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इस इंडियन इन्सेस्ट सेक्स स्टोरीज हिन्दी चुदाई कहानी का पिछला पार्ट यहाँ पढ़िए!
अब आगे की कहानी – मैंने रमन से पूछा क्या तुम्हारी मम्मी और दीदी ऐसा नहीं करती। उसने कहा नहीं दीदी जब मम्मी और दीदी को दो दो मर्द एकसाथ चोदते हैं तो वो जल्दी झड़ जाती हैं और थक जाती हैं। मैंने रमन से कहा आगे से अपनी मम्मी और दीदी को ये गोली खिला दिया कर दो क्या 5 को भी एकसाथ संभाल लेंगी और मजा भी खूब आएगा। फिर उसने चूत और गांड टाईट होने के बारे में पूछा तो मैंने बताया कि ये गोली छेद भी टाईट रखती है। वो खुश हो गया और बोला अब उनको भी गोली के बारे बताऊंगा।
रमन बैॅड पर बैठा था और मैं उसकी गोद में बैठी हुई थी। मैंने उसकी गोद सेउसको धक्का देकर गिरा लिया और उसके ऊपर लेट गई। मैंने दोनों हाथों से उसका सिर पकड़ लिया और अपने रसीले होंठ उसके होंठों पर रख कर चूमने लगी। वो टॉप के ऊपर से मेरी पीठ सहलाता हुआ मेरे होंठ चूमने लगा। मेरे बूब्ज़ उसकी छाती में दब गए थे। हमें बहुत जोश आ गया और हम बहुत जोर से एक-दूसरे को चूमने लगे। उसने मेरा टॉप खींच कर ऊपर कर दिया और फिर निकाल दिया। मैंने भी उसका टॉप निकाल दिया और अपना ब्रा भी निकाल दिया।
मैंने फिर से उसको नीचे ले लिया, जब मैं उसके ऊपर लेटने लगी तो उसने मेरे बूब्ज़ पकड़कर मेरे बूब्ज़ के निप्पलों को अपनी छाती के निप्पलों से लगा लिया। मैं उसके ऊपर लेट गई और हम एक-दूसरे के होंठों का रसपान करने लगे। उसने मुझे कस के पकड़ा हुआ था और मेरे बूब्ज़ उसकी छाती में गढे़ हुए थे। मैं उस के होंठों को चूसते हुए अपने बूब्ज़ उसकी छाती पर मसल रही थी और मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था। रमन ने मुझे कस कर पकड़ कर करवट ली और मुझे नीचे लेटा कर मेरे ऊपर आ गया।
रमन बहुत गर्म हो गया था और वहशी भी। वो मेरे मेरे होंठों को अपने मुंह में लेकर खींच खींच कर चूसने लगा और मुझे ज्यादा मजा आने लगा और मैं भी उसके होंठों को चूसने लगी। रमन ने मेरे नीचे वाले होंठ को अपने मुंह में ले लिया और मैंने उसका ऊपर वाला होंठ अपने होंठों में ले लिया। वो मेरे नीचे वाले होंठ का रस पीने लगा और मैं उसके ऊपर वाले होंठ का रस पीने लगी। हम दोनों ही सेक्स के सागर में डूब चुके थे। हम एक-दूसरे के होंठों को मुंह में खींच खींच कर चूस रहे थे और एक दूसरे के मुंह में जीभ डालकर घुमाने लगे।
हम एक दूसरे की जीभ से जीभ लगा कर चाटते और मुंह लेकर चूसते। ऐसा प्रतीत हो रहा था हम एक दूसरे के होंठों और जीभ के रस का आखरी कतरा भी निचोड़ लेना चाहते हों। मैंने रमन का चेहरा ऊपर किया और अपने होंठ उसकी गर्दन पर रख दिए और चूमने लगी। मैं उसकी गर्दन को अपने नाजुक होंठों में भरकर खींच लेती और उसकी गर्दन पर जीभ घुमाती। रमन मचलने लगा और उसने मेरे कान को मुंह में भरकर चूसना चालू किया। हम एक दूसरे के कान, गाल और गर्दन के नीचे चूमने और चाटने लगे, बीच बीच में दांतों से हल्का सा काट भी लेते।
