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मेरा नाम श्याम है, मैं अन्तर्वासना नियमित रीडर हूँ। मैं जूनागढ़ डिस्ट्रिक्ट में रहने वाला लड़का हूँ। मेरी हाइट 6 फीट है और मेरे लण्ड की साइज़ 7 इन्च है। मैं दिखने में हैण्डसम और गोरा हूँ मैं आप सबको मेरी एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ।
राजकोट में डिप्लोमा कम्प्लीट करने के बाद मुझे अमदाबाद में एक कंपनी में जॉब मिली तो मैं यहीं अमदाबाद में सैट हो गया। पहले तो मैंने कुछ दिन होटल में बिताए बाद में मुझे एक पति-पत्नी के घर पर पेइंग-गेस्ट के तौर पर रहने को मिल गया।
भाई साहब रोहित एक बिजनेस में थे और भाभी श्रेया हाउसवाइफ थीं। भाभी क्या माल लगती थीं। उनका 38-26-38 का फिगर किसी को भी कामुक कर दे.. पर मुझे उसके बारे में पहले कभी ऐसा ख्याल नहीं आया था, मैं उन्हें अच्छी निगाहों से ही देखता था।
रोहित को हमेशा बिजनेस के सिलसिले में अक्सर बाहर जाना पड़ता था। उनकी शादी को अभी 2 साल हुए थे। उनकी अभी तक कोई औलाद नहीं थी।
मैं पहले तो बाहर खाना ख़ाता था.. लेकिन कुछ दिन बाद भाभी ने बोला- श्याम तुम यहीं खाना खाया करो। तो मुझे अब कहीं बाहर जाने की भी ज़रूरत नहीं पड़ती थी।
शाम को मैं भाई और भाभी अक्सर कुछ बिजनेस की बातें करते और कुछ नई बातें भी होती रहती थीं। इस प्रकार हम लोग काफ़ी अच्छी तरह से घुलमिल गए थे।
अब तो हमारे बीच कभी-कभी हंसी मजाक और सेक्स की बातें भी होने लगी थीं। भाभी कई बार बात करते-करते मुझ पर कमेन्ट कर देतीं और बोलतीं- तेरी कोई गर्लफ्रेण्ड है या नहीं? तो मैं शर्मा जाता और बोल देता- कॉलेज में फ्रेंड्स थे.. पर कोई गर्लफ्रेंड नहीं रही।
अब भला मैं क्यों सच बोलूँ.. कि मैंने दो-तीन बार कॉलेज की एक लड़की के साथ सेक्स किया है। अब तो भाभी मेरे कमरे में आने-जाने लगी थीं और मेरी सब चीजों को भी देख लेती थीं।
जब भाई नहीं होते थे.. तब वो हमेशा तब मेरे कमरे में चली आती थीं और मुझसे कोई ना कोई बात करने के बहाने मुझको छू लेती थीं। मुझे भी अब अच्छा लगने लगा था.. तो मैं भी कभी उन्हें छूने से मना नहीं करता और इस तरह हम दोनों काफ़ी खुल गए थे।
एक दिन.. रविवार का दिन, मेरी छुट्टी थी.. मैं सुबह देर से उठा और फ्रेश होकर भाभी के पास गया.. तो पता चला कि भाई आज कोई बिजनेस के काम से बाहर गए हुए हैं।ि मैंने देखा कि भाभी ने आज ब्लैक कलर की नाईटी पहन रखी थी.. वो इस नाईटी में क्या गदर माल लग रही थीं। मेरा तो देखते ही खड़ा हो गया था.. जो भाभी ने भी महसूस कर लिया था.. पर वो उसके बारे में कुछ बोली नहीं।
हम थोड़ी देर बैठे.. और कुछ हँसी-मज़ाक किया.. तो भाभी बोलीं- श्याम तुमने सच में अब तक कोई लड़की के साथ सेक्स नहीं किया? तो मैंने कहा- जी नहीं भाभी.. अभी तक में कुँवारा हूँ.. कोई लड़की मुझे घास ही नहीं डालती। तो भाभी मुझ पर हँसी और बोलीं- तुम पर तो कोई भी लड़की मर सकती है.. तुम हो ही ऐसे..
