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दोस्तो मेरा नाम भाऊ है और मैं ग्रेजुएशन कर रहा हूँ। मैं अपने घर का इकलौता लड़का हूँ।
मेरी एक गर्लफ्रेंड है.. जिसका नाम तन्वी है.. वो 12 वीं में पढ़ रही है.. तन्वी बहुत अच्छी लड़की है, वो मुझसे बहुत प्यार करती है। मैं भी उसको बहुत प्यार करता हूँ। अब मैं बताता हूँ कि तन्वी को कैसे चोदा।
मैंने तन्वी से एक बार मिलने को कहा.. तो उसे डर लग रहा था कि कहीं मैं उसको चोद न दूँ क्योंकि एक बार तन्वी ने मुझे अपने घर बुलाया था तो मैंने उससे कहा था कि मुझको चुम्बन करना है।
उसके ‘हाँ’ कहने पर मैं उसको लेकर बाथरूम में चला गया ताकि हमें कोई देख ले। जब मैं तन्वी को चुम्बन कर रहा था.. तो अचानक मेरा लंड खड़ा हो गया और मैंने जोश में आकर तन्वी को अपना लंड थमा दिया। वो मेरा लंड देख कर डर गई। मेरे लंड का साइज़ 9 इंच का है।
मैंने कहा- इसको अपने हाथ से हिलाओ। तो वो शर्माने लगी। फिर मेरे जबरदस्ती करने पर उसने लंड को हिलाया, हिलाते-हिलाते मेरा चोदने का मन बन गया। मैं उसको चोदने जा ही रहा था कि उसके चाचा ने आवाज लगाई ‘तन्वी तन्वी..’ और हम दोनों डर गए।
मैंने जल्दी से अपनी चैन बंद की और चुपके से बाथरूम से घर चला आया। मेरा मूड बहुत ख़राब था। मैंने घर आकर ब्लू-फ़िल्म देखी और मुठ्ठ मार कर सो गया।
फिर मैं उस दिन से तन्वी को चोदने के बारे में सोचने लगा कि कब तन्वी को चोदने का मौका मिलेगा। मैंने कई बार तन्वी को मिलने को कहा.. पर उसने मना कर दिया। वो डरती थी.. इसलिए मेरे से नहीं मिलती थी कि कहीं मैं उसको चोद न दूँ और चोदने के बाद छोड़ न दूँ। फिर मैं उसको रोज मनाने लगा कि वो मुझसे मिलने तो आए।
फिर वो एक दिन मुझसे पार्क में मिलने आई.. तो मैंने उसको चुम्बन भी नहीं किया.. तो वो समझ गई कि मैं सुधर गया हूँ। मैं जहाँ उसको बुलाता.. वो चुपचाप बिना नखरे किए वहाँ आ जाती। फिर देखिए.. मैं भी कितना चालाक हूँ.. कि मैं उसको कुछ भी नहीं करता था ताकि उसका भरोसा मुझ पर बना रहे।
एक दिन ऐसा हुआ कि मेरे घर पर कोई नहीं था.. तो फिर मैंने तन्वी को फ़ोन किया और उसे घर पर आने को कहा।
उसको पहले तो घबराहट हुई.. फिर मैंने उसको फ़ोन पर खूब मनाया तो वो मान गई और थोड़ी देर में मेरे घर पर आ कर उसने घंटी बजाई।
मैंने दरवाजा खोला तो उसको देखता ही रह गया, साली एकदम नए कपड़ों में आई थी।
अब से पहले उसने वो ड्रेस पहले कभी नहीं पहनी थी। ब्लू कलर की जीन्स और सफेद टॉप पहना हुआ था। टॉप सफेद होने के कारण टॉप के नीचे से ब्रा दिख रही थी।
मैंने उससे बैठने के लिए कहा और मैंने पूछा- चाय पीओगी? तो उसने कहा- हाँ। तो मैंने कहा- जाओ किचन में और चाय बना कर ले आओ।
