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मेरी सेक्सी कहानी के पिछले भाग मेरी हॉट सेक्सी मॉम -1 में अब तक आपने पढ़ा..
बस फिर क्या था मैंने उनके मम्मों को पकड़ कर पहले जीभ से चाटा.. फिर ज़ोर ज़ोर से चूसना शुरू कर दिया।
वो भी चूचे चुसवाती हुई मेरे लंड को ज़ोर-ज़ोर से मसलने और दबाने लगीं। फिर मेरा रस गिरने वाला था.. वो बोलीं देर हो रही है.. चलो अभी इतना ही.. तुझे भी कॉलेज को देर हो रही होगी। यह कहते हुए उन्होंने मेरे लंड पर ज़ोरदार किस जड़ दिया।
फिर मैंने कहा- हाँ ठीक है.. बाकी काम रात को करेंगे.. अभी तो बदन पोंछना बाकी है.. पाउडर भी लगाना है.. उन्होंने हँस कर मेरे चूतड़ों पर थपकी लगा दी।
अब आगे..
मुझे याद था कि आज शाम को डैड दो दिनों के लिए आउटस्टेशन जा रहे हैं। मैं बड़ी बेसब्री से शाम का इंतजार कर रहा था कि आज क्या होना लिखा है। उस दिन बहुत गर्मी थी..
रात को डैड के जाने के बाद मॉम नहाने के लिए बाथरूम में घुस गईं.. और मैं भी मौका पाकर अपनी आँख को दरवाजे के छेद से लगा कर बाथरूम के अन्दर का सीन देखने लगा।
मॉम ने अभी नहाना शुरू ही किया था.. वे अपनी साड़ी उतार रही थीं। फिर उन्होंने अपने ब्लाउज को खोलना शुरू किया, अब मॉम ब्रा और पेटिकोट में मेरी नजरों के सामने थीं।
उनकी बड़ी-बड़ी गोरी चूचियाँ मानो ब्रा से निकलने के लिए बेताब हो रही थीं और मॉम ने ब्रा को भी उतार दिया, मॉम की दोनों चूचियाँ आज़ाद हो गईं। अब मॉम ने अपना पेटीकोट भी उतार दिया और वो बिल्कुल नंगी हो चुकी थीं।
पहली बार मैं किसी औरत को नंगा देख रहा था। मेरी नंगी मॉम ग़ज़ब की हसीन लग रही थीं.. मॉम की चूचियों से मेरी नज़र नीचे खिसकते हुए उनकी चूत पर ठहर गईं। मॉम की चूत काफ़ी बड़ी और गोरी थी.. उस पर हल्की-हल्की सी झांटें उगी हुई थीं।
मेरे पूरे बदन में सनसनी होने लगी और मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया। मॉम अपने सारे बदन को साबुन से मसल-मसल कर नहा रही थीं, नहाते-नहाते मॉम अपने दोनों चूचियों को हाथों से दबाने लगीं। इसी तरह दबाते-दबाते मॉम पर जवानी की मदहोशी छाने लगी, वे अपने हाथों से बुर भी मसल रही थीं।
पहले तो बुर को हाथों से हल्के-हल्के सहलाती रहीं.. और फिर उन्होंने अपनी छूट में अपनी दो उंगलियों को पेल दिया और मॉम के मुँह से हल्की-हल्की सिसकारी निकालने लगी ‘ऊऊओ.. आअहह.. ससिईई..
मॉम ने अब नहाना शुरू कर दिया, मैं दरवाज़े से हट गया। थोड़ी देर बाद मॉम नहा कर बाथरूम से निकलीं.. इस बार मुझे उनका हुस्न और भी लाजवाब लगा।
मॉम के इस रूप ने मुझे अपनी मॉम में दिलचस्पी लेने के लिए बेकरार कर दिया था। मॉम अपने कमरे में चली गईं.. उन्होंने दरवाजा बंद कर लिया।
अब मुझमें उन्हें देखने की ज्यादा चाहत जाग उठी थी। मॉम का एक नया मस्ताना रूप देखने की इस चाहत कि वजह से मुझसे भी नहीं रहा गया, मैंने भी बाहर से मॉम को पुकारा।
‘क्या हुआ.. अन्दर आओ न..’ शायद मॉम भी मेरे इंतज़ार में थीं, उन्होंने दरवाज़ा खोल दिया.. मेरे अन्दर दाखिल होते ही दरवाज़ा लॉक कर दिया।
मैंने कहा- और बच्चे भी सो गए हैं। मॉम सिर्फ़ तौलिया लपेटे हुए थीं.. वे तौलिया वाला गाउन पहन कर बाथरूम से आई थीं। फिर क्या था.. मैंने बोला- तो.. मैं आपका बदन पोंछ कर पाउडर लगा दूँ?
