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नमस्कार, मैं मनोज दिल्ली मैं जॉब करने वाला अकेला रहने वाला बहुत ही मस्त नेचर और सबसे घुल-मिल कर रहने वाला लड़का हूँ.. क्योंकि मैं अच्छी पोज़िशन में हूँ और बड़े घर से हूँ.. तो मैंने कार भी बहुत जल्दी ले ली थी।
सेक्स के मामले में मेरे शरीर में बहुत ज़्यादा गर्मी है। जो भी लड़की मेरे साथ सेक्स करती है.. वो बहुत खुश हो जाती है.. क्योंकि मैं उसका पूरा ध्यान रखता हूँ।
मैंने भी प्लान बनाया कि कुछ किया जाए.. वैसे मुझे कम उम्र की लड़कियों से ज़्यादा शादीशुदा औरतें या फिर बड़ी उम्र की लड़कियाँ ज़्यादा पसंद हैं, खास करके अच्छे फिगर वाली लड़कियाँ जिनके मम्मे बड़े हों।
फाइनली मुझे एक लड़की मिली जो कि बहुत ही जबरदस्त बदन की मलिका थी.. उसका नाम उषा था.. उसकी उम्र करीब 30-31 के आस-पास थी.. लेकिन वो अब तक कुंवारी थी.. उसकी शादी नहीं हुई थी।
उसकी एक बार सगाई हो चुकी थी.. पर वो टूट गई थी.. क्योंकि लड़का किसी और को चाहता था। ऐसा उसने मुझे बताया था।
मेरी भी उम्र सत्ताईस की है.. और मैं भी लगभग उसके जैसा ही हूँ।
दोस्ती हुई और मैं उसे कॉफी पिलाने ‘बारिसता कैफे’ ले गया। उस दिन मंडे था और कैफे लगभग खाली था। हम पास-पास बैठे और बातें शुरू हुईं।
उसे कोल्ड कॉफी पसंद आई.. मैं कोशिश में था कि उससे कुछ खुल कर बात करूँ।
मैंने माहौल को हल्का बनाने के लिए उसको कुछ जोक सुनाए.. जिसे सुनकर उसे कुछ-कुछ होने लगा। हमने हाथ मिला लिए और मैंने कुर्सी थोड़ी और पास कर ली। फिर मैंने और एक जोक सुनाया जिसे सुन कर उसने मेरा हाथ दबाया।
मैं थोड़ा और आग भड़काने लगा और मैंने अपना हाथ उसकी जांघ पर रख दिया। उसका बदन काँपने लगा। मुझे मज़ा आने लगा।
मैं उसे लेकर वहाँ से इंडिया गेट ले गया, वहाँ पार्क में बैठ कर मैंने उसे थोड़ा किस करना.. टच करना शुरू किया.. जो उसे भी बहुत पसंद आ रहा था।
अंतत: उसने अपनी चुन्नी आगे से ढक ली और मैंने अपना हाथ उसकी चुन्नी के अन्दर डाल दिया और धीरे-धीरे उसके मम्मों को मसलने लगा।
उषा को यह सब अच्छा लग रहा था।
फिर मैंने उसके हाथ को किस किया और उसने मुझे और आगे बढ़ने की इजाजत लगभग दे ही दी। मैंने कोशिश की कि मैं उसकी पैन्टी में हाथ डाल कर मसलूँ.. पर ऐसा उसने करने नहीं दिया। उसने रिक्वेस्ट की कि कल मैं जो चाहूँ कर लूँ.. पर आज नहीं।
खैर.. वहाँ से हम सरोजनी मार्केट गए और मैंने उसे कुछ सेक्सी टॉप्स लेकर गिफ्ट किए और हम दोनों अगले दिन का प्लान बनाने लगे।
अगले दिन मैंने ऑफिस से छुट्टी ले ली और एक होटल में रूम बुक कर लिया। मैंने कल के लिए अपने नीचे के बाल साफ़ किए.. नाइस हेयर कट लिया.. फेशियल लिया.. कुछ अच्छे रोमांटिक गिफ्ट लिए।
चूंकि गर्मी थी सो अगली मुलाक़ात के लिए मैंने जीन्स और टी-शर्ट पहनना उचित समझा। मैं उसे पिक करने मेट्रो स्टेशन गया।
वो एक शानदार सूट पहन कर आई थी, अपने साथ वो कुछ और भी कपड़े लेकर आई थी। मैंने पूछा- ये सब क्या है?
