैं उनकी ये परेशानी भांप गया. मैंने उनकी आंखों में आंखें डालकर कहा- जब तक आप दोनों बात करो, मैं ऊपर टॉयलेट से होकर आता हूँ.
इस बहाने से मैं उन दोनों को अन्दर रूम में छोड़ कर बाहर दीवार से लग कर खड़ा हो गया. जिससे वो दोनों मुझे ना देख सकें.
मेरे जाते ही उन दोनों ने बात करने का टॉपिक चेंज कर दिया. अब उनकी सब बातें मैं दीवार के साइड से खड़ा होकर सुन रहा था.
चाची- सोनू (मेरी वाइफ) क्या हुआ दीपक तो बड़े कमजोर कमजोर लग रहे हैं. आजकल ज़्यादा मेहनत करने लगे हैं क्या?
ये कह कर चाची जी जोर से खिलखिला कर हंस दीं.
वाइफ- नहीं तो … कहां से कमजोर दिख रहे हैं. बल्कि जब से लॉकडाउन लगा है, तब से तो ढंग से सोने भी नहीं देते. मेरे नीचे का हिस्सा सुजाए रखते हैं.
चाची ने शॉक्ड होते हुए पूछा- अच्छा, क्या दीपक तुझे इतना ज्यादा चोदते हैं. तभी मैं कहूं कि तेरा क्यों पिछवाड़ा ऐसे क्यों उठा हुआ है, जरूर तेरे चाचा की तरह, दीपक भी तेरी गांड रोज मारते होंगे. मेरी बीवी बस हंस कर रह गई.
फिर चाची जी दुखी होते हुए बोलीं- हमें तो अब काफ़ी दिन हो गए हैं किए हुए. जब से इनका थोड़े दिन पहले वो एक्सिडेंट हुआ था, तब से ठीक से चुदाई कर ही नहीं पाते हैं. अभी परसों ही मैंने बैगन घुसा कर अपनी चुत ठंडी कर रही थी, तब से पता नहीं क्या हो रहा है कि चुत के अन्दर खुजली सी बनी रहती है.
वाइफ- हम्म … मैं समझ गई. आपकी चुत क्या मांग रही है और इसकी खुजली कैसे शांत होगी. अगर आप बोलो, तो मैं दीपक से बात करूं. मेरी तो वैसे ही सूजी हुई है, दीपक आपकी खुजली एक बार में पूरी तरह से गायब कर देंगे.
ये सुनकर कर वो दोनों हंसने लगीं.
चाची- क्या इतना कितना बड़ा लंड है दीपक जी का, जो तेरी चुत का भोसड़ा बना दिया है! वाइफ- एक बार आप खुद पकड़ कर देख लेना, खुद ही पता चल जाएगा. चाची- पकड़ तो लूं मगर दीपक बुरा ना मान जाए!
ये बोल कर वो दोनों फिर से हंसने लगीं.
कुछ देर खड़े रहने के बाद मुझे टॉयलेट लग आई तो मैं ऊपर टॉयलेट करने चला गया. वहां मेरी नजर ऊपर खूंटी पर टंगी चाची की पैंटी पर चली गई. मैंने नाक लगा कर सूंघी, तो उसमें से मस्त खुशबू आ रही थी.
पैंटी सूंघते सूंघते मैं उसे अपने लंड पर लपेट कर मुठ मारने लगा. कुछ मिनट तक चाची की मस्त जवानी को याद करके मैंने अपना सारा माल उनकी पैंटी में निकाल कर उसे फिर से खूंटी पर टांग दी और हाथ धोकर नीचे आ गया.
मुझे आता देखा, तो वो दोनों नॉर्मल हो गईं और दूसरी बात करने लगीं.
इसी तरह शाम गुजर हो गई और साथ ही खबर आई कि हॉस्पिटल से सासू मां को डिस्चार्ज करने की हां हो गई. तो उसी रात को सासु जी को घर ले आया गया. हम दोनों भी वहीं ससुराल में रुक गए.
