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हम मां बेटी सोफे पर बैठ गईं और अंकल हमारे बीच में बैठ गए। अंकल ने हमारी गर्दन में बांहें डालकर अपने हाथों में हमारे कपड़ों के ऊपर से एक ऊक बूब पकड़ लिया। अंकल ने हमारे बूब्ज़ दबाते हुए कहा जवानी में मैंने बहुत सी लड़कियों एवं औरतों को चोदा है लेकिन तुम मां बेटी जैसी गर्म माल कभी नहीं मिली और तुम दोनों जैसे बड़े-बड़े एवं टाईट बूब्ज़ जिंदगी में पहली बार हाथ में आए हैं।
मम्मी अंकल के पजामे के ऊपर से अंकल के लंड को सहलाने लगी और मैंने अंकल के कुर्ते में हाथ डालकर छाती पर हाथ फेरने लगी। इस उम्र में भी अंकल की छाती सुडौल थी और मुझे कड़क छाती बहुत सेक्सी लगी। मैंने धीरे-धीरे अंकल के छाती के निप्पलों को उंगलियों के बीच मसलते हुए कहा दिन में तो जल्दी-जल्दी में कुछ खास मजा नहीं आया लेकिन अब पूरी रात एक दूसरे के बदन का मजा लेंगें।
मम्मी ने कहा हां अर्श अब पूरी रात हमारी है खुल कर चुदाई करेंगे और रात रंगीन करेंगे। तभी अंकल बोले क्या जान सिर्फ आज की रात तो मैंने कहा अरे नहीं जानूं अब तो जब तक हम यहां हैं आपको सोने नहीं देंगी रोज अपनी-अपनी चुदाई की आग शांत करेंगे।
अंकल ने मेरा बूब जोर से दबा दिया और मेरी गाल को चूमते हुए बोले ये की न मेरी रखैल बनने वाली बात। मैंने अंकल की गर्दन को चूमकर बोला जानूं हम मां बेटी बहुत चुद्दकड़ रंडियां हैं आप चोदते चोदते थक जाओगे लेकिन हम और चोदने को बोलती रहेंगी। तभी मम्मी बोली क्या आज की रात बातों में निकालोगे मेरी चूत और गांड में खुजली हो रही है।
अंकल ने कहा मेरा लंड भी तुम दोनों के छेदों में जाने केलिए बेताब है। मैंने कहा जब चूत एवं गांड लंड लेने केलिए मचल रही हैं और लंड अंदर समाने को बेताब है तो देर किस बात की लंड की कलम से चूत एवं गांड की दवात में डालकर चुदाई की दास्तान लिख दो। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
मम्मी ने तीन गिलास में शराब के पैग बना लिए और मैंने सेक्स की गोलियां निकाल लीं। मैंने एक गोली अपनी जीभ पर रखी और अंकल के पास कर दी अंकल ने अपना मुंह खोलकर मेरी जीभ अपने मुंह में ले ली। अंकल ने मेरी जीभ को बड़े प्यार से चूसते हुए गोली अपने मुंह में ले ली और मम्मी ने शराब का गिलास अंकल के होंठों को लगा दिया और अंकल को आधा गिलास पिला दिया।
मम्मी को पता था अंकल दोपहर को बहुत तेजी से झडे़ थे तो अभी पूरी रात चुदाई नहीं कर सकते तो उनको एक और गोली खिलानी चाहिए। मम्मी ने कहा मुझे भी ऐसे गोली खिलानी है मम्मी ने जिद्द करके गोली अपनी जीभ पर रखी और अंकल मम्मी की जीभ को चूसते हुए गोली अपने मुंह में ले गए। मैंने अंकल को गिलास में आधी बची हुई शराब भी पिला दी।