उनकी मौन मुस्कराहट देख कर मैंने उनके बदन पर से तौलिया को सामने से खोल दिया और उनके नंगे जिस्म को एक छोटी तौलिया से मस्ती से रगड़ कर पोंछना शुरू किया। पहले गर्दन.. फिर मम्मों को.. कमर.. पेट और फिर नाभि के नीचे भी तौलिया का एक कोना जिसमें मेरा हाथ उनके जिस्म को अधिक टच हो रहा था.. मैं हाथ फेरता रहा।
मॉम तौलिया वाले गाउन को बदन पर पकड़े हुई थीं। मैं हाथ को अन्दर डालकर यह सब कर रहा था।
फिर मैंने नाभि के नीचे पोंछते समय एक झटका दिया और उनका तौलिया वाला गाउन नीचे गिर गया।
उनका पूरा गोरा जिस्म मेरे सामने नंगा हो गया। मॉम ने दोनों हाथ चूचों पर रख लिए.. मैंने उनकी बुर को मस्ती से रगड़-रगड़ कर पोंछना शुरू किया। उन्हें भी मस्ती आने लगीं.. वो आज बड़ी हसीन लग रही थीं।
मॉम की बुर पर बड़ी-बड़ी झाँटें थीं.. और झाँटों के अन्दर से झाँकती उनकी गोरी बुर.. आह्ह.. मैं तो उनके बस इस मस्त हिस्से की झलक को देख कर मदहोश हो रहा था।
अब मैंने पाउडर लगाना शुरू किया और इसी बहाने मॉम को अपनी बाँहों में भर कर उनकी चूचियों को मसलने लगा। अपने हाथों से ज़ोर-ज़ोर से मम्मों को दबाने लगा और अचानक मॉम ने अपने होंठों को मेरे होंठों पर रख दिए।
मैं भी मौका देख कर होंठों से होंठ रगड़ते हुए चूसने लगा और मम्मों भी ज़ोर से दबाने लगा। वो फिर हल्की-हल्की सिसकारी निकालने लगीं- ऊऊओ.. आअहह.. ससिईई.. वो बोलीं- तुम क्या कर रहे हो..? मैं बोला- मैंने आपको डैड के साथ कई बार सेक्स का मज़ा लेते हुए देखा है..
इतना सुनते ही उनका एक हाथ सरकता हुआ मेरे लंड पर चला गया और वे मेरे लौड़े को अपने हाथ में लेकर सहलाने लगीं, बोलीं- आह्ह.. तुम मेरे मम्मों को चूसते रहो..
मैं भी चूचे चूसता.. फिर कभी जीभ फेरता.. मैं उनके निप्पलों पर जीभ फेरते-फेरते नाभि तक आ गया। मेरे भी लंड में सनसनी होने लगी, मॉम लंड को अपने हाथों में लेकर सहलाने लगीं। देखते-ही-देखते लंड मूसल की तरह खड़ा हो गया।
‘हाय कितना शानदार लंड है.. मैं तो बस इस लंड की दीवानी हो गई हूँ..’ और मॉम मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं। हम दोनों के मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं आआहह.. वे भरपूर मज़ा लेकर मेरे लवड़े को चूस रही थीं..
