This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
दोस्तो.. मैं जूही फिर से आपके साथ, मैं इस वक्त उन दो विदेशी लौड़ों के बीच पड़ी थी मेरी चूत चुदने को एकदम फड़क रही थी।
मैं दोनों के बीच में जाकर लेट गई और अब दोनों का हमला मेरे मम्मों पर था। जहाँ एक तरफ एंडी मेरे एक मुम्मे को मसल रहा था.. वहीं मार्क भी मेरे दूसरे मम्मे को नेस्तानाबूद करने में लगा हुआ था।
वे दोनों इस तरह से मेरे मम्मों को चूस रहे थे.. जैसे मानो कोई सेब या सन्तरा खा रहे हों। मुझे हल्का दर्द भी होने लगा और मेरी हल्की चीख निकलने लगी। ‘आआहाहह.. ईईईहेहह..’
पर वे दोनों तो अपने काम में मग्न थे।
छोड़िए इन बातों को.. चुदाई की रेल गाड़ी को पटरी पर लाते हैं और अपनी कहानी की ओर आगे बढ़ते हैं।
जब दोनों का मेरे मम्मों से मन भर गया दो दोनों कुछ मिनट के लिए चूचियों को अपने-अपने मुँह में लेकर लेट गए।
मुझे ज़ोरों की सू-सू लग आई.. इसलिए मैंने दोनों को ढकलेना शुरू किया और उठ कर बाथरूम में चली गई। उधर जाकर जैसे ही सू-सू बाहर आई तो ऐसा लगा कि आधी थकान नीचे से निकल गई हो।
मैं वापिस कमरे में आई.. तो मार्क ने कहा- इस दो दिन के सफ़र को और इंट्रेस्टिंग बनाना है.. अब से जब भी तुम्हें बाथरूम जाना हो.. हम में से कम से कम एक जन तुम्हारे साथ जाएगा और जब भी हम में से एक को जाना होगा.. हम तुम्हें साथ लेकर जाएँगे। अगर किसी ने इस नियम का उल्लंघन किया.. तो बाकी सभी उसी के ऊपर सू-सू करेंगे.. और अगर कोई सो रहा हो और साथ नहीं चल रहा.. तो आप उसी पर सू-सू करना।
मुझे सुन कर तो बड़ी हँसी आई.. पर फिर मैंने सोचा कि चलो ठीक है ट्राई करने में हर्ज़ क्या है, मैंने भी ‘हाँ’ में सर हिला कर अपनी मंजूरी दे दी।
अब मैं भी आकर बिस्तर पर दो लंडों के बीच में लेट गई।
दोनों ही लण्ड अलग-अलग राउंड के लिए.. जो कि असली चुदाई है.. उसके लिए पूरी तरह से तैयार दिख रहे थे।
दोनों के लण्ड मुझे सुई की तरह मेरे दोनों बगल से काँटे की नोक जैसे चुभ रहे थे और ऐसा लग रहा था.. मानो मेरी चूत से आग्रह कर रहे हों कि प्लीज़ हमें तुम्हारी प्यारी सी चूत में थोड़ी सी जगह दे दो।
मैंने अपने दोनों हाथों में दोनों का लण्ड पकड़ा और धीरे-धीरे हिलाने लगी। वो दोनों अब नागराज की तरह सीना तान कर खड़े होने लगे थे और अब बस चूत में घुसने की देरी थी।
जब दो लण्ड एक चूत के पीछे पागल हो रहे हों.. तो उनको तड़पाने में भी अपना ही मज़ा है। मैं तुरंत 69 की पोज़िशन में दोनों के बीच लेट गई, मैं अपना एक घुटना मार्क के कंधे के नीचे और दूसरा एंडी के कंधे के नीचे फंसा कर उन दोनों को एक साथ मेरी चूत चाटने का निमंत्रण देने लगी।
वहीं मैं भी कभी मार्क के लण्ड को तो कभी एंडी के लण्ड को चूसने का फिराक में थी। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
खेल शुरू हुआ और दोनों ने मेरे चूतड़ों को अपने हाथों से खींचकर और चौड़ा कर दिया और दोनों साइड से चाटने लगे.. जैसे कोई आइसक्रीम चाटता है। मैं भी चूतड़ों को हिला-हिला कर उनके लिए नई बाधाएँ पैदा कर रही थी.. ताकि चूत के लिए उनकी तड़प बरकरार रहे और चुदाई में मज़ा बना दे।
थोड़ी ही देर बाद दोनों ने अपना दिमाग़ चलाया और अब चूत को चाटने की बजाए चूत और गाण्ड में उंगली घुसा दी.. और घुमाने लगे।
अब तो मुझे जैसे मानो नशा सा चढ़ रहा था.. क्योंकि एक साथ मेरे दोनों छेदों की ड्रिलिंग हो रही थी। मैंने दोनों के लण्ड को पकड़ लिया और वहीं लेट कर उंगली की चुदाई का मज़ा लेने लगी। साथ ही मैं अपने चूतड़ों को उठा-उठा कर उनके चेहरों पर पटकने लगी।
