This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
अंकल काफ़ी खुश नजर आ रहे थे, उनके हाथ में एक पैकेट था, वह पैकेट मेरी ओर बढ़ाते हुए अंकल ने कहा- यह तुम्हारे लिए है।
मैंने पैकेट लेते हुए पूछा- इसमें क्या है? अंकल बोले- ऊपर चल कर आराम से खुद ही देख लो..
हम लोग ऊपर आ गए और अंकल ने कहा- चलो बेडरूम में बैठते हैं। मैं अपने बेडरूम की तरफ बढ़ी.. तो अंकल ने कहा- आओ मेरे बेडरूम में बैठो।
अपने आफ़िस के टेबल से चाबी निकाल कर अपना बेडरूम खोलने लगे.. मैं उनके पीछे ही थी।
बेडरूम खुलते ही उन्होंने अन्दर क़दम बढ़ाया.. लेकिन मैं थोड़ा झिझक रही थी। अंकल ने मुस्करा कर मेरी तरफ देखा और मेरा हाथ पकड़ते हुए बोले- आ जाओ.. तुम्हारे जैसी मॉडर्न लड़कियाँ भी शरमाती हैं कहीं? और देखो तो मैं तुम्हारे लिए क्या लाया हूँ..
अंकल के ऐसा कहने से मैं भी मुस्कुराते हुए अंकल के पीछे उनके बेडरूम में दाखिल हो गई। थोड़ी ही देर पहले ख़यालों में मैं जिस प्रकार अंकल को अपने साथ महसूस कर रही थी.. उसे सोच कर मैं मस्ती में आने लगी।
मैंने अंकल को गहरी नज़र से देखा तो मेरा दिल तेज़ी से धड़कने लगा। वो एकटक मेरे गोल-गोल कसे हुए मम्मों को देख रहे थे।
मुझे अपनी तरफ देखते हुए अंकल ने देख लिया.. तो जल्दी से अपनी आँखें उन्होंने मेरे मम्मों से हटा लीं और मेरी तारीफ़ करते हुए कहने लगे- तुम सचमुच बहुत क्यूट हो.. इतनी सी उम्र में इतनी भरपूर जवानी और ऐसा निखरा हुआ हुस्न तो मैंने कहीं देखा ही नहीं.. तुम बहुत प्यारी हो.. एकदम से हसीन गुड़िया की तरह..
अपनी इतनी तारीफ सुन कर मैं और भी खुश हो गई, फिर भी बोली- अंकल आप मुझे बेवक़ूफ़ तो नहीं बना रहे हैं.. क्या मैं सचमुच आपको बहुत अच्छी लगती हूँ? अंकल बोले- मैं ही क्या.. तुम्हें जो भी देखेगा.. वही तुम्हारी जवानी.. खूबसूरती और हुस्न के नशे में बहकने लगेगा।
मैं एकदम से खिलखिला कर हँसते हुए अंकल की छाती से जा लगी। मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था.. लग रहा था अंकल से पूरी ताक़त से लिपट जाऊँ।
अंकल ने मेरी गर्दन और मेरी पीठ सहलाना शुरू कर दिया, मुझ पर नशे सी मस्ती छाने लगी।
फिर अचानक ही पता नहीं मुझे क्या हुआ कि मैंने अंकल के होंठों पर अपने होंठ रख दिए। अंकल ने तो एकदम जोश में आकर मेरे निचले होंठ को अपने मुँह में भर लिया और कस-कस कर चूसने लगे।
फिर मैंने मस्ती में अपनी ज़ुबान अंकल के मुँह में डाल दी, अंकल मेरी जीभ को ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगे। मैं मस्ती में बदहवास हो ती जा रही थी, हम एक-दूसरे के होंठ और ज़ुबान को खूब चाट.. चूस रहे थे।
तभी अंकल का एक हाथ मेरे बाएँ चूचे पर आ गया.. आहिस्ता से उन्होंने अपनी उंगली को मेरे निप्पल पर फेरा.. तो मैं एकदम से मस्ती में छटपटा उठी। अंकल बेहद आहिस्ता-आहिस्ता मेरी निप्पल पर अपनी उंगली फेर रहे थे।
इससे मेरे बदन का एक-एक रोआं खड़ा हो गया, मुझे लगा कि अंकल मेरे दूसरे मम्मे की निप्पल पर भी ऐसे ही उंगली फिराएं। मैं कसमसा कर अपना दूसरा चूचा अंकल की छाती पर रगड़ने लगी।