मैंने एक बार फिर से रमन को नीचे ले लिया और अपनी टोपी उतार दी लेकिन रमन ने चश्मा उतारने से मना कर दिया। मैं उसकी छाती पर जीभ घुमाने लगी और रमन मेरे बालों में हाथ घुमाने लगा। मैं उसके पेट पर चूमने लगी और जीभ से चाटने लगी। उसका पेट काफी सख्त था और मुझे ऐसा जिस्म बहुत पसंद है। मैं अपनी पसंद का जिस्म पा कर और भी मस्त हो गई और बहुत प्यार से चाटने लगी, शायद रमन को गुदगुदी हो रही थी और वो मेरा सिर पकड़कर मचलते हुए आंहें भरने लगा।
मैं थोडा़ ऊपर होकर उसके पेट पर अपने बूब्ज़ मसलने लगी। मैं एक बार फिर उसकी छाती पर आ गई और उसकी छाती के निप्पलों पर जीभ घुमाने लगी। मुझे उसकी उसकी चौड़ी छाती और सख्त निप्पल बहुत अच्छे लग रहे थे। मैं उसके निप्पलों पर जीभ घुमाते हुए मुंह में भरकर चूसने लगी। रमन नीचे लेटा हुआ मेरे सिर को अपनी छाती पर दबाते हुए आंहें भरने लगा। आंहें भरते हुए रमन बोला दीदी तू तो बहुत गर्म रंडी है, तेरे में चुदाई की बहुत आग है। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
अभी तेरी चूत या गांड में लंड भी नहीं डाला और अभी इतना मजा आ रहा है जब तेरी चुदाई करूंगा तब कितना मजा आएगा। मां कसम जितना मजा अभी आ रहा है उतना तो मम्मी और दीदी को चोदने के बाद भी नहीं आया। उसकी बातों से मुझे और भी जोश आ गया और मैं उसके निप्पलों को जोर से खींचने लगी। जब मैं रमन के निप्पलों को मुंह से जोर से खींच कर छोड़ती तो पुच्च की आवाज़ आती और वो आवाज़ मुझे मस्त कर देती और मैं और जोर से चूसने लगती।
तभी रमन का मोबाईल बजा वो उसके पापा का था और वो बात करने लगा। उतनी देर में मैंने सिगरेट में चर्स भर ली और साईड पर रख दी। वो अभी भी बात कर रहा था और मुझे गुस्सा आ रहा था कि चुदाई के बीच में फोन आ गया। मैंने रमन को खडा़ किया और उसकी जींस निकाल दी। वो फोन पर बात कर रहा था और मैं उसका लंड हिलाने लगी। तभी उसने मुझे फोन देते हुए कहा दीदी बात कर लो।
मैं उसके सामने खड़ी थी और वो बैॅड पर बैठा था। मैं बात करने लगी और उसने मेरी कमर में हाथ डालकर मुझे अपनी तरफ खींच लिया। उसने मेरी जींस का बटन एवं जिप खोलकर जींस और पैंटई निकाल दी। मेरी जींस टाईट थी तो सैंडिल भी निकालने पडे़। रमन ने मुझे फिर से सैंडिल पहना दिए और मैं उसके साथ सट कर बैठ गई।
मैं एक हाथ से मोबाईल पकड़कर बात करने लगी और दूसरे हाथ से रमन का लंड हिलाने लगी। रमन ने अपने एक हाथ मेरी पीठ ऊपर से घुमा कर और दूसरा आगे से लेजा कर मेरे बूब्ज़ पकड़ लिए। वो मेरे बूब्ज़ जोर जोर से दबाने लगा और मेरे निप्पलों को खींचने लगा। पहले रमन के मम्मी-पापा ने मुझ से बात की फिर मेरे पापा ने। जब मेरी मम्मी मुझ से बात करने लगी तो रमन मेरी गोद में सिर रखकर लेट गया और मेरे बूब्ज़ चूसने लगा। उसने मेरे निप्पलों को चूसा तो मेरे मुंह से आहह निकल गई और मम्मी को पता चल गया कि मैं चुदवा रही हूं। मम्मी ने बोला किसके साथ चल रहा है तो मैंने रमन का नाम बता दिया।
