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आपने मेरी पहली कहानी पढ़ी शायद अच्छी लगी होगी। अब आगे की कहानी शुरू करता हु। मेरा दोस्त मनीष अब भाभी के साथ काफी समय व्यतीत करता था। भाभी भी अब उसके साथ खुल गयी थी। अब मेरे रहने पर भी मनीष उनके कमरे में चला जाता था और अपनी मनमानी करता था।
भाभी जब मेरे बारे में पूछती तो कह देता था की मै सो रहा हु। पर मै खिड़की से सारा खेल देखता था। एक दिन भाभी की एक दोस्त जो पड़ोस में रहती थी आयी हुई थी मै और मनीष अपने कमरे में थे। मनीष बोला भाभी की दोस्त क्या मस्त लग रही है यार। मने बोला क्या ख्याल है इसे भी चोदना है क्या। मनीष बोला इच्छा तो कुछ ऐसी ही हो रही है। अब मुझे मनीष की काबिलियत पर कोई शक नहीं था। मनीष बोला मै अभी आता हु और चला गया। भाभी और उनकी दोस्त कमरे में बातें कर रही थी।
मनीष उनके कमरे में चला गया और मै खिड़की पर। भाभी बेड पर बैठी थी और उनकी दोस्त लेटी हुई थी। खिड़की से उसका पीछे का हिसा दिख रहा था। मनीष जब कमरे में घुसा तो वो उठ कर बैठ गयी तो मनीष सॉरी सॉरी कहते हुए जाने लगा तो भाभी ने कहा कोई बात नहीं आजाओ और अपने दोस्त से बोली ये मनीष है मेरे देवर का दोस्त और मनीष से बोली ये मेरी दोस्त है कल्पना ये हमारी ही कॉलोनी में रहती है। मनीष ने नमस्ते करता हु बोला आपकी दोस्त बड़ी खूबसूरत है। कल्पना बोली क्या कह रहे हो रश्मि के सामने मै क्या हु। रश्मि मेरी भाभी का नाम है।
भाभी बोली हट पगली और कल्पना को धक्का दे दिया कल्पना बेड पर गिर गई। कल्पना के बारे में बता दू उसके पति किसी कंपनी में काम करते थे और कंपनी के काम से ३ महीने पहले २ साल केलिए बाहर गए थे। कल्पना ३२ ईयर की ५’३” की हाइट की भरी हुई महिला थी। उसके बूब्स भरे हुए थे। ३ साल पहले शादी हुई थी लेकिन अभी बच्चा नहीं था। इस समय वो साड़ी में थी। जब वो बेड पर गिरी तो उसकी पल्लू गिर गया और ब्लाउस में उसका बूब्स उछल के बाहर होने को हो रहे थे।
मनीष तब कमरे से बाहर चला गया और इधर भाभी कल्पना की बूब्स दबा कर बोली ये बाहर निकलना चाह रहे है कल्पना बोली अरे दरवाजा खुला है क्या कर रही है तो भाभी हट के दरवाजा बंद कर दी। फिर आके कल्पना के बूब्स दबाने लगी कल्पना बोली ये मनीष वही है जिसके बारे में तुम बता रही थी। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं।
भाभी बोली हा वही है। कल्पना बोली तभी वो चांस मार रहा था। भाभी बोली तू भी मजे लेगी ,कल्पना ने कहा अरे यार डर लगता है कही किसी को पता चल गया तो बड़ी दिक्कत हो जायेग। भाभी ने कहा कुछ नहीं होगा तू यही आ जाना मै भी तो ८ महीने से कर रही हु और मजे ले रही हु।
तेरे पति भी २ साल के लिए बाहर गए है तो क्या तबतक तेरी इच्छा नहीं होगी। कल्पना ने बोला अब छोड़ मै चलती हु बाद में सोचूंगी। और अपने कपडे ठीक करके जाने लगी। जब वो कमरे से बाहर निकली तो मनीष ने कहा जा रही है क्या मै आपके लिए चाय बना रहा था।
