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नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अनुराग है, रामपुर मध्यप्रदेश का रहने वाला हूँ.. मेरी उम्र 21 साल है। यह मेरी पहली वास्तविक कहानी है.. मैंने बहुत बार सेक्स किया है। मैं अपने चाचा-चाची के घर रहता हूँ.. उनकी बेटी जिसका नाम माधवी है.. जो अभी जवान हुई है.. और एक छोटा बेटा है।
चाचा के घर में केवल दो ही कमरे हैं एक में चाचा-चाची और एक में मैं और माधवी सोते थे। मैं अक्सर उसके साथ मस्ती करता था.. पर वो कुछ नहीं कहती थी। मैं अक्सर उसके रात में सोने के बाद उसको देख कर व उससे चिपक कर मुठ मारता था.. शायद इस बात का उसको भी पता था। ऐसा बहुत दिन तक चला..
अब वो भी जवानी की दहलीज़ पर थी तो उसका भी मन करता होगा मस्ती करने का..
एक दिन उसने कहा- भाई मुझे मार्किट से कुछ सामान लाना है.. मैंने कहा- क्या लेना है.. मैं ला दूँगा। तो वो बोली- नहीं मैं खुद ही लाऊँगी।
मैं उसको एक शॉप में ले गया.. वहाँ से उसने एक गुलाबी ब्रा-पैन्टी खरीदी.. तो मैंने उससे कहा- ये तो मैं भी ला कर दे सकता था। उसने कहा- मुझे शर्म आती है। मैंने कहा- जब उससे मांगी.. तो शर्म नहीं आई? वो मुस्कुरा कर बोली- ठीक है.. अगली बार आप ही ला देना।
हम घर आ गए.. रात को हम दोनों सो गए और मैं रोज़ की तरह उससे चिपक कर सो गया।
दो दिन बाद उसने कहा- भाई मेरी एक ड्रेस है उसके लिए एक काली ब्रा-पैन्टी चाहिए.. आप ला दो। मैं खुश हो गया और शॉप पर गया और नेट में एक बिकनी सैट और एक रेड फैंसी ब्रा-पैन्टी ले आया।
मार्किट से आते-आते शाम हो गई.. जब मैं आया तब वो अपने कमरे में जा चुकी थी। मैंने खाना खाया.. फिर कमरे में अन्दर गया और उसको बैग दे दिया। मैंने बोला- ले ट्राई कर ले पहले। तो वो बोली- नहीं.. रहने दो।
पर बाद में उसने ब्रा-पैन्टी निकाली और बोली- अरे इसमें तो दो सैट हैं.. दो सैट लाने की क्या जरुरत थी? मैंने हँस कर कहा- ठीक है.. अब तू ट्राई कर ले। तो वो बाथरूम में गई और ब्रा-पैन्टी और अपनी सलवार पजामा पहन कर आ गई और बोली- सही है.. एकदम फिट आई है भाई..
वो लेट गई.. और जल्द ही नींद में आ गई। मैं भी उससे चिपक कर लेट गया और उसके ऊपर अपना पैर और हाथ रख लिया और उसके मम्मों को हल्के हाथ से सहलाने लगा।
उसने कुछ भी हरकत नहीं की.. मैंने अपना हाथ उसके पजामा के ऊपर से ही उसकी बिना चुदी चूत पर रख दिया। पहले तो उसने अपनी पैर दबा लिए.. पर थोड़ी देर बाद अपनी पैर फैला दिए.. जिससे मैं आराम से उसकी चूत को सहला सकता था।
अब वो थोड़ी-थोड़ी हिल रही थी और एकदम से अकड़ गई और चित्त लेट गई। थोड़ी देर बाद वो बोली- भाई मुझे बाथरूम आई है.. मुझे डर लगता है आप साथ चलो।
मैं उठा और उसके साथ चला गया.. वो बाहर ही मेरे सामने ही अपनी पजामी और पैन्टी खोलकर पेशाब करने लग गई। मुझे उसकी कसी चूत से ‘शर्र-शर्र’ की आवाज और उसकी गाण्ड साफ़ दिख रही थी। उसने अपनी पजामी पहनी और आकर सो गई। मैंने भी अपना माल निकाला और सो गया।
सुबह वो बिलकुल नार्मल थी.. पर अब वो मेरे सामने ही अपने कपड़े चेंज करने लग गई थी। ऐसे ही दिन गुजरते गए और फिर कुछ दिन बाद मैंने फिर से रात में उसकी गाण्ड में अपना लण्ड जो कि छ: इंच लम्बा और ढाई इंच मोटा है.. को टच किया और धीरे उसकी चूत को छेड़ना शुरू किया।
तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया.. मैं डर गया और सोने का नाटक करने लगा। थोड़ी देर बाद उसने मेरा हाथ अपनी चूत पर रखा और मसलने लगी। अब मेरी हिम्मत बढ़ी और मैंने अपना हाथ उसकी पजामी में डाल दिया, पैन्टी के ऊपर से ही उसकी चूत को मसलने लगा। अब उसकी चूत कामरस छोड़ रही थी.. जिससे उसकी पैन्टी गीली हो गई थी।
वो हिली तो मैंने अपना हाथ बाहर निकाल लिया और थोड़ी देर बाद वो उठी और बोली- भाई बाथरूम जाना है.. चलो.. मैं उसके साथ चला गया.. आज बाहर की लाइट चालू थी.. पर वो वहीं अपनी पजामा और पैन्टी खोल कर मेरे सामने ही बैठ गई और पेशाब करने लग गई। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मैंने कहा- आवाज मत कर.. वरना चाचा जग जाएंगे। वो हँसने लग गई और बोली- मैं खुद आवाज नहीं कर रही.. भाई वो हो रही है.. मैं भी हंसने लगा। हम दोनों बापस कमरे में आकर लेट गए।
वो बोली- जब मेरी फ्रेंड्स करती हैं तो उनकी आवाज नहीं होती और जब मैं करती हूँ.. तो होती है.. ऐसा क्यों? मैंने कहा- तू अभी कुंवारी है।
वो बोली- मेरी फ्रेंड्स की भी अभी कुंवारी हैं उनकी शादी नहीं हुई है। मैंने कहा- उनके बॉयफ्रेंड हैं.. तुम्हारा है क्या कोई? वो बोली- नहीं.. मैंने कहा- तभी आवाज होती है।
हम दोनों चिपक चुके थे.. उसने कहा- मैं समझी नहीं? तो मैंने कहा- वो अपने बॉय फ्रेंड के साथ मस्ती करती है। ‘मस्ती मतलब..?’ मैंने कहा- तू अब सो जा..