मम्मी ने कहा साली रंडी आराम से.. अभी वो बच्चा है। मैंने कहा बच्चा नहीं एक नंबर का हरामी है अपनी मम्मी और बहन को कई बार चोद चुका है। फिर मैंने मम्मी से पूछा कैसा चल रहा है तो मम्मी बोली एकदम मस्त, रमन के मम्मी-पापा और हम एक रूम में रहते हैं। खूब शराब का दौर चलता है और चारों मिलकर चुदाई करते हैं। मैंने कहा ठीक है आप अपना मजा करो और हमें अपना करने दो। मैंने फोन काट कर स्विच आॅफ कर दिया और रमन से कहा बहनचोद साले मोबाईल को बंद नहीं रख सकता था सारा मजा खराब हो जाता है। रमन बोला सॉरी दीदी भूल गया था और उन लोगों को भी अभी मां चुदवानी थी।
मैंने रमन से पूछा तूने दोबारा सैंडिल क्यों पहना दिए तो वो बोला तेरी मोटी गांड और भी सेक्सी लगती है। रमन ने मुझे अपने सामने खड़ी कर लिया और मेरे मुलायम एवं चिकने पेट को चूमने लगा। वो मेरे पेट पर जीभ घुमा घुमा कर चाटने लगा और मेरी गहरी नाभि में जीभ डाल देता। उसने अपने हाथ ऊपर करके मेरे दोनों बूब्ज़ अपने हाथों में दबा लिए। वो मेरे पेट को चूमते हुए मेरे बूब्ज़ भी दबाने लगा और मेरे निप्पलों को अपने हाथों की ऊंगलियों के बीच लेकर जोर से मसल देता।
जब वो मेरी नाभि में जीभ डालकर घुमाता या मेरे निप्पलों को मसल देता तो मेरी मस्ती भरी आहह निकल जाती। मैं उसने बालों से खेलती हुई अपने पेट पर उसके मुंह का और बूब्ज़ पर उसके हाथों मजा लेते हुए मचल रही थी। अब रमन ने अपने हाथ मेरी गांड पर रख दिए और मुंह मेरे बूब्ज़ पर रख दिए। वो मेरे चूतडो़ को जोर जोर से दबाते हुए मेरे बूब्ज़ चूसने लगा। वो मेरे बूब्ज़ को बहुत जोर से मुंह में भर चूसता और जब छोड़ता तो पुच्च की आवाज़ आती। मैं जोर से उसका सिर अपने बूब्ज़ पर दबाने लगी और रमन बहुत जोर से मेरे बूब्ज़ चूसने लगा।ऐसा प्रतीत हो रहा था वो मेरे बूब्ज़ को पूरा अपने मुंह में लेना चाहता हो लेकिन मेरे बूब्ज़ बहुत बडे़ हैं तो ले नहीं पा रहा था।
वो मेरे निप्पलों के ऊपर अपनी जीभ घुमाने लगा और फिर मेरे निप्पलों को होंठों के बीच लेकर चूसने लगा। वो बहुत जोर से मेरे बूब्ज़ और निप्पलों को चूसने लगा और मेरे निप्पलों को दांतों से काट लेता। उसकी इन हरकतों से मुझे बहुत आनंद मिल रहा था और मैं सातवें आसमान पर पहुंच गई। बूब्ज़ चूसते चूसते रमन बोला कमाल है दीदी तेरे बूब्ज़ तो बहुत टाईट, चिकने और मस्त हैं, तेरे बूब्ज़ पीकर तो मजा आ गया। मम्मी के बूब्ज़ तेरे बूब्ज़ जितने बडे़-बडे़ तो है लेकिन ढिलके हुए हैं और दीदी के बूब्ज़ तो तुझ से काफी छोटे हैं तथा उसके बूब्ज़ भी तेरे जितने टाईट नहीं हैं। आगे बोला तेरे निप्पलों का रंग भी बहुत सेक्सी हैं और मेरी मम्मी और दीदी के तो काले रंग के हैं। मुझे अपनी तारीफ सुन कर बहुत अच्छा लगा।