सुबह उठ कर मैं ब्रेकफास्ट करके चाचा चाची से मिलने चला गया.
चाचा के बारे में पूछने पर चाची बोलीं- आज चाचा जी बच्चों के साथ गांव चले गए हैं, कल तक आएंगे.
मैं मन ही मन मुस्कुराते हुए दुआ करने लगा कि आज चाची जी की चुत चोदने मिल जाए.
इतने में चाची जी कॉफी लेकर आ गईं और कॉफी देने के लिए वो जैसे ही झुकीं, मेरी नजर फिर से उनके बाहर को झांकते हुए मोटे मोटे चूचों पर पड़ गई.
मैं चाची जी के चूचों में इतना खो गया था कि चाची जी के हाथ से ठीक से कप भी नहीं पकड़ पाया और कॉफी का कप सीधे मेरे लोवर पर लंड के ऊपर गिर गई.
कॉफी की गर्माहट से मेरा लंड झुलस गया और मैं अकबका कर खड़ा हो गया.
‘सॉरी सॉरी ..’ बोलते हुए चाची गीला कपड़ा ले आईं और लोवर को साफ करने लगीं. चाची का हाथ नीचे लंड पर लगते ही लोवर तो ठंडा हो गया … लेकिन लंड और गर्म हो गया.
चाची जी नीचे बैठ कर गीले कपड़े से कुछ इस तरह से लंड साफ कर रही थीं कि ऊपर से उनके चूचों की लंबी सी लाइन साफ दिख रही थी. जिसके कारण मेरे लंड में और ज्यादा तनाव आना शुरू हो गया.
धीरे धीरे लंड अकड़ कर लोवर में खड़ा होने लगा.
लोवर में लंड के उभर आने से चाची जी को भी ये एहसास हो गया था कि लंड अकड़ गया है. उनका हाथ लोवर में मेरे खड़े लंड पर आ गया.
चाची जी अचानक से बोलीं- दीपक जी ये लोवर उतार दो और ये क्रीम नीचे लगा लो, नहीं तो जलन न बढ़ जाए … उठो जल्दी से. मैं- नहीं चाची रहने दो, मैं ठीक हूँ. चाची जी- नहीं नहीं … जल्दी उठो, अभी के अभी ये क्रीम लगाओ नहीं तो नीचे से पूरा लाल हो जाएगा.
इस वक्त चाची जी की नजर लोवर में उठे हुए मेरे लंड पर ही गड़ी थी.
आप सबको बता दूं कि उस टाइम मैंने लोवर के नीचे फ्रेंची पहनी हुई थी, जिसमें से तना हुआ लंड अच्छे से दिख जाता है. मैं ज्यादा वक़्त ना गंवाते हुए लोवर उतारने लगा.
तभी चाची जी बोलीं- एक मिनट रूको, मैं गेट बंद करना तो भूल ही गई. चाची गेट बंद करके साथ में क्रीम ले आईं और फिर से मुझे लोवर उतरने के लिए बोलीं.
मैंने जैसे ही लोवर नीचे किया. मेरा लंड फ्रेंची में से आधे से ज्यादा बाहर निकला हुआ था. जिसे देख कर चाची जी की आंखें फट गईं.
मैंने सॉरी सॉरी बोलते हुए अपने तने हुए लंड को जैसे तैसे फ्रेंची के अन्दर अड्जस्ट करने लगा. तब भी फ्रेंची से लंड की पूरी शेप ही दिखने लगी थी. चाची की नजरें मेरे लंड पर ही लगी थीं.
वो बोलीं- सॉरी वॉरी छोड़ो, लोअर उतारो जल्दी से … मुझे देखना है कि कुछ दिक्कत तो नहीं हो गई.
मैं लोवर उतार कर बोला- ठीक है चाची, अब आप कहती हैं, तो क्रीम लगा ही दो.
