This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
नमस्ते मित्रो, मेरा नाम प्रिया है। मैं आप सब लोगों को अपनी पहली चुदाई यानि अपनी सुहागरात की बात बताने जा रही हूँ।
यह करीब आज से 6 महीने पहले की बात है, जब मेरी शादी की बात मेरे घर में चल रही थी, मुझे देखने लड़के वाले आए हुए थे और उस दिन मैं बहुत घबराई हुई थी।
सब कुछ ठीक से हो गया और उन्होंने मुझे पसंद कर लिया था। घर में सब मुझसे यही पूछ रहे थे कि तुम्हें लड़का पसंद आया या नहीं।
मैंने उस लड़के को देखा था। वो थोड़ा सा ही स्मार्ट था.. ज्यादा नहीं.. पर उसके पास अच्छी नौकरी थी.. तो मैंने ‘हाँ’ कर दिया था।
फिर शादी की तैयारी शुरू हो गईं। मैं देखने में आज बहुत सुन्दर लग रही थी.. जो हर लड़की शादी के दिन लगती है। लेकिन मैं बहुत घबराई हुई थी।
हमारी शादी हो गई थी.. पर शादी के बाद विदाई का समय आया और मैं उस दिन खूब रोई थी।
मैं अपने पति के घर गई.. जहाँ मेरे स्वागत के लिए मेरे सास-ससुर.. मेरी ननद.. देवर.. लगभग सभी थे। मेरा बहुत ढंग से स्वागत हुआ।
फिर बारी आई कुछ रस्मों की और उसके बाद
मैंने इसके बारे में बहुत सुना था कि इसमें बहुत दर्द होता है और लड़कियों को यह दर्द सहन करना पड़ता है। मैंने यह भी सुना था कि इसके बाद खूब मज़ा आता है।
मैं अपने कमरे में बैठी हुई थी और फिर मेरे पति आए और उन्होंने आते ही दरवाज़ा बंद कर कुण्डी लगा दी।
मुझे बहुत डर लग रहा था.. मेरे पति मेरी तरफ आकर बैठ गए और मेरा हाथ पकड़ कर बोले- डरो मत.. कुछ नहीं होगा।
फिर कुछ देर बात करने के बाद उन्होंने धीरे-धीरे मेरी जांघ पर हाथ फेरते हुए मेरे मम्मों को दबाना शुरू कर दिया, फिर वे मेरे सारे कपड़े उतार कर मुझे चुम्बन करने लगे।
मुझे थोड़ा मज़ा आ रहा था.. लेकिन फिर उन्होंने मेरे मम्मों को चूसना शुरू किया। पता नहीं कैसे मेरे मुँह से आवाज़ सी आने लगीं ‘आह्ह्ह्.. आह्ह्ह.. उम्म्.. अह्ह्ह..’
फिर उन्होंने अपनी जीभ से मेरी चूत पर अपनी जीभ को रखा और उसे चाटने लगे, मैं और जोर जोर से सिसकारियाँ लेने लगी ‘आह्ह्ह.. आम्म्म.. अह्ह्ह..’
फिर उन्होंने अपनी एक उंगली को मेरी चूत में एक झटके में ही घुसा दिया। मैं जोर से चिल्ल्लाई.. मेरी आवाज़ थोड़ा तेज थी.. इसलिए उन्होंने कहा- कुछ नहीं होगा.. शांत हो जाओ।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
हम लोगों का कमरा सबसे कोने में था.. इसलिए कोई हमारी आवाज सुनने वाला नहीं था और इसलिए उन्होंने मेरा मुँह बंद नहीं किया।
मेरी कुंवारी चूत होने के कारण मुझे बहुत दर्द हो रहा था, मैं चिल्ला रही थी..
फिर उन्होंने अपना लण्ड मुझे चूसने को कहा। मुझे बहुत खराब लग रहा था, मैंने नहीं किया तो उन्होंने जबरदस्ती अपना लम्बा लण्ड मेरे मुँह में डाल दिया।
मुझे उसका स्वाद बहुत खराब लग रहा था लेकिन उन्होंने मेरे मुँह की चुदाई शुरू कर दी।
कुछ देर बाद उनका लण्ड खड़ा हो गया था और अब वो बहुत बड़ा और मोटा दिख रहा था।
मेरी डर के मारे कुछ देर के लिए साँस ही रुक गई, मैंने कहा- ये बहुत बड़ा है.. मैं इसे नहीं ले सकती।
उन्होंने फिर मुझे समझाया और फिर से मेरी चूत चाटी।
मुझे बहुत जोश आ गया और फिर उन्होंने इस जोश का फायदा उठाते हुए अपना लम्बा लण्ड मेरी चूत पर रखा और धीरे-धीरे घुसाने लगे।
उनका अभी थोड़ा सा ही अन्दर गया होगा कि मैं छटपटाने लगी और कहने लगी- इसे निकालो.. मुझे बहुत दर्द हो रहा है।
पर उन्होंने मेरी एक नहीं सुनी और घुसाते ही चले गए।
मुझे तो कुछ देर के लिए लगा कि मैं बेहोश हो जाउंगी.. पर उनको तो सिर्फ मुझे चोदना था।
वो मुझे कुछ देर धीरे-धीरे धक्के देने के बाद जोर-जोर से चोदने लगे.. और मुझे बहुत दर्द हो रहा था।
कुछ देर बाद मुझे भी मज़ा आने लगा था, मेरी चूत अब कुंवारी नहीं रही।
जो भी हो मैं उस रात को कभी नहीं भूलूंगी.. मुझे दर्द भी बहुत हुआ और मज़ा भी बहुत आया।
उस रात तो मेरी चूत की सील टूट गई थी.. पर अभी गाण्ड कोरी बची हुई थी और वो भी एक दिन खुल ही गई इसका किस्सा मैं फिर कभी सुनाऊँगी।
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000