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मेरा नाम जयदीप है, मैं अहमदाबाद का रहने वाला हूँ। मैं 25 साल का नौजवान हूँ, बॉडी थोड़ी मध्यम है। वैसे तो यहाँ पर शराब पर प्रतिबंध है.. पर शराब ने ही मुझे प्यार दिलाया।
शराब पीना हानिकारक है.. यह याद रखिएगा।
अब मैं अपने साथ घटी हकीकत पर आता हूँ।
मेरा एक दोस्त है, उसका नाम राजेश है। वो मेरे साथ ही आईटी कंपनी में जॉब करता है। उसकी शादी 2 साल पहले हो चुकी है। पर उसे शराब पीने की आदत है। मैं भी पीता हूँ पर थोड़ी ही। हम दोनों अक्सर उसके घर शराब पीते हैं।
उसकी बीवी का नाम तनु है.. दिखने में वो माल लगती है, उसका फिगर 36-26-36 का है। उसे कोई भी एक बार देख ले तो उसी दिन मुठ मारेगा.. यह मेरा दावा है।
मैंने कभी उसे बुरी नजर से नहीं देखा.. पर धीरे-धीरे मेरा नजरिया बदल गया क्योंकि मैं हफ्ते में 3 या 4 बार उनके घर पीने जाता था। लेकिन वो एक पतिव्रता थी।
एक दिन मैं उसके घर रोज की तरह शराब पीने गया। पर उस दिन मेरे दोस्त की उसकी बीवी से अनबन चल रही थी।
मैं बोला- क्या हाल है दोस्त.. आज तेरी क्यों लग रही है। तनु बोली- पूरा दिन काम और रात को शराब पीते हैं।
राजेश- क्या यार, रोज-रोज एक ही बात पर शोर मचाती हो। अब दोस्त के सामने भी मेरी बेइज्जती करने लगी। मैं पीता हूँ.. तो तेरा क्या जाता है। तनु- तुमको जो करना है करो.. मैं तो काम निपटा कर सोने जाती हूँ.. तुम नहीं सुधरोगे।
जब वो वहाँ से उठ कर गई तो काफी सेक्सी लग रही थी। उसने ब्लू कलर की साड़ी पहनी थी। मुझे ऐसा लगा कि कोई जन्नत की हूर आ गई हो।
वो काम करने लग गई और मेरे दिमाग में तभी एक शैतानी आईडिया आया। हम दोनों शराब पीने लगे और राजेश गुस्से में ज्यादा शराब पीने लगा। मैं थोड़ी-थोड़ी करके कम पीता रहा और उसे ज्यादा पिलाता गया।
वो नशे में आ गया और अनाप-शनाप बोलने लगा।
तभी मैंने देखा कि तनु सोने चली गई।
मैंने एक बड़ा पैग बनाया और बोला- ले ये पी ले.. ऐसा तो चलता रहता है। वो पैग पीते ही नशे में धुत्त होकर टेबल पर ही गिर पड़ा और सो गया।
फिर मैं तनु के कमरे में गया.. वो सो रही थी और दरवाजा खुला ही था, शायद उसने राजेश के लिए खुला रखा था। कमरे की लाइट ऑन थी।
सोते हुए वो बहुत मस्त लग रही थी।
मैं उसके पास गया और लेट गया.. लेकिन उसने मुझे देखा नहीं.. क्योंकि उसका मुँह उस तरफ था। मैंने उसके खुले पेट के उपर हाथ रख दिया.. तो मानो मेरे अन्दर करंट लग गया।
इतने में तनु जग गई और चौंक गई और बोली- यह आप क्या कर रहे हैं.. शर्म नहीं आती आपको? मैं बोला- भाभी, आपका पति आपको जो नहीं देता वो मैं दे देता हूँ। रोज वो शराब पी कर आप जैसी सुन्दर और सेक्सी बीवी को प्यार न करे.. तो वो किस काम का।
फिर मैं उसके पेट पर हाथ फेरने लगा.. पर उसने मेरा हाथ हटा दिया और बोली- यह गलत है.. मैं ऐसा नहीं कर सकती।
मैं बोला- इसमें कुछ गलत नहीं है। मैं आपसे प्यार करता हूँ भाभी और आपको संतुष्ट करूँगा। जो राजेश नहीं दे पाया.. वो मैं आपको दूँगा।
वो मेरी तरफ देखने लगी और मैंने मौका देखकर उसका हाथ पकड़ा और अपनी ओर खींच लिया। इस बार उसने कोई विरोध नहीं किया और मैंने उसके होंठों पर होंठ रख दिए और उसका अधर-पान करने लगा।
अब वो मेरा धीरे-धीरे साथ देने लगी। हम दोनों ने देर तक एक-दूसरे के होंठों का रसपान किया।
अब मेरा हाथ उसके ब्लाउज के ऊपर गया और मैं उसके मम्मों को दबाने लगा.. तो वो और उत्तेजित हो गई।