ऊओह क्या मस्ती थी.. क्या मज़ा आ रहा था.. आह्ह वे दाँत भी गड़ा रही थीं.. लौड़े को केले सा ग़ज़ब का चूस रही थीं। मॉम क्या मस्त चीज़ थीं.. कभी सोचा भी नहीं था.. अपनी मॉम की मस्तानी जवानी का मज़ा लूटने मिलेगा।
मैंने मॉम से पूछा- अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है.. और कैसे करना है? मॉम ने कहा- सब्र करो.. पूरे खेल का मज़ा लेना बाकी है.. जैसे-जैसे मैं बोलती हूँ.. वैसा करते जाओ। मैंने तुरंत ‘यस’ कर दिया।
मॉम ने अपनी अल्मारी से हेयर रिमूवर क्रीम निकाली और मुझे दे दी।
अब उन्होंने मुझसे अपने दोनों हाथ ऊपर करके बाँहों की बगलों के बालों पर लगाने को कहा.. मैंने उनके मम्मों को चूसते हुए उनकी बगलों पर क्रीम लगा दी।
फिर उन्होंने कहा- नीचे बुर के ऊपर के बालों पर भी लगाओ। मैंने चूत पर भी क्रीम लगा दी।
इसके बाद वो वैसे ही बिस्तर पर लेटी रहीं.. लाल रोशनी में उनका पूरा बदन लाल लावे की तरह बड़ा ही सेक्सी लग रहा था। मैं उनके बदन पर हाथ फेर रहा था।
कोई 5 मिनट बाद वो बोलीं- कॉटन लेकर अब ये क्रीम पोंछ दो। मैं रुई लेकर बगलों और चूत पर लगी हुई बालसफा क्रीम को रगड़ते हुए पोंछने लगा। इपहले दोनों बगलों के सारे बाल अपने आप उतर गए।
अब नीचे चूत के बाल पोंछने लगा.. पूरी क्रीम साफ़ होते ही सारे बाल उतर गए और क्या गजब की चिकनी मक्खन की तरह गोरी चूत के दीदार हुए। मैंने मॉम से कहा- हाय मॉम.. इतनी सुन्दर चूत.. इसे अब तक क्यों छुपा कर रखा था। यह कहते हुए मैंने उनकी चूत पर ज़ोर से चुम्मी कर ली।
मॉम ने भी सिसकारी मारी.. फिर उन्होंने लिक्विड चॉकलेट निकाली और कहा- इसे नाभि के नीचे फैला दो। मैंने लिक्विड चॉकलेट को उनकी बुर के ऊपर चारों तरफ फैला दिया और मेरे लिए तो ये इशारा ही काफ़ी था।
फिर मैं जीभ से उनकी चूत को चाटने लगा.. चारों तरफ जीभ घुमा-घुमा कर चिकनी बुर पर लगी चॉकलेट को चाट रहा था। हाय.. क्या मस्त मज़ा आ रहा था। फिर ज़ोर-ज़ोर से चॉकलेट के साथ चूत चूसने लगा।
‘आहह.. उउईई.. मेरी मॉम.. ओह्ह.. बड़ा मज़ा आ रहा है..’ ‘चूस ले.. आह्ह.. चूस ले.. फिर मौका नहीं मिलेगा अपनी मॉम की चॉकलेटी बुर.. को खा जा रे.. खा जा..’ मॉम मदहोशी में सिसकारियों के बीच बोल रही थीं।
‘मॉम आपकी चूत कितनी टेस्टी है.. हाय मॉम.. हाइईईई.. मॉम क्या मस्तानी चूत है..’ बोलते हुए मैंने अपनी जीभ को उनकी चूत में अन्दर भी घुमा दी। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
‘ऊओउउ उइई..इस्स.’ मॉम के मुँह से निकला, बोलीं- इतना मज़ा पहले कभी नहीं आया… वेल डन माय बॉय.. कॅरी ऑन.. मैंने कहा- मॉम मुझे कितने मार्क्स मिले? बोलीं- सेशन पूरा होने दो..