तब मैं समझ गया कि भाभी आज कुछ अलग ही मूड में हैं।
मैं भी कहाँ दूध से धुला हुआ था.. अब लंच का टाइम हो रहा था.. तो भाभी ने कहा- मैं तुम्हारे लिए लंच बनाती हूँ। बाद मैं हम दोनों ने साथ में बैठ कर लंच किया और सोफे पर बैठ कर टीवी देखने लगे। उस पर एक इंग्लिश मूवी चल रही थी तो उसमें किस का सीन आया.. तब भाभी ने मेरे पैर को हल्के से छुआ। तब मैं समझ गया कि कुछ तो है..
तो मैंने भाभी से पूछा- आपकी सेक्स लाइफ कैसी चल रही है। तो वो आह भर कर बोलीं- कुछ खास नहीं है.. वो तो ऑफिस से आकर थके हुए होते हैं तो सोने से पहले मुझे जल्दी जल्दी पेल कर दो-तीन मिनट में अपना रस निकाल कर सो जाते हैं और बाद में मुझे अपनी प्यास उंगली से बुझानी पड़ती है।
जब मैंने उन्हें इतना खुल कर बोलते हुए देखा तो मैंने कहा- अगर आप चाहें.. तो मैं आप की कुछ हेल्प कर सकता हूँ। भाभी बोलीं- पराए मर्द के साथ आज तक मैंने किया नहीं है.. पर मुझे अपनी प्यास बुझाने की इच्छा बहुत होती है.. मैंने तुरन्त भाभी को अपनी तरफ खींचा और एक लिप किस कर दिया। वो थोड़ी हड़बड़ाईं.. पर कुछ बोली नहीं।
मैंने उनको कमर से उठा कर अपनी गोद में बिठा लिया और करीब 10 मिनट तक हम किस करते रहे। कभी वो अपनी जीभ को मेरे मुँह में डालतीं.. तो कभी मैं चूसने अगता। कभी-कभी मैं उनके होंठों को काट लेता तो वो चिल्ला उठतीं और मैं ऊपर से ही उनके मम्मों को दबा रहा था।
बाद में भाभी बोलीं- तुम मुझे सिर्फ़ श्रेया कहो.. मुझे अच्छा लगेगा। वो मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपने बेडरूम में ले गईं। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
वहाँ मैंने एक ही झटके में श्रेया की नाईटी उतार दी.. आह्ह क्या मस्त चूचे थे उनके.. गोल-गोल और मस्त थिरक रहे थे। मैं उनको ब्रा के ऊपर से चूसने लगा और उनके कान के नीचे.. गर्दन.. गाल.. सब जगह चूमने लगा। वो भी आहें भर रही थीं- आआआ आआहह.. मम.. आज मेरी बरसों की प्यास को बुझा दे उफफ्फ़..
उन्होंने मेरी टी-शर्ट को निकाला.. मेरे सीने को पागलों की तरह चूमने लगीं और मुझे धक्का देकर बिस्तर पर लिटा दिया। ब्रा-पैन्टी को निकाल कर और मेरी पैन्ट से मेरे 7 इन्च के लौड़े को आज़ाद कर दिया।
उसे देख कर ऐसा महसूस हुआ कि शायद श्रेया ने कभी इतना बड़ा लण्ड देखा ही ना था,वो हैरत से बोलीं- मेरे इनका तो इससे बहुत छोटा है..
मैंने लौड़े को झटका दिया और जरा सा इशारा किया और उन्होंने लौड़े को चूमा और लॉलीपॉप की तरह अपने मुँह में अन्दर भर कर चूसने लगीं।
थोड़ी देर बाद मैंने उनको 69 अवस्था में आने को कहा। अब वो मेरे किंग को चूस रही थीं और कभी-कभी उस पर थूके जा रही थीं और फिर से चाट रही थीं, वो बिल्कुल पॉर्न मूवी की तरह मेरे लवड़े से खेल रही थीं।
मैं उनकी मस्त लाल और शेव की हुई चूत को चाट रहा था। वो अपनी गाण्ड को हिला रही थीं.. जिससे मेरी जीभ उनके होल में ज़्यादा अन्दर तक जा सके। वो कामुक आहें भर रही थीं।
अब वो अकड़ सी गईं और बोलीं- श्याम मैं झड़ने वाली हूँ.. तो मैंने उनकी कमर को जोर से पकड़ी और ज़ोर-ज़ोर से जीभ को अन्दर बाहर करने लगा। तभी वो झड़ गईं.. मैंने उनका सारा नमकीन पानी पी लिया। वाह.. क्या टेस्ट था उस रस का..