ये कह कर मैं सोफे पर बैठ गया. चाची जी हाथ में क्रीम लिए नीचे बैठ कर मेरी जांघों में क्रीम लगाने लगीं. मेरा तन्नाया हुआ खड़ा लंड फ्रेंची में किनारे से दिख रहा था. उनके हाथ लगने से लंड फिर से हिनहिनाने लगा और इस बार पूरा का पूरा लंड फ्रेंची में से बाहर आ गया.
लंड देख कर चाची जी का मुँह खुल गया. चाची जी लंड देखते हुए मस्त होने लगीं- हाय राम इतना बड़ा और मोटा मूसल है आपका? मैंने चाची जी का हाथ पकड़ कर लंड पर रखते हुए कहा- चाची जी मूसल नहीं सिर्फ लंड ही है ये. चाचा जी इतना बड़ा नहीं है क्या?
चाची ने लंड को पकड़ते हुए कहा- नहीं उनका तो तुम्हारे लंड से आधा ही होगा. सोनू सच ही कहती थी … इतने मोटे लंड से तुम पूरे दिन लगे रहोगे तो बेचारी की क्यों नहीं सूजेगी! मैं- हम्म चाची जी, मैंने आप दोनों की सारी बात सुन ली थी और ये भी सुना था कि आपकी चुत की खुजली कुछ मांग रही है? चाची- मैं तो कल ही समझ गई थी जब तुम मेरे मम्मों को ताड़ रहे थे और फिर ऊपर टॉयलेट में जो तुमने मेरे पैंटी के साथ किया है वो भी मैं देख चुकी हूँ.
बस ये कह कर चाची जी ने लंड को एकदम से टाइटली पकड़ लिया.
चाची जी लंड हिलाते हुए बोलीं- खैर कोई बात नहीं … आज तुम्हारे लंड को भी पूरा गीला करके ही छोडूँगी.
ये कहते ही हॉट चाची ने गॅप से लंड मुँह में ले लिया और चूसना शुरू दिया.
चाची मेरे लंड को ऐसे चूस रही थीं, जैसे कोई आइसक्रीम चूस रही हों. मैंने लंड चुसवाते हुए जैसे ही चाची की मैक्सी में हाथ डाला, मेरा हाथ सीधा जाकर उनकी गीली चुत से टकरा गया.
यानि चाची जी ने पैंटी ब्रा कुछ नहीं पहना था. मैंने चाची जी को नीचे सीधा लिटाया और उनके पैर फैला कर उनकी गीली चुत पर मुँह लगा दिया.
मैं चाची की चुत का रसपान करने लगा. जिससे चाची जोर जोर से कामुक सिसकारियां भरने लगीं और हम दोनों 69 की पोज़िशन में एक दूसरे को चाटने लगे.
मैंने चाची जी की बड़ी सी गांड को खूब जोरों से मसलते हुए उनकी चुत चाट कर चिकनी कर दी. साथ ही चाची जी ने भी मेरे लंड को चूस चूस कर लाल कर दिया.
फिर चाची जी की गांड पर थपकी मारकर मैंने उन्हें लंड पर बैठने का इशारा किया. चाची जी झट से गांड फैला कर मेरे लंड पर बैठने लगीं.
मैंने चाची की कमर पकड़ कर उनको लौड़े पर दबा दिया. इससे चाची की चुत में झटका सा लगा और मेरा लंड पूरा का पूरा उनकी चुत की गहराई में समा गया. लंड घुसने के साथ ही उनकी तेज चीख निकल गई और आंखों से आंसू निकल पड़े.
चाची- आह मर गई रे … दीपक आह धीरे करो … मैं कई दिनों से नहीं चुदी हूँ. तुम्हारा ये मोटा लंड मेरी जान निकाल रहा है. मगर मैंने चाची की एक ना सुनी और अपना लौड़ा चाची की चुत में धकापेल अन्दर बाहर करने लगा.
थोड़ी ही देर बाद चाची मस्त होकर लंड पर अच्छे से कुदाई करने लगीं.