उसने मेरी टांगें खोल दीं और चूत चाटने के लिए सिर नीचे किया लेकिन मैंने मना कर दिया और उसको 69 अवस्था में लेटने को कहा। मैं बैॅड पर नीचे लेट गई और वो मेरे ऊपर आ गया। उसने अपने घुटने मेरे सिर के पास रखे और मेरी चूत की ओर झुक गया। मैंने रमन के लंड के टोप्पे से चमड़ी पीछे की और लाल रंग का टोप्पा बाहर आ गया।
मैंने उसके टोप्पे पर गोल गोल जीभ चालू कर दी और सिर ऊपर को उठा कर लंड मुंह में ले लिया। रमन बोला तू तो बहुत चुद्दकड़ है दीदी बिल्कुल कुतिया जैसे लंड चूसती है। रमन ने मेरी चूत को चूमना चालू कर दिया और फिर जीभ से चाटने लगा। मैं अपना सिर उठा उठा कर उसका लंड चूसने लगी और वो मेरी चूत में जीभ डालकर चाटने लगा। वो मेरी चूत को बहुत जोर से चाटने लगा और मैं भी उतनी ही जोर से उसका लंड चूसने लगी। वो अपनी पूरी जीभ मेरी चूत में डालकर हिलाता और मैं गले की गहराई तक उसका लंड उतार कर चूसने लगी।
मेरी चूत और उसके लंड चुसाई से रूम में सपड़ सपड़ और पुच्च पुच्च की आवाज़ आने लगी। मुझे बहुत मजा आ रहा था, मैं अपनी गांड हिला हिला कर अपनी चूत उसके मुंह पर रगड़ने लगी। वो कौन सा पीछे रहने वाला था वो भी अपनी कमर चलाने लगा और मेरा मुंह चोदने लगा। वो ऊपर से मेरे मुंह में धक्का देता और उसका लंड मेरे गले की गहराई में उतर जाता और वो वापिस खींच कर फिर अपना लंड मेरे गले में उतार देता। मैं भी उसके मुंह पर बहुत जोर जोर से चूत उसके मुंह पर रगड़ने लगी। इस रगडा़ रगडी़ में हमें बहुत मजा आ रहा था।
अब असली खेल चालू होने वाला था मतलब चुदाई का समय आ गया था। मेरी चूत एवं गांड लंड केलिए तड़प रही थीं और रमन का लंड भी चुदाई केलिए व्याकुल हो रहा था। हम दोनों बैॅड से ऊतर गए और रमन ने पूछा कहां से शुरु करें दीदी। मैंने कहा यहां से तू चाहे तो बोला गांड से शुभारंभ करते हैं। उसने आगे पूछा दीदी मेरा वीर्य कहां लोगी मतलब तुझे कहां लेना पसंद है। मैंने कहा हर बार अलग जगह पर बस में गांड में छोडा़ था अब मुंह में देना मैं पीना चाहती हूं।
मैंने रमन के लंड पर अच्छे से नारियल का तेल लगा दिया और उसने मेरी गांड के छेद पर एवं ऊंगली अंदर डालकर छेद के अंदर तक मेरी गांड तर कर दी। मैं टेबल पर हाथ रखकर झुक कर खड़ी हो गई और रमन ने मेरी गांड के छेद पर लंड टिका कर हल्का सा धक्का दिया और धीरे-धीरे मेरी गांड में लंड डालने लगा। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
मैंने उसको लंड निकालने को कहा और लंड निकालने के बाद कहा एक बार में घुसना चाहिए। उसने फिर से लंड मेरी गांड के छेद पर टिका लिया और मेरी कमर को कसकर पकड़ लिया। मुझे मालूम था रमन बहुत जोर से धक्का मारेगा तो मैंने कसकर टेबल को पकड़ लिया। रमन ने इतने जोर से धक्का मारा कि मुझे उम्मीद नहीं थी वो इतना ताकतवर है।
