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मूवी खत्म हुई और हम लोग बाहर निकल आए। उसी मॉल में दोनों ने साथ में डिनर किया।
तभी सोनिया ने बताया की उसके मम्मी पापा एक दिन के लिए बाहर जा रहे है परसों, तो परसों शाम को घर पर मिलने का प्लान बनाने के बाद हम लोग वहाँ से निकल गए। फिर ऐसे ही 2 दिन फ़ोन पर बात होती रही। आग दोनों तरफ लगी थी तो दिन कट ही नहीं रहा था।
खैर जैसे तैसे मिलने का दिन आ गया और मैं अपनी ट्रेनिंग से सीधे उसके घर गया। लगभग 7 बजे मैं उसके घर पहुँचा था, वो लगभग एक घंटा पहले पहुँच चुकी थी।
क्या बताऊँ दोस्तो, मेरा दिल ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा था। खैर मैंने उसे कॉल किया कि गेट खोलो। डोरबेल जानबूझ कर नहीं बजाई। सोनिया तो जैसे मेरी ही प्रतीक्षा कर रही थी।
गेट खुलते ही मैं तो उसे देखता रह गया। एक पल बाद बोली- अंदर आ जाओ, फिर अच्छे से देख लेना। हम दोनों हँस दिए।
क्या सेक्सी लग रही थी… बिलकुल काम की देवी रति जैसी… आआह्ह… गहरे लाल रंग का रेशमी गाउन उसके शरीर से चिपका हुआ था, चूची पेट नाभि जांघ सब के उभार-गहराई दिख रही थी।
अंदर जाते ही मैंने उसे कस के अपने गले से लगा लिया और बोला- इस शाम के इंतज़ार में दो दिन जैसे 2 साल के बराबर में कटे सोनिया! बेचैन कर दिया है तुमने! फिर मैंने उसे पीछे घुमा के अपने आगे सटा लिया। अब मैंने अपना दोनों हाथ उसके कमर में लपेट के आगे पेट पे रख दिए और मैं अपना सर उसके कंधे पर रख कर बात करने लगा- सोनिया, बताओ आज कैसे करना है, कैसे हम लोग मज़े करेंगे।
तो बोली- आज तो बहुत ज्यादा मज़ा करेंगे। मैंने उसकी नाभि में ऊँगली डाली तो उसने मेरा हाथ पकड़ कर बोली- रुको तो अभी! थोड़ा आराम कर लो।
मैं फ्रेश होने बाथरूम में जाने लगा तो सोनिया ने मुझे चेंज करने के लिए केवल एक तौलिया दिया, हँस कर बोली- आज अजय तुम बस यही पहन कर रहो। मुझे क्या था, मैंने भी सारे कपड़े उतार कर सिर्फ़ तौलिया बान्ध लिया।
सोनिया ने भी आज पूरा प्लान किया हुआ था, वो कुछ स्नैक्स बनाई थी और ड्रिंक्स भी थे। मुझे तो मज़ा आ गया।
खैर अब हम लोग पास में बैठ कर बातें करने लगे और ड्रिंक करने लगे। सोनिया हल्का ले रही थी। हम लोग ने बहुत कुछ अपनी निजी बातें भी एक दूसरे को बताई।
मैंने उसे अपनी गोद में खीच लिया और भी आराम से मेरे गोद में आ गई। मैंने उसका सर ऊपर की तरफ कर के गर्दन पर चूमना शुरू किया। मैंने एक जांघ अपनी ऊपर कर के सोनिया को उस पे लेटा दिया। जिससे सोनिया तिरछी हो गई। अब सोनिया अपनी आँखें बंद करके मेरे आगे मेरे जांघों पे लेटी हुई थी, उसकी गदराई जवानी मेरे आगे बिछी हुई थी, मैं उसके बदन को सहला रहा था हल्का हल्का।
सोनिया ने एक हाथ से मुझे अपने पास खींच कर अपने होंठ मेरे आगे कर दिए, मैंने भी बिना देर किये अपने होंठ उसके होटों पर रखे और उनका रसपान करने लगा, अपनी जीभ से उसकी जीभ को टकरा रहा था। उसने अपनी जीभ बाहर निकाली जिसे मैंने अपने होठों में कस लिया और चूसने लगा। आआह्ह्ह… मैं सोनिया का स्वाद अपने मुँह में महसूस कर रहा था।
