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कॉलेज गर्ल चुदाई कहानी में पढ़ें कि हम लड़के ग्रुप बना कर भोपाल घूमने गए. वहां हमने कालगर्ल बुक करके होटल में बुलायी. वो कॉलेज की लड़कियाँ थी.
आप अन्तर्वासना के पाठक लोग के समक्ष पुनः एक हॉट और चूत फाड़ कॉलेज गर्ल चुदाई कहानी के साथ हाजिर हूँ. सबसे पहले मैं फिर से अपना परिचय दे देता हूँ.
मेरा नाम सत्यम है, मैं छत्तीसगढ़ के बिलासपुर का रहने वाला हूँ. मेरा कद 5 फुट 10 इंच है और वहीं मेरा शेरू 7 इंच का है, जो लगभग हर भारतीय पुरुषों का होता है.
मेरा रंग गोरा और सांवले रंग के बीच का है … फिटनेस फ्रीक होने के कारण एक्सरसाइज से मैंने एथलीट बॉडी बनाई है. मुझे हैवी रेस्लिंग वाली बॉडी में इंटरेस्ट नहीं है.
जैसा कि मैंने पिछली सेक्स कहानी बस में प्यासी चुत की चुदाई का मजा में जिक्र किया था कि यह मेरे साथ घटी दूसरी घटना है, जो मेरे और मेरी गर्लफ्रेंड अक्कू के बीच में घटी थी.
जिंदगी का पहला चुदाई का सुख मुझे भोपाल टूर पर मिला था. दूसरी बार में अक्कू की चुत मेरे लौड़े का शिकार बनी थी.
यह कामुक घटना उस समय घटी थी, जब हम लोग कॉलेज के तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा के बाद फ्री हो गए थे.
हमारा टूर प्लान बना और हम लोग भोपाल गए थे. असल में यह प्लान मेरा नहीं था, ये तो हमारे ही क्लास के दूसरे दोस्तों का था.
वो सभी दूसरे से तीसरे सेमेस्टर के थे. साले सब चुदक्कड़ किस्म के दोस्त थे, जो हर वक्त नई नई जगह घूमने के बहाने अपने लंड की प्यास बुझाने का काम करते रहते थे. हालांकि वो सब अपनी अपनी सैटिंग वाले थे, मेरे जैसे मुठ मारने वाले रंडवे नहीं थे.
ग्रुप टूर का प्लान किया गया और वाया ट्रेन हम सब भोपाल पहुंच गए. वैसे भोपाल के टूरिज़्म के बारे में परिचय देने की शायद ही जरूरत पड़े क्योंकि हर कोई जानता है कि चाहे वो ऐतिहासिक धरोहर की इमारतें हों … या वन्य अभ्यारण्य या नेशनल पार्क, सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश में ही तो हैं.
वहां की एक खास बात ये थी कि आप सस्ते में दिन भर के लिए ऑटो रिक्शा या वैन बुक कर सकते हो, जो दिन भर में आपको लगभग 7-8 जगह घुमा देगा
हमने भी 400-400 ₹ में दिन भर के लिए 3 ऑटो बुक किए. यह रेट लगभग फिक्स था … क्योंकि उनकी यूनियन थी, जो सभी रेट फिक्स करके रखते हैं.
अब आप लोगों को कहां कहां घूमे कैसे घूमे, इस सबका ब्यौरा देकर मैं बोर नहीं करूंगा.
हम लोग कुल 12 लोग थे, जिसमें 4 लड़कियां और हम 8 लड़के थे. जिसमें से चार लड़के-लड़कियां पहले से सैटिंग्स वाले थे. दो ऑटो में तो उन्हीं लोगों ने बैठ कर कब्जा जमा लिया. अब हम 4 रंडवे एक ऑटो में बैठकर बकचोदी करते घूमने लगे.
