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अब तक आपने पढ़ा..
नीलम चाची की साँसें काफ़ी भारी हो गई थीं। मैं अब उनके ब्लाउज की गली को चूसता हुआ उनकी गर्दन को चूसते हुए.. अब उनके गालों को चूसने लगा। मैं अपने होंठ उनके होंठों के पास ले गया.. तो वो मुझे किस के लिए खींचने लगीं, मैं भी उनके होंठों पर टूट पड़ा।
बड़े ज़ोर से उनके होंठों को अपने होंठों से मिला कर चूसने लगा.. तभी उन्होंने अपना मुँह खोल दिया और हमारी जीभ मिल गईं। हम एक-दूसरे की जीभ को बारी-बारी से चूसने लगे। यह काफ़ी कामुक और लंबा ‘फ्रेंच स्मूच’ था।
अब आगे..
चुम्बन के बाद मैंने उनके ब्लाउज के बटन खोल दिए.. उन्होंने ब्रा नहीं पहनी थी। बाद में उन्होंने बताया कि अक्सर घर में ब्रा नहीं पहनती हैं। अब उनके चूचे नंगे हो गए थे। उनके चूचे ब्लाउज के साथ तो छोटे दिखते थे.. पर जब खुले तो ये बहुत बड़े थे।
मैं उनके एक चूचे को चूसने लगा और दूसरे को मसलने लगा। उनके चूचे बहुत ही नरम थे.. जैसे कोई रुई के गोला हों। चूचों को चूसने में जन्नत का मज़ा आ रहा था। मैं बारी-बारी से उनके दोनों चूचों को चूसने में लगा हुआ था और उन्हें मसलने लगा रहा।
फिर मैं चाची के निप्पल चूसने लगा.. तो उनकी सिसकारियाँ बढ़ने लगीं। मैं उनके निपल्स को ज़ोर-जोर से होंठों में दबा कर खींचते हुए चूसने लगा.. तो उनकी सीत्कारें फूटने लगीं ‘सस्शहशहस.. आआहह.. आआ.. स्शहस्स्स..’
चूचुकों को चूसने के कारण वे एकदम कड़क हो गए थे, कड़े चूचुक काफ़ी सेक्सी लग रहे थे।
चूचों के साथ बहुत देर तक खेलने के बाद मैंने उनके सपाट चिकने पेट को चूसते हुए उनके पेटीकोट की डोरी खोल दी और एक ही झटके से उसे निकाल कर फेंक दिया।
अब वो सिर्फ़ लाल पैन्टी और खुले हुए ब्लाउज में बिस्तर पर सिहरती और भारी साँसें लेते हुए अपने कामुक बदन के साथ लेटी हुई थीं। अभी भी वो बोल रही थीं- राहुल यह ठीक नहीं है.. प्लीज़ चले जाओ। लेकिन उनकी आवाज़ अब कमज़ोर और कंपकंपाने जैसी हो गई थी।
मैंने उनका एक पैर उठाया और उनके पैर के अंगूठे को किस करने लगा.. फिर उनके नंगे पैरों को चूमते हुए उनकी सेक्सी चिकनी जाँघों को मसलने और चूसने लगा। उनकी जांघें एकदम केले का तना जैसी सिल्की और गोरी थीं।
मैं उनकी एक जांघ को चूसने लगा.. और दूसरी को हाथ से रगड़ने लगा। उनकी जाँघों के अंदरूनी भाग को जैसे ही चूसने लगा.. नीलम चाची एकदम मचल उठीं।
उनकी पैन्टी के ऊपर से उनकी चूत के क्रॉस वाले हिस्से को रगड़ने लगा। नीलम चाची की आवाजें लगातार तेज हो रही थीं- आअहहा.. स्शहस्स.. उम्म्म.. आअहह..
