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पोर्न स्टोरी का पहला भाग : लेस्बो मकान-मालकिन की चूत की प्यास-1
पोर्न स्टोरी का दूसरा भाग : लेस्बो मकान-मालकिन की चूत की प्यास-2
किरण बोली- बहुत दिनों से मेरी चूत लण्ड के लिए तड़प रही है.. इसलिए मैं पूजा के साथ लेस्बियन करती हूँ.. और अपनी चूत की गर्मी शान्त करती हूँ।
मैं बोला- अब तुझे मैं रोज चोदूँगा.. बोली- प्लीज़ अभी तो जल्दी से मुझे चोद दो.. मुझसे रुका नहीं जा रहा.. साले हरामी.. जल्दी से अपना लण्ड घुसा दे.. मादरचोद.. मेरी चूत में.. अपनी माँ की उमर की औरत को चोद दे.. और बन जा मेरा राजा.. मुझे अपनी रंडी बना ले.. आज बहुत दिनों बाद मेरी चूत को लौड़ा मिलेगा.. साली कब से परेशान करती है..
मैं लौड़ा सहलाता हुआ बोला- ठीक है.. आ जा..
अब आगे..
फिर मैं खड़ा हुआ और अपना अंडरवियर निकाला और अपना लण्ड हाथ में लेकर उसके मुँह के पास कर दिया। वो मेरे लण्ड को हाथ में पकड़ कर उससे खेलने लगी। मैं भी एक हाथ से उसकी चूचियों को दबा रहा था और एक हाथ को उसकी चूत पर ले जाकर उस पर अपनी फिंगर फिराने लगा।
मैंने बोला- मेरा लण्ड को मुँह में ले कर चूसो.. तो ‘गॅप’ से लौड़ा मुँह में लेकर चूसने लगी.. कुछ ही पलों में वो पूरी रंडी की तरह मेरा लण्ड चूस रही थी। मुझे भी बहुत मजा आ रहा था.. वो मेरे लण्ड को पूरा गले तक ले जाकर लेकर चूस रही थी और मेरे मुँह से ‘आ..हहा..’ की आवाज़ आ रही थी।
मैं पूरी तरह जन्नत में था.. करीब 15 मिनट तक लौड़ा चूसने के बाद जब मेरा पानी निकलने वाला था.. तो मैंने उसके सिर को पकड़ लिया और ज़ोर-ज़ोर से झटके मारने लगा.. इतनी अधिक उत्तेजना बढ़ चुकी थी कि मैंने अपना लण्ड उसके गले तक उतार दिया और ज़ोर-ज़ोर से उसके मुँह को चोदने लगा।
तभी मेरा पानी निकल गया.. मैंने सारा पानी उसके मुँह में ही निकाल दिया.. उसका मुँह पूरा भर गया था.. वो भी मेरा पानी पूरा पी गई और मेरे लण्ड को चाट-चाट कर साफ़ कर दिया।
अब मेरा लण्ड को उसने मुँह से बाहर निकाल दिया और मैं चुसा सा लेट गया। कुछ देर बाद मैंने उसकी चूची चूसी.. और से मम्मों से खेलने लगा। साथ ही मैं उसकी चूत में फिंगर करने लगा।
अब वो मुझसे बोल रही थी- मादरचोद.. अब तो मुझे चोद दे.. मेरी चूत में अपना लौड़ा घुसा दे.. और फाड़ दे मेरी चूत को.. और आज इसका भोसड़ा बना दे..