अंकल ने एक गोली अपने होंठों के बीच दबा ली और मम्मी की तरफ कर दी। मम्मी ने अंकल के होंठों से अपने होंठ लगा दिए और धीरे से गोली अपने मुंह में ले ली। अंकल ने अपने हाथों से मम्मी के होंठों को शराब का गिलास लगा दिया और मम्मी एक सांस में पूरा गिलास पी गई। अब मेरी बारी ती और अंकल गोली अपने होंठों में रखने लगे तो मैंने कहा ऐसे नहीं।
मैंने अंकल को खड़ा कर लिया और पजामा उतार दिया। मैंने अंकल का लंड पकड कर अपने शराब के गिलास में डालकर हिलामा। उसके बाद मैंने अंकल के टोप्पे पर गोली रख दी जो शराब के गीलेपन की वजह से टोप्पे पर चिपक गई।
मैंने अपना मुंह खोलकर अंकल का लंड अंदर ले लिया और धीरे-धीरे बाहर निकालते हुए गोली अंदर ले ली। अंकल ने लंड के नशे से से भरे हुए शराब के गिलास को मेरे होंठों से लगा दिया। मैं अंकल की आंखों में सेक्सी नज़र डाले शराब पी गई। अंकल ने सोफे पर बैठते हुए कहा मां से ज्यादा बेटी चुद्दकड़ लगती है।
मम्मी ने अंकल का कुर्ता निकालते हुए कहा अभी आपने हमारा चुद्दकड़पन देखा ही कहां है हम एक से बढ़कर चुद्दकड़ हैं और चुदाई केलिए कुतिया से भी कहीं गर्म हैं। जैसे कुतिया को जब लंड चाहिए होता है तो वो सिर्फ लंड ही देखती है ये नहीं देखती चोदने वाले कुत्ते का रंग कैसा है वैसे ही हम बेटी को सिर्फ जानदार लंड से शानदार चुदाई चाहिए होती है और जिस मर्द के पास तगड़ा लंड है तो चाहे वो नई उम्र का लड़का हो, अधेड़ उम्र का आदमी या बूढ़ा हो।हम अपनी चूत एवं गांड खोलकर उसका स्वागत करती हैं।
अंकल ने मेरी तरफ देखा और पूछा क्या तुम दोनों सच्च में ऐसी हो तो मैंने मुस्कुरा कर कहा हां। मेरे मुंह से हां सुन कर अंकल के चेहरे पर खुशी फैल गई और बोला वाह आज तो तुम गर्म कुतियों को ऐसे चोदूंगा कि मुझे हमेशा याद रखोगी।
अंकल हमारे बीच बिल्कुल नंगे बैठे हुए थे और मैं अंकल की छाती को चूम रही थी। मम्मी ने मेरी शर्ट के बटन खोल दिए और अपना टॉप निकाल कर अंकल की जांघों को सहलाने लगी। अंकल मम्मी के कंधे पर चूमने लगे और मैंने अपनी शर्ट और जींस निकाल दी और ब्रा एवं पैंटी में सोफे पर बैठ गई। अंकल मम्मी की तरफ झुके हुए थे और मैं अंकल की पीठ पर जीभ घुमा कर चाटने लगी और बीच बीच में अंकल की पीठ पर अपने दांत गढ़ा देती।
अंकल ने हमें बैॅड पर चलने को कहा और हम बैॅड के पास आ गए। मम्मी ने अपनी जींस निकाल दी और अब हम मां बेटी ने सिर्फ ब्रा एवं पैंटी पहन रखी थी। अंकल नए पहले मम्मी की और फिर मेरी ब्रा और पैंटी निकाल दी। हम दोनों बैॅड पर लेट गईं और अंकल ने पूछा पहले मां चूत चटवाएगी या बेटी।
मैंने अंकल को कहा मम्मी बड़ी है तो शुभारंभ मम्मी से ही करो। मम्मी ने अपनी टांगें खोल लीं और अंकल बैॅड पर घुटने मोड़कर बैठ गए। अंकल ने आगे झुककर मम्मी की चूत पर मुंह लगा दिया और मम्मी की चूत चाटने लगे। अंकल मम्मी की चूत में जीभ डालकर चाटने लगे और मैं बैठ कर मम्मी की चूत में अंकल की जीभ अंदर-बाहर होते देखने लगी।
