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जैसे ही आहट आई कि कोई इस तरफ आ रहा है, हमने अपने लंड तौलिया के अंदर कर लिए पर तम्बू बनने से रोक पाना मुश्किल था इसलिए सोफे पर पड़े छोटे तकिए अपनी गोदी में रख लिए।
नीता को नर्स की वेश भूषा में देखकर लंड तो हुंकार मारने लगा। वो बिल्कुल रंडियों की तरह किचन के दरवाज़े से टिक कर खड़ी हो गई थी।
पीछे से मधु भी आ गई और सीधे कालीन पर आकर बैठ गई और बोली- आपकी किस तरह सहायता कर सकती हूँ सर? मैंने कहा- आज तो फ्लाइट में नर्स भी आई हुई है। नीलेश नीता को देखते ही बोला- वाह यार नीता, तुम तो बहुत खूबसूरत लग रही हो। और उसे अपने बगल में सोफे के हैंड रेस्ट पर बैठा लिया।
अब मैं मधु को चूमने लगा, उसके होंठों से होंठ मिला कर उसके मुंह के अंदर अपनी जीभ डाल के उसके जीभ से जीभ के पेंच लड़ाने लगा, वो भी मेरा भरपूर साथ दे रही थी। मैंने तिरछी नज़र से देखा तो नीलेश भी नीता को चूम रहा था। हम दोनों अपनी अपनी बीवी को मसल रहे थे।
मैं नीचे से हाथ डाल के मधु के नंगे चूतड़ सहलाने लगा और धीरे धीरे उसकी गांड के और नीचे आकर उसकी चूत को भी पीछे से ही पुचकारने लगा। दोनों औरतें गर्म हो चुकी थी।
मैंने मधु को अपने से दूर हटाया और बोला- मुझे अंगूर खिलाओ! मधु ने अंगूर का गुच्छा उठाया और गुच्छे से ही खिलाने लगी और एक अंगूर तोड़ कर अपने दोनों उरोजों के बीच रख लिया।
नीता और नीलेश हमें बड़े ध्यान से देख रहे थे। नीलेश का हाथ नीता के कूल्हों पर ही था। मैंने मधु की वक्षरेखा में जीभ घुसा कर अंगूर उठा लिया। मधु को तो ज्यादा शर्म थी नहीं क्योंकि वो तो नीलेश के सामने कई बार नंगी हो चुकी थी। पर नीता ने भी कोशिश की वो अपने स्तनों में अंगूर फंसा कर नीलेश को खिलाए।
अबकी बार हमारी नज़र उन दोनों पर थी। नीलेश जब उसके बूब्स में झाँक रहा था तो मैं उसके चूचों को निहार रहा था। नीता बेचारी देखा देखी सब कर तो रही थी पर उसे बहुत शर्म भी आ रही थी। पर शायद कहीं न कहीं वो इस आज़ादी से बहुत खुश थी और इसका आनन्द भी ले रही थी।
मधु मेरे बगल से उठकर हम दोनों के पैग बनाने के लिए जमीन पर बैठ गई। मैंने कहा- क्यूँ नीता, मज़ा आ रहा है न दोस्त के यहाँ पर पूरी आज़ादी के साथ जीने का? नीता थोड़ी बेसुध से सुध में आते हुए बोली- हाँ भैया, हम लोग ऐसा मज़ा सिर्फ अकेले में जब होटल में होते हैं तो ही कर पाते हैं। मैंने कहा- नीता तुम बहुत खूबसूरत हो, तुम्हारा बदन का हर अंग एकदम तराशे हुए हीरे की तरह नुकीला और सुन्दर है।
नीता तो जैसे जमीन में गड़ी जा रही थी, वो थोड़ी शरमाई और अपने छोटे छोटे कपड़ों से अपने आपको ढकने की नाकाम कोशिश करने लगी। नीलेश बोला- हाँ यार राहुल, यह बात तो तू सही बोल रहा है… मेरी बीवी है तो बहुत खूबसूरत पर भाभी का भी जवाब नहीं। मैंने कहा- अब जब हम लोग इतने अच्छे दोस्त बन गए हैं तो आओ एक खेल खेलें।
मधु और नीलेश तो जानते ही थे कि यह मेरी कोई चाल होगी नीता को फ़ंसाने की… इसलिए उसके कुछ भी बोलने से पहले ही बोले- हाँ हाँ बताओ क्या गेम है? मैंने कहा- कोई बहुत अलग नहीं, truth and dare जैसा ही है, बस जोखिम जो है वो थोड़े शरारती हो सकते हैं। मैंने कहा- तो चलो सोफे थोड़ा पीछे करो! सभी लोग कालीन पर बैठ जाओ!
