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नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम विकी है मैं नागपुर का रहने वाला हूँ।
मैं अपनी पहली कहानी लिखने जा रहा हूँ.. उम्मीद है कि आप सबको मेरे लंड को चूत का कैसे चस्का लगा.. पसंद आएगी। मैं 22 साल का लड़का हूँ.. सच बताता हूँ.. मेरा लंड ज्यादा बड़ा तो नहीं.. पर चूत को पानी-पानी ना कर दे.. तब तक ढीला नहीं होता है।
दोस्तो, मैं पहले काफ़ी शर्मीले किस्म का लड़का था। जब से मैंने अन्तर्वासना को पढ़ना शुरू किया.. तब से मैं बहुत चालू आइटम बन गया हूँ।
मैंने कैसे पहली चूत का भोसड़ा बनाया पेश करता हूँ।
मैं मामा की शादी में गया था.. नागपुर से घर दूर नहीं है। वहाँ शादी में काफ़ी सुंदर लड़कियाँ आई हुई थीं.. पर उतनी अच्छी कोई नहीं लगी।
मेरे भाई लोग इधर-उधर लौंडिया सैट करने में लग गए। एक-दो लड़कियाँ मुझे भी देख रही थीं.. पर मैंने इग्नोर कर दिया। जिसका मुझे इंतज़ार था.. वो अब तक नहीं दिखी थी।
पहले दिन हल्दी की रस्म होती है.. वहाँ डीजे वगैरह लगा हुआ था। मेरा मन डान्स करने का ना होने के बावजूद मेरे भाईयों ने ज़बरदस्ती डान्स करवाया, फिर हमने खाना खाया और सोने चले गए।
दूसरे दिन शादी थी। मेरा मन नहीं लग रहा था, अन्दर शादी की रस्में चालू थीं.. मैं बाहर खड़ा था।
मेरी मौसी के छोटे बच्चे ने आकर मुझे बर्फ का गोला खिलाने के लिए कहा तो मैं उसको बाहर लेकर आ गया। मैंने उसे बर्फ का गोला लेकर दिया।
बस वहाँ से जिसका मुझे इंतजार था.. वो आ ही गई। उसका गेहुंआ रंग.. गुलाबी लब.. लंबे घने बाल.. सबसे बड़ी बात उसके उभरे हुए बूब्स.. आह्ह.. क्या कहूँ यारों.. बस माल लग रही थी वो!
अन्दर शादी अटेंड करने गई.. हल्के तिरछी नज़रों से मन प्रसन्न करके चली गई।
मुझे दिल से बहुत ख़ुशी हो रही थी, मैं बस उसे पटाने के बारे में सोच रहा था। मैंने इंप्रेस तो काफ़ी लड़कियों को किया.. पर उसके आगे नहीं बढ़ा था। आज सोच लिया था कि इसको पटाना और चोदना ही है। मैं अन्दर गया.. शादी की रस्में चालू थीं, मेरी नज़र बस उस पर ही थी।
मेरा भाई जो मेरे पास खड़ा था, मुझसे बोला- क्या हॉट माल है यार.. मैंने उसे देखा और चुप रह गया।
मैं उसे ही देख रहा था.. उसने भी मुझे देखना चालू किया और मुस्कुराने लगी। मेरा भाई समझ गया.. वो बोला- भाई तू लगा रह.. मैं आता हूँ। मैंने कहा- हाँ जल्दी कट ले।
फिर मैं उसे आँखों से इशारे करने लगा.. उसने पहले तो इग्नोर किया.. पर दूसरी बार वैसा ही करने पर उसने रिप्लाई दिया। वो आँखों से बोली- मॉम हैं.. उसकी मॉम जो स्टेज पर ऊपर दूल्हे को गिफ्ट देने गई थीं।
उस वक्त मैंने एक बच्चे को पकड़ा.. जो मेरी मौसी का लड़का है.. मैंने एक लेटर लिखा और छोटू को उसे देकर आने को कहा। उसमें लिखा था- मुझे छत पर आकर मिलो।
उसने पढ़ा.. और मुझे देख कर ‘हाँ’ में सर हिलाया।
जैसे ही मैं जाने को उठा.. वो भी उठी और मेरे पीछे आई।
मैंने उसे देख कर ‘हाय’ कहा.. उसने भी ‘हाय’ कहा। मैंने उसे अपना नाम बताया.. फिर उससे पूछा- आप का नाम क्या है?