उनकी जांघों को रगड़ने के बाद मैंने उनके अधखुले ब्लाउज को भी निकाल डाला।
मेरी नज़रें उनकी बगलों पर गईं.. उनकी बगलों में छोटे बालों की घनी झाड़ी उगी हुई थी। शायद उन्होंने 10-12 दिन से अपनी बगलों के बालों की सफाई नहीं की होगी।
मैं यह देख कर बहुत ही उत्तेजित हो गया। मुझे बालों वाली आर्मपिट बहुत ही उत्तेजित करने वाली और सेक्सी लग रही थीं।
मैंने उनके दोनों हाथों को ऊपर किया और अपना मुँह उनकी बगलों में लगा दिया, मैं उनकी दोनों बगलों को बारी-बारी से चाट रहा था। नीलम चाची के लिए यह शायद नया था.. पर वो भी इससे उत्तेजित हो गई थीं। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मैं फ़िर से नीलम चाची के चूचों को चूसने लगा। उसके बाद उनके पेट को चाटते और चूसते हुए उनकी लाल पैन्टी तक जा पहुँचा। मैंने कामोत्तेज्जनावश एक ही झटके में उनकी पैन्टी उतार कर ज़मीन पर फेंक दी। अब वो पूरी तरह से नंगी हो गई थीं। मैंने देखा कि उनकी चूत पर भी बड़े-बड़े बाल उगे हुए थे।
अब उन्होंने विरोध पूरी तरह से छोड़ दिया था.. वो सिर्फ़ ‘आहें..’ भर रही थीं और सिसकियाँ ले रही थीं
मैं अपने कपड़े उतारने के लिए खड़ा हुआ.. तो नीलम चाची का खूबसूरत बदन नंगा नज़र आया। वो भारी साँसें लेते हुए.. हाथ को सिर के ऊपर रख कर लेटी हुई थीं। क्या हॉट और सेक्सी नज़ारा था। नीलम चाची का पूरा चिकना गोरा बदन.. उनकी क्यूट ब्लैक बड़ी-बड़ी आखें.. उनके सेक्सी सुर्ख लाल मोटे होंठ.. आर्म्पाइट्स के सेक्सी छोटे-छोटे लाइट ब्राउन रंग के नर्म रेशम से बाल.. उनके बड़े चूचों के डार्क ब्राउन निप्पल और चूचों पर वासना से अकड़े हुए गहरे भूरे रंग के चूचुक।
नीलम चाची का सपाट चिकना पेट.. पेट पर गहरी नाभि.. उनके सिल्की केले के तने जैसी जांघें.. पतली.. लंबी.. और सबसे हॉट उनकी काले घने बालों वाली चूत.. मैं तो उनका इतना नशीला रूप देख कर हक्का-बक्का सा रह गया।
जल्दी से मैंने अपने कपड़े उतारे और पूरा नंगा हो गया, मेरा लण्ड तन कर खड़ा हो गया था। मैं नीलम चाची को चुम्बन करता हुआ उनकी चूत को हाथों से रगड़ रहा था। फिर उनके शरबती चूचों को चूसते हुए उनकी चूत में अपनी उंगली डाल कर उनको उंगली से चोदने लगा।
मैं उनका एक थन और उस पर कड़क चूचुक को अपने होंठों में दबा कर चूस रहा था.. साथ ही अपने एक हाथ से उनके दूसरे चूचे को दबा रहा था.. दूसरे हाथ से उनकी चूत में उंगली कर रहा था। मैंने अपने इस तिहरे काम की इंटेन्सिटी बढ़ा दी.. तब नीलम की सिसकारियाँ बढ़ गईं.. ‘सस्स्शह.. आआअहह उउम्म्म्म.. अहहा.. आहह हा.. हा हा..’
वो अपने हाथों से मेरे बालों को सहला रही थीं। अचानक उनकी सिसकारियाँ और तेज़ हो गईं ‘ऊवू.. ऊओह.. आअहह सस्स्सिईई ऊओह..’ तभी वो अकड़ते हुए अपनी कमर को दो-तीन बार हिलाते हुए मेरे बालों को खींचने लगी.. और 15-20 सेकेंड्स के बाद वो शांत होकर निढाल होकर लेट गईं। शायद उनका बहुत टाइम के बाद माल छूटा था।
मेरा लण्ड अब और इंतज़ार करने को तैयार नहीं था.. मैंने नीलम चाची की कमर के नीचे एक तकिया रख दिया। नीलम ने ख़ुशी से अपने पैर खोल दिए। उनकी चूत ‘फिंगर फकिंग’ की वजह से पहले से ही गीली हो गई थी। मैंने अपने लण्ड को उनकी चूत पर रखा.. तो नीलम को किस करते हुए.. एक ही धक्के में मेरा लण्ड उनकी चूत में घुसता चला गया।
उनकी चूत बहुत ही गरम और चिकनी थी, मेरे लण्ड ने जैसे ही उनकी चूत में प्रवेश किया.. उनकी गरम चूत की पकड़ को अपने लण्ड पर महसूस करके.. मुझे ऐसा लगा जैसे जन्नत में मेरा लण्ड पहुँच गया हो।
थोड़े ही धक्कों में मैंने अपनी रिदम पकड़ ली। नीलम चाची ने मुझे अपने बाहुपाश में जकड़ लिया। मैं अपनी चुदाई के धक्कों में निरन्तर बदलाव ला रहा था.. कभी लंबे.. और धीमी गति के धक्के.. तो कभी बहुत तेज गति के धक्के लगा रहा था।
नीलम ने अचानक अपने पैरों को मेरी कमर के ऊपर लपेट कर पकड़ बना ली।
कमरे में हमारी चुदाई की मादक आवाजें आ रही थीं। हमारे लण्ड-चूत के टकराने की ‘फचक फचक’ की आवाजें गूँज रही थीं.. साथ ही हमारी वासना के कारण निकलने वाली सिसकारियाँ कमरे को बहुत ही कामुक बना रही थीं।
नीलम चाची की ‘सस्स्ह.. आआअहह.. उउम्म्म्म.. अहहा.. आहह हा हा हा.. राहुल और जोर से..’ के जवाब में मेरी आवाजें थी ‘सस्शह शहस.. आआहह.. आआ.. चाची… स्शहस्स्स उउम्म्म्म.. ले और ले..’