कल्पना बोली आज देर होगया है चाय फिर कभी पी लुंगी। और वो चली गई। भाभी बोली राज कहा है वो बोला राज बाहर गया है तब भाभी उसे कमरे में ले गई उसे लेकर बेड पर लेट गई और बोली तुम कह रहे थे न की किसी दोस्त का दिलवादू तो ये है इसे सेट कर दूंगी आज तो चली गयी लेकिन कल जरूर आएगी। ये अपने सास ससुर के साथ रहती है इसके पति २ साल के लिए अमेरिका गए है और ये तड़पती रहती है जब मैंने तुम्हारे बारे में बताया तो बोली मै भी कोशिश करुँगी लेकिन आज शर्मा रही थी।
ये बातें सुन कर मनीष भाभी को मसल रहा था बूब्स दबा रहा था। भाभी बोली अरे ये मेरा है कल्पना का नहीं मनीष बोला अरे भाभी तुम तो मेरी जान हो और हमेसा रहोगी।तुम्हार बूब्स तुम्हारी चूत तुम्हारी गांड सब मेरे है और तुम्हारी इसी चूत से मै अपना एक बच्चा निकालना चाहता हु ये बातें करते करते मनीष ने भाभी के सरे कपडे उतार दिए भाभी भी अब गरम हो गई थी बोली मनीष मै भी तुम्हारी ही हु मेरी चूत ,बूब्स,गांड, बच्चेदानी सब तुम्हारे है।
इससे जो चाहे निकालो। मनीष अब हैवान की तरह भाभी के चूत को रगड़ रहा था भाभी आह आह कर रहीथी तभी फोन की घंटी बजी फोन कल्पना का था भाभी ने फोन को स्पीकर पर डाल दिया भाभी बोली हेलो, कल्पना ने कहा रस्मी तुमने जो कहा है मै वो करुँगी कब आऊं भाभी ने कहा जब मर्जी आजा। कल्पना बोली अच्छा एक बात बता मनीष का बहुत बड़ा है क्या , भाभी ने बोला अरे कल्पना बड़े में ही तो मजा है तू एक बार कर फिर कहना।
मनीष ये सब सुनते हुए भाभी की चूत में लैंड डाल कर धक्के लगाने लगा और धीरे से बोला भाभी बोलो अभी आजाये। भाभी बोली कल्पना तू रात भर तो रुक नहीं पायेगी तो ऐसा कर अभी आजा एक दो घंटे मजे करके चली जाना। कल्पना बोली अच्छा अभी आती हु।
मनीष अब भाभी को जल्दी जल्दी चोदने लगा भाभी बोली अरे अभी कल्पना को चोदना है ताकत बचा के रखो। मनीष बोला अरे भाभी कोई और चुदे न चुदे तुम्हे मै बिच में नहीं छोड़ सकता। तुम्हारी चूत में मेरा मॉल गिरगा ही गिरेगा और तेजी से करते हुय्र पूरा लण्ड अंदर डाल कर झड़ने लगा। भाभी भी आंखे बंद करके मनीष के वीर्य का पूरा आनंद ले रही थी थोड़ीदेर ऐसे ही रहने के बाद भाभी बोली अब निकालो भी कल्पना आनेवाली होगी मनीष बोला मै तुम दोनों को एक साथ चोदुंगा।
भाभी बोली आज नहीं आज वो शर्माएगी आज प्यार से चोदना उसके बाद तो वो खुद ही बोलेगी। तभी मुझे ख्याल आया जब मनीष कल्पना को चोदेगा तो भाभी कमरे बाहर होंगी तो मै कैसे देखूंगा। तभी देखा भाभी बाथरूम में चली गई और मनीष बाहर आ गया। मै मनीष के पास जाकर बोला अबे तेरी तो लॉटरी लग गई।