मम्मी की चूत में जीभ अंदर-बाहर होने से सपड़ सपड़ की आवाजें आ रही थीं और मम्मी के मुंह से सेक्सी आवाजें निकल रही थीं। अंकल तेजी से मम्मी की चूत चाट रहे थे और मम्मी उनके सिर को अपनी चूत पर दबा दबा कर तथा अपनी गांड उठा उठा कर अंकल के चेहरे पर अपनी चूत मसल रही थी। कुछ देर बाद अंकल ने मुझे लेटा लिया और मेरी टांगें खोल कर मेरी जांघों को चूमते हुए मेरी चूत पर अपने होंठ रख दिए। अंकल के होंठों का स्पर्श अपनी चूत पर पाते ही मैं सिहर उठी।
अंकल धीरे-धीरे मेरी चूत के ऊपर जीभ घुमाने लगे और मैं मचलती हुई अपने बूब्ज़ दबाने लगी। अंकल के मेरी चूत पर जीभ घुमाने से मेरी चूत रस छोड़ने लगी और मुझे अपने बूब्ज़ पकड़े देख अंकल ने कहा तू तकलीफ क्यों करती है मेरी जान मैं हूं न। अंकल ने अपने हाथ ऊपर करके मेरे दोनों बूब्ज़ अपने मजबूत हाथों में पकड़ लिए। अंकल ने मेरे बूब्ज़ कस कर पकड़े हुए मेरी चूत को तेजी से चाटने लगे।
अंकल के मेरी चूत चाटने से आ रही सपड़ सपड़ की आवाजें मेरे कानों में मधुर संगीत की तरह बज रही थीं। मैं काफी गर्म हो गई थी और अंकल के सिर को अपनी चूत पर जोर से दबाकर गांड हिलाते हुए मस्ती में चीखने लगी। मेरी चूत चाटने के बाद अंकल ने मम्मी से कहा संनी डार्लिंग तूने सच्च ही कहा था तुम मां बेटी एक से बढ़कर एक हो तुम दोनों की चूतें भी एक से बढ़कर एक रसीली हैं और तुम दोनों बहुत ही गर्म हो।
अंकल हमारे बीच लेट गए। अंकल ने हमसे पूछा अब लंड चूसने का शुभारंभ कौन करेगी। मैंने तपाक से बोला चूत मम्मी ने पहले चटवाई थी और लंड पहले मैं मुंह में लूंगी। तभी मम्मी बोली साली रंडी कुतिया कुछ देर पहले तो बड़ी सियानी बन रही थी मम्मी बड़ी है अब लंड देखकर कुतिया बन गई। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
मैंने कहा अरे संनी यार मां बेटी घर पर हैं चुदाई में तो हम दोनों ही लंड की भूखी कुतिया ही हैं और हम दोनों हंस दीं। मम्मी अंकल के सिर के पास बैठ गई और मैं अंकल के लंड के पास। मम्मी ने अंकल का सिर उठा कर अपनी गोद में रख लिया और झुककर अपने होंठ अंकल के होंठों पर रख दिए। मैं अंकल की टांगें खोलकर बीच में घुटने मोड़कर बैठ गई और अंकल का सीधा तना हुआ लंड अपने कोमल हाथ में पकड़ कर हिलाने लगी।
मैंने अंकल के लंड की चमड़ी पीछे करके अंकल का टोप्पा बाहर निकाल लिया और झुककर अंकल के लंड के टोप्पे पर अपनी जीभ घुमाने लगी। मेरी नर्म जीभ का स्पर्श अपने टोप्पे पर पा कर अंकल कसमसा से गए जैसे उनको करंट का झटका लगा हो। मैंनें धीरे-धीरे अंकल के टोप्पे पर जीभ घुमाते हुए उनका लंड मुंह में ले लिया और चूसने लगी। मैं अपना सिर ऊपर-नीचे करते हुए तेजी से अंकल का लंड लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी।
