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दोस्तो मेरा नाम शैलेश है.. मैं अपनी कहानी मुझे बहुत लोगों के ईमेल मिले और लोगों ने मेरी कहानी की तारीफ की, मैं उन सबको बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूँ।
अब तक आपने पढ़ा..
अगर मॉम नहीं होतीं.. तो उसी वक़्त अपनी उस सेक्सी बहन को चोद डालता। फिर मैंने काजल को गाल पर किस किया और छोड़ दिया। वो कमरे से निकल कर रसोई में गई और दूध का गिलास लेकर आई। मुझे देते हुए बोली- ये लो भैया.. दूध पियो..
उसने एक कंटीली सी स्माइल दे दी। मैंने भी कहा- अभी तो इससे काम चला लेता हूँ.. पर आज रात को तेरा दूध पिऊँगा..
फिर मैंने दूध पिया और काजल गिलास लेकर अपने काम में बिज़ी हो गई। मैं कॉलेज चला गया।
अब आगे..
मैं कॉलेज चला गया और शाम को जल्दी घर आ गया.. लेकिन काजल घर पर नहीं थी.. वो अपनी कोचिंग क्लास गई हुई थी। मुझे जल्दी आया देखकर माँ ने पूछा- आज इतनी जल्दी कैसे आ गया?
मैंने कहा- हमारे कॉलेज में एक फंक्शन हो रहा था.. इसलिए देर से आता था लेकिन अब वो हो गया है.. इसलिए अब इसी टाइम पर आया करूँगा।
माँ ने कुछ नहीं कहा.. मैं अपने कमरे में गया और तैयार होकर काजल का इंतज़ार करने लगा। करीब 35 मिनट बाद काजल क्लास से आई.. उस वक़्त मैं पीसी पर बैठा हुआ था। मुझे देखकर काजल सीधा मेरे कमरे में आई और पूछने लगी- भैया आज आप इतनी जल्दी आ गए? मैंने कहा- हाँ सिर्फ़ तेरे लिए..
फिर मैंने कहा- गेम खेलेगी? उसने कहा- हाँ.. तब मैं पीसी पर गेम लगा कर काजल से बोला- ये ले.. खेल..
तब काजल मेरी गोद में बैठ कर गेम खेलने लगी। वैसे तो काजल पहले भी काफ़ी बार मेरी गोद में बैठकर गेम खेली थी.. लेकिन तब मैं काजल को सिर्फ़ बहन की नज़र से देखता था.. लेकिन इस बार काजल जैसे ही मेरी गोद में बैठी.. मेरा लंड ऐसे खड़ा हो गया.. जैसे लंड में करेंट लग गया हो।
मैंने अपने कमरे के दरवाजे को ज़रा सा लॉक कर दिया.. लेकिन कुण्डी नहीं लगाई थी.. क्यूंकी काजल ने मुझे कुण्डी लगाने से मना किया था। उसे अब भी शर्म आ रही थी.. ये सोचकर कि माँ क्या सोचेगी.. कि भाई-बहन दोनों कुण्डी लगा कर अन्दर क्या कर रहे हैं।
इसलिए मैंने भी कुण्डी नहीं लगाई और दरवाजा पूरा सटा कर काजल की गाण्ड में अपना लण्ड लगा कर कपड़ों के ऊपर से ही मज़ा लेने लगा। फिर मैंने काजल को अपनी गोद से हटाया और अपनी जीन्स निकाल कर हाफ पैंट में हो गया.. ताकि काजल की गाण्ड का ज्यादा मज़ा ले सकूँ।
मैं कुर्सी पर बैठा और काजल मेरी गोद में बैठ कर गेम खेलने लगी। अब मुझे और ज्यादा मज़ा आ रहा था क्योंकि इस बार काजल की गाण्ड और मेरे लंड के बीच सिर्फ़ काजल की ब्लैक जीन्स और मेरा हाफ पैंट था। मैं अंडरवियर नहीं पहनता था.. सीधे जीन्स या फुल पैंट के अन्दर हाफ पैंट ही पहनता था।
मैंने अपने दोनों हाथ काजल के पेट से सटा कर उसके बालों से अपने होंठों को सटा लिया और उसके केश चूमने लगा। फिर मैंने अपना हाथ ऊपर ले जा कर उसके चूचों पर रख दिया और उन्हें मसलने लगा।
जब मैं अपना हाथ टॉप के अन्दर डालने लगा.. तो काजल मना करने लगी.. इसलिए मैंने कोई ज़बरदस्ती नहीं की और टॉप के ऊपर से ही उसके चूचों को मसलने लगा। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