मैंने फिर उसे अपना लण्ड चूसने को बोला.. अब मैं और वो 69 की पोज़िशन में आ गए। वो मेरा लण्ड चूस रही थी.. मैं उसकी चूत को पी रहा था।
फिर कुछ देर में मेरा लण्ड खड़ा हो गया और मैंने उसे नीचे लेटा दिया और खुद उसके ऊपर चढ़ गया, मैं अपना लण्ड उसकी चूत के ऊपर रगड़ने लगा। अब फिर से उसके मुँह से ‘आआ.. आअहह.. आआआहह..’ की आवाज़ आ रही थी।
मैंने अपना लण्ड उसकी चूत के ऊपर टिकाया और एक जोरदार झटका मारा.. उसकी चूत गीली होने के कारण मेरा लण्ड उसकी चूत में आधा घुस गया। वो ज़ोर से चिल्लाई- एयाया..अहह.. मर गई.. बहन के लौड़े.. आराम से पेल ना.. कई दिनों बाद लण्ड घुसा है।
मैं बोला- माँ की लवड़ी.. रंडी.. तेरी चूत तो बहुत टाइट है.. बोली- मुझे 3 साल के बाद लण्ड मिला है.. मैं इतने दिनों से लेस्बियन से काम चला रही थी।
मैं उसके होंठों को चूमने लगा और चूची को दबाने लगा और फिर से अपना लण्ड बाहर निकाल कर एक ज़ोरदार झटका मारा.. अबकी बार मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में जड़ तक समा गया। उसकी एक जोरदार चीख निकली- उई माँ.. मर गई.. मार दिया बहन के लौड़े ने.. फाड़ दी मेरी चूत.. आह्ह.. मैं बोला- चुप मादरचोद साली रंडी.. आज तुझे कुतिया की तरह चोदूंगा..
मैं उसे किस करने लगा, आज उसकी चूत में मेरा मोटा लण्ड जड़ तक घुस गया था.. मुझे मजा आ रहा था, मैं उसको हचक कर चोदने लगा। वो भी नीचे से चूतड़ों को उठा-उठा कर मेरा साथ दे रही थी, अपनी गाण्ड उछाल कर मुझसे चुदवा रही थी। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
काम वासना में मस्त होकर वो मुझसे बोल रही थी- साले हरामी मादरचोद.. चोद ना.. भैन के लण्ड.. ज़ोर-ज़ोर से चोद.. फाड़ दे मेरी चूत को.. और बना ले अपनी रंडी.. आह्ह.. मजा आ गया तेरे लवड़े में बड़ी जान है.. ‘ले बहन की लौड़ी.. तेरी माँ की चूत.. आज तुझे खजैली कुतिया की तरह चोदूँगा.. ले हरामिन..’
मैं लगातार उसे चोदे जा रहा था मेरा लण्ड उसकी बच्चेदानी से टकरा रहा था। उसे भी मजा आ रहा था.. वो भी मेरा साथ दे रही थी। उसके मुँह से ‘एयेए.. आहह.. आआहह आआअहह..’ की आवाज़ आ रही थी।
करीब 10 मिनट चोदने के बाद मैंने उसको घोड़ी बनाया। अब मेरे लौड़े के सामने एक पंजाबन मकान-मालकिन किरण रंडी की गाण्ड थी। मैंने उसकी गाण्ड में थोड़ा सा उसकी चूत का पानी लगाया और अपना लण्ड उसकी गाण्ड के छेद पर रखा ही था कि वो मुझे मना करने लगी..
पर मैंने उसकी एक नहीं मानी और अपना लण्ड उसकी गाण्ड के छेद पर टिकाया और एक झटका मारा। उसकी टाइट गाण्ड में मेरा आधा लण्ड घुस गया.. वो दर्द से चीखने लगी। मैं बोला- हाँ.. चीख ले साली रंडी.. कोई तुझे नहीं बचाने वाला.. आज तेरी गाण्ड और चूत को मैं अपनी रंडी बना कर ही झडूंगा..