उसने ‘अपेक्षा’ बताया। मैंने कहा- काफ़ी अच्छा नाम है। उसने थैंक्स कहा।
मैंने उसकी तारीफ करते हुए कहा- आप बहुत सुंदर हो। वो मुस्कुराई.. फिर पूछा- आप कहाँ रहती हो? उसने नागपुर कहा।
मैंने पूछा- आपका कोई ब्वॉयफ्रेंड है? उसने कहा- नहीं.. आज तक मन को भा जाए.. वैसा मिला नहीं। उसने वही प्रश्न मुझसे पूछा। मैंने कहा- सेम हियर..
‘आपका मेरे बारे में क्या ख़याल है?’ वो मुस्कुरा कर जाने ही वाली थी कि मैंने उसका हाथ पकड़कर बताने के लिए बोला- यार अभी बताओ ना.. उसने शर्माते हुए ‘हाँ’ में जवाब दिया।
बस क्या मुझे सिग्नल मिल चुका था.. मैंने उसका हाथ जो मेरे हाथों में था उसे अपनी तरफ खींचा.. उसके गुलाबी होंठों को चूमने लगा। वो मुझसे छूटना चाहती थी.. तो मैंने ज़बरदस्ती करना अच्छा ना समझा और उसे छोड़ दिया। मैंने उससे पूछा- क्या हुआ? उसने कहा- नहीं यार.. यहाँ नहीं.. कोई आ जाएगा।
मैंने भी ‘हाँ’ में सर हिलाया और कहा- ठीक कह रही हो यार! वो बोली- काफ़ी अच्छी किस कर लेते हो। मैंने कहा- और भी बहुत कुछ अच्छा कर लेता हूँ। वो हँस दी।
मैंने उससे पूछा- आप आज हमारे साथ चल रही हो ना? उसने कहा- नहीं.. मैंने पूछा- क्यों?
वो बोली- विकी घर पर बहुत काम हैं वैसे हम कल ही आने वाले थे.. पर दूसरी शादी अटेंड करनी थी.. इसलिए नहीं आ पाए। मैंने कहा- कोई बात नहीं… वैसे मैं भी नागपुर में ही रहता हूँ। उसने कहा- सच.. आपने अब तक बताया नहीं। मैंने कहा- आपने पूछा कहाँ है।
वो खिल उठी! मैंने कहा- ऐनी वे… अब हम तो मिलते ही रहेंगे। उसने कहा- या व्हाई नॉट.. हम काफ़ी देर से यहाँ पर हैं.. अब हमें चलना चाहिए। मैंने कहा- ओके.. लेकिन मुझे आपका सेल नम्बर तो दीजिए।
हमने आपस में नम्बर लिए और वहाँ से नीचे चले आए।
वो पहले गई.. पाँच मिनट बाद मैं नीचे गया। उससे उसकी मामी पूछ रही थीं, अपेक्षा ने भी कुछ जवाब दिया और सब लोग खाना खाने जाने लगे।
अपेक्षा से मैंने इशारे से पूछा- क्या हुआ? उसने तसल्ली भरी आँखों से कहा- सब ठीक है।
उसने मुझसे इशारे से कहा- खाना खाने चलो। मैंने कहा- आप खा लो.. मैं बाद में ख़ाता हूँ।
उसने खाना खाया और वे सब घर निकलने वाले थे, मैं गेट तक उसे छोड़ने गया, मैंने उसे फोन करने का इशारा किया। उसने ‘हाँ’ में सर हिला दिया और वहाँ से चली गई।
फिर हम सबने खाना खाया और नई मामा-मामी की बारात में डान्स करते हुए गाँव को निकल लिए।
हम सब घर पहुँचे.. मेरा भाई जो मेरे बड़े मामा का लड़का शान मुझे बोला- क्यों बे सैटिंग हो गई? मैंने कहा- साले तुझे कैसे पता? शान- अबे साले मुझे क्या नहीं पता.. वो पूछ.. चल अब बियर पिला। मैंने कहा- चल साले तू भी क्या याद रखेगा।
फिर हम दोनों बियर पी कर आए।
मैं खाना खाने की वजह से और थका हुआ होने के वजह से जल्दी सो गया।
मैं फिर 2 घंटे बाद उठा.. तब शाम के 7 बजे थे। मैंने अपना मोबाइल उठाकर देखा तो उसमें दो मैसेज थे। ‘हाय..!’ और ‘व्हाट आर यू डूइंग?’