नेशनल पार्क में घूमने के लिए अलग से जिप्सी लेना होता है और खुद ड्राइव करना होता है. इस दौरान साले सैटिंग वाले जोड़े मजे कर रहे थे. उनके बीच किस करना, बोबे दबाना, चूतड़ दबाना खुले आम चल रहा था और हम चार बकचोद लोग बस लंड में हाथ रखकर इनकी ये अय्याशी देख रहे थे.
ये बकचोदी हमने दो दिन तक सहन की.
फिर तीसरे दिन जब हम सब घूमने निकले, तब हमारा आज का बदला हुआ ऑटो ड्राइवर हमसे बात करने लगा. वो हमारी ही उम्र का था, वो अपने पापा के बदले आया था.
हमने पहले ही दिन बुकिंग के बाद उनके नम्बर ले लिए थे, ताकि हर रोज ऑटो ढूंढने का झंझट न हो. वे रोज हमें होटल से पिक कर लेते थे.
वो हमारे कपल्स दोस्तों को देखकर बोला- तुम लोग कैसे ऐसे अकेले ही आ गए? हमने उसको बताया कि भाई अभी हम लोग रंडवे हैं … हमारी ऐसी किस्मत कहां कि किसी चुत को साथ लेकर घूम सकें.
इस पर उस ऑटो ड्राईवर लड़के ने बताया- टेंशन मत लो भाई, यहां लड़की का जुगाड़ हो जाता है, वो भी एकदम कॉलेज में पढ़ने वाली आइटम मिल जाती है.
उसकी बात को सुनकर हम चारों के लंड खड़े हो गए. साली दो दिन से सिर्फ मुठ ही मार पाई थी. उससे जल्दी से पूरी बात बताने का कहा.
तो उसने हमें 4 नम्बर दिए और नाम भी बता दिए. उसने कहा- इन नम्बरों पर फ़ोन कर लेना और जब तक मन और धन हो, तब तक फुल चुदाई का मजा कर लेना.
उसकी इस बात को सुनकर उस दिन घूमने में मन ही नहीं लगा. हम सब शाम होने और होटल जाने का ही इंतज़ार कर रहे थे … पर साला समय बीत ही नहीं रहा था.
अंततः भारी इन्तजार के बाद वो समय भी आया … जब हम होटल पहुंच गए. जल्दी जल्दी फ्रेश हुए और ऑटो ड्राइवर के दिए नम्बरों पर फ़ोन किए.
उधर से लड़कियों ने ही फोन उठाए. नाम और काम पूछने पर वही बताया, जो ऑटो वाले ने बताया था.
बात करने पर पता चला कि सब कॉलेज में पढ़ती हैं, ये सब पैसों के लिए और मजे के लिए करती हैं ताकि भोपाल जैसे मंहगे शहर में शॉपिंग और मस्ती कर सकें.
हमने उनसे उनकी फोटो मांगी, तो उन्होंने भेज दीं. उनकी फोटो फोटो में सच बताऊं साली मस्त माल लग रही थीं. एकदम से लंड खड़े हो गए और चुत की ललक ने उनकी कीमत को झट से मान लेने का मन बना दिया.
उन्होंने 3 घंटे का 2000 ₹ प्रति लंड के चार्ज पर बात डन कर दी.
हमने चार लड़कियों को होटल में 11 बजे रात को आने के लिए कहा. उन्होंने पहचान के लिए हम चारों का फोटो मांगी, जो हमने तुरंत भेज दीं.
भोपाल 24/7 ओपन रहता है और हमारा होटल भी 24/7 ओपन वाला था, कोई भी कभी भी आ जा सकता था, तो कोई दिक्कत नहीं हुई.
ग्यारह बजने में अभी टाइम था तो हम लोग बाहर मेडिकल स्टोर से से कामवर्धक गोलियां और बियर शॉप से 8 बियर के कैन ले कर आ गए.
