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इस पोर्न स्टोरी के पिछले भाग उसकी चूत चुदाई का कभी सोचा ही न था-1 में अब तक आपने पढ़ा.. मेरा दोस्त जिसकी यह कहानी है.. वो किसी लड़की को प्यार करने लगता है और उसके मना कर देने के बाद वो मुंबई चला गया जहाँ उसने अपनी काम-पिपासा को बाजारू रंडियों से शांत किया। अब उसी की लेखनी से आगे..
फिर मैंने राखी से 2 दिन पहले की टिकट निकाली ताकि मैं राखी के दिन घर पहुँच सकूँ।
उसके बाद पैकिंग वगैरह की और समय अनुसार रेलवे स्टेशन पहुँच गया। ट्रेन भी समय से चल गई.. फिर मैं अपने घर के लिए निकल पड़ा। सफ़र अच्छा रहा घर पहुँचने के बाद पहले घर वालों से मिला फिर मैं फ्रेश हुआ.. उसके बाद रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया।
कुछ देर आराम करने के बाद शाम को अपने दोस्तों से मिला.. उसके बाद थोड़ी बहुत पार्टी चली.. फिर रात में डिनर करने के बाद ऐसे ही लेटा था.. तो मुझे प्रीति की याद आई। मैंने सोचा कि कॉल किया जाए.. पर सोचा अब 11 बज गए हैं.. सो गई होगी या फैमिली के साथ होगी.. रहने देते हैं.. सुबह बात करूँगा।
फिर मैंने सोचा कि कर के देखते हैं.. जो होगा सो होगा.. और मैंने उसे कॉल किया। थोड़ी ही रिंग जाने के बाद उसने कॉल उठाई और उधर से एक प्यारी सी आवाज़ के साथ- हैलो कौन बोल रहे हो? मैंने कहा- मैं अमित बोल रहा हूँ..
मेरा नाम सुनते ही वो थोड़ी ज़ोर से बोली- अमित.. कहाँ हो तुम.. कैसे हो.. इतने दिनों से तुमने कॉल भी नहीं की.. तुम्हारा नम्बर भी नहीं लग रहा था। ‘मैं ठीक हूँ.. तुम कैसी हो?’ ‘मैं ठीक हूँ.. कहाँ थे इतने दिन?’ तो मैंने कहा- मैं मुंबई गया था.. पापा के पास.. आज ही वहाँ से आया हूँ..’
वो कुछ शांत सी हुई और उसने पूछा- कैसा लगा मुंबई घूम कर? ‘अच्छा लगा..’ ‘हम्म..’
फिर मैंने पूछा- डिनर हो गया तुम्हारा? उसने बोली- हाँ हो गया.. तुमने किया? मैंने भी कहा- हाँ कर लिया.. तुम क्या कर रही हो?
तो वो बोली- टीवी देख रही हूँ.. मैं घर पर अकेली हूँ.. फिर मैंने पूछा- घर वाले कहाँ गए हैं? उसने बोली- सब नानी के यहाँ गए हैं.. मैं भी गई थी.. पर मेरे ऑफिस का काम था.. तो मैं शाम को ही वापस आ गई थी।
दोस्तो.. मुझे तो ऐसे ही चूत की आदत लग गई थी.. ऊपर से प्रीति घर पर अकेली थी। सुन कर मेरा लण्ड खड़ा होने लगा.. तो मैंने उससे कहा- ठीक है मैं आता हूँ तुम्हारे घर.. वो बोली- क्या करने आओगे? तो मैंने कहा- बहुत दिन हो गए तुम्हें देखे हुए.. और सामने से बात भी नहीं हुई है.. बहुत मन कर रहा है तुम्हें देखने के लिए..