हालाँकि मैं उसके शॉट केलिए तैयार थी फिर भी ऊपर-नीचे तक हिल गई और बहुत जोर से चीख पडी़। मेरी चीख सुन कर रमन बोला क्या हुआ साली गश्ती अब चीख क्यों रही है। मैंने कहा एक तो तेरा गधे जैसा लंड है ऊपर से सांड जैसा जोर मेरी गांड की तूने मां चोद दी और पूछ रहा है चीख क्यों रही है। उसने लंड को पीछे खींच कर फिर मेरी गांड में पेल दिया लेकिन मुझे बहुत मजा आ रहा था। वो जोर जोर से मेरी गांड चोदने लगा मैं भी अपनी गांड गोल गोल घुमा कर गांड चुदाई का मजा लेने लगी।
गांड चुदाई करते-करते मेरी नजर टेबल पर पडी़ सिगरेट पर गई, मेरे दिमाग में चर्स पीते हुए चुदाई करने का आईडिया आया। मैंने रमन को रुकने को बोला और सिगरेट जला ली। मैंने कश लगा कर रमन को चुदाई करने का इशारा किया और वो एक बार फिर से मेरी गांड चोदने लगा। मैं सिगरेट पीते हुए अपनी गांड आगे-पीछे करते हुए चुदाई करवाने लगी। सिगरेट पीते हुए चुदाई करवाना मेरे लिए नया अनुभव था और मुझे बहुत आनंद आ रहा था। मैं सिगरेट के लंबे-लंबे कश खींच रही थी और रमन मेरी गांड में फटाफट लंड पेल रहा था।
अभी मेरी आधी सिगरेट खत्म हुई थी कि रमन ने मेरी गांड से लंड निकाल कर मेरी चूत में दे दिया और चुदाई करने लगा। जैसे ही मेरी सिगरेट खत्म हुई मैं भी तेज़ी से गांड आगे-पीछे करके चूत चुदाई का मजा लेने लगी। जितनी तेज़ी से रमन मेरी चूत चोद रहा था मैं भी उतनी तेज़ी से गांड आगे-पीछे करके लंड को चूत के अंदर-बाहर करने लगी। मुझे ऐसे चुदते देखकर रमन बोला तू तो बहुत गर्म रंडी है साली, कुतिया से भी ज्यादा गर्म चुद्दकड़ दीदी है। तुझे चोदने का अलग ही मजा है। मैंने कहा साले तू भी कुत्ते से कम नहीं बहुत दमदार चुदाई करता है तू। ये सुन कर उसको और जोश आ गया और वो ज्यादा तेज़ी से मेरी चूत चोदने लगा।
मैंने उसको सोफे पर बैठा लिया और खुद उसके कंधों पर हाथ रख कर उसकी गोद में आ गई। मैंने अपने घुटने मोड़कर सोफे पर रख लिए और अपनी गांड का छेद उसके लंड पर टिका दिया। मैंने अपने बदन को छोड़ दिया और बहुत तेज़ी से गांड को नीचे धकेल दिया। उसका लंड एक बार में ही मेरी गांड में उतर गया और उसके मुंह से आह निकल गई। मैं उसके कंधों को पकड़कर जोर जोर से उसके लंड पर उछल-कूद करने लगी। मैं बहुत तेज़ी से उसके लंड पर उछल रही थी और मेरे बूब्ज़ भी उतनी तेज़ी से उछल रहे थे।
रमन ने मेरे उछलते हुए बूब्ज़ को हाथों में पकड़ लिया और नीचे से कमर चलाने लगा। मैंने अपनी गांड ऊपर उठा कर रमन का लंड गांड से निकाल कर उस पर अपनी चूत टिका दी। अब फिर जोर से गांड नीचे धकेल दी और उसका लंड सीधा मेरी बच्चेदानी से टकरा गया। मेरे मुंह से मस्ती भरी चीख निकल गई। मैंने रमन का सिर अपने बूब्ज़ पर दबा लिया और उछल उछल कर लंड को चूत के अंदर-बाहर करने लगी। मैं तेज़ी से गांड ऊपर-नीचे करके चूत में लंड लेने लगी और रमन नीचे से कमर हिलाते हुए मेरी चूत चोदते चोदते मेरे बूब्ज़ भी चूसने लगा। मैं बहुत जोर जोर से चीखते हुए मस्त होकर चूत चुदाई करवाने लगी।