वो सो गई और सुबह स्कूल चली गई और मैं अपने कॉलेज।
रात को हम दोनों सोने की तैयारी करने लगे। वो बाथरूम में गई और आकर सो गई। मैं भी सो गया.. कुछ देर बाद मैंने अपना काम शुरू किया। मैंने उसकी चूत को सहलाया और अपना लण्ड हिला कर अपनी क्रीम निकाली।
वो उठी और पानी पी कर सो गई। मैंने फिर उसकी चूत पर अपना हाथ फेरा.. तो उसने अपने पैर खोल दिए। अब मैंने उसके पजामे में हाथ डाला.. तो देखा कि उसने आज पैन्टी नहीं पहनी थी। मेरा हाथ सीधा उसकी चूत पर उगे कोमल बालों के ऊपर था।
अब वो ‘सी सी..’ की आवाज निकाल रही थी।
मैं समझ गया कि आज इसकी चूत गर्म है.. क्यों ना आज इसे चोद लिया जाए। मैंने उसकी चूत में अपनी उंगली डाली.. तो उसने अपनी चूत भींच ली और जोर से ‘आहह..’ की आवाज निकाली।
मैंने उसकी पजामी का नाड़ा खोल दिया और उसने अपनी गाण्ड ऊपर उठा ली, जिससे मैंने आसानी से पजामी निकाल दी। अब मैंने भी अपने पजामा निकाल दिया और अपनी बहन की चूत चोदने के लिए अपने लण्ड को आजाद कर दिया। अब मैंने अपना लण्ड बहन के हाथ में दे दिया।
वो बोली- भाई ये क्या है? मैंने कहा- ये लण्ड है.. और अब तुम्हारी चूत में जाएगा। वो बोली- नहीं भाई.. मुझे डर लग रहा है। मैंने कहा- पगली डरने की कोई बात नहीं.. तुझे मजा आएगा।
वो बोली- भाई मेरी फ्रेंड ने बताया था कि दर्द भी होता है। मैंने कहा- नहीं ऐसा नहीं है.. मैं आराम से करूँगा। वो बोली- ओके..
अब मैंने उसको सीधा लेटाया और उस कच्ची कली को फूल बनाने के लिए अपना लण्ड उसकी चूत में सैट किया.. उसकी चूत जो कि अब चिप-चिप हो रही थी। फिर धीरे से मैंने अपना सुपाड़ा उसकी कुंवारी चूत में डाल दिया, लगभग तीन इंच लौड़ा उसकी चूत में जा चुका था.. वो रोने लगी.. और हाथ जोड़ कर बोली- प्लीज भाई.. बहुत दर्द हो रहा है.. इसे बाहर निकालो.. मेरी चूत फट गई है।
मैंने कहा- आवाज मत कर.. वरना चाचा चाची जाग जाएंगे… और कुछ नहीं होगा.. थोड़ा दर्द सहन कर ले फिर मजा ही मजा है। मैंने एक जोरदार झटका मारा और अपनी बहन को कुंवारी दुल्हन बना दिया। अब उसकी चूत से खून निकल रहा था मैं रुक गया और उसके बत्तीस साइज के मम्मों का रस पीने लग गया।
थोड़ी देर बाद वो शान्त हुई और बोली- भाई आपने मेरी फाड़ दी। मैंने कहा- क्या?
शर्मा कर उसने अपनी चूत की तरफ उंगली की.. मैंने कहा- अब तू कुंवारी है.. पर तेरी चूत अब अपने भाई के लण्ड की दुल्हन बन चुकी है, चूत की मांग भर गई है। वो हँस पड़ी।
मैंने उसको दस मिनट तक चोदा और सारा माल उसकी चूत में डाल दिया। जब वो खड़ी हुई तो उसकी चूत से खून और कामरस बह रहा था। मैंने उसकी चूत साफ़ की और उससे पूछा- कैसा लगा?
तो वो मुस्कराने लगी.. उसने मेरा लण्ड पकड़ा और बोली- ये बड़ा जालिम है.. साले ने मेरी मेरी चूत फाड़ दी।
उसकी बात सुन कर मैं फिर तैयार हो गया और बहन की दुबारा चुदाई कर दी। अब रात में मेरे साथ नंगी सो गई और हमने खूब चुदाई की।
अब उसकी शादी हो गई है.. पर उसने जाते-जाते भी भाई का ध्यान रखा। वो सब अगली बार विस्तार से लिखूंगा। [email protected]
सेक्सी कहानी का अगला भाग : अब बहन की चूत से शर्र शर्र की आवाज खुल कर आती है
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