थोड़ी नानुकुर के बाद वो बोली- पर कोई देख लेगा तो? मैंने कहा- इतनी रात में कौन देखने वाला है? फिर वो बोली- जाओगे कब? तो मैंने कहा- सुबह 4 या 5 बजे आ जाऊँगा। उसने कुछ सोचा और कहा- ठीक है आ जाओ।
दोस्तो, मैं तो इतना खुश हुआ कि आपको बता नहीं सकता। मैंने जल्दी से कपड़े पहने और आराम से कमरे से निकल कर रूम लॉक किया ताकि घर वाले जाग ना जाएं।
फिर मैं उसके घर के लिए निकल पड़ा।
दोस्तों प्रीति का घर मेरे घर से 15 मिनट की दूरी पर है, मैंने उसके घर के बाहर पहुँच कर उसे कॉल किया और बोला- मैं बाहर हूँ.. दरवाजा खोलो। वो बोली- ठीक है, एक मिनट रूको।
दोस्तो, उसने जैसे ही दरवाजा खोला.. वो मेरे सामने थी और मैं उसे देखता ही रह गया। वो स्कर्ट और टॉप में थी और बहुत ही खूबसूरत लग रही थी।
मैंने उसे नीचे से ऊपर तक देखा.. फिर ‘हैलो’ के साथ उसकी आवाज़ आई.. तो मैं हिला। ‘अरे पगले.. कोई देख लेगा.. अन्दर आओ.. मरवाओगे क्या?’ मैं अन्दर आया.. उसने दरवाजे को लॉक किया और बोली- चलो अन्दर..
मैं उसके पीछे-पीछे अन्दर गया और उसने मुझे सोफे पर बैठने को बोला और वो पानी लाने को चली गई। मैं सोफे पर बैठ गया.. सामने टीवी चल रहा था.. तो मैं टीवी देखने लगा। फिर वो पानी लेकर आई और मुझे पानी दिया.. वो भी सोफ़े पर बैठ गई।
इतने दिनों बाद देखा था.. तो वो पहले से और भी संवर गई थी.. उसके बाल खुले हुए थे.. आँखों में काजल मतलब.. हल्का मेकअप किया हुआ था।
हम आपस में बात करने लगे.. मैं मन ही मन सोच रहा था कि बेटा आज अच्छा मौका है.. मज़ा मार ले।
मैं उसकी तरफ हल्का सा सरका.. उस समय उसकी नज़र टीवी पर थी। फिर मैं 5 मिनट तक वैसे ही रहा.. उसके बाद मैं थोड़ा और सरका। अब मैं उसके इतना करीब आ गया था कि हम दोनों की जांघें आपस में टकरा रही थीं। उसने कुछ नहीं बोला.. और वो अब भी टीवी देख रही थी।
मैंने अपना एक हाथ उसके कन्धे पर रख दिया। दोस्तो, जब लड़की इतने करीब हो.. तो किसी का भी लण्ड सलामी देने लगेगा.. वही हाल मेरा भी था।
थोड़ी देर बाद उसने मेरा हाथ हटा दिया.. पर थोड़ी देर बाद मैंने फिर से अपना हाथ उसके कंधे पर रखा.. इसके बाद वो कुछ नहीं बोली.. तो मैंने आगे बढ़ने का सोचा और अपनी उंगलियों से उसकी जुल्फों को सहलाने लगा। इस बार वो बोली- क्या कर रहे हो.. सही से बैठो?