मम्मी और अंकल के एक-दूसरे को चूमने से तथा अंकल का लंड मेरे मुंह में आगे-पीछे होने से पूरे कमरे में पुच्च पुच्च की आवाजें आने लगीं। थोड़ी देर बाद अंकल ने मम्मी के होंठों को चूसना छोड़ कर मम्मी के बूब्ज़ पर मुंह रख लिया। अंकल बहुत ही गर्म हो चुके थे। अंकल ने मम्मी के बूब्ज़ जोर जोर से चूसते हुए अपनी गांड को ऊपर-नीचे पटकना चालू कर दिया।
अब अंकल का लंड मेरे मुंह से होता हुआ मेरे गले की गहराई को नाप कर बाहर आने लगा। जब अंकल अपनी गांड ऊपर उठाते तो मैंनें अपना सिर नीचे धकेल देती और लंड मेरे गले की गहराई में समा जाता। जब अंकल अपनी गांड नीचे करते तो मैं अपना सिर पीछे खींच लेती तब अंकल का लंड मेरे रसीले होंठों के बीच होता। अब मैं और मम्मी अपनी जगह बदलने लगीं लेकिन अंकल के दिमाग में कुछ और ही था।
अंकल ने मम्मी को बैॅड पर लेटा लिया और खुद मम्मी के कंधों के पास अपने घुटने मोड़कर बैठ गए। अंकल ने मुझे लेटने को कहा और मैं मम्मी की ओर सिर करके लेट गई। अंकल आगे को झुक गए, अब अंकल का लंड मम्मी के होंठों पर ठोकर मार रहा था और उनका मुंह मेरे बूब्ज़ पर था।
मम्मी ने अपना मुंह खोलकर लंड अपने मुंह में ले लिया और अंकल ने मेरे बूब्ज़ अपने मुंह में भर लिए। अंकल जोर जोर से मेरे बूब्ज़ को मुंह में लेकर खींच कर छोड़ देते और बहुत जोर से पुच्च की आवाज आती। साथ में अंकल तेजी से अपनी कमर चला कर मम्मी के मुंह में अपना लंड पेल रहे थे और मैं अपना सिर ऊपर उठा कर अंकल की छाती को जोर जोर से चूस रही थी।
वो मंजर इतना सेक्सी एवं हॉट था कि आज भी उसको याद करके चूत गीली हो जाती है। हम तीनों चुदाई के भूखे अपने अपने जिस्म की आग शांत करने केलिए एक-दूसरे के जिस्मों से पागलों की तरह खेल रहे थे। अब वो घड़ी आ गई थी जिसका हम तीनों को बेसब्री से इंतजार था यानि कि चुदाई का सुख लेने की घड़ी। अंकल का लंड अब पूरी तरह से चुदाई केलिए तैयार था और हम दोनों मां बेटी भी लंड अंदर लेने को बेताब थीं।
मम्मी ने अंकल से पूछा अब आप बताओ कहां से शुभारंभ करोगे चूत से या गांड से। अंकल ने कहा आज तक चूत ही चोदी है गांड कभी नसीब नहीं हुई आज गांड से शुरू करूँगा। अंकल ने हमें बैॅड पर एक-दूसरे की तरफ मुंह करके घुटने मोड़कर कुतिया जैसे बैठा दिया। अंकल पहले मेरे पीछे आए और मेरे गांड के छेद पर काफी सारी कोल्ड क्रीम लगाते हुए बोले ये क्रीम मेरे बेटे की पत्नी की है और उसे ये क्रीम लगा कर चोदना चाहता हूं।
मम्मी ने अंकल की तरफ देखकर बोला कि सुमन मेरे साथ बहुत खुली हुई है और मैं उसको आपके साथ चुदाई केलिए राजी कर लूंगी। मम्मी से ये बात सुन कर अंकल बहुत जोश में आ गए और उन्होंने अपने लंड पर क्रीम लगा कर मेरी गांड में बहुत जोर से झटका मारा।