मैं चूत में उंगली भी करने लगा। इससे वो एकदम से गनगना उठीं और बोलीं- मुझे भी चॉकलेटी लंड का टेस्ट करना है।
मैंने तुरंत ही अपने लंड पर खूब ज़्यादा चॉकलेट लगा दी और उनके मुँह की तरफ लौड़े को बढ़ा दिया। वो पहले जीभ से सुपारा चाटती रहीं.. फिर लौड़े को मुँह में लेकर ज़ोर से चूसने लगीं और सिसकारिया भरने लगीं ‘उम्म्म..या..’ मैं भी ‘ओह.. उउउ..’ कर रहा था। बोलीं- क्या शानदार ‘चॉकलेटी बार’ है।
अब उन्होंने लंड को मुँह से निकालकर बुर के पास हाथ से रखा.. तो मैं समझ गया। बोलीं- जल्दी करो.. मैंने लंड को बुर पर फेरते-फेरते फिसलाते हुए मॉम की हसीन नाज़ुक बुर में एक धक्के के साथ ‘घचह.. से अन्दर पेल दिया।
‘ऊओउउइई.. यू नॉटी बॉय.. मार दिया रे तूने..’ मॉम चिल्लाईं। दस सेकंड में ही लौड़े ने चूत में अपनी जगह बना ली और मॉम चिल्लाने लगीं-तेज..कर.. ओह्ह.. मैं भी तेज़ी से अपना लंड मॉम की बुर में अन्दर-बाहर करने लगा।
‘आआअहह.. ययस्स.. ऊऊऊहह.. चोदद.. आआहह .. आआहह.. आआहह.. आआअहह और आई फेल्ट लाइक हेवेन..’ मॉम नीचे से अपनी चूत उछल-उछल कर लंड को अपने चूत में निगल रही थीं.. और बोले जा रही थी- और ज़ोर से और ज़ोर से.. मैंने भी चुदाई की रफ़्तार बढ़ा दी।
‘ऊऊऊहह.. आआहह.. अब मज़ा आ रहा है.. और चोद.. ज़ोर से चोद.. अपनी मॉम की हसीन चूत को.. अपनी मॉम की मस्त चूत लूट ले.. चूत का मज़ा चख ले.. हायईइ.. ऊऊुउउइईई.. तुमने मुझे आज स्वर्ग में पहुँचा दिया.. ऊऊहह..हाय.. .. ऊऊऊहह.. ऊऊहह.. आअहहहह.. आई लव यू..’ मैंने भी कहा- आई लव यू टू.. मॉम..
काफी देर तक चूत की रगड़ाई करने के बाद मैं झड़ने को हो गया था। चुदाई का खेल अब खत्म हो चुका था.. और मैंने अपना गरम-गरम जूस उनकी चूत में छोड़ दिया था। मैंने अपनी बीच की उंगली उनकी चूत में फिर से घुसा दी और ज़ोरों से घुमाने लगा। मैं अपनी उंगली में उसके भी गरम पानी को महसूस कर रहा था।
मॉम बोलीं- ओह मेरी जान आई लव यू.. ऐसे ही मुझे हमेशा चोदना.. मैं जन्मों की प्यासी हूँ। मैंने भी कहा- तुम जब भी चाहोगी.. मैं तुम्हें हमेशा तैयार मिलूँगा मॉम.. बस मुझे ऐसे ही अपने पास रखना और मुझे बहुत प्यार करना..
मैं मॉम को गले लगाते हुए उनके हाथों को चूमने लगा।
‘मेरी मॉम.. मेरी जान.. तू मस्त चीज़ है… क्या शानदार चूत है तेरी.. काश मैं इस चॉकलेटी चूत को पहले चोद पाता.. आई एम सो लकी.. जिसे तुम जैसी मॉम मिली है.. मेरी जानम फिर कब बुलाओगी.. यह दिन फिर कब आएगा.. ग़ज़ब की मॉम हो तुम..!’ ‘तुम्हारे डैड के अगले टूर में..’
उन्होंने मेरे गाल पर किस किया.. और बोलीं- नॉटी बॉय.. जल्दी ही फिर खेल होगा.. अबकी बार फ्रूट जैम के साथ मजा मिलेगा..
दोस्तो.. आपको कहानी कैसी लगी.. प्लीज़ मेल ज़रूर करिएगा.. जिससे मैं आप सब के लिए और अच्छी स्टोरी ला सकूँ। [email protected]
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