लेकिन ये बता मै कैसे देखूंगा तो मनीष बोला ऐसा कर तू भाभी के कमरे में अलमारी के पीछे छुप जा। मैंने कहा अबे १ घंटा छुपना क्या आसान है तो बोला अरे बीच में जब कल्पना बाथरूम में जाएगी तो बाहर आ जाना। मैंने सोचा बड़ा मुश्किल है लेकिन मन कह रहा था की कोशिश करते है बाद में पता नहीं चांस मिले न मिले। और मै अपने को तैयार कर लिया। भाभी के कमरे में एक अलमारी की जगह थी वह पर्दा लगा हुआ था और अंदर कपडे रखे थे।
एयर कंडीशन चल रहा था तो मैंने सोचा ठण्ड है चलो देखा जायेगा कोशिश करते है। मैंने बोला ठीक है मनीष मै छुप जाऊंगा। फिर तभी भाभी की आवाज आयी मनीष राज आया की नहीं। मनीष बोला हा आगया टॉयलेट में है। मनीष भाभी के कमरे में चला गया तो भाभी बोली मैंने कल्पना को बोला है ११ बजे तक आओ तब तक राज फैक्टरी चला जायेगा। मनीष बोला हा भाभी ये ठीक है। अभी ९ बज रहे थे।
मनीष वापस कमरे में आया और एक गोली खाली सेक्स पावर की क्यों की आज कल्पना को स्वर्ग दिखाना था। हम लोग खाना खाने लगे मै सोच रहा था भाभी कैसी भोली दिख रही है और वास्तव में कैसी है फिर सोचा चलो मजे लेने दो। भाभो बोली राज फैक्टरी कब जाओगे मै बोला १० बजे। भाभी बोली बोली अच्छा तुम लोग खाना खा लो मै टहल के आती हु। और भाभी बाहर चली गई।
थोड़ी देर बाद मनीष ने फोन करके पूछा भाभी कहा चली गयी तो वो बोली कल्पना के पास आयी हु उसे तैयार कर रही हु।मै भी अपने छुपने का स्थान सेट कर रहा था जब सेट हो गया तो लगा अरे यहाँ तो पूरी रात बिताई जा सकती है वहां काफी जगह थी। करीब १० बजके १० मिनट पर बेल बजी तो मै जाके अपने जगह पर छिप गया।
मनीष की आवाज आयी आइये कल्पना जी आपका स्वागत है लेकिन कल्पना की आवाज नहीं आई और कल्पना अंदर आगई अंदर आके दरवाजा बंद कर दिया और बेड पर बैठ गई तभी दरवाजा खटखटाने की आवाज आई और भाभी बोली कल्पना क्या कर रही हो दरवाजा खोलो कल्पना ने दरवाजा खोला तो भाभी अंदर आई और बोली क्या हुआ कल्पना बोली शर्म आ रही है भाभी बोली तुम कुछ मत करना मनीष अपनेआप कर लेगा तभी मनीष अंदर आया और बोला भाभी क्या हुआ तो भाभी बोली कल्पना शर्मा रही है।
मनीष आके कल्पना के बगल में बैठ गया और बोला कल्पना जी आप आंखे बंद कर लीजिये और मुझे करने दीजिये। कल्पना ने आंखे बंद कर ली और मनीष ने उसके माथे पर किस किया और बेड पर लिटा दिया फिर किस किया फिर आँखों पर किस किया फिर गलो पर किश किया भाभी वही बैठी देख रही थी फिर वो वहां से चली गई।
मनीष अब कल्पना के ओठो को किश कर रहा था और हाथो से कल्पना के बूब्स को सहला रहा था मनीष कल्पना के बूब्स दबाते हुए साडी ऊपर करने की कोशिश कर रहा था पर कल्पना करने नहीं दे रही थी। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं।