अंकल का लंड मेरी टाईट गांड को चीरते हुए जड़ तक अंदर बैठ गया। अंकल का शॉट इतना जोरदार था कि मेरी चीख निकल गई लेकिन मजा भी बहुत आया। मैंनें अंकल को उकसाने केलिए कहा लगता है अपने बेटे की पत्नी को चोदने केलिए बहुत उतावले हो। अंकल ने कहा वो साली रंडी बहुत गर्म है रोज झाडू के बहाने मुझे अपना बदन दिखा कर गर्म कर जाती है तथा कई बार मेरे खड़े लंड को छू भी जाती है।
लेकिन जब मैं उसकी तरफ देखता हूं तो बहनचोद मुंह दूसरी तरफ करके कमरे से निकल जाती है और मुझे अपने हाथ से मुट्ठ मारनी पड़ती है। अंकल ने मुझे कमर से पकड़ा और मेरी गांड में तेजी से लंड पेलने लगे।
मैं भी अपनी गांड घुमा घुमा कर गांड चुदाई का मजा लेने लगी। कुछ देर बाद अंकल ने मेरी गांड से लंड निकाल कर मम्मी की गांड में पेल दिया। मम्मी अपनी गांड हिला हिला कर चुदवाते हुए मस्ती में चीख रही थी। अंकल के शॉट मारने से मम्मी के बूब्ज़ हवा में झूल रहे थे।
अंकल ने अपना लंड मम्मी की गांड से बाहर निकाल लिया और वैसे ही मम्मी की गांड ऊपर उठा कर पीछे से मम्मी की चूत में पेल दिया। जैसे ही अंकल का लंड मम्मी की चूत में घुसा मम्मी के मुंह से जोरदार मस्ती भरी चीख निकल गई। अंकल मम्मी की चूत को जोर जोर से चोदने लगे और मम्मी ने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए। मम्मी की मस्ती भरी चीखें मेरे होंठों में दबने लगीं।
अब अंकल मेरे पीछे आ गए और मेरी गांड ऊपर को उठा कर अपना लंड मेरी चूत पर रखकर जोरदार शॉट मारा। अंकल का लंड मेरी चूत को चीरते हुए सीधा मेरी बच्चेदानी के मुंह पर जा टकराया और मेरे मुंह से भी जोरदार मस्ती भरी चीख निकल गई। अंकल पीछे से मेरी कमर को पकड़ कर मेरी चूत को जोर-जोर से चोदने लगे।
कुछ देर बाद अंकल ने मेरी चूत को बहुत तेजी से चोदना चालू किया। अंकल ने मेरे चूत से लंड निकाल लिया और मैं घुटनों के बल नीचे बैठ गई। मैंने लपक कर अंकल का लंड मुंह में ले लिया और सिर को आगे-पीछे करके चूसने लगी। जल्दी ही अंकल के लंड ने मेरे मुंह में माल उगल दिया। कुछ वीर्य मैं निगल गई और जो वीर्य मेरे होंठों एवं गालों पर आ गया वो मम्मी चाट चाट कर साफ कर गई।
अंकल हांफते हुए बैॅड पर लेट गए लेकिन हमें अभी और चुदाई चाहिए थी। हमनें अंकल को फिर से गर्म किया और इस बार अंकल ने हमें बारी बारी से चोदा। दूसरी चुदाई के बाद ही हम दोनों मां बेटी की आग शांत हुई। उसके बाद हमनें फैसला किया कि हम दोनों बारी बारी से अंकल से चुदाई करेंगी एक साथ नहीं। उसके बाद क्या हुआ वो अगली कहानी में तब तक सभी को चुद्दकड़ अर्श का सलाम और मेरी मेल आई डी है “[email protected]”.
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