फिर मैंने अपना एक हाथ काजल की गाण्ड पर रखकर उसकी गाण्ड को सहलाने लगाम, मैंने कहा- कितनी सेक्सी गाण्ड है.. न ज़ाने कितनी बार रातों को इस गाण्ड के नाम की मुठ मार चुका हूँ.. आज पूरी रात तेरी गाण्ड मारूँगा.. काजल मुस्कुराने लगी.. करीब 50 मिनट तक काजल अपनी गाण्ड मेरे लंड पर रख कर गेम खेलती रही।
फिर काजल को मॉम ने बुला लिया रसोई में कुछ काम के लिए। जाते वक़्त मैंने काजल को गाल पर किस करते हुए कहा- आज रात डोर लॉक मत करना.. वरना मैं फिर कभी तेरे से बात नहीं करूँगा।
उसने ‘ओके भैया…’ कहा और एक प्यारी सी सेक्सी स्माइल देकर मॉम के काम में हाथ बंटाने चली गई।
मैंने उसे होंठों पर किस इसलिए नहीं किया था क्योंकि मैंने पहले कभी किस नहीं किया था। मैं अपना फर्स्ट किस अच्छे से करना चाहता था.. इसलिए उस वक़्त काजल को सिर्फ़ गाल पर किस किया था।
फिर मैं अपने कॉलेज की पढ़ाई करने लगा.. कुछ देर बाद मैं पढ़ने में इतना मस्त हो गया कि समय का पता ही नहीं चला और जब मैं उठा तो शाम हो चुकी थी और डिनर का टाइम हो गया था।
डिनर के वक़्त मैं काजल को देखकर छोटी सी स्माइल दे रहा था.. वो भी मुझे जब देखती.. तो स्माइल करती। सबने डिनर किया और फिर एक घन्टे बाद सब सोने चले गए।
मेरे पापा को सुबह जल्दी ऑफिस जाना पड़ता है इसलिए हम सब ग्यारह-साढ़े ग्यारह बजे तक सो जाते थे।
जब सब सोने चले गए.. तब मैं 30 मिनट बाद काजल के कमरे की तरफ गया.. लेकिन उसने आज फिर लॉक किया हुआ था।
मुझे समझ में ही नहीं आ रहा था कि आख़िर ये लड़की चाहती क्या है। इस बार मुझे बहुत ज्यादा गुस्सा आ गया था.. इसलिए मैं बिना किसी बात की परवाह किए दरवाज़े को ज़ोर से ठोकने लगा।
तब भी काजल ने दरवाज़ा नहीं खोला.. लेकिन मॉम ने ज़रूर अपने कमरे का दरवाज़ा खोला और पूछने लगीं- क्या हुआ.. काजल के कमरे का दरवाजा इतना ज़ोर से क्यूँ ठोक रहा है? तब मैंने कहा- मेरी नोटबुक मिल नहीं रही है.. शायद काजल के कमरे में है.. मुझे वो अर्जेंट चाहिए.. इसलिए ठोक रहा हूँ।
तब मेरी मॉम भी काजल का दरवाज़ा ठोकने लगीं.. मॉम ने जैसे ही उसे आवाज़ दी.. काजल ने वैसे ही दरवाज़ा खोल दिया। यह देखकर मुझे पता चल गया था कि काजल सोई नहीं थी। काजल ने मॉम से पूछा- क्या हुआ? तब मॉम ने कहा- इसकी नोटबुक नहीं मिल रही है.. तेरे कमरे में है क्या?
तब काजल और मैं दोनों ढूँढने लगे.. लेकिन मेरी कोई नोटबुक खोया ही नहीं.. तो मिलता कैसे.. इसलिए 5 मिनट ढूँढने का एक्टिंग करने के बाद मैंने मॉम से खुद कहा- जाने दो.. शायद मेरे ही कमरे में कहीं पड़ी होगी।
फिर मैंने काजल को बहुत गुस्से से देखा और अपने कमरे में चला गया। थोड़ी देर बाद मैं फिर काजल के कमरे में गया शायद इस बार उसने दरवाज़ा लॉक ना किया हो.. लेकिन उसने इस बार भी दरवाज़ा लॉक किया हुआ ही था। इस बार मैंने कोई दरवाज़ा नहीं ठोका और दुखी मन से अपने कमरे में चला आया।
अब मैंने सोच लिया था कि अब मैं सच में ही हॉस्टल चला जाता हूँ.. कुछ दिन मुझसे दूर रहेगी.. तब इस सेक्सी बहन को अकल आएगी। यह सोचकर मैं मुठ मार कर लेट गया.. वो रात मेरे जिंदगी का सबसे बुरी रात थी। उस रात मुझे 3.30 बजे के बाद नींद आई थी।
मैं अगले भाग में बताऊँगा कि इतना ड्रामा होने के बाद कैसे मैंने अपनी इस सेक्सी बहन को आख़िर में चोद ही डाला। मुझे ईमेल ज़रूर करते रहिएगा। [email protected]
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