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ये पारिवारिक चुदाई की गन्दी स्टोरी है, जिन लोगों को रिश्तों में सेक्स पसंद नहीं हो, वो इस कहानी से दूर रहें. इस कहानी में गंदी चुदाई भी पढ़ने को मिलेगी.
दोस्तो, मैं सोनिया वर्मा. ये मेरी पहली सेक्स कहानी है, जो मेरी सहेली संगीता ने मुझे बताई थी. मैंने सोचा कि इस मस्त देसी सेक्स कहानी को आप लोगों के साथ शेयर करूं.
एक बात और इसमें मैंने अपनी तरफ से कुछ मिर्च मसाला लगाया है, शायद आपको भी पसंद आए.
ये एक पारिवारिक चुदाई की कहानी है, इसमें बहुत सारे किरदार हैं. सेक्स कहानी में परिवार के रिश्तेदारों की चुदाई भी शामिल है.
जिन लोगों को रिश्तों में सेक्स पसंद नहीं हो, वो लोग प्लीज़ इस चुदाई की गन्दी स्टोरी से दूर ही रहें. क्योंकि इसमें किरदारों की मां-बहन की चूत भोसड़े खुल कर सामने आएंगे और उनकी गंदी चुदाई भी देखने को मिलेगी. इस सेक्स कहानी में कुछ राज भी छुपे हैं, जो वक्त आने पर ही खुलेंगे.
पहले सबका परिचय:
चिराग: ये कहानी का हीरो है. इसकी उम्र 20 साल है, जिम की हुई मस्त बॉडी है और ये कॉलेज में फाईनल ईयर का स्टूडेंट है.
मुकेश चिराग के पापा हैं. उनकी उम्र 48 साल है. ये एक सफल बिजनेस मैन हैं और कई फैक्ट्रीज के मालिक हैं. ये संगीता के पति हैं.
संगीता चिराग की मम्मी का नाम है. संगीता की उम्र 45 साल है. उनका 38-28-38 का फिगर है और ये एक नम्बर की चुदक्कड़ महिला है.
नेहा चिराग की दीदी है. इसकी उम्र 25 साल है और ये शादीशुदा है. नेहा का 36- 28-36 का मस्त सेक्सी फिगर है. ये मुंबई में रहती है और चुदाई में अपनी मां से दो नहीं चार कदम आगे है.
मनीष नेहा का पति है. इसकी उम्र 29 साल है. ये एक रेडीमेट गारमेंट्स फैक्ट्री का मालिक है.
स्नेहा चिराग की छोटी बहन है. उसकी उम्र 19 साल है. इसका 32-26-34 का कसा हुआ फिगर है और कॉलेज में सेकंड ईयर की स्टूडेंट है. इसका चिराग के कॉलेज में साथ आना जाना होता है.
दोस्तो, इस सेक्स कहानी में और भी बहुत से किरदार आएंगे, जिनका परिचय उनके आगमन पर ही होगा.
रात्रि के 11 बजे मुकेश और संगीता कमरे में बिलकुल नंगे बैठे एक दूसरे से खिलवाड़ कर रहे थे और चुदाई की तेज तेज कामुक सिसकारियों की आवाजें आ रही थीं.
मुकेश संगीता की मोटी सी गांड पर हाथ फेरते हुए बोला- क्या बात है डार्लिंग, तेरी गांड तो तेरी उम्र के साथ बढ़ती जा रही है. संगीता- ये सब आपका किया-धरा है. देखना एक दिन मार मार कर मेरी गांड को भी तुम पिलपिली कर दोगे. इसे भी मेरी भोसड़ी की तरह फला दोगे और साथ में बड़ी भी कर दोगे.
मुकेश- जानेमन, आज मेरा मूड तेरा ये तबला बजाने का ही कर रहा है. संगीता मुकेश के लंड को प्यार से सहलाते हुए बोली- नहीं, आज जो करना है, आगे करो. पिछली बार तुमने मेरी गांड मारी थी … तो मैं चार दिन तक लंगड़ा कर चली थी … भूल गए क्या!
मुकेश संगीता की गांड पर थप्पड़ मारते हुए बोला- मजा भी तो कितना आया था. संगीता- देखो जी, आज मेरी चूत में आग लगी है. पहले उसको बुझा दो, मेरी गांड फिर कभी मार लेना.
