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मैंने पिछले भाग में बताया कि मैंने कैसे एक हिजड़े को पटाया और उसके साथ मुख मैथुन करवाया। अब मैं आपको उसके साथ की आगे की सच्ची कहानी बताता हूँ।
उसका नाम पायल था और सभी हिजड़ों की तरह उसका भी गाने बजाने का धंधा था.. पर वो बहुत सुन्दर और शरीफ हिजड़ा था। वो दशहरे के त्यौहार पर रामलीला वगैरह में नर्तकी का रोल भी किया करता था।
एक दिन जैसे कि हमारी बातचीत हुई थी.. मैं रात नौ बजे उसके घर पर पहुँच गया। मुझे देखते ही पायल समझ गई कि मैं उसको चोदने आया हूँ।
उसने मुझे अपने कमरे के अन्दर बुला लिया। उस वक़्त वहाँ पर एक लड़का और बैठा था.. उसने मेरा परिचय उससे यह कह कर कराया कि रामलीला में बुकिंग करने आए हैं।
थोड़ी देर की नार्मल बातचीत के बाद वो लड़का वहाँ से चला गया और अब हम दोनों जने कमरे में अकेले थे।
उसने मुझे कपड़े उतार कर आराम से बैठने को कहा.. मैं पहले भी उसको अपना लंड चुसवा चुका था.. इसीलिए मुझे कपड़े उतारकर बैठने में कोई शर्म नहीं थी.. मैंने कपड़े उतार दिए। पायल मेरे पास आकर बैठ गई और मेरे लंड को हाथ में पकड़ कर सहलाने लगी। मैं भी मजे ले रहा था.. मेरा लंड पहले से ही खड़ा था.. उसके सहलाने से पूरी तरह से खड़ा हो गया।
तभी लाइट चली गई.. मेरा तो मूड ही ऑफ हो गया.. उस दिन गरमी सी भी हो रही थी। पायल बोली- चलो अच्छा हुआ अब कोई टेंशन नहीं है। मैंने पूछा- कैसी टेंशन? तो उसने बताया- अब किसी को पता नहीं चलेगा कि तुम यहाँ हो..
मैंने इस विषय पर ज्यादा बात करना उचित नहीं समझा और मैंने उसके ब्लाउज में ऊपर से हाथ डाल दिया.. उसके मम्मे ज्यादा बड़े तो नहीं थे.. पर मस्ती करने के लायक थे और मम्मों के निप्पल तो बड़े मस्त थे और बड़े भी थे। मैं बोला- पायल मुझे तुम्हारे मम्मे चूसने है। उसने मेरा लण्ड छोड़ा और अपने कपड़े उतार दिए।
अँधेरे में मुझे कुछ नहीं दिख रहा था कि उसका शरीर गोरा है या काला.. जब मेरे पास वो आई.. तो उसके हाथ में तेल की शीशी भी थी और उसने मेरे लंड पर खूब सारा तेल लगाया और मुझे आराम से लेटने को बोला।
मैं तो पहले ही किसी दूसरी दुनिया में था.. मैं लेट गया और वो मेरे बगल में आकर बैठ गई।
मैं अब उसके मम्मे भी सहला रहा था और लण्ड भी सहलवा रहा था.. वो मेरे लंड को पूरी तरह तेल से भिगोकर मालिश कर रही थी मेरी गोलियां तक तेल से सराबोर थीं। लगभग 5 मिनट की मालिश के बाद मुझे जिज्ञासा हुई कि मैंने हिजड़े की चूत या जो भी हो.. वो कैसा होता है.. मैंने कभी नहीं देखा था। तो मैंने उसकी दोनों टाँगों के बीच में अपना हाथ अकस्मात् रख दिया और मुझे इतने जोर का झटका लगा कि मेरी गाण्ड फट गई।
उसके बाद एक मस्त सात इंच का लंड था और अच्छे से खड़ा भी था। अब मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि मैं किसी लड़के के साथ हूँ या किसी हिजड़े के साथ..
मैंने उससे पूछा- तुम्हारे पास तो एकदम मस्त लंड है.. फिर तुम किस प्रकार के हिजड़े हो? पता नहीं वो अँधेरे में हँसा या मुस्कराया.. पर मुझसे बोला- लंड तो देख लिया.. उसके नीचे भी तो देखो।
मैंने हाथ लगाया तो गोलियां गायब थीं।
उसने बताया- मैं बच्चे पैदा नहीं कर सकता हूँ बस नाम का लंड है.. सब कुछ सही है.. पर मेरा सारा शरीर लड़कियों वाला है.. केवल ऊपर वाले ने मुझे चूत की जगह लंड दे दिया.. वो भी अधूरा..