कुछ ही देर में चाची जी ने अपनी चुत का सारा माल मेरे लंड पर ही निकाल दिया और मेरे सीने पर निढाल होकर गिर गईं.
अब मैंने चाची को नीचे लेटाया और उनकी दोनों टांगों को अपने कंधों पर रख कर उनकी चुत की दरार में लंड लगा दिया. चाची ने कमर उठा कर लंड को चुत के अन्दर ले लिया. चुत में लंड जाते ही हॉट चाची सेक्स का जोरदार खेल फिर से शुरू हो गया.
वे मादक सिस्कारियां लेती हुई बोलीं- आह दीपक … तुम्हारे लंड ने चुत के अन्दर तक जाकर इसकी सारी खुजली ही खत्म कर दी है.
मैं ताबड़तोड़ लंड पेल रहा था. कुछ देर बाद चाची जी फिर से कगार पर आ गईं और उनके साथ ही मेरा लंड भी झड़ने को हो गया.
चाची जी की हां पाकर मैं उनकी चुत को अपने माल से भर दिया.
फिर हम दोनों उठ कर टॉयलेट में साथ में आ गए. उधर हम एक दूसरे को साफ करने लगे.
चाची का हाथ अपने जिस्म पर पड़ते ही मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. जिसे देख चाची मेरे लंड को पकड़ कर हंसने लगीं और बोलीं- ये तो फिर से खड़ा हो गया … खैर, इसे मैं अभी ढीला कर देती हूँ.
ये कह कर चाची घुटनों पर बैठ गईं और लंड को गॅप से मुँह में लेकर जोरों से चूसने लगीं. लेकिन मेरी नजर तो चाची की उभरी हुई गांड पर टिकी थी.
मैंने चाची को उठा कर उन्हें घोड़ी बना दिया और उनके पीछे से उनके चुचे पकड़ कर लंड को उनकी उभरी हुई गांड में फंसा दिया. इससे चाची जी को समझते हुए देर नहीं लगी कि अब मेरा निशाना उनकी गांड है.
मैंने जैसे ही चाची की गांड पर लंड का दबाव बढ़ाया, चाची जी मुस्कुरा कर रेडी हो गईं. मैंने उनकी भारी गांड खोली और जैसे ही एक झटका मारा, लंड गांड के अन्दर हो गया.
उधर लौड़ा गांड में लेते ही चाची जी जोर से चीख उठीं- हाय राम … मर गई मेरी गांड फट गई. मैं लगा रहा.
चाची मेरे लंड की मोटाई को झेल नहीं पा रही थीं. उनकी वहीं टॉयलेट में कोने में शैम्पू की बॉटल पर नजर पड़ी.
चाची ने मुझसे लंड बाहर निकालने को कहा, तो मैं समझ लिया कि वास्तव में इनको दर्द हो रहा होगा.
चाची ने मेरे लंड पर खूब सारा शैपू लगा दिया और फिर से घोड़ी बन गईं.
चाची ने मुझे गांड मारने का इशारा दिया, तो मैंने चाची जी की टाइट गांड में सुपारा फंसा दिया.
फिर जैसे ही मेरा आधा लंड गांड में गया, चाची जी चिहुंक उठीं और मुझे हटने का इशारा करने लगीं.
मगर इस बार मैंने चाची की एक ना सुनी बस उनकी गांड को जोरों से चोदने में लग गया.
इससे चाची दर्द के मारे कराहने लगीं.
मेरा लंड चाची की टाइट गांड को अच्छे से फाड़ रहा था. मैं पूरा लंड गांड की जड़ तक घुसा कर उनकी गांड मार रहा था.
कुछ देर बाद मैंने चाची की गांड में ही सारा माल निकाल दिया. जिससे चाची को भी मेरे मोटे लंड से राहत मिल गई. इस तरह मैंने चाची की चुत की खुजली ठीक कर दी.
अब जब भी मैं अपनी ससुराल आता हूँ, तो चाची की चुदाई जरूर करता हूँ. इससे चाची भी खुश रहती हैं.
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