फिर मैंने उसकी साड़ी उतार दी और वो सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में रह गई। उसकी नाभि बहुत ही सुन्दर थी।
मुझे देखकर उसने नज़रें झुका लीं। वो बहुत शर्मा रही थी।
फिर मैंने उसका ब्लाउज और पेटीकोट उतार दिया तब वो सिर्फ लाल ब्रा और पैन्टी में रह गई। उस वक्त वो बड़ी कातिल लग रही थी। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
उसके बाद उसको मैंने दीवार के पास खड़ा किया और उसके हाथ पकड़ कर बोला- भाभीजी आप बड़ी ब्यूटीफुल और सेक्सी लग रही हो। कौन सा पति आप जैसी बीवी को तड़पा कर शराब पियेगा.. आप तो शराब से बढ़कर हो तनु भाभी। आज तो मैं ये शराब अवश्य पिऊंगा।
फिर वो धीरे-धीरे शर्म को त्याग कर बोली- मैं आज से आपकी ही हूँ.. जिस तरह मुझे पीना चाहो.. उस तरह पी लो मुझे सिर्फ आपका प्यार चाहिए जयदीप जी और फिर एक औरत को प्रेम से बढ़कर क्या चाहिए।
इतना सुनते ही मैं जोश में आ गया। मैंने तनु को गोद में उठाकर बिस्तर पर लेटा दिया और उसके पूरे बदन को गौर से देखा। उसके चूचे ब्रा में से निकलने के लिए आतुर थे। उसकी पतली कमर पर मैं फ़िदा था।
हमें जल्दी नहीं थी क्योंकि हमारे पास पूरी रात थी। मैं भी जल्दी नहीं करना चाहता था इसलिए मैंने फ़ोरप्ले में ज्यादा ध्यान दिया और सच बताऊँ तो सेक्स का असली मज़ा आराम से करने में ही है।
फिर मैंने उसकी ब्रा का हुक खोलकर उसके मम्मों को आज़ाद कर दिया। एक चूचे को मुँह से चूसता और दूसरे को अपने हाथों से मसलता था।
तनु के मुँह से मादक सिसकारियाँ निकलने लगीं ‘आह.. और चूसो जयदीप जी.. आज तो इन्हें मसल ही दो।’ मैं उसके दोनों चूचों को बेरहमी से मसलता हुआ बोला- तनु भाभी, ये तो काफी कड़क हैं।
तो वो बोली- जयदीप जी मुझे तनु भाभी नहीं सिर्फ तनु बुलाइए.. मुझे अच्छा लगता है और रही बात मेरे बूब्स की तो अगर कोई पकड़ने वाला ही नहीं हो, तो ये तो कड़क ही रहेंगे ना। आज 6 महीने बाद किसी ने इन्हें मसला है।
मैं बोला- तनु अब तुम चिंता मत करो.. अब मैं इनको सॉफ्ट बना दूंगा और तुम्हारी चूत को फाड़कर भुरता बना दूंगा।
फिर तनु ने मेरे कपड़े उतारे और मैं सिर्फ अंडरवियर में ही रह गया। उसने मेरे सलामी मारते लण्ड का तंबू देखा तो उसने और जल्दी से मेरी चड्डी उतार दी। मैंने भी भाभी की पैन्टी निकाल दी।
अब हम दोनों एक-दूसरे के सामने नंगे थे, हम 69 की अवस्था में आ गए वो मेरा लम्बा लण्ड चूस रही थी और मैं उसकी की चूत पी रहा था।
कुछ देर बाद मैंने अपने लण्ड को उसकी क्लीवेज के बीच रखा और वो अपने दोनों चूचों से लण्ड को दबाकर चुदवाने लगी।
फिर मैं वापस उसके मम्मों को चूसने में लग गया और वो सिसकारियां लेती हुई अपने हाथों से मेरे सर को अपने मम्मों में दबाने लगी।
मैं बोला- आज तो मैं तुम्हें मेरी रखैल बना लूँगा। तनु बोली- प्लीज ऐसी गालियां मुझे पसन्द नहीं.. मैं आपसे प्यार करती हूँ किसी की रखैल बनना नहीं चाहती हूँ।
यह सुनकर मुझे उस पर बहुत प्यार आया और मैंने उसे चुम्बन किया और बोला- तनु डार्लिंग सेक्स में थोड़ी बहुत गालियां तो चलती हैं.. पर अगर तुम्हें पसंद नहीं, तो मैं नहीं बोलूंगा.. जानू।
मैं उसके पेट पर चुम्बन करने लगा और वो मचलने लगी.. क्योंकि मैं पहले ही उसके चूचों को चूसकर और मसल कर लाल चुका था। फिर मैंने उसे उल्टा लिटाया और उसकी पीठ सहलाने लगा। उसकी पीठ में बना हुआ तिल उसकी सुंदरता को और मनमोहक बना रहा था। मैं उसकी पीठ को चूमने लगा और फिर मैंने उसके कूल्हे पर एक हाथ से चपत मारी तो उसके मुँह से ‘आह..’ निकल गया।
