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मैं कॉलेज स्टूडेंट हूँ.. मुझे कभी कभी काम से जयपुर आना-जाना पड़ता है.. ये कहानी जनवरी के महीने की है और उस समय सर्दी का भारी प्रकोप था।
मैं घर से सुबह 4 बजे निकला घर से, मैंने रोड पर आकर ऑटो लिया और आईएसबीटी पहुँच मैंने विंडो से टिकट लिया और जो सीट मुझे मिली थी मैं उस पर जाकर बैठ गया।
थोड़े टाइम बाद एक एकदम वाइट पीस मेरे साथ वाली सीट पर.. जिसकी उम्र कोई 30 साल.. फिगर 36-34-38 का होगा.. बैठ गई।
सर्दी का आलम था.. सफ़र भी काफ़ी लंबा था.. तो ना चाहते हुए भी मैंने उससे बात करने की सोची। मैंने पूछा- जयपुर?
उन्होंने ‘हाँ’ में जवाब दिया.. बस बातें शुरू हो गईं। थोड़ी देर बाद उसने भी पूछा- आप? मैंने भी कहा- सेम.. जयपुर!
इस तरह बातों-बातों में उसने अपना नाम सविता बताया।
तभी बस चल पड़ी.. अभी 30-40 किलोमीटर ही चली होगी कि मुझे सर्दी लगने लगी।
मैंने चादर निकाली और ओढ़ने लगा.. तभी उसने भी कहा- क्या मैं भी यूज कर सकती हूँ? मैंने कहा- नो प्रॉब्लम.. श्योर..
हम दोनों ने चादर ओढ़ ली और वो सो गई। कुछ टाइम बाद मुझे अजीब सा लगा कि वो मुझसे कुछ ज्यादा ही चिपक कर सो रही है।
थोड़ी देर तो मैंने सोचा.. फिर सोचा क्यों ना ट्राई किया जाए।
तभी मैंने अपने एक पैर से जूता निकाला और उसके पैरों पर फेरने लगा। वो कुछ नहीं बोली। तभी मैंने एक हाथ उसकी जांघ पर रखा.. लेकिन अब भी कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई.. तो मुझे लगा शायद वो काफ़ी जरुरतमंद है.. तभी कोई विरोध नहीं कर रही है।
मैंने हिम्मत करके उसको उठाया। ‘क्या हुआ.. काफ़ी नीड में हो?’
उसने अजीब सी नजरों से देखते हुए स्माइल के साथ कहा- नीड.. कहाँ यार.. तुम भी ना.. और वो चुप।
मैंने कहा- क्या हुआ? उसने कहा- तुम्हें नहीं पता?
उसने मुझे आँख मारी.. मैं समझ गया कि ये मजे ले रही है और इसको सब अच्छा लग रहा है।
तभी उसने फिर कहा- कब तक पहुँच जाएंगे जयपुर? मैंने कहा- एक घन्टे में..
हम चलते गए.. कुछ टाइम बाद जयपुर सिटी के अन्दर एंट्री हो गई।
मैं मन ही मन उदास सा हो चला कि अब बस इसका साथ खत्म हो जाएगा।
तभी उसने कहा- जयपुर में कहाँ जाना है आपको? मैंने अपना पता बताया।
उसने कहा- नो प्रॉब्लम.. आप मेरे साथ चलो.. मैं आपको ड्रॉप करती हूँ। मैंने कहा- ठीक है।
तभी उसने अगले ही पल कहा- दिल्ली वापिस कब जाना है? मैंने कहा- आज ईवनिंग में..
हम बस स्टॉप उतरे और बाहर आकर उसने कहा- हम यहाँ से मेरे फ्लैट और वहाँ से आपको आपके एड्रेस पर छोड़ दूंगी.. बल्कि वो जगह मेरे फ्लैट के पास ही है.. बस 10-15 मिनट की दूरी पर है। अभी आप मेरे साथ चलना चाहो.. तो यू आर मोस्ट वेलकम!