मुकेश- डार्लिंग तेरी चूत, अब चूत नहीं रही … फट के ढीला भोसड़ा हो गई है उसमें मुझे मजा नहीं आता. संगीता- आज रहने दो ना … बच्चे अब बड़े हो गए हैं. कभी पूछ लिया, तो उनको मैं क्या जवाब दूंगी!
मुकेश- ठीक है साली मादरचोद, पहले लंड तो चूस … फिर देख कैसे मैं तेरी मां चोदता हूँ. संगीता- आप क्या चोदोगे, वो तो पहले से ही मेरे बाबूजी से चुदी चुदाई है. तभी तो मैं पैदा हुई हूँ, तुम बस मुझे चोदो.
मुकेश संगीता की पपीते जैसी चूंचियों को निचोड़ कर बोला- और तेरी बहन, साली उसको तो बुला ले, उसी को चोद दूंगा. संगीता उठ कर बोली- मेरी मां को चोदोगे, मेरी बहन को भी चोदोगे … पर अभी जो आपके सामने चूत खुली हुई है उसको चोदने में आपकी दीदी का फटीचर भोसड़ा चुद रहा है!
वो भुनभुनाते हुए मुकेश के पैरों के बीच में आई और एक झटके में उसका लंड मुँह में भर कर चूसने लगी.
मुकेश- आआह धीरे कर कुतिया … किसी दिन मेरा लंड उखाड़ कर मानेगी तू … आआईईई … साली काट मत. मगर संगीता तो मस्त मगन होकर लंड चूस रही थी.
मुकेश- सच यार … तुम क्या लंड चूसती हो … आआह बस ऐसे ही चूस … मेरे दिल की रानी … आह मजा आ गया.
संगीता ने अपने मुँह से मुकेश का लंड निकाल कर एक बार उसकी तरफ देखा और इस बार तो मुकेश का अंडकोष मुँह में भरके चूसने लगी और लंड हाथ में लेकर मुठ मारने लगी.
मुकेश की इस दोहरे मजे से सिसकारी रुकने का नाम नहीं ले रही थी- आआह डार्लिंग … मेरी जानेमन, तू सच में चुदैल नंबर वन है … आआह साली रंडी मेरी रखैल … मेरी कुतिया … आह अब बस भी कर मेरी चुदक्कड़ छिनाल.
संगीता अपनी जगह से उठी और अपनी एक चूची पकड़ कर मुकेश की गोद में बैठ कर उसे अपना दूध पिलाते हुए उसके सर को सहलाने लगी.
मुकेश एक मिनट तक संगीता का दूध पीने के बाद बोला- इसमें तो कुछ निकलता ही नहीं है, इससे अच्छा तो तेरा भोसड़ा है … जिसमें से गर्म गर्म मलाई तो भरी हुई है.
उसने संगीता को 69 की पोजीशन में लिटा दिया और उसके बड़े से भोसड़े पर अपना मुँह लगा कर एक बार फिर से दोनों एक दूसरे के चूत और लंड चाटने चूसने लगे.
मुकेश संगीता का रसीला भोसड़ा फैला कर अन्दर तक जीभ डाल कर चाटता हुआ बोला- आह … क्या मस्त टेस्ट है तेरी मलाई का!
संगीता मुकेश का लंड चूसना छोड़ कर सिसकने की मशीन बन गई और बकने लगी- आह सीईईई मेरी मां आआह और कितना अन्दर घुसोगे … आईई ओह ओ मां मैं गई … ओह आआ आआह हाय तौबा क्या चूत का चटोरा मिला है मुझे … मां देखो तो अपने इस चूत चाटू दामाद को … हाय मैं गई.
ये कहते हुए संगीता मुकेश के मुँह में झटके खाते हुए झड़ गई.
मुकेश भी कम नहीं था, उसने संगीता की चूत की मलाई का एक कतरा भी व्यर्थ नहीं जाने दिया, कुछ माल बह कर संगीता की गांड तक गया था … उसको भी मुकेश ने अपनी लंबी जीभ निकाल कर चाट लिया तब ही उसने अपना मुँह हटाया.
मुकेश ने संगीता के ऊपर आकर संगीता के जलते हुए गर्म भोसड़े पर अपना फनफनाता लंड रख दिया और एक ही धक्के में आधा लंड चुत में उतार दिया.