वो थोड़ी देर के लिए अकड़ गईं और बोलीं- अब रहा नहीं जा रहा है श्याम मुझे चोद दे.. तो मैंने उन्हें बेड पर लिटाया तो उन्होंने अपने टाँगें खोल दीं और मैंने अपने लौड़े के सुपारे को उनकी चूत के दाने पर थोड़ी देर रगड़ा.. वो आहें ले रही थीं।
पूरा रूम उनकी आवाज़ से मादक हो गया था। वो बोलीं- भैन दे टके.. ऐसे ही तरसाएगा कि अब डालेगा भी.. तो मैं समझ गया कि अब ये ज़्यादा चुदासी हो गई हैं.. तो मैंने एक ही झटके में पूरा लण्ड उनकी चूत में डाल दिया। वो चीख पड़ीं- आआअहह.. म्म्म्मज.. ममअर गई.. धीरे कर हरामखोर.. फाड़ देगा क्या..
उनकी आँखों में पानी आ गया.. पर मैं कहाँ रुकने वाला था। मैंने उनके गोलगोल चूचों को मसलते हुए और काटते हुए धक्के लगाने जारी रखे..। कुछ देर बाद वो भी अपनी गाण्ड को उँचा कर करके मेरा साथ देने लगीं और ज़ोर-ज़ोर से आहें भरने लगीं- चोद मुझे.. मेरी बरसों की प्यास बुझा दे.. आज्जज.. आआअहह.. उफफ्फ़.. मर गई रे! वो मुझे किस करने के लिए ऊपर होती और हम किस करते-करते चुदाई किए जा रहे थे।
इस तरह की चुदाई 5-6 मिनट तक करते रहे और अब मैंने उन्हें घोड़ी बनने को कहा.. तो वो जल्दी से घोड़ी बन गईं। मैंने देखा कि उनकी चूत बिल्कुल लाल हो गई है.. और मैंने अपने लौड़े को फिर से उनकी चूत में डाल दिया।
उस दौरान वो एक बार झड़ चुकी थीं लेकिन उनकी प्यास अभी भी नहीं बुझी थी.. बुझती भी कैसे.. वो इतने दिनों से प्यासी जो थीं। मैं उन्हें घोड़ी बनाकर चोद रहा था और उनके मम्मों को ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था। अब मैं भी झड़ने वाला था.. तो मैंने उनसे बोला- भाभी मैं झड़ने वाला हूँ। तो वो बोलीं- अन्दर मत झड़ना.. मुझे तुम्हारे रस का स्वाद लेना है।
वो तुरंत सीधी हुईं और मैंने सारा कामरस उनके मुँह में डाल दिया। वो मेरा सारा कामरस पी गईं और मेरे महाराजा को चाट कर साफ़ कर दिया।
हम करीब 10 मिनट तक यूँ ही किस करते रहे और वो मेरे लौड़े पर लेट गईं।
बाद में हम दोनों नहाने गए.. वहाँ भी मैंने नहाते-नहाते उन्हें एक बार और चोदा।
हम दोनों साथ में नहाने गए तो उनका भीगा बदन देख कर मेरा फिर से टाइट हो गया.. तो नहाते-नहाते मैं उन्हें किस करने लगा और मेरी जीभ को उनके मुँह में अन्दर-बाहर करने लगा।
उनके मम्मों को दबाने लगा और थोड़ी देर बाद वो नीचे बैठ गईं और मेरे महाराजा को पहले से भी ज़्यादा ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगीं। फिर से वही तरीका चल रहा था.. वे उस पर थूक कर.. वही थूक फिर से पीने लगीं। थोड़ी देर बाद बोलीं- तुम रूको..