मैं तैयार हो गया, मुझे समझ आ गया था आज तो किस्मत या तो इस पार या उस पार।
वहाँ से हमने एक कैब बुक की और उसके फ्लैट पर गेट खोलते ही उसने कहा- आपको देर तो नहीं हो रही ना? मैंने कहा- नहीं दो घन्टे हैं अभी। तो उसने कहा- ओके नो प्रॉब्लम आप रेस्ट करो.. मैं चेंज करके आती हूँ।
करीब 10 मिनट बाद वो एक काले रंग की नाईटी में मेरे सामने आई.. तो मैं उसे देखते ही रह गया।
क्या बला की माल लग रही थी। मैं एकटक उसको देखता रहा। मेरे देखते देखते वो बड़ी मतवाली अदा से ठुमकती हुई मेरे पास आई और मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चूची पर रख दिया और बोली- क्यों ना काम पूरा किया जाए।
मैं कुछ करता या कहता कि तभी उसने मुझे एक लिप किस कर दी। मैंने भी सोचा कि होता रहेगा काम.. क्यों ना आज इसको भोग लिया जाए। बस मैं साथ देने लगा।
कुछ देर तक चूमाचाटी के बाद वो नीचे बैठी और उसने मेरी जीन्स की चैन खोलकर मेरे लंड को बाहर निकाल लिया.. और हाथ से मसलने लगी। उसकी आँखों में एक अजीब सी मस्ती थी। दो पल बाद उसने मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर बहुत अन्दर तक भर कर चूसना शुरू कर दिया।
मेरा लौड़ा चूसने के साथ ही वो तिरछी नजरों से मेरी तरफ़ देख भी रही थी और मैं भी उसके मुँह में जर्क लगाने लगा, कुछ ही धक्के लगाए होंगे कि मैं खलास हो गया।
उसने कहा- इतनी जल्दी? मैंने कहा- मेरा पहली बार ऐसा मौका है।
वो बोली- वाउ मजा आ जाएगा.. गुड आई लाइक बिगनर्स.. बहुत मजा आएगा। तभी उसने वापिस मेरा लौड़ा मुँह में ले लिया और कुछ ही देर में मेरा लौड़ा 90 डिग्री पर खड़ा हो गया।
वो खड़ी हुई और मेरे होंठों को चूम कर अपने एक हाथ से मेरे खड़े लंड को मसलने लगी।
तभी मैंने कहा- तुम्हारे कपड़े खराब हो जाएंगे। वो बोली- नो टेंशन बेबी.. नए ले लेंगे।
उसने मुझे बिस्तर पर धक्का दे दिया।
एक-एक करके उसने अपने हाथों से मेरे कपड़े उतारे और तभी ना जाने मुझे क्या हुआ मैंने उसको पकड़ कर अपने नीचे लिटा दिया और उसके होंठों को चूमने लगा।
मैंने उसकी ब्रा को खोला और उसके मम्मों को अपने मुँह में भर कर चूसने लगा।
इसी के साथ एक हाथ उसकी पैन्टी के ऊपर घुमाने लगा और वो भी पागलों की तरह मचलने लगी। ‘आआ.. आआह.. ओफ्फ़ बेबी.. अब कंट्रोल नहीं होता.. फक मी..’
मैंने भी जल्दी से उसकी पैन्टी निकाली और चूत को देखने लगा। मेरा यह पहली बार था जब मैं किसी चूत को नंगी देख रहा था।
तभी वो बोली- क्या हुआ.. अच्छी नहीं है? मैंने कहा- नहीं ऐसी कोई बात नहीं है। उसने कहा- ऐसी बात नहीं है.. तो सक इट ना..
उसने मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूत पर लगा दिया और मैं चूत चूसने लगा। उसके मुँह से सेक्सी आवाज़ सुनकर मैं पागल हो गया, मैं उसकी क्लिट को चूसने लगा।
तभी वो चिल्लाई- ओह्ह.. मारोगे क्या.. प्लीज़ आराम से चूसो न.. लेकिन मैंने उसकी एक ना सुनी।
तभी वो अकड़ने लगी और उसने मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूत पर टिका दिया और एक गर्म पानी की पिचकारी छोड़ दी और निढाल होकर बिस्तर पर पड़ गई। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मैंने टिश्यू पेपर से उसकी चूत साफ की और चूत में एक उंगली डाल कर उसकी क्लिट को फिर से चूसने लग गया। कुछ ही टाइम में वो वापिस गर्म हो उठी और बोली- प्लीज़ नाउ फक मी.. आई हॅव नो टॉलरेन्स प्लीज़.. फक मी..