मैं कहाँ मानने वाला था.. मैंने फिर से उसकी जुल्फों को सहलाना चालू कर दिया। एक-दो बार मना करने के बाद जब वो कुछ नहीं बोली.. तो मैंने सोचा अब तो काम होने वाला ही है। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
दोस्तो, लड़कियां कभी अपने से पहल नहीं करती हैं पहले लड़कों को ही करना पड़ता है.. मुझे उसकी चुदाई करनी थी.. तो मैं ही कदम बढ़ा रहा था।
जुल्फों को सहलाने के बाद मैंने एक उंगली उसके गले पर ले जाकर उसके गले को सहलाने लगा.. फिर थोड़ी देर बाद पूरे हाथों से उसके गले को सहलाता रहा।
मैंने आँखें तिरछी करके देखा.. तो वो अपनी आँखें बंद करके शांत बैठी थी.. मतलब वो गरम हो रही थी।
अब मैं और प्यार से उसे सहलाता रहा.. जब सोचा कि मौका सही है तो मैंने उसके सर को खुले बालों से पकड़ा और उसके होंठ पर अपने होंठ लगा दिए और पूरी शिद्दत से उसको चूमने लगा।
वो तो पहले से गरम थी.. उसने मुझे कस कर अपनी बाँहों में ले लिया। अब मैं उसके नरम-नरम होंठों को बहुत प्यार से चूस रहा था.. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।
अब मैं आगे बढ़ते हुए अपना एक हाथ उसके दूध पर ले गया और उसे दबाने लगा और किस भी करता रहा। दस मिनट तक चूमने के बाद उसने बोला- चलो बेडरूम में चलते हैं।
मुझे क्या एतराज़ था.. मुझे तो बस उसकी चुदाई करनी थी.. मैं भी उठ कर उसके साथ बेडरूम की तरफ चल पड़ा। बेडरूम में पहुँचते ही मैंने उसके पीछे से पकड़ लिया और अपने दोनों हाथों से उसके दूध को दबाने लगा.. उसके गले को चूमने लगा। वो ‘सीसी.. सस्स..स्स.. आआहह..’ जैसी सिसकारियां निकाल रही थी।
फिर मैंने उसे बिस्तर पर बैठाया और उसके टॉप को निकाल दिया। उसके बड़े-बड़े दूध ब्रा में से बाहर आने को तड़फ रहे थे। उसका फिगर साइज़ 34-30-34 का था। दोस्तों वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी।
मैं उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके दूध दबाने लगा.. वो बस सिसकारियां ले रही थी, उसके मुँह से गरम-गरम साँसें छूट रही थीं।
अब मैंने उसकी ब्रा को भी निकाल दिया और उसको बिस्तर पर लेटा दिया। मैं उसके ऊपर आकर उसके बड़े-बड़े दूधों को अपने मुँह से लेकर चूसने लगा।
साथ ही उसकी स्कर्ट के ऊपर से ही उसकी चूत को दबाने लगा। दोस्तो, वो इतना गरम हो गई थी कि उसने मुझे अपने ऊपर एकदम चिपटा लिया था, मुझे ऐसा लग रहा था कि वो मुझको अपने अन्दर ही समा लेगी।
फिर मैंने उसकी स्कर्ट भी निकाल दी, अब वो सिर्फ़ काली पैन्टी में थी। मैंने भी उठ कर अपने कपड़े उतारे और मैं भी बस चड्डी में आ गया।
अब मैंने उसकी पैन्टी को भी निकाल दिया और वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी हो गई थी। उसकी चूत बिल्कुल साफ़ थी और चूत के ऊपर झाँटों से स्टार की डिजायन बनाई हुई थी.. जो कि उसकी चूत को चार चाँद लगा रही थी।
मैंने नीचे झुक कर उसकी प्यारी चूत पर अपनी जीभ को लगा दिया और उसके दाने को जीभ से चाटने लगा।
वो इतनी गरम थी कि उसने झट से मेरे बालों को पकड़ कर मेरा सर अपनी चूत में दबाने लगी ‘आआहह.. हमम्म.. ऊऊहह.. चाटो..’ वो सिसकारियां निकालने लगी.. 5 मिनट में ही उसने अपना रस छोड़ दिया.. जो कि मैं बड़े ही प्यार से गटक गया।