फिर मैंने भी उसे ‘हैलो’ में रिप्लाई दिया। उसका मैसेज आया- क्या आप बात कर सकते हो?
मैंने तुरंत कॉल किया।
मैंने कहा- अपेक्षा मेरा मन नहीं लग रहा है.. मैं आपसे मिलना चाहता हूँ। उसने कहा- हाँ विकी.. मुझे भी आपकी याद आ रही है। मैंने कहा- क्या मैं नागपुर आ जाऊँ? उसने कहा- पर मामी को क्या कहोगे? ‘अरे यार पढ़ाई का बहाना मारो और कहो कि मैं दोस्त के यहाँ आज रुकने वाली हूँ। ‘ठीक है..’ कहकर उसने फोन रख दिया।
दस मिनट बाद उसका मैसेज आया- ओके मैं आधे घन्टे में मिलती हूँ। उसने मुझे एक गार्डन का एड्रेस दिया था। मैंने रिप्लाई दिया- ओके.. मैं भी वहाँ पहुँचता हूँ।
मैं वहाँ अपनी बाइक से पहुँचा.. वो आने वाली थी.. मैंने उसे अपने पहुँच जाने का मैसेज किया। उसने रिप्लाई दिया- ओके।
वो भी दस मिनट में आ गई। मैंने उसको साथ लेकर रेस्टोरेंट जाने का प्लान बनाया.. फिर हम दोनों ने 9 से 12 की मूवी देखी।
आपको तो पता ही है.. कि मूवी देखता कौन है.. हम तो एक-दूसरे को किस करने में बिज़ी थे। साढ़े दस बजे तक वहाँ मूवी देखी और उसे अपने घर लेकर आ गया।
बस फिर क्या था, हम दोनों चालू हो गए। एक-दूसरे के कपड़े उतारने में.. किस करते हुए उसे मैंने बिस्तर पर लिटाया।
उसके मम्मे जैसे ही बाहर निकले.. आहा… क्या नज़ारा था दोस्तो.. उसके मम्मों को चाटना-चूसना चालू किया.. तो वो आहें भरने लगी- आह.. विक्ककी.. आहह अहम्म्मए.. उसकी मादक आवाजें निकल रही थीं।
मैं बस उसके थन चूस रहा था.. और दबा रहा था। कभी उसके होंठों को चूमता तो कभी उसके चूचों को चचोरता।
मैंने थोड़ा उठा कर उसे पूरी नंगी किया, उसकी चड्डी उतारी तो देखा मखमल जैसे उसकी सफाचट चूत थी… गुलाबी रसीली चूत देखते ही बस मुझे तो जन्नत का दरवाजा लग रहा था।
मैं उसकी चूत को जीभ से चाटकर सलामी दिए जा रहा था।
अचानक अपेक्षा उठी.. मेरी चड्डी को नीचे किया और मेरे गन्ने को छील कर उसका रस पान करने लगी।
मैं तो मानो जन्नत में था… एक हाथ से उसके बाल पकड़े हुए था और दूसरे हाथ से उसके चूचे दबा रहा था।
मैंने उसे वहाँ से उठाया और उसके होंठों को चूमना चालू किया। एक उंगली उसकी चूत में डालकर उसे फिर से लिटाया और उसकी प्यारी चूत को चाटना चालू किया।
चूत चाटते-चाटते वो मेरे मुँह में झड़ गई, मैंने उसका सारा रस पी लिया.. मैंने अपनी जीभ को अन्दर तक डाल दिया।
उसकी वासना अब काबू से बाहर हो चुकी थी, वो कहने लगी- विकी डाल दो यार.. मत तड़फाओ.. साली बहुत परेशान करती है.. पर आराम से.. साली अब तक कुंवारी है।
मैं उसकी चूत देखकर पहले ही समझ चुका था कि वो अब तक कुंवारी है। मैं कहाँ रुकने वाला था.. उसे तड़फता देख कर मुझे और मज़ा आ रहा था।
मैं कभी उसके होंठों को.. कभी मम्मों को.. कभी चूत को और उसके कानों को तो कभी नाभि.. तो कमर.. पूरा शरीर चाट रहा था और उसे तड़फाए जा रहा था।
वो चूत उठा कर कहे जा रही थी- प्लीज़ विकी डालो.. प्लीज़ बनाओ भोसड़ा इसका!
