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मेरा नाम सद्दाम है.. पुणे में रहता हूँ, 24 साल का लडका हूँ। मेरी ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद पुणे में ही एक अच्छी सी कम्पनी में जॉब लग गई थी। पूरा दिन काम करने के बाद रात में मुझे जल्दी नींद नहीं आती तो फिर रात में मैं लैपटॉप पर टाइम पास करने बैठने लगा। उसी दौरान फेसबुक पर एक लड़की के साथ फ्रेंडशिप हुई.. जो मुंबई में रहती थी।
हम दोनों एक-दूसरे से रोज रात में बातें करने लगे। वो काफ़ी खूबबसूरत और गोरी थी.. उसकी उम्र 22 साल की थी। वो भोपाल से थी, मुंबई में वो जॉब करती थी।
चूंकि उसका मेरी ही फील्ड में जॉब होने के कारण.. हम दोनों काफ़ी घुल-मिल गए थे। रोज रात के 8 बजते ही वो ऑनलाइन आ जाती.. मैं भी काफ़ी बेसब्री से उसका इन्तजार करता। रोज बातें करने के कारण हम दोनों काफ़ी खुल गए थे। हम रोज देर रात तक बातें करते फिर कुछ दिनों के बाद उसने नया मोबाइल लिया.. उसने मुझे उसका नम्बर दिया। अब हम दोनों व्हाट्सेप पर भी बात करने लगे।
एक दिन मैं रात में ब्लू-फ़िल्म देख रहा था.. तभी उसका मैसेज आया- क्या कर रहे हो? मैं उस वक्त मूड में था.. मैंने उसको मैसेज कर दिया- ब्लू फ़िल्म देख रहा हूँ। तो उसका मैसेज आया- अकेले-अकेले ही देख रहे हो.. मुझे छोड़कर.. उसका यह मैसेज देख कर मैं खुश हो गया।
मैंने तुरंत उसे मैसेज किया- तुम भी आओ ना जान.. फिर बातचीत गर्म होने लगी। उस रात मैंने उसके साथ 3 बजे तक सेक्स चैट की, उस रात में मैंने उसे बहुत कामुक किया था।
फ़िर दूसरे दिन भी हम ऐसे ही सेक्स चैट करने लगे। उस रात मैंने उसकी न्यूड फोटो मांगी.. तो उसने ब्रा पहने हुए अपने रसीले मम्मों की फोटो सेन्ड कर दी। फिर कुछ देर बाद उसने अपनी पैन्टी पहने हुए फोटो सेन्ड की.. आह्ह.. क्या बताऊँ.. क्या ग़दर माल लग रही थी वो..। उन फोटो में उसका गोरा बदन और काली ब्रा और काली पैन्टी.. कसम से.. मैं खुद को कंट्रोल नहीं कर पा रहा था।
अब मैंने उसे बिना ब्रा और बिना पैन्टी के फोटो भेजने कहा.. तो उसने मना किया.. कहा- मुंबई आकर खुद ही उतारना और देख लेना। मैं उससे मिलने मुंबई जाने तैयार हो गया, हम दोनों ने मिलने का प्लान बनाया, हम दोनों की ऑफिस से छुट्टी संडे को थी.. तो मैं सवेरे 6 बजे के ट्रेन से मुंबई को निकल गया और 10:30 बजे पहुँच गया।
वो मुझे लेने स्टेशन आई थी, उसने ब्लू जींस और पिंक टॉप पहना हुआ था। दोस्तो, क्या माल लग रही थी वो.. उसका 32-28-32 का मस्त फिगर देखते ही मेरा तो खड़ा हो गया।
फिर हम दोनों टैक्सी करके उसके फ्लैट पर पहुँच गए। उसने मुझसे कहा- तुम फ्रेश हो जाओ.. मैं तुम्हारे लिए चाय लेकर आती हूँ। मैं बाथरूम में जाकर फ्रेश हुआ.. जब मैं बाहर आया तो वो किचन में थी। मैं उसे पीछे से देख रहा था.. उसका बदन देख कर अब मुझे रहा नहीं जा रहा था।
मैं सीधे अन्दर गया और उसे पीछे से पकड़ लिया। उसने कहा- जान.. कुछ देर तो कंट्रोल करो.. फिर मैं तो तुम्हारी ही हूँ.. जो चाहे कर लेना।