उसने मुस्कुराते हुए बताया- कुछ नाईटी.. ब्रा-पैन्टी और दुल्हन वाली एक स्पेशल ड्रेस। साथ ही उसने मुझे आँख मार कर इशारा किया कि आज बहुत मज़ा आने वाला है।
मैंने भी अपनी तरफ से आँख मार कर स्माइल पास की और फिर उसे होटल के कमरे में ले गया।
हमने वेलकम ड्रिंक फिनिश की और उषा रेडी होने लगी। मैंने उसे उसके कपड़े उतारने में मदद की। मैंने देखा कि वो एक दुल्हन की ड्रेस लेकर आई थी.. जो वो मेरे लिए पहनना चाहती थी।
जब वो रेडी हुई तो कयामत लग रही थी। मैंने उसे एक किस किया और अपना कुछ सामान टेबल पर रखा जिसमें कन्डोम भी रखे हुए थे।
उसने मुझसे रिक्वेस्ट की कि आज इस दिन को सुहागदिन की तरह ले। दरअसल वो मुझे अपनी वर्जिनिटी गिफ्ट करने आई थी और मुझे कन्डोम पहन कर करने के लिए मना करने लगी।
मैं बहुत खुश था। मैंने टीवी पर म्यूज़िक ऑन किया और उसके साथ में नाचने और थिरकने लगा। उसकी आँखों में खुशी के आंसू थे और मैं भी थोड़ा इमोशनल हो रहा था।
उसे मैंने अपनी बाँहों में ले लिया और उसके कपड़े धीरे-धीरे उतारने लगा।
मैंने उसे उठाया और वॉशरूम में ले गया.. जो कि बहुत ही आलीशान था। उसे मैंने बड़े से प्लेटफार्म वाले सिंक के पास बिठाया और प्यार करना शुरू किया। हम दोनों ने खूब चूमा चाटी की। मैंने उसके रसीले मम्मों को खूब मसला और मुँह में लेकर चूसे भी.. पूरे चूचे लाल कर दिए।
अब मैंने अपना लिंग जो कि बहुत कड़क हो गया था.. उसकी चूत के पास लेकर आया और चूत से टच किया। वो मुझे गले लगाने लगी और थोड़ा बहुत डरने भी लगी।
मैंने धीरे-धीरे अपना लंड सैट किया और एक धक्का लगा दिया। फिर मैं जरा रुका.. किस किए.. मम्मों को मसला.. उसका थोड़ा ध्यान हटाया और एक ऐसा धक्का दिया कि उसका कौमार्य भंग कर दिया। मेरा लंड उसकी चूत की दीवार को चीरता हुआ बच्चेदानी से जा टकराया। वो दर्द से कराहने लगी।
फिर मैं रुक गया और उसे किस किया.. मम्मों पर किस किया और फाइनली उसका ग्रीन सिग्नल मिलने पर धीरे-धीरे आगे-पीछे होने लगा।
कुछ ही धक्कों में वो कहने लगी- आह्ह.. मज़ा आ रहा है.. और तेज.. और तेज.. और अन्दर.. और अन्दर!
हम मज़े के समंदर में डूब गए.. गोते खाने लगे और देर तक चुदाई करने के बाद मैं झड़ने को होने लगा। अब तक वो भी एक बार झड़ चुकी थी और शायद दूसरी बार भी झड़ने को होने लगी थी।
वो मुझसे रिक्वेस्ट करके बोली- अन्दर ही निकाल देना।
स्खलन हुआ और हम दोनों तृप्त हो गए.. कुछ देर यूं ही लिपटे रहने के बाद हम दोनों अलग हुए।
फिर हम दोनों बहुत देर नहाए और फिर से टब के पानी में बैठ कर एक बार फिर सेक्स करने लगे। नहाने के बाद हमने एक-दूसरे को पोंछा..
क्योंकि पहली बार था, वो अभी भी थोड़ा शर्मा रही थी।
अब तक हम दोनों थक चुके थे सो खाना ऑर्डर किया और बियर भी मंगाई।
कुछ देर रोमांटिक बातों के बाद एक बार फिर से सेक्स किया। आज भी हम दोस्त हैं और मिलते हैं.. मौका मिलने पर चुदाई भी करते हैं।
उसने मुझे अपनी और सहेलियों से भी अपना बॉयफ्रेंड बताकर मिलावाया है। हम दोनों ही बड़ी फैमिली से हैं.. इसलिए एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान भी करते हैं। दोनों एक-दूसरे की बहुत इज़्ज़त करते हैं और एक-दूसरे का बहुत ख़याल भी रखते हैं।
लव यू गर्ल्स.. मैं आपका दोस्त मनोज.. प्लीज़.. मुझे अपनी मेल भेजना.. लव यू आल.. [email protected]
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