मैंने और मारी तो बोली- जान और मारो बहुत मजा आ रहा है.. गुदगुदी भी हो रही है।
फिर जब तक उसने मना नहीं किया तब तक मैंने उसको मारते हुए उसकी गांड को लाल कर दिया।
उसके बाद वो सीधी हो गई और मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर टिका दी। चूत पर जीभ के स्पर्श से वो मादक आवाज़ निकालने लगी। अधिक उत्तेजना से वो अपने दोनों पैरों से मेरा सर दबा रही थी और अपने चूचों को खुद ही मसल रही थी।
उसकी चूत से खुशबू आ रही थी और चूत पानी भी निकाल रही थी। तनु बोली- और चाट जानू.. बहुत मज़ा आ रहा है।
मैं बड़ी देर तक भाभी की प्यासी चूत को चाटता रहा।
वो बोली- जानू.. अब बहुत हुआ अब मत तड़पाओ.. मेरी चूत में अपना लंड डाल ही दो।
मुझे भी वो सही लगा क्योंकि चुदास का ऐसा जलजला बहुत कम समय के लिए आता है और मैं उसे गंवाना नहीं चाहता था।
मेरा लण्ड तैयार था.. मैंने उसे चूत की दरार पर रखा और एक धक्का मारा तो मेरा आधा लण्ड घुस गया। वो चीख पड़ी और बोली- ओह गॉड मैं तो मर गई.. बहुत मोटा है.. अपना लण्ड निकाल लो। तभी मैं उसे बोला- तनु तुम्हारी चूत कम चुदी है न.. इसी लिए थोड़ी टाइट है.. लेकिन थोड़ा ही दर्द होगा।
मैं धक्का लगाते हुए उसे चुम्बन करता गया और उसका दर्द कम होता गया, उसे मज़ा आने लगा और हम दोनों चुदाई का आनन्द लूटने लगे। थोड़े से धक्कों में ही वो झड़ गई।
मैंने कहा- मैं भी झड़ने वाला हूँ.. कहाँ निकालूँ? तो वो बोली- अन्दर ही डाल दो।
उसने जैसे ही कहा उसी पल मेरे वीर्य का लावा बाहर निकला और उसकी चूत को भर दिया। उसके मुख पर संतृप्ति की ख़ुशी दिख रही थी।
लेकिन खेल अभी बाकी था।
मेरा लण्ड कुछ पलों के बाद फिर से सलामी देने लगा था।
इस बार वो कुतिया तरह बन गई.. मैंने पीछे से उसकी चूत में लण्ड घुसाया और उसकी पतली कमर पकड़ कर धक्के लगाने लगा।
वो मज़े लेते हुए अनाप-शनाप बोल रही थी- आह्ह.. चूत फाड़ दो मेरी.. इसका भोसड़ा बना दो। रंडी और रखैल बना लो अपनी.. आह्ह्ह..
मुझे पता था उसे बड़ा मजा आ रहा है इसी लिए वो ऐसे बोल रही है.. क्योंकि वो 6 महीने की प्यासी चूत जो थी।
फिर मैं लेट गया और मेरे लण्ड पर वो बैठ गई.. और उछल-उछल कर मेरा लौड़ा ले रही थी। उस दौरान वो फिर झड़ गई.. थोड़ी देर बाद मैं भी निकल गया।
फिर वो उठकर बाथरूम की ओर गई.. उससे चला भी नहीं जा रहा था।
मैं भी उसके पीछे गया और हम दोनों साथ में नहाए। फिर हम वापस बिस्तर पर गए और एक-दूसरे से लिपट गए।
तनु- जयदीप, आज तुमने मुझे पति का सुख दिया है। दो साल में पहली बार मेरी ऐसी चुदाई हुई है। मुझे बहुत ही संतोष हुआ.. राजेश के साथ आज तक कभी भी मैं चरम सीमा तक नहीं पहुँची थी। यह कहते हुए उसने मुझे चुम्बन किया। मैंने भी जवाब में चुम्बन किया और चूचे दबाए।
हम मस्ती करते हुए सो गए.. तब रात के 3 बज गए थे।
सुबह जब मैं उठा तो तनु उठ गई थी और राजेश अभी तक सो रहा था।
मैं फ्रेश हो गया.. चाय लेकर तनु आई। इतनी देर में राजेश भी जाग गया।
राजेश ने मुझे देखा तो उसके पूछने से पहले ही मैंने उससे कहा- रात में बहुत देर हो गई इसलिए मैं यहीं सो गया था। उसने कहा- ठीक किया तुमने। तनु के मुँह पर खुशी साफ दिखाई दे रही थी।
उसके बाद मैं वहाँ से चला गया। फिर तनु की चुदाई वापस की.. वो मैं अगले भाग में बताऊँगा।
आपको मेरी सेक्स कहानी कैसी लगी, नीचे कमेंट्स में और ईमेल में अपने विचार दीजियेगा। [email protected]
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