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दोस्तो, मेरा नाम चीकू है। मैं नॉर्थ दिल्ली में रहता हूँ। स्मार्ट और चॉकलेटी बॉय हूँ.. फ़्लर्ट बहुत करता हूँ और लड़कियों के बिना नहीं रह सकता। मैं अभी 18 साल का हूँ।
हम ग्राउंड फ्लोर पर रहते हैं। फर्स्ट फ्लोर पर एक फैमिली रहती है.. जिसमें 3 बहनें और एक छोटा भाई हैं। उनके मम्मी-पापा दोनों ही काम करते हैं इसलिए शाम को ही आते हैं। यह कहानी उनकी बीच वाली लड़की की है, उसका नाम चिंकी है, वो बहुत फ्रैंक लड़की है और बिंदास लड़कों की तरह रहती है।
दोस्तो, ऐसी लड़कियों से मज़े लेना बहुत आसान होता है, बस जो आप कर रहे हैं.. वो लड़की से मत कहना और बातों-बातों में मज़े ले लेना। मैं भी उसके साथ ऐसा ही करता हूँ।
मजाक-मजाक में उसके शरीर को टच करने लगा, देखते ही देखते वो मुझसे खुलने लगी।
एक दिन उसका जन्मदिन आया और वो जब मुझसे अकेले में मिली तो मौके का फायदा उठाकर मैंने उसे पकड़ लिया और उसे मुक्के मारने लगा।
ऐसा जन्मदिन पर किया जाता है जितने साल के हो जाते हैं.. उतने मुक्के पड़ते हैं। आप भी ऐसा कर सकते हैं.. लेकिन एक बात का ध्यान रखें.. अगर उसे आपकी ये सब हरकतें पसंद न आएं तो कृपया करके ऐसा न करें।
मुक्के मारते वक़्त मैंने उसे अपनी तरफ पीठ करके खड़ा कर दिया और पीछे से उससे बिल्कुल चिपक गया.. फिर अपना बायाँ हाथ उसके बाएं चूचे पर रख दिया और अपना लंड उसकी गांड पर दबा कर रगड़ने लगा।
दूसरे हाथ से उसे आराम-आराम से समय लगा कर मुक्के मारने लगा और हर धक्के पर अपना लंड उसकी गांड पर दबा रहा था।
क्या बताऊँ दोस्तो, लंड तो बिल्कुल खड़ा हो गया था। अगर लड़की वर्जिन है.. तो कभी उसके चूचे जोर से मत दबाना.. कोई जोर नहीं डालना.. सब प्यार से करना है।
ऐसे ही कुछ दिन बीतते गए। अब मैं उसकी पर्सनल लाइफ के बारे में बातें करने लगा, उसके बॉयफ्रेंड के बारे में पूछने लगा और ये भी पूछा कि उसने कभी उसके साथ कुछ किया.. तो उसने मना कर दिया। ऐसे ही में उसे धीरे-धीरे उत्तेजित करने लगा और अपनी तरफ खींचने लगा।
बातें करते वक़्त शर्माइएगा मत.. और उसकी आँखों में ज़रूर देखें पर घूरना नहीं है। उसे कंधे या हाथ पर टच करना कभी न भूलें।
ये सिलसिला यूँ ही चलता रहा और अब मैं कभी भी उसके चूचों पर हाथ रख देता हूँ। वो बिल्कुल बुरा नहीं मानती.. बल्कि और मेरे पास आती है और मज़े लेती है।
एक दिन वो और उसका छोटा भाई और मैं ऐसे ही खेल रहे थे। मैंने उसके भाई को कमरे में बंद कर दिया और हम दोनों बाहर से उससे मज़े लेने लगे। इस वक़्त बड़ी बहन कॉलेज में है और छोटी बहन बाहर गई हुई है। जब गेट खोला तो उसके भाई ने चालाकी से हम दोनों को अन्दर बंद कर दिया और यही तो मैं चाहता था। मैंने अन्दर जाते उसे पीछे से पकड़ लिया और दोनों हाथ पीछे से उसके चूचों पर रख दिया और दबाने लगा।
इस समय उसे डर लगने लगा.. शायद कोई आ गया.. तो इसलिए उसने ग्रिल पर जाकर गेट खुलवा लिया। आपको सब कुछ ध्यान में रखकर कदम उठाने चाहिए। इसलिए मैंने भी जल्दी से गेट खुलवाया।