मैंने लंड उसकी चूत पर लगाया उसको एक चुम्बन किया और टाँगें पकड़ कर एक शॉट लगा दिया। मेरा आधा लंड चूत के अन्दर घुस गया। वो चिल्ला उठी और गालियाँ देने लगी- साले.. इतनी ज़ोर से..
दर्द मुझे भी हो रहा था.. क्योंकि मेरा पहला अवसर था।
तभी वो कुछ रिलॅक्स हुई और उसने इशारा किया। मैंने एक शॉट और मार दिया.. पूरा लंड अन्दर.. उसके फेस पर स्माइल आ गई।
मैं लगातार एक के बाद एक शॉट लगाता रहा, धकापेल चुदाई हुई.. वो झड़ गई.. मेरा भी होने वाला था।
तो मैंने कहा- मैं आ रहा हूँ। उसने कहा- अन्दर ही आ जाओ।
और 20-25 शॉट्स के बाद मैं उसकी चूत में फ्री हो गया। कुछ देर हम ऐसे ही पड़े रहे.. फिर हम दोनों उठे।
वो रसोई में गई और मेरे लिए एक गिलास दूध लाई। मैंने दूध पिया ही था कि उसने मुझे बिस्तर पर वापिस लेटा दिया और मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लग गई। एक हाथ मेरी बॉडी पर घुमाने लगी।
कुछ ही देर में लंड वापिस अच्छे मूड में आ गया। इस बार लंड खड़ा होते ही उसने लंड को पकड़ा और चूत पर सैट करके लपक कर लौड़े बैठ गई।
सर्र.. से लौड़ा चूत की जड़ तक पहुँच गया एक हल्की सी आह्ह.. के साथ उसने मेरे लौड़े पर ऊपर-नीचे होना शुरू कर दिया।
मैं भी नीचे से उसकी कमर पकड़कर शॉट लगाने में जुट गया और उसके हवा में उछल रहे मम्मों को हाथ से पकड़ कर मसलने लगा। चुदाई करते वक्त हम किस भी कर रहे थे।
फिर कुछ देर बाद मैंने उसको कुतिया बनने को बोला.. वो जल्दी से हो गई। मैंने भी पीछे से लंड को उसकी लपलप करती चूत पर लगा कर उसकी कमर पकड़कर एक के बाद एक तगड़े शॉट लगाने शुरू कर दिए।
हम इतनी सर्दी में भी पसीने से पूरे पानी-पानी हो रहे थे। इस बार मुझे झड़ने में काफ़ी वक्त लग रहा था.. पर वो जल्दी फ्री हो गई थी।
उसने हांफते हुए मुझे रोका.. पर मैंने कहा- मेरा अभी बाकी है बेबी.. उसने कहा- ओके बी कंटिन्यू.. पर जरा जोर से चोदो।
उसकी आवाज़ सुनकर मेरा कॉन्फिडेन्स बढ़ गया। चूंकि मेरा फर्स्ट टाइम था इसलिए तकरीबन 5-7 मिनट बाद मैं भी फ्री हो गया।
मैंने जल्दी से अपना लंड साफ किया और बाथरूम में जाकर गर्म पानी से नहा कर बाहर आया।
वो ऐसे ही बिस्तर पर चूत पसारे लेटी हुई थी। मैंने कहा- आई हॅव टू गो नाउ..
उसने कहा- मैं आज बहुत खुश हूँ। वो उठी.. मुझे होंठों पर गहरा चुम्बन किया और अपने पर्स से 5000 रूपए मुझे ये कहते हुए दिए- अपने लिए नए कपड़े ले लेना।
मैंने कहा- नहीं.. मुझे ज़रूरत नहीं है। उसने कहा- कोई बात नहीं.. फिर भी मेरा गिफ्ट समझ कर ले लो। मैंने कहा- नो..
वो जिद करने लगी तो मैंने उसका मन रखते हुए 500 रूपए ले लिए।
उसने कहा- क्या हम फिर मिलेंगे? मैंने कहा- आई होप..
मैं जाने लगा.. जाने से पहले उसने मुझे हग किया और थैंक्स बोला।
आज भी हम दोस्त हैं लेकिन वो सब उस दिन के बाद से नहीं किया.. शायद ये ही दोस्ती होती हो।
दोस्तो.. कैसी लगी आपको मेरी कहानी। मुझे आपके ईमेल का इन्तजार रहेगा। [email protected]
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