मैंने वहीं पर उसकी गर्दन पर किस करना चालू कर दिया.. फ़िर उसके होंठों पर किस करना चालू किया। उसके होंठ इतने रसीले थे कि ऐसा लग रहा था बस इसे चूसता ही रहूँ। मैंने उसे अपनी गोद में उठाया और अन्दर बेडरूम में ले गया, बिस्तर पर लिटा दिया और उसके ऊपर लेट गया।
अब मैं उसे किस करने लगा, किस करते-करते मैं नीचे आ गया, मैं उसे गर्दन पर किस करने लगा.. फिर मैंने अपना एक हाथ मैंने उसके मम्मों पर रख दिया और उसे दबाना चालू कर दिया।
अब धीरे से नीचे आकर उसके टॉप के बटन खोलने लगा, उसके सारे बटन खोल दिये.. और उसका टॉप निकाल कर फेंक दिया। नीचे उसने पिंक कलर की ब्रा पहनी हुई थी। कसम से दोस्तो, क्या क़यामत लग रही थी वो..
मैं अपने दोनों हाथों से उसके दोनों मम्मों को ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा और फ़िर उसके निप्पल को ब्रा के ऊपर से ही चूसने लगा। उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं.. वो मुझे जोर से अपने बाहों में ले रही थी।
उसके बाद मैं और नीचे सरक गया, अब मैं उसके पेट पर किस करने लगा। मैं अपनी जीभ से उसकी नाभि में भी जीभ से गुलगुली करने लगा.. वो और भी कामुक हुए जा रही थी। फिर मैंने और नीचे आकर उसकी जींस का बटन खोल दिया और चैन भी खोल दी, धीरे से उस मचलती जवानी की पैन्ट को निकाल दिया।
उसने पिंक कलर की पैन्टी पहनी हुई थी, दोस्तो, अब वो सिर्फ ब्रा और पैन्टी में थी… क्या बताऊँ क्या बला की खूबसूरत लग रही थी वो.. फ़िर उसने मुझे बाँहों में लिया और मेरी शर्ट के सभी बटन खोल दिए और शर्ट निकाल दी। अब वो मेरे सीने को चूमने लगी.. फ़िर मेरी पैंट भी निकाल दी।
मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और उसके मम्मों को आजाद कर दिया। क्या खूबसूरत दूध थे उसके.. काफ़ी कसे हुए थे.. बहुत ही गोरे थे और गुलाबी निप्पल उभरे हुए थे। मैंने उसके एक निप्पल को अपने मुँह में भर लिया और उसे चूमने लगा और चूसने लगा। चूमने के कारण उसके निप्पल काफ़ी कड़क हो गए थे।
फिर मैं नीचे की ओर आ गया और उसकी जाँघों पर से हाथ फेरने लगा। उसने कामातुर होकर अपने दोनों पैरों को फैला दिया और फिर मैंने पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत पर किस किया। मैं उसकी पैन्टी के ऊपर हाथ फिराने लगा।
वो और भी कामुक हुए जा रही थी और फ़िर मैंने उसकी पैन्टी को निकाल दिया। उसकी चूत बहुत ही सुंदर थी.. काफ़ी गोरी थी.. उसकी चूत से पानी निकल रहा था। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
वो अब बेकाबू हो गई थी, वो बोल रही थी- जान अब कंट्रोल नहीं हो रहा.. डाल भी दो अन्दर.. लेकिन सब्र का फल मीठा होता है। मैं उसे और भी मजे देना चाहता था, मैंने उसकी चूत पर मुँह रख दिया और उसकी चूत को चाटने लगा। उसके दाने को जोर-जोर से चूमने लगा.. जिस कारण उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी थीं- आह.. आह.. आह.. उफ़.. अब बस भी करो जानू.. और कितना सताओगे..