रमन ने मुझे बैॅड पर उल्टा लेटा दिया और मेरे ऊपर आ गया। उसने मेरी गांड के छेद पर लंड रख लिया, इससे पहले रमन झटका मारे मैंने जोर से गांड ऊपर को उछाल दी और लंड मेरी गांड में समा गया। रमन दोनों हाथ बैॅड पर रखकर मेरी गांड को जोर जोर से चोदने लगा और मैं भी गांड हिला हिला कर उसके लंड से चुदवाने में मस्त थी। जैसे रमन जोर लंड मेरी गांड में पेलता तो मैं भी अपनी गांड ऊपर को उठा देती ताकि उसका लंड मेरी गांड की गहराई में घुस जाए। हम सारी दुनियां से बेखबर चुदाई में मगन थे।
तभी रमन ने अपना लंड मेरी गांड से निकाल कर मेरे पेट के नीचे तकिया लगा दिया, जिससे मेरी चूत ऊपर उभर आई। रमन ने मेरी चूत के छेद पर लंड लगाया ओर जोरदार शॉट मारा। एक ही शॉट में रमन का लंड मेरी चूत में समा गया और वो मेरी चूत चोदने लगा। रमन चुदाई करते-करते बीच-बीच में मेरी पीठ और गर्दन को चूमने लगा। जब रमन मेरी चूत में शॉट मारता और उसकी कमर मेरे चूतडो़ं से टकराती तो मेरे पूरे बदन में सनसनी फैल जाती। रमन बहुत जोरदार शॉट लगा कर मुझे चोद रहा था, उसके झटकों से मैं ऊपर-नीचे तक हिल जाती। करीब आधे घंटे की चुदाई के बाद रमन मुझे बहुत तेज़ी से चोदने लगा।
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वो लंड निकाल कर खडा़ हो गया और मैं घुटनों के बल नीचे बैठ गई। मैंने उसका लंड मुंह में ले लिया और चूसने लगी। लंड चूसते चूसते मैं अपना चश्मा उतारने लगी लेकिन रमन ने हाथ पकड़ कर चश्मा न उतारने को बोला और मैं अपना सिर आगे-पीछे करके तेज़ी से रमन का लंड चूसने लगी। कुछ देर बाद रमन ने मुझे सिर से पकड़ लिया और मेरा मुंह चोदने लगा। वो मेरे गले में अपना लंड उतार कर बाहर खींच लेता और फिर उसके लंड ने मेरे मुंह में वीर्य उगल दिया। उसका कुछ वीर्य मैं पी गई और कुछ होंठों से नीचे टपकने लगा।
हम दोनों ऐसे ही लेट गए और फिर खुद को साफ किया। हम दोनों एक बार फिर से तैयार हुए और घूमने निकल पडे़। घूमते हुए भी हमने बहुत मस्ती की और मौका पाकर एक दूसरे को चूम लेते। रात को रूम में आकर हमनें खूब शराब पी और फिर चुदाई का दौर शुरु हो गया। दूसरे दिन हम काफी लेट उठे और उठते ही चुदाई की। फिर हम घूमने निकल पडे़। हम लवर प्वाइंट पर गए जब वहां से वापिस आने लगे तो सुनसान जंगल में चुदाई की और फिर होटल में आकर चुदाई का दौर चला। उसके बाद हम घर आ गए और रमन के अपनी मौसी के जाने से पहले एक बार फिर जबरदस्त चुदाई की।
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