जीभ को चूसते हुए मैं अपना हाथ उसके पेट पे सहला रहा था और कमर के चारों तरफ भी दबा रहा था। मेरे हाथ उसके कमर से होते हुए उसकी मखमली जांघों तक पहुँच चुके थे। जिन्हें मैं कभी दबा रहा था, कभी ज़ोर से रगड़ रहा था।
अब सोनिया की एक चूची मैं एक हाथ से सहला रहा था, उसके निप्पल बिल्कुल टाइट हो गए थे जो उसके गाउन के ऊपर से ही महसूस हो रहे थे।
तभी सोनिया अचानक से मेरे कमर से लिपट गई जिससे उसकी चूचियाँ मेरे पेट से लग गई। क्या एहसास था… मैंने उसका गाऊन कंधों से नीचे करके उसके कंधों को नंगा कर दिया और अपने तड़पते होंठ उसके गोरे कंधों पर रख दिए।
अब मैंने सोनिया को अपनी जांघों पर उल्टा लेटा दिया जैसे वो प्यारी सी बच्ची हो। मैंने उसके गाऊन को उसके कमर तक कर दिया था। जिससे उसके मस्त सेक्सी चूतड़ जो छोटी सी गुलाबी कच्छी में ढके थे, मेरे सामने थे। आह्ह्ह क्या नज़ारा था… मैं झुक कर उसके चूतड़ चाट रहा था जीभ से, सोनिया मस्ती में अपने कूल्हे हिला रही थी। मैं पूरी मस्ती में अपने नाख़ून उसकी पीठ में गड़ा रहा था। मैंने अब सोनिया का पैंटी को थोड़ा नीचे किया जिससे उसके दो पर्वत जैसे कूल्हे नंगे हो गए। मैं अपनी ऊँगली सोनिया के गांड की घाटी में रख के फ़िराने लगा और चूतड़ों पर हल्का हल्का चपत लगाने लगा, वो मदहोश होकर अजय अजय करने लगी।
मैंने अपनी जीभ गांड की दरार में लगा दी और कूल्हों को फैला कर जीभ को कमर से लेकर गांड के छेद तक घुमा रहा था। जिस पैंटी को मैंने घुटनों तक किया था, उसे सोनिया ने निकाल फेंका। अब वो अपनी गांड उठा उठा कर मुझे और भड़का रही थी।
मैं भी अपने दोनों हाथों से उसकी गांड को फैला कर जीभ को गुलाबी छेद को चाटने लगा। आह्ह ह्हहह… बहुत सेक्सी फीलिंग आ रही थी।
दोस्तो, क्या बताऊँ कि सोनिया कितनी बेचैन थी, जब गांड चटवा कर उससे बर्दाश्त नहीं हुआ तो वो सीधी हो गई जिससे उसकी चूत के दीदार आज पहली बार हुए। जिसके पीछे सारी दुनिया पागल है, वो मेरे सामने आज नंगी पड़ी हुई है, वो हल्की कालिमा ली हुई, कोई बाल नहीं जैसे दो दिन पहले ही साफ़ की हुई हो। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
पलटने के साथ ही मैं सोनिया का इशारा समझ गया, वो अपनी चूत चटवाना चाह रही थी। तो झट से मैंने भी अपना मुँह उसकी रसीली चूत पर लगा दियाम चूत की दरारों में जीभ फेरते हुए ऐसा लग रहा था कि मैं किसी नमकीन गीली मिठाई चाट रहा हूँ। मुझे भी अपने पार्टनर को ज्यादा से ज्यादा मज़ा देने में बहुत अच्छा लगता है।
अब सोनिया अपने आपे से बाहर हो रही थी, उसने मेरा सर अपनी जांघो के पाश में बांध लिया था, मैं भी उसकी चूत से अपना मुँह लगा कर चूस रहा था, कभी पूरी चूत अपने मुँह को पूरा खोल कर अन्दर ले रहा था तो कभी अपने दोनों हाथों से उसकी बुर को फैला के जीभ अंदर डाल रहा था। सोनिया की बुर फैलाने पर अंदर का गुलाबी नज़ारा पागल कर देने वाला था। अब मैं चूत के ऊपरी हिस्से को अपने होटों में लेकर खींच रहा था तो कभी दांतों से काट रहा था। कहानी जारी रहेगी। [email protected]
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