फिर एक दिन वो अपने भाई के साथ मेरे घर आई उसे मेरे पीसी से कोई मूवी लेनी थी।
मैं उसे ऑनलाइन मूवी भेजने लगा। टाइमिंग आधे घंटे की आ रही थी। मैं खुश हो गया। फिर उसका हाथ पकड़ कर उससे उसके पुराने ब्वॉयफ्रेण्ड के बारे में बातें करने लगा। मेरे घर पर उस वक़्त कोई नहीं था और उसका भाई अभी बहुत छोटा है उसे इन सब के बारे में कुछ नहीं पता है। यहाँ पर भी मैं उससे मज़े लेने लगा.. मजाक-मजाक में उसकी कमर.. चूचे.. चूतड़ों पर हाथ लगाने लगा।
जब मूवी भेज दी.. तो मैंने उससे कहा- मेरे पीसी में एक एडल्ट इंग्लिश मूवी है.. देखेगी? तो उसने ‘हाँ’ कर दी।
वो मूवी लगाकर मैं उसके भाई को बाहर ले गया। फिर थोड़ी देर बाद उसे बाहर खड़ा करके अन्दर आ गया। वो आगे बढ़ा-बढ़ा कर पूरी मूवी देख रही थी।
मेरे आते ही वो शर्मा कर नीचे ही देखती रही। मैं उसके पीछे जाकर बिल्कुल उससे चिपक गया और कमर से हाथ धीरे-धीरे उसके चूचों तक ले गया और उसके पूरे जिस्म पर धीरे-धीरे हाथ फिराने लगा, उसकी कामवासना जगाने लगा। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
उसकी चूत के पास हाथ ले गया.. पर हाथ नहीं रखा और कंधों पर दोनों हाथ रखकर उसकी गर्दन पर हौले से किस किया।
उसने हल्के से ऊपर देखा.. फिर दुबारा नीचे स्क्रीन पर देखने लगी।
बहुत मज़ा आया यार.. पर इतने में उसका भाई आ गया और हमने ज़ल्दी से पीसी बंद किया और अलग हो गए, वो अपने घर चली गई। दोस्तो.. आरम्भ में कभी भी लौंडिया की चूत पर हाथ न रखें.. उसे थोड़ा अजीब लगेगा और वो दूर भी हो सकती है.. तो खतरा क्यों लेना।
एक दिन हम दोनों मेरे कमरे में टीवी देख रहे थे, उसकी छोटी बहन उसे बुलाने आई.. तो वो मना करने लगी। मैंने उसकी छोटी बहन से कहा- तू जा.. मैं इसे भेजता हूँ।
उसके जाने पर मैंने उसे कमर से टाइट पकड़ कर गोदी में उठा लिया और कहा- चल अब ऊपर जा।
वो भी मना करने लगी.. तो मैंने उसे नीचे उतार कर उसके पीछे जाकर लण्ड गांड पर रख कर दोनों हाथ चूचों पर रख कर उसे पीछे खींचने लगा।
वो अभी भी जानबूझ कर मना करने लगी। सबसे ज्यादा मज़ा मुझे आज आ रहा था। मैंने उसे थोड़ा आगे को झुकाया और लड़ते हुए उसकी गांड में लण्ड जोर-जोर से दबाने लगा और चूचे भी जोर-जोर से दबाने लगा। पूरे कमरे में हम इसी तरह आगे-पीछे होने लगे और धीरे-धीरे मैंने उसकी जाँघों पर हाथ रख दिया।
उसने निक्कर पहन रखी थी। मैं अपना हाथ उसकी हाथ चूत तक ले जाने लगा। इस धकापेल में एक बार मेरा थोड़ा सा पानी भी निकल गया।
इतने में कोई आ रहा था.. तो हम दोनों अलग हो गए। उसके भाव ऐसे थे कि कुछ हुआ ही न हो और बोलने लगी- देखा मैं जीत गई। मेरा मन तो कर रहा था कि उसकी पप्पी ले लूँ.. और अभी एक घंटे तक छोड़ू ही नहीं..
दोस्तो, अभी तक तो इतना ही हुआ है। अगर आपको कुछ बात करनी या कुछ हेल्प चाहिए हो तो मुझे मेल करें। भूल चूक माफ़ करना। [email protected]
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