फिर एकदम से धक्कों की तेज बारिश के साथ वो संगीता को चोदने लगा- ले साली … अब बताता हूँ चुदाई क्या होती है. संगीता- आआह और जोर से चोदो आआह … हां और तेज मेरे राजा … आआह मेरे चोदू भगत … मेरी चूत के पुजारी … चोदो मुझे … आईईईई हां बस ऐसे ही.
मुकेश- साली रंडी ले कमीनी … अपने इस लायसेंसी यार का मूसल ले … मादरचोद कुतिया … आज तो तेरी चूत का कचूमर नहीं निकाला, तो तेरा भरतार (खसम) नहीं. वो दनादन दनादन संगीता को लगातार चोदे जा रहा था.
फुल स्पीड में उसका लंड धकाधक धक्के के साथ किसी पिस्टन के जैसे संगीता के भोसड़े में अन्दर बाहर हो रहा था और उसकी गोटियां संगीता के गोल मटोल चूतड़ों से टकरा कर पट पट की ध्वनि पैदा कर रही थीं.
पर अब मुकेश भी झड़ने के करीब आ गया था.
संगीता- ओह मां … बचा ले अपने चोदू दामाद से मुझे … देख तेरी बेटी को तेरा ये दामाद कैसे रंडियों की तरह चोद रहा है. हाय तौबा … बचा लो मां … मुझे बचा लो … आईईईई ओओओह हाययययय मैं मर गई रे!
बस इसी के साथ संगीता के भोसड़े का गर्म गर्म झरना फूट पड़ा.
मुकेश- भोसड़ा चोदी साली, मां को बुला रही है … भूल गई क्या उसने भी मेरे ससुर से इसी तरह चुदवाया था … वो अपनी विशालकाय गांड उठा उठा कर चुदी थी, तभी तू रंडी पैदा हुई थी साली.
ये बोलते हुए मुकेश ने संगीता का पूरा भोसड़ा अपने पानी से भर दिया.
दोनों थोड़ी देर तक ऐसे ही पड़े रिलेक्स होते रहे. उनके चेहरे बता रहे थे कि दोनों आज भी संतुष्ट हुए हैं.
फिर पहले संगीता उठ कर बाथरूम में गई, वो अपने आपको साफ करके आई. उसके बाद मुकेश भी फ्रेश हुआ और दोनों एक दूसरे की बांहों में नंगे ही सो गए.
सुबह संगीता की नींद खुली, तो उसने अपने आप को मुकेश के नीचे पाया.
वो कसमसाते हुए उठी तो देखा मुकेश लंड अभी भी खड़ा है. उसने झुक कर लंड मुँह में ले लिया और एक बार चूस कर बाथरूम चली गयी.
वहां से वो नित्य क्रियाओं से फ्री होकर नंगी ही बाहर आकर. उसने बाहर आकर सिर्फ एक नाईट गाउन पहना, फिर किचन में जाकर सबके लिए चाय बनाने लगी.
वो पहले चिराग को उठाने गई.
संगीता उसके रूम में गई तो अन्दर जाते ही उसकी आंखें फैल गईं. स्नेहा और चिराग इस दुनिया से बेखबर एक दूसरे से लिपटे सोये पड़े थे.
स्नेहा की नाईटी अस्त व्यस्त होकर उसकी कमर तक चढ़ी हुई थी, जिसमें से उसकी साटन की झीनी सी पैंटी में गोल मटोल गोरी गांड फंसी हुई थी. उसकी केले जैसी चिकनी गोरी टांगें चमक रही थीं.
संगीता मन में सोचने लगी कि इस लड़की को कब अक्ल आएगी. ये अपने कमरे में सोने के बजाए यहां इस जवान भाई से लिपट कर बेखबर सोई पड़ी है, वो भी ऐसी हालत में. अगर चिराग देख लेगा तो अनर्थ हो जाएगा.
संगीता अपनी इसी सोच से बाहर आते हुए आवाज लगाने लगी- स्नेहा, स्नेहा उठ इतनी बड़ी हो गई … शर्म नहीं आती तुझे भाई के साथ सोते हुए. चल उठ देर हो रही … कॉलेज नहीं जाना क्या?
स्नेहा एक मॉर्डन जमाने की वो लड़की है, जिसे इस सबसे कोई परहेज नहीं था. वो दोनों भाई बहन कम … और दोस्त ज्यादा थे. आपस में अपनी हर बात शेयर करते थे.