अब मैं उसकी कहानी जान चुका था.. तो मेरी गाण्ड में भी खुजली शुरू हो गई। मैं बोला- क्या तुम मुझे भी चोदोगे? उसने कहा- अगर मुझे अच्छे लगे तो जरूर चोद दूँगा।
मैं तो बिल्कुल तैयार था.. मेरे ‘हाँ’ करते ही उसने मुझे उल्टा लेट जाने को कहा और उसके तेल से सने हाथ अब मेरी गाण्ड में घूमने लगे और मेरी गाण्ड के छेद की अच्छे से मसाज करने लगे।
मैं कुतिया जैसा बन गया.. वो एक हाथ नीचे से डालकर लंड को.. और दूसरे हाथ से मेरी गाण्ड को मस्त मसाज देते हुए मुझे तैयार करने लगा।
तब मैं बोला- मेरा माल निकल जाए उसके पहले मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ। पायल ने कहा- ठीक है..
उसने बहुत सारा तेल अपनी गाण्ड पर लगा लिया और औरतों की तरह ऊपर टाँगें करके लेट गया। मैंने भी सही पोजीशन लेकर अपना लंड उसकी गाण्ड पर सैट किया और जैसे ही दबाया.. पूरा लंड एक बार में ही जड़ तक अन्दर चला गया।
मैंने एक हाथ से उसके लंड को पकड़ कर मुठ्ठ मारते हुए.. उसकी धीरे-धीरे चुदाई शुरू की.. पर उसकी चारपाई छोटी होने की वजह से सही स्पीड या तालमेल नहीं बन रहा था। वो समझ गया और बोला- तुम नीचे लेट जाओ..
मैं अब बिस्तर पर लेट गया और वो मेरे ऊपर सवार हो गया। मेरा लंड उसने अपनी गाण्ड पर सैट किया। उसकी गाण्ड पर्याप्त खुली हुई थी.. इसीलिए कोई दिक्कत नहीं हुई और वो ऊपर से मुझे ठोकने लगा।
मैं उसके लंड को हाथ से पकड़े हुए पूरा मजा ले रहा था.. लाइट न होने की वजह से हमारे शरीर पसीने-पसीने हो चुके थे और कभी-कभी जब उसकी गाण्ड मेरी जांघों से टकराती.. तो एक मस्त ‘थाप’ की आवाज आती।
मैं यही सब सुनते और चुदाई करते हुए उसकी गाण्ड में अपना पूरा रस गिराने लगा और मेरा शरीर एकदम अकड़ गया.. पर पायल ने ऊपर से मेरे लण्ड को चोदना जारी रखते हुए मेरी गोलियों को हल्के-हल्के दबाते और सहलाते हुए मुझे जो मजा दिया.. मैं उसे शब्दों में नहीं लिख सकता। करीब 5 मिनट तक पायल मेरे ऊपर ही सवार रही.. और जब हटी.. तो उसकी गाण्ड से मेरा सारा माल निकल कर मेरी ही झांटों के ऊपर टपकने लगा।
वो बोली- मैं सब साफ कर दूँगी.. तुम चिंता न करो।
अब गाण्ड मराने की बारी मेरी थी.. पर समय ज्यादा हो चुका था.. मुझे घर भी लौटना था.. पर उसके लंड को देख कर मैं पागल हुआ जा रहा था। पायल ने कहा- कोई बात नहीं.. तुम कल आ जाना.. तो मैं तुम्हें ठीक से चोद दूँगी.. अभी रोशनी भी नहीं है और कमरे में गर्मी भी ज्यादा है..
मैं उसकी बात से सहमत था.. पर मैंने कपड़े पहनने के पहले दो मिनट तक उसके पूरे लंड को अच्छे से चूसा.. उसके लंड में एक अजीब से खुश्बू थी। मैं आज तक नहीं समझ पाया कि वो खुश्बू क्या थी। मैंने बाद में उससे पूछा भी.. पर उसने यही कहा- मुझे खुद नहीं मालूम.. पर ये तो बचपन से ही ऐसी खुशबू है।
मैंने उसके लंड को एक किस किया.. उसने मेरे लबों को किस किया और कपड़े पहन कर मैं अपने घर को चला आया। उसके अगले दिन मैं उसके घर जब पहुँचा.. तो क्या हुआ वो सब अगले भाग में लिखूँगा।
आपका अमित शर्मा [email protected]
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