जब उनका जोश खत्म हुआ.. तो मैं पीछे पलटी और एक-एक करके उनके उंगलियों को पकड़ा और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी।
आप यकीन नहीं करोगे.. कितना अच्छा एहसास था वो.. जब आप अपनी ही चूत का रसपान किसी और के हाथों से करें।
अब बारी थी मेरी चूत चुदने की.. तो सभी के मन में सवाल उठा पहला छक्का कौन मारेगा। मैंने दोनों के लण्ड की तरफ देखा.. एंडी का लण्ड दुबारा तन चुका था.. इसलिए हमने पहले मौका एंडी को देना मुनासिब समझा।
मैं एंडी के ऊपर आकर बैठ गई और उसके लण्ड को अपनी चूत के ऊपर रगड़ने लगी। पहली बार मुझे अपनी चूत लण्ड के सामने फीकी लग रही थी.. सालों का लण्ड था ही इतना चमकदार.. जितना कि मेरा चेहरा भी नहीं चमकता था।
अब मैंने एंडी के लण्ड को कन्डोम पहनाया और फिर लण्ड के टोपे को अपनी चूत से सटाया और फिर धीरे-धीरे जिस तरह आप केले का छिल्का निकालते हैं.. उसी की भांति चूत की दिशा में कर दिया। धीरे-धीरे एंडी का लण्ड मेरी चूत में प्रवेश ले रहा था और जैसे ही उसका आधा लण्ड मेरी चूत में गया.. उसने फटाक से अपने लण्ड को ऊपर की तरफ धकेला.. पूरा लण्ड मेरी चूत के अन्दर.. और दर्द में मेरी कराह बाहर..
मैं ज़ोर से चिल्लाई- आआआअहह.. ईईईहहेहह..
तभी मार्क ने अपना काम शुरू किया और एंडी के ऊपर आकर अपने लण्ड को मेरे मुँह में घुसा दिया और मेरे बालों को पकड़ कर उसे अन्दर-बाहर धकेलने लगा।
वहीं एंडी ने भी अब अपना काम जोर-शोर से शुरू कर कर दिया और उछाल-उछाल कर लण्ड मेरी चूत में पेलने लगा। वहीं मैं भला कहाँ पीछे रहने वाली थी.. मैं भी अपने चूतड़ों को उठा-उठा कर एंडी के लण्ड पर पटकने लगी।
अब दोनों लण्ड मेरी सेवा में लगे थे।
कुछ ही देर में मार्क की कमर में दर्द होने लगा और वो अपने लण्ड को मेरे मुँह से निकाल कर मेरा थूक लण्ड में लगा हुआ लेकर मेरे बगल में लेट गया।
उधर मार्क का भी वीर्य स्खलन हो चुका था इसलिए उसका लण्ड भी चूत के बाहर आ गिरा था। मैंने उसके लण्ड के कन्डोम को निकाला और लण्ड के निकले हुए वीर्य को अपने मम्मों में उन्हीं के लण्ड से रगड़ कर मलने लगी।
क्योंकि मार्क की कमर में हल्का सा दर्द हो रहा था.. मैंने मार्क को उल्टा लेटाया और उसकी कमर पर बैठ कर अपने चूतड़ों को आगे-पीछे धकेलने लगी.. जिससे हल्का सा मसाज तो हो ही रहा था.. साथ ही साथ कमरे का माहौल भी खुशनुमा हो गया और सभी खिलखिला कर हँसने लगे।
चुदाई में अगर मलाई और खुशी ना हो तो वो चुदाई-चुदाई नहीं होती.. क्योंकि मेरे हिसाब से चुदाई का असली मतलब एक-दूसरे की इच्छाओं का ख्याल रखा जाना और एक-दूसरे की हर क्रीड़ा में भरपूर सहयोग देना ही होता है।
यानि बोले तो.. जी भर के मज़े लो.. और मज़े दो.. इसी को असली चुदाई कहते हैं।
चुदाई के बीच में मज़ाक भी होता रहे.. तो माहौल हल्का होता है और आप थकते नहीं हैं। अगर आप इस बात से सहमत हैं.. तो कहानी पर एक कमेंट और लाइक करना ना भूलिएगा.. साथ ही साथ अपने लाजवाब लण्ड की तस्वीरें जरूर भेजिएगा।
आपकी सलाह और विचारों का मुझे हमेशा से इंतज़ार रहता है।
इस कहानी में अभी इतना ही.. आगे बताऊँगी कि किस तरह हमने फुल अमेरिकन अंदाज़ में अन्दर बिना कोई कपड़े पहने शॉपिंग की और क्या-क्या किया.. साथ ही रोचक सेक्स पोज़िशन्स का आनन्द लिया। आज के लिए आप लोगों के अलविदा लेती हूँ.. पर इसी इरादे से कि हम फिर से ज़रूर मिलेंगे वो भी बहुत जल्द।
आप मुझे ईमेल करना मत भूलिएगा.. [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000