फ़िर मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ को डाल दिया.. मुझे ऐसा लग रहा था कि किसी गरम आग की भट्टी में जीभ डाल दी हो। वो अब आउट ऑफ कंट्रोल हो गई थी और पानी छोड़ने वाली थी। तो मैंने जीभ निकाल दी और उसने पानी छोड़ दिया।
फ़िर उसने मुझे अपनी बाँहों में ले लिया और मेरी अंडरवियर निकाल दी और मेरे 8 इंच लंबे और 3 इंच मोटे लौड़े के साथ खेलने लगी। वो मेरे लौड़े को अपने हाथ में लेकर चाटने लगी। फ़िर जब वो पूरा खड़ा हो गया.. तो उसने मेरे लौड़े को पूरा अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगी। काफी मजा आ रहा था.. हम दोनों 69 पोजीशन में आ गए.. वो मेरा चूस रही थी.. और मैं उसकी चूत चाट रहा था।
फ़िर मैं उसके ऊपर लेट गया, उसके पैरों को फैलाया और लौड़ा उसकी चूत पर रख कर उसे मसलने लगा। फ़िर मैंने कन्डोम निकाला और पहन लिया, फ़िर मैं लौड़ा उसकी चूत के अन्दर सरकाने लगा। उसकी चूत काफ़ी कसी हुई.. एकदम टाइट थी।
फ़िर मैंने थोड़ा अन्दर घुसाया.. तब उसके मुँह से सिसकारी निकली.. मैं रुक गया और अपने दोनों हाथों से उसके दोनों मम्मों को दबाने लगा और उसके होंठों पर किस करने लगा।
फ़िर नीचे एक झटका देकर आधा लंड अन्दर पेल दिया। उसे थोड़ी तकलीफ़ हो रही थी, उस वक्त उसकी सील टूट गई थी। फिर उसे शान्त करते हुए कुछ देर बाद दूसरे झटके के साथ मैंने पूरा लंड अन्दर डाल दिया और फिर अन्दर-बाहर करने लगा।
अब वो भी बहुत खूब मेरा साथ दे रही थी.. वो अपनी कमर को उठा-उठा कर मजे से बोल रही थी ‘जानू और जोर से.. और जोर से..’ मुझे बहुत मजा आ रहा था.. उसके मुँह से ‘आह.. आह.. उफफ़… उफ़.. और जोर से..’ बस यही आवाज आ रही थीं।
फिर कुछ देर ऐसा ही चलता रहा.. और हम दोनों साथ में ही झड़ गए। फिर कुछ देर में मेरा लंड उसकी चूत में वैसे ही डाल कर पड़ा रहा। हम दोनों एक-दूसरे से चिपक कर सोए रहे।
कुछ देर बाद वो मेरे लंड के साथ खेलने लगी, हमने फ़िर से सेक्स किया, उस दिन हमने 4 बार सेक्स किया। उसके बाद फ़िर हम दोनों शाम को मुंबई घूमने चले गए। हम मरीन ड्राइव पर बैठे रहे.. फ़िर रात में हम एक-दूसरे से जुदा हो गए और मैं पुणे लौट आया।
यह मेरे जिन्दगी की सच्ची घटना है, आपको मेरी सेक्सी कहानी कैसी लगी.. आप ईमेल करके मुझे बताइएगा, मैं आपके मेल की प्रतीक्षा रहेगी.. मेल जरूर करना मुझसे दोस्ती करने के लिए। आपका अपना सद्दाम [email protected]
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