हम चारों ये सब उन जोड़े वाले दोस्तों से बिना बताए कर रहे थे. हम लोगों ने कुल छह रूम बुक किये थे, एक रूम में 2-2 लोग मिलकर बुकिंग की थी. दो रूम में 2-2 लड़कियां थीं, बाकी 4 में हम 2-2 लड़के थे.
पर रात को 2-2 लड़कियां और 2-2 लड़कों की जगह एक लड़की एक लड़का हो जाते थे. बाकी दो कमरों में बिन ब्याहे हम चार चोदू लोग रह जाते थे. अब आप समझ लो कि क्या सीन होता होगा.
खैर … अब हमारी रात रंगीन होने वाली थी. रात को 11 बजे चारों लड़कियां होटल के बाहर आ गईं और उन्होंने हमें कॉल किया. मेरे दो दोस्त मयंक और शेखर उन्हें लेने चले गए. मैं और विनय रूम में ही थे.
उनके आते ही मयंक और शेखर में जिस नम्बर पर कॉल किया था, उस लड़की के साथ अपने रूम में चल दिये और चुदाई का सीन चालू कर दिया. मैं और विनय दो लड़कियों के साथ अपने रूम में ही रुक गए.
मैं और विनय दोनों गोली खाकर अपनी अपनी बंदी के साथ फ़ोरप्ले करने लगे. जब तक गोली का भी असर पूरा होने लगा. दोनों लगभग 22 से 25 साल की ही रंडियां थीं. मेरी वाली रंडी का फिगर 34-30-36 का रहा होगा, वहीं विनय वाली की साइज़ 34-30-34 की थी.
मैंने अपनी वाली को किस करते हुए उसके मम्मों और चूतड़ों को मसलना शुरू कर दिया था. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.
लगभग 5 मिनट किस करने के बाद मैंने उसका टॉप और जींस उतार दिया. वो सफेद कलर की ब्रा और सफेद कलर की ही जालीदार पैंटी में कयामत ढा रही थी.
मैं उसके बोबे चूसने लगा, फिर उसके पेट, नाभि, कमर को किस करते हुए उसकी शेव की हुई डबलरोटी नुमा चूत तक पहुंच कर चाटने लगा.
धीरे धीरे हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.
उसके मुँह को चोद कर मैंने लंड को पूरी तरह गीला कर लिया और उसे लिटा कर चुदाई की पोजीशन बना ली. मैंने उसकी टांगों को अपने कंधों पर ले लीं और चूत की फांकों में लंड सैट कर दिया. फिर जोर से धक्का मारा तो मेरा पूरा लंड एक ही झटके में अन्दर घुसता चला गया. उसकी हल्की सी आह निकली और वो रंडी लंड खा गई.
मैं धक्के पर धक्के लगाता रहा.
कुछ देर बाद मैंने उसे घोड़ी बनाकर बहुत देर तक चोदा … चूंकि गोली का असर था तो लंड पूरी शिद्दत से चुत चुदाई में लगा हुआ था.
कुछ देर बाद वो पहली बार झड़ गई.
अब मैं उसको अपने पहलवानी हाथों से उठाकर कमर से लटका लिया. वो भी अपनी टांगें मेरी कमर में बांध कर मेरे लंड पर चुत सैट करके लटक गई. मैंने खड़े होकर उसे लंड पर झूला झुलाते हुए चोदना चालू कर दिया.
वो मस्त हो गई और मेरे चौड़े सीने को चूमते हुए फिर से झड़ गयी. मैं अभी तक झड़ा नहीं था. ये सब गोली का असर था.
अब मैं पलंग पर चित लेट गया और उसे अपने ऊपर आने के लिए कहा. वो मेरे लंड के ऊपर अपनी चूत का छेद सैट करके उछल उछल कर चुदने लगी. मैं तो आज मानो जन्नत में दौड़ लगा रहा था.
कुछ देर बाद वो हांफने लगी और उसने मुझसे कहा कि अब मैं नहीं कर पाऊंगी … तुम कर लो.