उसने वैसा ही किया, उसने दो कप चाय बनाई और खुद भी पी और मुझको भी पिलाई।
हम दोनों प्यार-व्यार की बातें करने लगे। थोड़ी देर में मेरा लण्ड खड़ा हो गया। मैंने सोच लिया था कि आज तो तन्वी को चोद कर ही रहूँगा.. क्यों न जबरदस्ती करनी पड़े।
मैंने टीवी ऑन कर दिया और हम दोनों टीवी देखने लगे। मैंने मैच लगा दिया तो उसने कहा- मुझको मैच पसंद नहीं है.. प्लीज। फिर मैंने टीवी ही बंद कर दिया और सेक्सी बातें करने लगा।
मैं उससे सेक्सी बातें कर ही रहा था कि मेरा लण्ड लोहे की तरह एकदम टाइट हो गया। अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मैंने उसको कस कर पकड़ लिया, वो डर रही थी।
पहले मैंने उसके सुन्दर गालों पर चुम्बन किया। फिर धीरे-धीरे उसके होंठों पर एक मीठी वाली पप्पी ली.. ताकि उसको थोड़ा रोमांटिक लगे। फिर मैं कस कर उसके गालों को चूमने लगा.. उसके गाल लाल-लाल हो गए थे।
फिर मैंने उसके होंठों पर चुम्बन किया और जोर-जोर से उसके होंठ चूसने लगा। वो मेरा साथ नहीं दे रही थी। मैं अचानक किस करते-करते हट गया और नाराज होने वाली एक्टिंग करने लगा।
उसने कहा- क्या हुआ.. गुस्सा क्यों हो गए? तो मैंने कहा- मैं कब से तुम्हें चुम्बन कर रहा हूँ और तुम मेरा साथ नहीं दे रही हो। उसने कहा- दे तो रही हूँ। मैंने कहा- अच्छा देखूँ मैं..।
मैं फिर उसको चुम्बन करने लगा। उसके होंठों को चूसने लगा। इस बार वो भी मेरा साथ दे रही थी और मुझसे ज्यादा तेज मेरे होंठों को चूसने लगी थी।
धीरे-धीरे उसको भी मज़ा आने लगा.. फिर चुम्बन करते-करते मैंने उसकी गर्दन पर हाथ फिराना शुरू किया। वो ‘आहें’ भरने लगी।
मैं गर्दन से थोड़ा नीचे आया तो वो दूर हट गई। मैंने उसको फिर खींचा और किस करने लगा।
फिर अचानक मैंने उसके मम्मों को पकड़ लिया और सहलाने लगा। इस बार उसने कुछ नहीं किया। शायद उसको मेरा धीरे-धीरे सहलाना अच्छा लगा। फिर मैं उसकी गर्दन पर चुम्बन करने लगा और उसके मम्मों को धीरे-धीरे दबाने लगा। वो मछली की तरह फड़फड़ा रही थी और अपने मुँह से आवाज निकाल रही थी ‘ओह अअआ आहा.. हाह..’
मैंने उसका टॉप उतारना चाहा.. तो वो मुझे घूरने लगी और मैं भी उसको देखते-देखते उसके टॉप को उतारने लगा। फिर अचानक उसने अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाया.. तो मैंने एक ही झटके में उसका टॉप उतार दिया।
अब वो वाइट ब्रा और जीन्स में थी। मैं उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मों को सहलाने और दबाने लगा। मैंने धीरे से उसकी ब्रा उतार दी.. वाह.. क्या चूचियाँ थीं यार.. छोटे-छोटे निप्पल.. और एकदम ताजी सी चूचियाँ.. ऐसा लग रहा था कि उसने कभी अपने हाथों से भी उन्हें कभी नहीं दबाया था। बहुत शानदर थीं उसकी चूचियाँ..