बीच में मैंने पर्चियों का टोकरा रख दिया- एक खाली बोतल को घुमाना है, जिस पर रुकेगा, उसके लिए जोखिम (dare) बोतल घुमाने वाला बताएगा। बस तो नीता बोली- और अगर कोई truth लेगा तो? मैंने कहा- यहाँ सिर्फ जोखिम ही ले सकते हैं, सच कोई नहीं ले सकता।
अब मैंने बोतल घुमाई और वो जाकर मधु पर रुकी, मैंने कहा- मधु तुम्हारे लिए जोखिम यह है कि तुम अपने बदन से कोई भी एक कपड़ा पूरे गेम के लिए अलग कर दो। मधु ने थोड़ी ऐसी शक्ल बनाई जैसे उसे यह अच्छा न लगा हो। फिर थोड़ा दिमाग लगा कर चतुराई का परिचय दिया और अपने गले में बढ़ा स्कार्फ़ उतार फेंका। सभी ने ताली बजाई।
अबकी बार बोतल घुमाने की बारी मधु की थी। मधु ने बोतल घुमाई अबकी बार नीलेश पर जाकर बोतल रुकी। मधु बोली- भैया, आप तौलिया में तो हो ही… सांवरिया वाले गाने पे डांस करके दिखाओ। मैंने तुरंत सांवरिया वाला गाना लगा दिया, नीलेश खड़ा होकर गाने पर डांस करने लगा। नीलेश ने रणबीर को अच्छा कॉपी करके डांस किया और दोनों लड़कियों को आकर्षित करने में कामयाब रहा।
अबकी बार बोतल नीलेश ने घुमाई और वो जाकर फिर से रुकी मधु पर! मधु बोली- ओह नो… नीलेश बोला- यार मुझे तो कोई आईडिया नहीं आ रहा कि क्या शरारती करवाऊँ? यार राहुल तू ही कुछ बोल! मैंने कहा- नहीं, तेरी चाल है, तू चाहे तो पास कर सकता है। नीलेश बोला- ऐसे कैसे पास? भाभी ने कहा मुझे छोड़ा था? भाभी आप अपने ड्रेस के टॉप के एक बटन को खोल दो पूरे गेम के लिए। मधु ने फाटक से एक बटन खोल दिया।
अबकी बार बोतल मधु ने घुमाई और वो जाकर रुकी मेरे ऊपर… मधु बोली- अब आया ऊँट पहाड़ के नीचे। आप अगले 3 मिनट तक के लिए खड़े हो जाओ और आप हिल नहीं सकते अगर आप हिले तो टाइम फिर से शुरू होगा। मैं खड़ा हो गया। मधु, नीलेश और नीता की तरफ देखकर बोली- तुम लोग क्या कर रहे हो? हेल्प मी, इन्हें अपन हाथ लगा सकते हैं, कुछ भी कर सकते हैं 3 मिनट तक और ये हिल नहीं सकते।
मधु अपनी जगह से उठी और मेरे करीब आकर मेरी छाती पर निप्पल पर अपने हाथ और उंगलियों से सनसनी करने लगी। उधर नीलेश ने मेरा तौलिया ऐसे पकड़ रखा था कि कभी भी खोल देगा। मैंने कहा- नीलेश बेटा, बोतल सिर्फ मेरे ऊपर ही नहीं रुकी है। वो तेरे पे भी रुकेगी, इज़्ज़त बचा ले भाई की। नीलेश मुझे झटके देता रहा जिससे मैं हिल जाऊँ तौलिया पकड़ने को।
मधु के टच के कारण मेरा लौड़ा आधा तो खड़ा हो ही गया था। नीता भी मेरे करीब आई और मधु से बोली- भाभी, मैं क्या करूँ? मधु ने कहा- जो तुम करना चाहो, ये तो एक मूर्ति हैं 3 मिनट तक… इस मूर्ति से जैसे चाहो खेलो, बस मूर्ति अपने आप हिल जानी चाहिए। नीता नीलेश को देखकर बोली- सुनो मेरे पास एक आईडिया है पर तुम्हें बुरा तो नहीं लगेगा? नीलेश बोला- यार दोस्त यारों के साथ खेल खेलते हैं तो बुरा क्या लगना है, करो जो तुम्हें करना है।
नीता ने आकर मेरे कमर में हाथ डाला और बोली- इनको गुदगुदी करते हैं। मधु बोली- इनको गुदगुदी नहीं होती यार… चल तू कोशिश कर! मधु बोली- तुम्हें ऐसे तो नहीं छोडूंगी। इतने में नीलेश बोला- भाभी, आपको ऐसे आईडिया आते कहाँ से हैं।