मैं उसकी गाण्ड में आधा लण्ड घुसा कर चोदने लगा। वो दर्द से कराह रही थी और मुझसे लण्ड निकालने की रिक्वेस्ट करने लगी। उसकी आंखों से आँसू आ गए।
मैंने अपना लण्ड बाहर निकाला और उसकी गीली चूत पर टिका दिया और एक झटके में पूरा लवड़ा चूत में घुसा दिया और चोदने लगा। मैं उसे लगातार चोदे जा रहा था और वो भी मेरा साथ दे रही थी।
फिर वो झड़ गई.. मैं अब भी उसे चोदे जा रहा था। काफी देर तक चोदने के बाद मेरा पानी निकलने वाला था.. तो मैं बोला- किरण रंडी.. मेरा होने वाला है। तो बोली- आह्ह.. मेरे राजा.. मेरी चूत में ही निकाल दे आज.. कई सालों बाद मेरी ऐसी चुदाई हुई है.. आह्ह.. मेरी चूत में गिरा दे अपना अमृत.. और आज अपने पानी से मेरी चूत को भर दो..
मेरी चुदाई की स्पीड बढ़ती गई और मैं उसकी चूत में ही झड़ गया और मेरे साथ वो भी दुबारा झड़ गई। वो बिस्तर पर उल्टा ही लेट गई.. मैं पीछे से उसको बाँहों में पकड़ कर लेट गया।
हम दोनों बुरी तरह से हाँफ़ रहे थे और हमारे जिस्म फरवरी की ठण्ड में भी पसीने से तर थे। फिर मैंने अपना लण्ड उसकी चूत से निकाला और उसके मुँह में दे दिया तो उसने मेरे लण्ड को चाट कर साफ़ कर दिया। उसकी चूत से मेरा और उसका मिला-जुला पानी आ रहा था।
हम दोनों ने एक-दूसरे को किस किया और मैं उसकी पैन्टी उठाकर अपने लण्ड को साफ़ करने लगा। फिर उसने मेरे हाथों से पैन्टी लेकर खुद ने मेरे लण्ड को साफ़ किया और अपनी चूत को भी साफ़ किया।
हम दोनों बाथरूम में गए और एक-दूसरे को पानी से साफ़ किया और आकर बिस्तर पर नंगे ही लेट गए। मैं बोला- किरण.. मेरी जान तुम तो पूरी रंडी हो.. तो बोली- मेरे चोदू राजा.. तू कौन सा कम हरामी है।
मैं बोला- किरण आज के बाद मेरा जब भी मन होगा.. मेरी जान तुझे मैं चोदूँगा.. तो बोली- आज के बाद हर रात तेरे से ही चुदवाऊँगी.. तू इतना मस्त चोदता है.. अब किसी और की मुझे ज़रूरत ही नहीं है।
मैं बोला- लेकिन मुझे पूजा को भी चोदना है। तो बोली- राजा मैं तेरी रंडी हूँ.. तू मुझे खुश रख.. तुझे मैं पूजा की चूत दिला दूँगी.. और भी लड़कियों की चूत दिला दूँगी।
मैं खुश हो गया और उसे फिर से किस करने लगा। एक बार फिर से हम दोनों का चुदाई का दौर चल निकला और मैं किरण को फिर से चोदने लगा। उस रात मैंने किरण को तीन बार चोदा फिर हम सो गए।
अब मेरा जब भी मन करता था.. मैं किरण को चोदने लगा था।
मैं और किरण रात को एक ही कमरे में सोते थे और चुदाई करते थे। मुझे अब उसके कमरे में रहने में कई फायदे हो गए थे। मुझे किरण ने पूजा की चूत दिलाई और और भी 2 लड़कियों को चुदवाया। मैं लगभग एक साल उस मकान में रहा। वहाँ मैंने किरण और पूजा की सहायता से 5 लड़कियों की चुदाई की।
दोस्तो, यह थी मेरी पहली कहानी.. कैसी लगी दोस्तों.. ज्यादा से ज़्यादा रिप्लाई करो.. मेरी आईडी है दोस्तों अगली कहानी जल्दी ही पेश करूँगा.. तब तक के लिए विदा दीजिए। [email protected]
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