और सबसे बड़ी बात ये कि इनके बीच कोई पर्दा नहीं था. एक दूसरे के चूत लंड भी नहीं छुपाते थे. पर इन्होंने अभी तक कभी अपनी सीमा पार नहीं की थी.
“गुड मॉर्निंग मॉम.” अपनी मां की गोद में सिर रखते हुए स्नेहा बोली. संगीता- बेटी तू अब बड़ी हो गई है, अपने कपड़ों का ध्यान रखा कर. तू देख जरा … ये क्या हालत कर रखी है!
उसने स्नेहा की नाईटी की तरफ इशारा करके कहा- अगर चिराग तुझे इस तरह देख लेता … तो तुझे अच्छा लगता? स्नेहा- कम ऑन मॉम … कुछ नहीं होता. ये मेरा सोहना भाई है … ये कभी कुछ गलत कर ही नहीं सकता. और आप मुझे कह रही हो, अगर आपको चिराग इस प्रकार देख ले तो!
उसने संगीता की हिलती हुई पिलपिली चूची पकड़ कर कहा, तो संगीता बनावटी गुस्से में थोड़ा शरमाते हुए- क्या करती है छोड़ मुझे … दिन ब दिन बेशर्म होती जा रही है और तू अपने रूम में क्यों नहीं सोती?
स्नेहा मुस्कुरा कर मजे लेते हुए अपनी मॉम की एक चूची हल्के से दबा कर बोली- कल रात आप दोनों की यहां तक आवाजें आ रही थीं. संगीता मन में बोली ‘हे भगवान … ये कैसे हो गया.’ फिर संभल कर बोली- चल झूठी … हम ऐसा वैसा कुछ नहीं कर रहे थे … वो तो वो तो …
स्नेहा एकदम से हंसते हुए बोली- क्या ऐसा वैसा मॉम? संगीता उसकी बात समझ कर बोली- मार खाएगी तू किसी दिन, चल उठ देर हो रही अब.
ये बोल कर वो बाहर जाने लगी.
स्नेहा उछल कर बिस्तर से बाहर आई और एक झटके में अपने सिर से नाईटी निकाल कर संगीता के ऊपर फैंक दी. फिर केवल ब्रा-पैंटी में दौड़ते हुए अपने रूम में भाग गई.
संगीता- किसी दिन हमारी नाक कटवायेगी ये लड़की … जब देखो बचपना करती फिरती है. फिर जैसे ही उसकी नजर अपने लाड़ले एकलौते बेटे चिराग पर पड़ी, तो उसके मन से एक आवाज उठी कि कितना मासूम है मेरा बेटा.
वो उसके पास जकर प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरते हुए बोली- चिराग बेटा उठ … कॉलेज जाने में देर हो जाएगी.
चिराग- गुड मॉर्निंग स्वीट मॉम, थोड़ी देर और सोने दो ना … कितने बज गए हैं? संगीता- साढ़े सात बज रहे हैं, चल उठ वरना लेट हो जाएगा.
चिराग उठ कर मॉम के हाथ से चाय लेकर पीते हुए बोला- वो भूतनी उठी या नहीं? संगीता- बेटा वो अब बड़ी हो गई है. उसको यहां मत सोने दिया कर.
चिराग- मॉम अभी बच्ची है वो, ये पूरा घर उसका है. जहां मर्जी सो जाए … इसमें छोटी बड़ी की क्या बात है! संगीता- बिगाड़ उसको … मुझे क्या.
वो भुनभुनाते हुए निकल गई- मैं नाश्ता बना रही हूं, जल्दी तैयार होकर नीचे आ जाना.
संगीता नीचे जाने लगी, तभी उसको अहसास हुआ कि उसकी चूंचियां बिना ब्रा के सचमुच कुछ ज्यादा ही हिल रही हैं.
संगीता को अपने बेटे चिराग के सामने अपनी चूचियां हिलती हुई महसूस हुईं तो वो सोचने लगी कि उसका बेटा न जाने क्या सोच रहा होगा.
दोस्तो, इस पारिवारिक चुदाई की गन्दी स्टोरी के अगले भाग में चूत चुदाई का रस और भी ज्यादा छलकेगा. अभी के लिए आप सभी से विदाई लेती हूँ. आप मुझे इस सेक्स कहानी के लिए अपने मेल लिखना न भूलें. [email protected]
चुदाई की गन्दी स्टोरी का अगला भाग: लंड चुत गांड चुदाई का रसिया परिवार- 2
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