मनीष ने पूछा क्या हुआ तो वो बोली शर्म आ रही है लाइट बंद कर दो। मनीष ने लाइट बंद कर दी। अब मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था पर सुनाई दे रहा था। मनीष बोला अब ठीक है कल्पना बोली हा। फिर कल्पना बोली मैं खुद उतार देती हु नहीं तो फट जाएगी। और थोड़ी देर शांति रही। मनीष की आवाज आयी तुम कितनी चिकनी तो कल्पना। कल्पना बोली धीरे से करो लगता है।
मनीष के किस करने और चूसने के आवाज आ रही थी। तभी लाइट ओन हो गई। कल्पना अपने को छुपाते हुए बोली क्या कर रहे हो मुझे शर्म आ रही है। मनीष बोला कल्पना तुम आंख बंद कर लो फिर अच्छा लगेगा। मनीष कल्पना के बूब्स चूस रहा था और एक हाथ से दूसरे निप्पल को सहला रहा था। कल्पना की टंगे फ़ैल गई थी उसकी चूत मस्त लग रही थी कुछ गीली गीली लग रही थी। मनीष बूब्स के बाद पेट पैर चूमता हुआ चूत पर पहुंच गया। चूत को जीभ से सहला रहा था।
कल्पना को बहुत मजा आ रहा था वो अपने ओठ दबा रही थी। मनीष ने चूत को फैला कर जीभ से अंदर गुलाबी पंखुड़ियों को चाट रहा था। अब कल्पना गर्म हो रही थी उसके मुँह से आह आह निकल रहा था। मनीष ने पूछा क्या हुआ कल्पना तो कल्पना ने कहा अब रहा नहीं जा रहा है अब करो जल्दी। अब मनीष का लंड अपनी पोजीशन लेने के लिए तैयार था मनीष ने कल्पना की दोनों टांगे फैला कर चूत पर लंड रगड़ रहा था।
तभी कल्पना उठ बैठी और अपने पर्स से कंडोम निकाल कर मनीष को देकर कहा इसे लगा लो मनीष ने कहा क्यों बिना कंडोम के नहीं चोद सकता तो वो बोली नहीं कंडोम लगा लो। मनीष ने कंडोम लगा कर लंड चूत पर रख दिया और धक्का मार कर चूत में डालने लगा। कल्पना की चूत टाइट थी लेकिन मनीष ने पूरा लंड अंदर कर दिया कल्पना के मुँह से चीख निकल गई और बोली आराम से मनीष काफी दिनों के बाद मेरी चूत चुद रही है।
मनीष ने अब पुरे लय में चोदना शुरू कर दिया और झुक कर कल्पना के ओठो को भी चूस रहा था। कल्पना भी अब पूरा साथ दे रही थी। मनीष के सर को पकड़ कर चुम रही थी और बीच बीच में अपनी गांड उठा देती थी जिससे लंड पूरा अंदर चला जाता था। कल्पना बोली तुम्हारा लंड बहुत लम्बा और मोटा है मेरी चूत को पूरा मजा दे रहा है।
करीब १० मिनट के बाद कल्पना ने मनीष को जकड लिया और झड़ गई। फिर ढीली पड़ गई पर मनीष अभी भी चोदे जा रहा था सर झुका कर बोला कल्पना रानी तुम्हारी चूत बड़ी प्यारी है मेरे लंड को जकड के रक्खा है। कल्पना ने कहा है बहुत दिनों के बाद लंड मिला है न।
कल्पना ने पूछा मनीष तुम रस्मी को इसी तरह चोदते हो। तो मनीष बोला रस्मी को बिना कंडोम के चोदता हु और पूरा मॉल उनकी चूत में डालता हु। फिर कल्पना ने पूछा रस्मी का देवर जनता है की तुम रस्मी को चोदते हो तब मनीष ने कहा है वो जानता है और वो तो रस्मी को चोदना भी चाहता है। कल्पना ने कहा मनीष एक बात बताऊ तो मनीष ने कहा बताओ। तुम्हारे अलावा रस्मी को २ और लोग चोदते है।
मनीष ने हैरानी से पूछा कौन कौन तो कल्पना ने कहा रस्मी का बॉस और बॉस का दोस्त। मनीष ने कहा तुम्हे कैसे पता तो कल्पना बोली मुझे भी उन्ही लोगो से चुदवाना चाहती थी पर मैंने मना कर दिया की ऑफिस में ठीक नहीं है तब तुम्हारे पास लाई।