उसकी बात सुनकर मुझे अपनी मर्दानगी पर रश्क हुआ और मैं उसे लेकर बेड से नीचे आ गया. फिर उसकी एक टांग अपने कंधे में ले ली और दूसरी फर्श पर लटका कर उसकी फुद्दी में लंड डाल कर चोदने लगा. वो दीवार और मेरे कंधे का सहारा लिए खूब मजे से चुद रही थी.
उधर विनय भी अपने फॉर्म में था, वो भी अपना काम टॉप गियर में ही चला रहा था. हम सब पसीने से लथपथ हो गए थे.
तभी मैंने विनय को इशारे से चुत एक्सचेंज के लिए बोला, तो उसने भी हंसकर हामी भर दी. अब नजारा सिंगल सेक्स से ग्रुप सेक्स में बदल गया था.
हम लोग चुत चोदे जा रहे थे और दोनों लड़कियां एक दूसरे के बोबे चूस रही थीं, तो कभी किस कर रही थीं.
अब तक हम 40 मिनट तक बिना झड़े चूत चुदाई कर चुके थे, पर अब वियाग्रा का असर थोड़ा कम हो चुका था. मैं भी झड़ने वाला था. इस समय मैं मेरी पहली वाली लड़की को ही चोद रहा था.
मैं बोला- झड़ने वाला हूँ. तो उसने अन्दर ही झड़ने के लिए बोला.
मैंने पिचकारी मार दी. मेरी लाइफ में मेरे लंड से इतना ज्यादा वीर्य पहली बार निकला था.
मेरे माल से उसकी चूत पूरी भर गई थी. मेरे साथ ही वो भी झड़ चुकी थी. परम आनन्द किसे कहते हैं, इस समय पता चला था.
उधर विनय और उसकी बंदी भी झड़ चुके थे. अब दोनों लड़कियां एक दूसरी की चूत चाट रही थीं.
अब तक हमारे लंड मूली से मूँग हो चुके थे और उधर लड़कियां एक दूसरे की चूत चाट कर साफ कर चुकी थीं.
समय भी सवा बारह का हो चुका था. चूंकि हमने तीन घंटे का पैसा दिया था, इसलिए एक एक राउंड फिर से मारने का प्लान बना.
इस बार पूरी चुदाई ग्रुप सेक्स वाली हुई. अदल बदल कर हम चारों ने भांति भांति के आसन में चुदाई की और इस बार हम दोनों गबरुओं ने उनके मुँह में माल झाड़ कर लंड साफ़ करवा लिए.
इस तरह से हमने पूरा पैसा वसूला था. लड़कियां भी चुदाई से खुश थीं.
उन्होंने बताया कि आज पहली बार इतना मजा आया है. नहीं तो लोग बिना वियाग्रा के चोदते हैं और 10-15 मिनट में झड़ कर और थक जाते हैं. वो तीन घंटे का पैसा देकर तीस मिनट में ही छोड़ देते हैं.
अब 12:45 हो चुका था. भूख भी जमकर लगी थी … तो उन्हें भी साथ में लेकर होटल वाले के ही नीचे बने रेस्टोरेंट में आ गए. ये ग्राउंड फ्लोर पर बना था. वहीं हम चारों खाना खाने बैठ गए.
हम दोनों ने उन दोनों लड़कियों को भी खिलाया … ताकि किसी को हम पर शक न हो. खाना खाने तक मयंक और शेखर लोग भी आ गए.
वहीं से चारों लड़कियां कैब बुक करके वापस चली गईं और हम लोग वापस होटल के कमरे में जाकर अपना लाई हुई चिल्ड बियर और चिकन पेलने लगे.
तो दोस्तो, ये मेरे पहले सेक्स की सच्ची सेक्स कहानी थी, जिसे मैंने आज आपके साथ शेयर कर दी है. आपको कॉलेज गर्ल चुदाई कहानी कैसी लगी, इस पर अपनी राय जरूर दें. धन्यवाद. [email protected]
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