मैं उसकी चूचियों को चूसने लगा.. फिर चाटने लगा। ।इसी के साथ मैं अपने हाथ से उसकी बुर को जीन्स के ऊपर से ही सहला रहा था। क्या बताऊँ दोस्तों.. बहुत मजा आ रहा था।
फिर मैंने अपनी जीन्स को उतार दिया.. अब मैं सिर्फ अंडरवियर में था और मेरा लण्ड अंडरवियर से साफ-साफ खड़ा दिख रहा था.. वो मेरे लण्ड को घूर रही थी।
फिर मैंने उसको अपनी जीन्स उतार देने को कहा.. तो उसने मना किया। मैं उसको मनाने लगा और उसकी जीन्स का बटन खोला तो वो शर्मा रही थी। मैंने धीरे-धीरे उसकी जीन्स उतारी और उसने इस काम में मेरी मदद भी की।
मैंने उसको पूरी नंगी कर दिया और मैं भी पूरा नंगा हो गया। अब हम दोनों एक-दूसरे से चिपक गए और एक-दूसरे को किस करने लगे। क्या बताऊँ.. क्या मस्त नज़ारा था.. जैसे ब्लू-फ़िल्म की शूटिंग चल रही हो।
मैंने उसके हर पार्ट पर चुम्बन किया.. मैंने उसकी चूत 15 मिनट तक चाटी। फिर मैंने एक उंगली उसकी चूत में डाल दी.. उसको बहुत दर्द हुआ।
मैं धीरे-धीरे उसकी चूत में फिंगरिंग करने लगा.. उसको बहुत दर्द हो रहा था। तब मैंने सोचा कि मेरा 9 इंच का लण्ड जब डालूंगा.. तो इसका क्या हाल होगा.. ये तो मर ही जाएगी साली।
मैंने उससे कहा- अब तुम मेरा लण्ड अपने मुँह लो.. तो उसने कहा- मुझको गन्दा लगता है। मैंने कहा- एक बार लेकर तो देखो.. बहुत मज़ा आएगा।
मेरे बहुत कहने पर उसने मेरे लण्ड पर चुम्बन किया और बस चुम्बन ही कर रही थी।
मैंने कहा- यार तन्वी.. मज़ा नहीं आ रहा है।
ये कह कर मैंने उसका सर पकड़ा और लण्ड उसके मुँह में डाल दिया।
मैं उसका सर पकड़ कर हिलाने लगा अब वो मेरा लण्ड सही तरह से मुँह में ले रही थी। मैंने 10 मिनट तक उसके मुँह से ही मुठ मरवाई.. मेरा वीर्य उसके मुँह के ऊपर गिर गया.. वो मुझको देख कर हँसने लगी।
फिर मैंने अपनी अंडरवियर से उसका मुँह साफ किया और मेरा लण्ड भी साफ़ किया। अब मैं एक बार झड़ चुका था.. तो मैंने तन्वी को अपना लण्ड हिलाने को कहा।
कुछ मिनट में मेरा लण्ड फिर से मूड में आ गया। अब उसको चोदने की बारी थी, मैंने उसकी दोनों टांगों को फैलाया और उसकी चूत पर थूक लगा कर अपने लण्ड को उसकी चूत के छेद पर रखा और धीरे-धीरे उसकी चूत पर फिराने लगा। उसका मूड बनने लगा था।
मैंने अपना लण्ड उसकी चूत में अचानक डाला.. तो वो चिल्लाई ‘आआह्ह्ह्ह्.. मम्मीयिई.. आह्ह्ह.. बहुत दर्द हो रहा है.. डियर प्लीज निकालो इसको..’ मैंने कहा- इसको निकालने से दर्द कम नहीं होगा.. मैंने यह बोलते-बोलते फिर से एक जोर का धक्का मारा.. वो जोर से चिल्लाई ‘आआह्हहह.. मर गई.. मम्मीईईय.. बचाओ..’
मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में जा चुका था.. वो रो रही थी उसकी आँखों से आंसू आ रहे थे। फिर मैं थोड़ी देर रुक गया और उसको देखता रहा। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम हुआ.. तो उसने देखा कि लण्ड पूरा उसकी चूत में जा चुका था। थोड़ी देर बाद वो बोली- रुक क्यों गए जानू.. करो न.. तो मैंने कहा- तुम इतनी जोर से चिल्लाई.. मुझसे देखा नहीं गया तो रुक गया। वो बोली- कोई बात नहीं जानू.. मैं बर्दाश्त कर लूँगी.. तुम करते रहो.. मुझको बहुत मज़ा आ रहा है।
मैं फिर से शुरू हो गया और इस बार मैंने उसको कस-कस के जोर-जोर से बहुत झटके मारे। वो मेरे हर झटके का मज़ा ले रही थी। अब मेरा माल निकलने वाला था.. तो मैंने अपना लण्ड निकाला और उसके मुँह में डाल दिया।
वो अब अपने मुँह से मेरा लण्ड हिलाने लगी। मेरा सारा माल उसके मुँह में गिर गया और वो सारा रस पी गई। उस दिन मैंने उसको दो बार चोदा। फिर हम दोनों ने कपड़े पहने।
मैंने उससे पूछा- मज़ा आया? तो उसने कहा- दर्द बहुत हुआ.. पर मज़ा आया।
‘अब कब दोगी?’ उसने कहा- इस महीने की 8 तारीख को मेरे घर कोई नहीं होगा। मैंने कहा- ठीक है।
फिर मैं 8 तारीख को उसके घर गया और उसको खूब चोदा।
इसके बाद मैंने एक और लड़की पटाई फिर उसको चोदा.. जिसकी कहानी तब लिखूंगा.. जब आप बताएँगे कि मेरी कहानी कैसी लगी। [email protected]
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