इसके बाद मनीष ने कल्पना को घोड़ी बना दिया और पीछे से लंड को चूत में डाल कर चोदने लगा हर धक्के पर कल्पना की आह निकल जाती थी। मनीष पूरी मस्ती में चोद रहा था। कमरे में फच फच की आवाज आ रही थी। थोड़ी देर के बाद मनीष ने पूरी ताकत से चोदना शुरू कर दिया। कल्पना आगे बेड पर गिर गई पर मनीष चोदता रहा और झड़ गया।
दोनों थोड़ी देर यु ही पड़े रहे फिर मनीष ने लंड बाहर निकाला और कंडोम निकल दिया कंडोम पूरा वीर्य से भरा हुआ था। कल्पना को दिखते हुए बोला देखो ये अगर तुम्हारी चूत में गिरते तो हो सकता था इस चूत से बच्चे निकलते। कल्पना हसते हुए बाथरूम चली गई।
मनीष मेरे पास आके बोला कैसा था शो तो मैंने कहा तुम्हारी चुदाई देखते हुए मुझे २ बार मुठ मारनी पड़ी।तभी फ्लश की आवाज आयी तो मनीष बेड पर लेट गया। कल्पना बाहर आयी और बोली मनीष तुम बहुत अच्छी चुदाई करते हो। मनीष ने कल्पना को खींच लिया और चूमते हुए बोला तुम्हारी चूत भी बहुत मस्त है और कल्पना के गाड़ में उंगली करने लगा तो कल्पना बोली ये क्या कर रहे हो तो मनीष बोला। क्यों गाड़ नहीं मरवाओगी।
कल्पना बोली नहीं मै गांड नहीं मरवाउंगी। अच्छा अब ३ बजने वाले है तो सो जाते है। मनीष बोला तुम सो जाओ मै तो तुम्हे चोदता ही रहुगा। मनीष कल्पना को बाहों में लेकर लेट गया और बूब्स दबाते हुए बातें करने लगा बोला कल्पना तुम्हे चोदने में बहुत मजा आरहा है। तुम्हारी चूत मक्खन जैसी है। और हाथ से चूत सहला रहा था उसका लंड अभी भी पूरा टाइट था।
बातें करते करते मनीष ने लंड को चूत में धुसा दिया और चोदने लगा कल्पना भी मस्त होके चुदवा रही थी तभी उसे ध्यान आया की मनीष बिना कंडोम के चोद रहा है तो वो मनीष को हटाने लगी पर अब मनीष कहा रुकने वाला था तेजी से चोद रहा था। पूरा लंड एक ही बार में अंदर बाहर हो रहा था।
अब कल्पना चाह कर भी मनीष को रोक नहीं पा रही थी। उसका शरीर अकड़ रहा था और अचानक ढीला पड़ गया मतलब झड़ गई थी मनीष भी तेजी से चोदते हुए अपना वीर्य कल्पना की चूत में डाल रहा था और थोड़ी देर तक कल्पना को जकड़े पड़ा रहा। वीर्य का एक एक बून्द चूत में डाल दिया।
फिर उठा और कल्पना के चूत को फैला कर देखा रहा था सारा वीर्य अंदर ही था कल्पना मुस्करा रही थी और मनीष के गले लग कर बोली अब तुम भी मेरे पति हो। मेरे चूत के लिए २ लंड है। और उठ कर कपडे पहन कर चली गई। मै भी बाहर आगया।
मैंने मनीष से पूछा अब मै बाहर जा रहा हु और तू क्या करेगा तो बोला मै अब भाभी को चोदूंगा वो तेरे रूम में नंगी सो रही है। मै बाहर चला गया फिर से आने के लिए। ये कहानी कैसी लगी बताइयेगा जरूर। मेरी मेल आई डी है “[email protected]”,
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