वो एक बार झड़ गई थी.. तो अब मेरा भी बुरा हाल हो रहा था.. लण्ड फटने को हो रहा था। मैं अपना लण्ड उसके होंठों के सामने ले गया.. तो उसने मना कर दिया। मैंने भी जिद न करते हुए उसके पैरों को दोनों तरफ फैला दिया।
इससे उसकी चूत का छेद मुझे दिखने लगा.. तो मैंने अपने लण्ड का सुपारा उसकी चूत के मुँह पर रखा और गोल-गोल फेरने लगा।
दोस्तो, इतना सब होने के बाद भी वो मुझसे एक लफ्ज़ भी नहीं बोली.. पर इस बार उसने कहा- अमित प्लीज़.. जल्दी डालो.. अब मुझे रहा नहीं जाता।
मुझे भी जल्दी थी.. तो मैंने भी अपने लण्ड को उसकी चूत के मुँह पर रखा और धक्का मार दिया.. तो मेरा लण्ड आधा उसकी चूत में घुस गया। शायद वो पहले भी किसी से चुद चुकी थी.. उसे दर्द ही नहीं हुआ.. बस ‘आआअहह..’ की एक आवाज़ उसके मुँह से निकली। मैंने भी अब दूसरे झटके में अपना 7″ का लण्ड पूरा का पूरा उसकी चूत में पेल दिया और झटके देने लगा।
वो अब सिसकारियां ले रही थी- आआअहह ईईई.. स्स्स्स्सस्स.. ऊऊऊओ.. प्लीज़ अमित.. और ज़ोर से.. और ज़ोर से.. प्लीज़ प्लीज़.. अब उसकी सेक्सी आवाज़ सुन कर मुझे भी जोश आने लगा और मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी और तेज-तेज धक्के मारने लगा।
अब वो भी पूरी मस्ती के साथ चुद रही थी.. और मैं भी हर झटके में उसकी ‘आअहह..’ निकाल रहा था। दस मिनट की चुदाई के बाद वो नीचे से अपनी गाण्ड उठाने लगी।
‘प्लीज़ जान.. और ज़ोर से.. आआहह ऊऊओह.. मैं झड़ने वाली हूँ.. और ज़ोर से..’ फिर एक तेज ‘आअहह..’ की आवाज़ के साथ वो झड़ गई।
मुझे लगा कि अब मैं भी झड़ने वाला हूँ तो मैं भी अब तेज़ी से उसे चोदने लगा.. और 5 मिनट के बाद मैं भी उसकी चूत में ही झड़ गया। जब मैंने उसकी तरफ देखा.. तो उसके चेहरे पर सुकून दिख रहा था। फिर मैंने उसे ‘आई लव यू’ कहा.. तब उसने भी मुझे ‘आई लव यू टू’ कहा।
फिर मैंने उसे बताया- जब मैं स्कूल में गणित का पेपर देने गया था.. तब तुम्हें देखा था.. तब तुमसे बात नहीं कर पाया.. उसके बाद कॉलेज में देखा.. मुझे तुमसे बहुत प्यार हो गया था.. पर तुम कभी समझ ही नहीं पाईं। फिर उसने मुझे प्यार से एक किस किया और ‘लव यू जानू’ कहा।
मैंने भी ‘लव यू टू जान’ कहा.. फिर उठ कर वो फ्रेश होने चली गई।
मैंने टाइम देखा तो 12-30 हो रहे थे। मैंने सोचा देता लौंडिया तो फंस ही गई है और अभी टाइम भी बहुत है.. तो पूरी रात इसकी चूत बजा कर मस्ती करना चाहिए। बस फिर क्या था पूरी रात चुदाई और चुदाई ही चलती रही।
दोस्तो, यह थी मेरी कहानी लड़की को 2 साल के प्यार के बाद मुझे चोदने को चूत मिली। फिर हम दोनों का चुदाई वाला प्यार कुछ महीने तक चला.. उसके बाद कुछ ऐसी बात हो गई.. कि हम दोनों को अलग होना पड़ा। वो बात मैं यहाँ नहीं लिख रहा हूँ और आज भी मैं उसे मिस करता हूँ।
आई मिस यू प्रीति डार्लिंग..
आपको मेरे दोस्त की सच्ची कहानी कैसी लगी.. मुझे ईमेल करके जरूर बताना। [email protected]
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