मधु जमीन में बैठकर मेरी जांघों और पैरों पर चुम्बन करने लगी, अपने हाथ फेरने लगी जो कि मेरे चूतड़ों तक जा रहे थे। उसके कारण मेरा लंड और अकड़ गया।
मैंने यहाँ तक सब सम्भाल लिया पर नीता भी कमर में हाथ डाले हुए थी और वो मधु की हरकत को बड़े ध्यान से देख रही थी। तो उसके मुंह से एकदम निकल गया- भैया आपका तो बहुत बड़ा है? मेरी नज़र एकदम से नीचे चली गई।
इतने में मधु उछलती हुई बोली- ये… ये… आउट आउट! अब टाइम फिर से शुरू होगा। मैंने नीता से कहा- क्या यार, हरवा दिया तुमने? नीता भी हंसने लगी और वो थोड़ी और आज़ाद महसूस करने लगी क्योंकि किसी ने उसकी तरफ ऐसे देखा ही नहीं जैसे उसने कुछ गलत बोल दिया हो।
खैर में अगले 3 मिनट तक एक जैसा खड़ा रहा जबकि मधु से 2-4 बार मेरे लंड को तौलिया के अंदर हाथ डाल के भी पुचकार दिया। हम लोग वापिस खेलने के लिए बैठ गए। अब अभी अभी मेरे शरीर से दो लड़कियाँ खेल रही थी इसलिए लंड तो खड़ा था ही… तो मैंने कहा- देखो भई, तुम लोगों ने उकसाया है अब, अभी उसे बैठने में टाइम लगेगा, तब तक दोनों लड़कियों तुम मेरे तम्बू को देखकर अपने आप को गर्म कर सकती हो। और हंसने लगा।
अबकी बार बोतल मुझे घुमानी थी, मैंने बोतल घुमाई और जैसा सोचा था नीता पर जाकर रुकी। नीता बोली- नो नो… मैं नहीं खेल रही! नीलेश बोला- वाह, जब तक हम लोगों पर आ रहा था तो मजे ले रही थी अब नहीं खेलना? मधु बोली- ये तो गलत बात है नीता… ऐसे थोड़े ही होता है?
मैंने कहा- देख लो ज्यादा मुश्किल काम नहीं देंगे तुम्हें। नीता बोली- यार थोड़ा तो नाटक करना चाहिए न, बस वही कर रही थी, मैं तैयार हूँ, बताओ क्या करना है?
मैंने कहा- तुम्हें हम तीनों में से किसी को भी अगले 5 मिनट तक किस करना है। 5 मिनट तक होंठों से होंठ अलग हुए तो टाइम फिर से शुरू होगा। तुम जिसे भी किस करोगी उसके अलावा बाकी के दोनों लोग तुम्हारा चुम्बन तोड़ने की कोशिश करेंगे। बताओ तुम किसे चूमना चाहती हो?
नीता थोड़ी संकोच के साथ बोली- किसी को भी? सबने एक सुर में कहा- हाँ भई, किसी को भी! नीता थोड़ा सोच कर बोली- मैं नीलू को किस करुँगी। नीलेश बोला- मुझे तो हमेशा ही चूमती है और चूम सकती है, चाहे तो अभी भी अपना फैसला बदल सकती है।
नीलेश की नशे में चूर मदहोश आवाज़ ने नीता को दोबारा सोचने पर मजबूर किया, नीता नीलेश की तरफ देखकर बोली- फिर तो मेरे पास भैया को चूमने के अलावा कोई और चारा ही नहीं है। मैंने कहा- मजबूरी में नहीं, तुम चाहो तो मधु को भी किस कर सकती हो। नीता ने मधु की तरफ देखा और बोली- भाभी, आपके होंठ बहुत गुलाबी हैं, मैं आपको किस करू तो आपको… मधु बात पूरी होने से पहले ही बोली- यार, इतना मत सोच, तुम जिसको भी बोलोगी उसे तुम्हें किस करना ही पड़ेगा। वैसे मैं ज़िन्दगी में पहली बार किसी लड़की को किस करने वाली हूँ। पता नहीं कैसा लगेगा।
नीता बोली- तो भाभी, आज चखते हैं कि लड़की को किस करना कैसा लगता है, मेरा भी यह पहला अनुभव होगा जब मैं किसी लड़की को चूमूँगी। नीता अपने घुटनों पर बैठ गई और मधु भी घुटनों पर आ गई जिससे दोनों की लम्बाई बराबर आ जाये। मैंने स्टॉप क्लॉक चालू करके कहा- आपका समय अब शुरू होता है… अब!