मैंने उसे उठाया.. लंड चाटने में लगाया उसकी चूत को अपनी जीभ से गीला किया.. फिर अपने लंड का सुपारा उसकी चूत पर रख दिया, एक हल्का सा धक्का मारा तो.. वो चिल्लाने लगी- बाहर निकालो.. बाहर निकालो.. विकी!
वो रोने लगी.. तो मैंने अपने होंठों को उसके होंठों पर रखा ताकि आवाज़ ज्यादा बाहर ना निकले।
फिर मैंने एक जोरदार झटका मारा.. उसके आँसू बाहर निकल आए, एक हल्की सी खून की धार मेरी टाँगों पर गिरी। मैंने जोरदार 5-6 धक्के मारे।
वो तड़प उठी लेकिन कुछ देर बाद वो थोड़ी सामान्य होने लगी, गांड उठाकर मेरा साथ देने लगी। उसकी रोने की आवाज़ अब सीत्कार में बदल गई.. उसे मज़ा आ रहा था।
वो झड़ गई तो मैंने उसे उठाकर रुमाल से चूत का खून और लंड को पोंछकर लेटा दिया।
कुछ देर रुक कर वो मेरे लंड पर आकर बैठ गई और ‘अया हम्म..’ की आवाजें करती हुई उछल-उछल कर चुदने लगी।
कुछ देर बाद वो एक लंबी सांस भरकर झड़ गई। मैंने उसे उठाया और बिस्तर के किनारे पर खड़ी करके उसकी गाण्ड बाहर निकालते हुए उसे घोड़ी जैसे बनाया।
फिर मैं तेल की शीशी लाया.. उसकी गाण्ड पर लगाया।
अपेक्षा समझ गई.. बोली- तुमने चूत पर नहीं.. मेरी गाण्ड पर तेल लगाया.. क्यों? मैंने कहा- सही जगह पर तेल लगाया है। अपेक्षा बोली- नहीं.. गाण्ड मत मारो!
वो उठने लगी.. मैंने उसे कस कर पकड़ लिया.. ताकि वो उठ ना सके। जल्दी से अपने लंड का निशाना उसकी पाव जैसी फूली गाण्ड पर रखा.. बस एक ही बार में पूरा लंड अन्दर पेल दिया।
अपेक्षा की दर्द भरी तेज आवाज़ से मुझे डर लगा पर मैंने सब भूल कर 4-5 बार झटके मारे.. उसकी गाण्ड फ्री हो गई.. और वो अपनी गाण्ड को आगे-पीछे करने लगी।
मैंने उसकी गाण्ड पर ठाप मारकर कहा- साली नहीं बोल रही थी.. अब आई ना लाइन पर। ‘हाँ.. लवड़े.. तू है ही इतना मस्त चोदू.. मैं तीन बार झड़ गई.. पर तू अभी तक टिका है।’ ‘साली चुदक्कड़.. मैं भी झड़ने वाला हूँ इसी लिए तेरी गाण्ड मार रहा हूँ।’
मैं ‘आहा..आंह’ करते हुए झड़ गया। अपेक्षा ने झट से लंड से गाण्ड निकाल ली थी। उसने मेरे लंड पर लगा पानी पी लिया, बोली- इतने जानदार लंड का पानी पीकर मैं तृप्त हो गई..
फिर हम दोनों निढाल होकर बिस्तर पर लेट गए।
तब 12 बज रहे थे.. दस मिनट बाद मेरा लंड फिर सलामी देने लगा और अपेक्षा ने सलामी कबूल की।
फिर मैंने अलग-अलग आसनों में अपेक्षा की गाण्ड और चूत मारी। अपेक्षा झड़ गई.. फिर मैं भी झड़ने वाला था।
मैंने कहा- बोल साली कहाँ निकालूँ? अपेक्षा- चूत को पानी पिला दे.. बहुत भूखी है।
मैंने बच्चेदानी तक 5-6 जोरदार वार किए.. लंड का पानी छूट गया।
अब मैं और अपेक्षा एक-दूसरे के ऊपर दो जान एक जिस्म बनकर सो गए।
बाद में अपेक्षा मेरे गालों को चूम कर थैंक्स बोलने लगी- तुमने मुझे चोद भी दिया.. तो कोई गम नहीं.. बरसों पुरानी प्यास बुझाई है मेरी.. और वो भी काफ़ी मस्त तरीके से.. आई लव यू’ ‘अपेक्षा आई लव यू टू’
कैसी लगी मेरी पहली रियल कहानी.. मुझे आपके ईमेल का इंतजार है। [email protected]
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