कमरे में चारों ओर दीवारों पर लगी कामुक.. औरत-मर्द की बेहद गर्म.. एक-दूसरे को चूमती-चाटती तस्वीरें.. एक-दूसरे के लौड़ों और बुर को पकड़ते.. सहलाते.. सहवास करते मंज़र ने हम दोनों को ही बेहद उत्तेजित कर दिया था।
अंकल भी अब बहुत बेक़ाबू होते जा रहे थे, वे मुझे लेकर वहीं सोफे पर बैठ गए.. इस तरह बैठने से मैं बिल्कुल अंकल की गोद में आ गई।
नीचे मुझे अपनी चूतड़ों के बीच कुछ गोल भारी सा महसूस होने लगा, मेरी मदहोशी और भी बढ़ने लगी, मुझे नीचे हाथ करके अंकल का लंड पकड़ने की इच्छा होने लगी।
मेरी बुर में पानी उतर आया था, मैं अपनी बुर को अंकल के लंड पर रगड़ने की कोशिश करने लगी। अंकल अब दोनों हाथों की उंगलियाँ मेरे दोनों मम्मों के निप्पल पर चला रहे थे। फिर वे मेरे दोनों मम्मों को अपनी हाथों से मसलन लगे।
मस्ती से मेरा जिस्म लहराने लगा और मैं तेज़ी से अंकल की गोद में अपनी कमर रगड़ने लगी। तभी मेरी बुर ने पानी छोड़ दिया.. मैं एकदम से हड़बड़ा गई.. मेरी साँसें बहुत तेज़ चल रही थीं, मैं एकदम से अंकल की गोद में ढह गई।
अंकल ने अपने आप पर क़ाबू पाते हुए मुझे अपने से अलग किया। शायद वे सब समझ रहे थे कि मेरा पानी निकल गया है। मुझे अब काफ़ी शरम आ रही थी।
लेकिन अंकल ने फ़ौरन ही कहा- बेबी अपना पैकेट तो देख लो।
मैंने भी माहौल को अपने अनुकूल बनाने के लिए डब्बा खोलना शुरू कर दिया। डब्बा खुलते ही मैं अंकल का मुँह देखने लगी और मुस्कुरा कर बोली- अंकल अब लगता है आप शादी करने की तैयारी कर रहे हैं.. ब्रा और पैंटी तो कोई मर्द अपनी पत्नी के लिए ही खरीदता है, ये मैं कैसे ले सकती हूँ।
अंकल ने कहा- पहले तुम इन्हें निकाल कर तो देखो और बताओ कि यह कैसी है?
मैंने अंकल का दिल रखने के लिए डिब्बों को खोला तो उसमें एकदम मेरी बाडी कलर का लैटेक्स का ब्रा और इसी तरह की पैंटी.. मुझे यह बहुत पसंद आया।
फिर भी अंकल से कहा- ये आप मेरे लिए लाए हैं..? अंकल ने कहा- हाँ.. यह तुम्हारे लिए है.. तुम्हें पसंद आया? मुझे थोड़ी झिझक हो रही थी.. फिर भी मैंने कह दिया- अंकल यह यह बहुत अच्छा है.. बहुत खूबसूरत..
यह सुन कर अंकल खुश हो गए और उन्होंने कहा- तुम इसे पहन कर दिखाओ.. मैं भी तो देखूं कि तुम्हारे जिस्म पर यह कैसा लगता है? मैंने थोड़ा शरमाते हुए कहा- अंकल आपके सामने? अंकल बोले- मुझसे क्या शरमाना?
तब मैंने भी अपनी झिझक को दरकिनार करते हुए अंकल को खुश करने का फ़ैसला कर लिया.. मैंने उनके सामने ही अपना टॉप उतारा और फिर अपनी पहनी हुई स्ट्रेपलैस ब्रा भी उतार दी। अंकल एकटक मेरे नंगे मम्मों को देखे जा रहे थे। उनके ऐसे देखने से मेरे जिस्म में फिर से सनसनी उतरने लगी।
मैंने मुस्कुराते हुए अंकल की लाई हुई ब्रा उठा कर अपनी चूचियों पर रखा और दोनों हाथ पीछे ले जाकर ब्रा के फीते के सिरे पर लगे हुक को एक-दूसरे से जोड़ दिया।
अंकल ने उठ कर मेरी गोलाइयों पर ब्रा को एडजस्ट कर दिया.. मुझे फिर से शर्म आने लगी.. लेकिन अब जब कि अंकल मेरे नंगे मम्मों को देख चुके थे.. उससे पहले अपनी उंगलियों से उसके चूचुकों को भी सहला चुके थे.. अपनी मुठ्ठियों में भर कर उसके मज़े ले चुके थे.. तो अब क्या शरमाना..!