एक एयर होस्टेस की ड्रेस में एक नर्स की ड्रेस में छोटे छोटे कपड़ो में एक दूसरे को चूमने के लिए जैसे ही अपने होंठों को होंठों से मिलाया, मैंने नीलेश को इशारा किया तू मधु के पीछे से जा, मैं नीता के पीछे से जाता हूँ।
नीता को बहुत देर से देख रहा था कि वो अपने छोटे कपड़ों में अपने बदन को ढकने की कोशिश कर रही थी पर अब वो कुछ ख़ास कर नहीं सकती थी। उसकी माइक्रो स्कर्ट से उसके कूल्हे न के बराबर ही ढक पा रहे थे। मैं नीता के पीछे जाकर उसकी टांगों की तरफ मुंह करके लेट गया और थोड़ा खिसक कर उसकी टांगों के बीच अपना मुंह पहुँचा लिया। उसने अंदर कुछ पहना तो था ही नहीं, उसकी नंगी चूत अब बिल्कुल मेरी आँखों के सामने थी।
इधर नीलेश मधु के पीछे गया और मधु को बहुत देर से अधनंगी देख देख कर नीलेश कामोत्तेजित हो चुका था। क्योंकि नीता के होंठ से होंठ मिले हुए थे तो वो मधु के पीछे क्या हो रहा है, नहीं देख सकती थी, नीता को सिर्फ नीलेश की शक्ल ही दिख रही थी।
नीलेश ने चतुराई से नीता से बिना नजर चुराए अपना लंड तौलिया से थोड़ा बाहर निकाल के मधु की आधी नंगी गांड पे रगड़ना शुरू कर दिया और अपने हाथों से मधु के कूल्हे दबा रहा था।
इधर मैं इनके चुम्बन को तोड़ने के लिए नीता के नीचे लेटे लेटे बोला- यार नीता, तुम्हारी चूत पर तो एक भी बाल नहीं है। आज ही बनाए हैं क्या? वो किस करते करते उंह उंह करके कुछ बोलने की कोशिश कर रही थी और अपनी चूत पर अपना एक हाथ रख लिया।
मैंने कहा- यार नीता, तुम्हारे चूतड़ भी बहुत बढ़िया और गोल हैं एकदम मस्त चिकने। इस बार तो नीता के सब्र का बाँध टूट ही गया, वह चुम्बन करना छोड़ बोली- भैया, मैं आपकी बहू जैसी हूँ, आपको इस तरह करना शोभा देता है क्या? भाभी, आप भी कुछ नहीं कह रही?
मैंने कहा- कौन बहू? मैं तो यहाँ अपने दोस्तों के साथ खेल रहा हूँ।
मधु बोली- मैं क्या बोलूँ, नीलेश भी तो मेरे पीछे से मेरे कूल्हे सहला रहा है। एक दो बार तो उसकी ऊँगली मेरे छेद को भी छू आई है। पर तुम्हारा ये जोखिम पूरा हो जाये उसके लिए मैंने अपना मुंह नहीं हटाया। यार दोस्तों-यारों में सब चलता है, और फिर हमारे पति कोई बेईमानी तो कर नहीं रहे, जो कुछ कर रहे हैं, हमारे सामने ही कर रहे हैं। अब जब तुम xxx मूवीज देखती हो तो तुम्हारा भी तो मन करता है न कि सम्भोग करें। ऐसे ही मेरे पति तुम्हें और तुम्हारे पति मुझे देख कर उत्तेजित हो रहे है। उन्हें होने दो उत्तेजित… जब ज्यादा उत्तेजित होंगे तभी तो हमें अच्छे से प्यार करेंगे न।
कहानी जारी रहेगी। [email protected]
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