कुछ देर बाद मैंने अपनी पोज़िशन चेंज कर दी, अब नीलम चाची मेरे ऊपर आ गई थीं, उनको भी यह मूव अच्छा लगा। वो अपनी गाण्ड ऊपर-नीचे करते हुए स्ट्रोक्स लगा रही थीं, वो जब स्ट्रोक्स लगा रही थीं.. तब उनके चूचे ‘धबाधब’ हिल रहे थे।
मैं उनके चूचों और निप्पलों को मसलने लगा। अचानक वो अपनी बगलें मेरे मुँह के पास ले आईं.. मैं उन सेक्सी बगलों को चाटने लगा। फिर उनके चूचों की बारी थी.. मैं उनको भी चूसने लगा।
थोड़ी देर बाद हम वापस मिशनरी पोज़िशन में आ गए। नीलम चाची ने अपनी पकड़ बहुत ही मजबूत कर दी।
‘राहुल.. आआहह.. आआ रर्राहूल..’ बोलते हुए उन्होंने इतना जोर से मुझे जकड़ लिया कि शायद मेरी पीठ को उन्होंने अपने नाखूनों से खुरच दिया था। वो अपनी गाण्ड ज़ोर-ज़ोर से मेरे धक्कों की रिदम के साथ हिलाने लगीं। यह उनका दूसरी बार का स्खलन होने का सिग्नल था।
अब मैं भी अपने स्खलन के करीब था। मैंने नीलम चाची को चुम्बन करते हुए अपनी स्ट्रोकिंग स्पीड बहुत ही बढ़ा दी थी। मैं उनकी जीभ को चूसते हुए ‘फास्ट स्ट्रोक्स’ मार रहा था। फिर अचानक एक तेज आवाज ‘आघ्आअ.. आघ्आअ..’ के साथ मैंने अपने वीर्य को एक तेज धार से उनकी चूत में छोड़ दिया। मैंने कभी इतना अधिक और इतनी देर तक का स्खलन आज तक महसूस नहीं किया था। मुझे अपने स्खलन के समय एक अनोखा आनन्द महसूस हुआ.. सब कुछ भूल कर हम दोनों अब धीरे-धीरे शांत हो रहे थे। मैं नीलम चाची को गहरे चुम्बन देते हुए उनके ऊपर ही लेटा हुआ था। मेरा लण्ड अभी भी उनकी चूत में था। मेरा लण्ड भी धीरे-धीरे सिकुड़ने लगा था।
हम दोनों पसीने से तरबतर थे, हमारी भारी साँसें अब हल्की हो रही थीं। आखिरी चुम्बन करके मैं उनके पास में लेट गया।
नीलम चाची बहुत ही खुश थीं.. उन्होंने बताया कि पिछले 2 साल से उन्होंने सेक्स नहीं किया था। मेरे साथ सेक्स करके उन्होंने अपनी 2 साल की दबी हुई प्यास को शांत कर लिया था। मुझे ‘थैंक्स’ कहते हुए उन्होंने मेरे माथे और मेरे होंठों को चुम्बन किया।
मुझे अब भी यकीन नहीं हो रहा था कि मैंने सच में नीलम चाची को चोद दिया था। दोस्तो, अब आप अपने कमेंट्स मुझे बता सकते हो। [email protected] उम्मीद है कि आपको मेरी यह सच्ची कहानी कामुकता भरी लगी होगी, मैं आपके विचार जानने के लिए बहुत उत्सुक हूँ।
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