मैंने अंकल को अपने मम्मों पर अपना ब्रा एडजस्ट करने दिया।
बिस्तर के सिरहाने लगे बड़े से आईने में मैंने अपने आपको देखा.. तो ऐसा लगा जैसे मेरे मम्मे बिल्कुल नंगे हैं। पता ही नहीं चलता था कि मैंने कोई ब्रा पहन रखी है, केवल मेरे निप्पल निकले हुए नज़र नहीं आ रहे थे.. लेकिन ब्रा के अन्दर से उनकी झलक साफ नज़र आ रही थी।
मुझे फिर से झिझक होने लगी.. मगर अंकल मुझे इस हाल में देख कर मस्त हुए जा रहे थे।
उन्होंने पैंटी पहनने को भी कहा.. मैंने अंकल के चेहरे की खुशी देख कर आहिस्ता से अपनी पैंट को खोलना शुरू किया.. तो अंकल ने अपना हाथ लगा कर मेरी पैंट को सटाक से नीचे खींच दिया।
मेरी पैंटी बिल्कुल गीली हो रही थी.. अंकल ने भी इसे देख लिया.. तो बोले- जल्दी उतारो.. इसे तो तुम्हें पहले ही उतार देना चाहिए था।
मुझे बहुत शर्म आने लगी.. लेकिन इस सिचुएशन में मैंने खुद को एक मॉडर्न लड़की के रूप में रखते हुए वह सब कुछ करने का फ़ैसला कर लिया.. जो अंकल को अच्छा लगे। क्योंकि मैं अंकल को हँसते.. मुस्कुराते देखना चाहती थी।
पता नहीं क्यों.. अंकल मुझे बहुत प्यारे लगने लगे थे और एकदम अपने से.. उन्हें खुश देख कर मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।
मैं आहिस्ता-आहिस्ता अपनी अंडरवियर को नीचे करने लगी। अंकल मेरे बिल्कुल क़रीब आ गए.. मेरा अंडरवियर जैसे ही मेरी जांघों तक आया। अंकल ने अपना हाथ लगा कर उसे नीचे सरका दिया। वह मेरी चिकनी बुर देख कर मचल उठे।
बोले- वाऊ.. तुम्हारा यह पोरशन तो लाजवाब है.. किस चीज़ से शेव करती हो? और वो मेरी बुर के ऊपरी हिस्से को सहलाने लगे। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मैं तो एकदम से पागल होने लगी.. इतनी मस्ती आने लगी कि मेरी आँखें बंद होने लगीं।
अंकल ने आहिस्ता से अपने होंठ मेरी चूत के ऊपरी भाग पर रख दिए। मैं मस्ती में काँपने लगी.. पहली बार कोई मर्द इस प्रकार मेरे जिस्म के प्राइवेट भागों को छू रहा था।
मैं बेक़ाबू होकर अंकल से लिपटने को बेक़रार होने लगी, मेरे हाथ अंकल के सर के बालों को खींचने लगे।
अंकल को मेरी तड़प का एहसास हुआ.. तो उन्होंने खड़े होकर मुझे पूरी तरह अपनी आगोश में भींच लिया। मैं भी उनसे बुरी तरह लिपट गई और हमारे लब आपस में जुड़ गए, पूरे जोश में हम दोनों एक-दूसरे के होंठ और जीभ को चाट चूस रहे थे।
कुछ देर बाद अंकल ने मुझको खुद से अलग किया और अपनी लाई हुई पैंटी मुझे पहनाने लगे। मेरी जांघों में ऊपर चढ़ा कर पैंटी को उन्होंने मेरी बुर और कमर पर फिट कर दिया और मुझे लिए हुए आईने के सामने आ गए।
बोले- देखो तुम्हारे जवान जिस्म पर यह कितना शानदार लग रहा है..
आईने में मैंने अपने को देखा तो एक बार फिर से लजा गई, लग ही नहीं रहा था कि मैंने पैंटी पहनी हुई है। मैं इसमें बिल्कुल नंगी लग रही थी। मेरी बुर के चीरे का निशान भी साफ झलक रहा था।
दोस्तो मैं अपनी जिन्दगी के सबसे हसीन वाकयात आपको बता रही हूँ। मैं चाहती हूँ कि आप मेरी कहानी पर अपने ख्यालात मेरे दोस्त की ईमेल पर भेज दें..
कहानी जारी है। [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000