वो बाहर जाकर तेल लेकर आईं और मेरी बॉडी पर तेल लगा दिया।
मैंने उनके जिस्म पर तेल मल दिया।
हम दोनों एक-दूसरे को चिपक कर 69 की दशा में चूसने लगे।
उन्होंने मुझे बाथरूम में लिटा दिया और मेरे 7 इन्च के लण्ड पर बैठ गईं और घुड़सवारी करते हुए मुझे चोदने लगीं.. और आहें भरने लगीं।
मैं उनके मम्मों को मसल रहा था और उनके निपल्स को कभी-कभी अपने नाख़ून से काट लेता तो वो चीख पड़ती थीं। ज़्यादा मम्मों मसलने के कारण उनके मम्मे लाल हो गए थे.. पर उन्हें परवाह कहाँ था.. उन्हें तो अपनी प्यास बुझानी थी।
तेल मालिश की वजह से और पानी की वजह से हम दोनों चिकने हो गए थे जिस वजह से हम दोनों को मज़ा आ रहा था।
हम इस तरह 7-8 मिनट तक चोदते रहे बाद में मैंने उसे खड़ा किया और उनका एक पाँव नल पर रखने को बोला और मुँह मेरी तरफ रखने को कहा।
उन्होंने मेरे कहे मुताबिक किया.. तो मैंने नीचे से अपने महाराजा को उसकी चूत के अन्दर डाल दिया.. और उन्हें किस करते-करते चोदने लगा।
वो थोड़ी देर बाद झड़ गईं.. बाद में उनके झड़ने के कारण लौड़े के चूत से टकराने की मादक आवाजें ‘फचक.. फचक..’ आने लगीं.. जिससे मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था।
वो भी आहें भर रही थीं- आआहह.. चोद मेरे राजाआअ.. चोद मुझे.. फाड़ दे मेरी इस चूत को.. और बुझा मेरी प्यास बुझा.. आआहह.. म्म्म्म मम.. ईईईई.. गईई..
थोड़ी देर बाद मैं भी झड़ने वाला था, मैंने कहा- मेरा कामरस पीना चाहोगी या अन्दर लेना चाहोगी? तो उन्होंने बोला- मेरे राजा तेरा कामरस मैंने टेस्ट तो किया है.. अब इस गरम कामरस को मेरे अन्दर ही छोड़ कर इसे भी तृप्त कर दे.. तो मैं अन्दर ही झड़ गया और वो काफ़ी खुश हुई और ज़ोर से मेरे होंठों को चूम करके मुझे थैंक्स किया।
वो बोलीं- तुमने मुझे आज बहुत मज़ा दिया है.. तुमने मेरी दो बरसों की प्यास को आज अच्छी तरह से बुझा दिया है श्याम आई लव यू वेरी मच.. अब जब भी तेरे भाई नहीं होंगे.. मैं तुम्हें मेरी इस प्यास को बुझाने के लिए बुला सकती हूँ? तो मैंने कहा- क्यों नहीं मेरी रानी..
मुझे भी आज पहली बार की चुदाई में बहुत मज़ा आया। हम दोनों नहा कर बाहर निकल कर अपने-अपने कपड़े पहन कर फिर से टीवी देखने लगे।
मुझे ऐसा अहसास पहली बार हुआ था कि मुझे वास्तव में बहुत मज़ा आया था। शाम को साथ ही खाना खाया। श्रेया ने कहा- आज रात यहीं मेरे कमरे में सो जाना।
तब मैंने श्रेया को रात में तीन बार चोदा। उस रात मैंने श्रेया को कहा- मैं पीछे वाले होल का मज़ा लेना चाहता हूँ। तो वो बोलीं- दर्द होगा और वो गंदी बात है.. ऐसा नहीं करते।
तो मैंने भी मन में कहा कि आज नहीं तो किसी और दिन तेरी गाण्ड मार कर ही मानूँगा। फिर थोड़े दिन बाद मैंने उसकी गाण्ड भी मारी.. वो आपको मैं अपनी अगली कहानी में सुनाऊँगा।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे ईमेल कीजिए। [email protected]
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