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रोहन का लंड अभी भी पायल की चूत में ही था जो की कुछ देर बाद सुकड़ कर फ़क की आवाज के साथ बाहर निकल गया। लंड के निकलते ही पायल की चूत से रोहन का वीर्य निकलकर बेड की चादर पर फैलने लगा।
करीब पांच मिनट बाद दोनों की साँसें थोड़ी शांत हुई तो पायल उठी। पूरी चादर पर पायल की चूत से निकले खून और चुदाई से निकले कामरस के धब्बे ही धब्बे नजर आ रहे थे।
पायल उठ कर चलने लगी तो दर्द के मारे वो कराह उठी, चूत में एक टिस सी उठी, उसने झुक कर अपनी चूत को देखा तो चूत सूज कर डबल रोटी जैसी हो गई थी। उसे देख कर वो रो पड़ी और रोहन को मुक्के मारने लगी।
‘यह देखो भाई तुमने मेरी चूत का क्या हाल कर दिया है… कोई भाई भला अपनी बहन के साथ ऐसा करता है?’ ‘करता है ना… तुमने भी तो भाई और बहन की चुदाई की बहुत सी कहानियाँ पढ़ी है जिसमे भाई ने अपनी बहन की चूत को चोदा है..’ रोहन के ऐसा कहने पर पायल हैरान होकर रोहन को देखने लगी- तुम्हें कैसे पता भाई की मैं भाई बहन की चुदाई की कहानियाँ पढ़ती हूँ… कहीं तुम ही तो नहीं…???
रोहन ने हाँ में सर हिलाया तो पायल एक बार फिर रोहन पर मुक्के बरसाने लगी- बहुत कमीने हो भाई तुम… अपनी बहन को चोदने के लिए कैसा रास्ता अपनाया तुमने… रोहन हँस पड़ा।
‘पर भाई मैं ही क्यूँ… सोनम क्यों नहीं… वो तो मुझ से बड़ी है, पहले तो उसकी चूत फटनी चाहिए थी।’ ‘तू इस लिए क्यूंकि तू मेरी जान है… जानती है सोनम से ज्यादा मैं तुम्हें प्यार करता हूँ।’
‘अच्छा… अगर तुम मुझे प्यार करते तो इतनी बेदर्दी से मेरी चूत ना फाड़ते…’ ‘कभी ना कभी तो तेरी फटनी ही थी… आज फट गई तो क्या बुरा हुआ…. मज़ा तो आया ना..?’ ‘हाँ मज़ा तो बहुत आया… पर शुरू में दर्द भी बहुत हुआ… मुझे तो लग रहा था कि मैं अब मरने वाली हूँ… पर फिर वो मज़ा आया जिसके सामने ये दर्द कुछ भी नहीं…’ ‘तू खुश है ना चुदवा कर…’ पायल कुछ नहीं बोली बस उसने शर्मा कर अपनी नजरें झुका ली।
रोहन ने दुबारा पूछा तो उसने हाँ में अपनी गर्दन हिलाई और एक बार फिर अपना नंगा बदन रोहन की बाहों के हवाले कर दिया। रोहन ने पायल के होंठ चूम लिए और उसको अपने साथ लिपटा लिया।
तभी रोहन का ध्यान घड़ी की तरफ गया, लगभग एक घंटा बीत चुका था। उसने एक बार फिर से सोनम को फ़ोन मिलाया और आने के बारे में पूछा तो सोनम ने फ़ोन उठाया और बताया कि वो लगभग पंद्रह मिनट तक आ रहे हैं।
रोहन ने जल्दी से पायल को उठाया और उसको कपड़े पहनने के लिए कहा और फिर अपने कपड़े उठा कर जल्दी से अपने कमरे में चला गया। पायल ने भी जल्दी से अपने कपड़े पहने और फिर बेड की चादर को उठा कर संभल कर अपनी पर्सनल अलमारी में छुपा कर रख दिया अपनी पहली चुदाई की निशानी के तौर पर।
कमरे को दुरुस्त करने के बाद वो बाथरूम में गई और जब तक सोनम और उसकी मम्मी नहीं आ गए तब तक शावर के नीचे खड़ी होकर नहाती रही। उधर रोहन भी अपने बाथरूम में जाकर नहाया और फिर बेड पर लेट कर कुछ देर पहले बीते पलों को याद करते करते सो गया।
सोनम और उसकी मम्मी लगभग आधे घंटे बाद आई, तब तक घर में आया चुदाई का तूफ़ान पूरी तरह से शांत हो चुका था। पायल ने जाकर दरवाजा खोला। पायल के कदम कुछ कुछ लड़खड़ा रहे थे इस लिए उसने अपनी मम्मी के सामने जाना ठीक नहीं समझा और सर दर्द का बहाना बना कर अपने कमरे में आकर सो गई।
बाकी दिन ऐसे बीता जैसे कुछ हुआ ही ना हो।
रात को खाने की टेबल पर सब लोग इकठ्ठा हुए। सबसे पहले पायल और रोहन ही आये क्यूंकि सोनम अपनी मम्मी की रसोई में मदद कर रही थी। रोहन ने बेशर्मी से पायल की जाँघों पर हाथ फेरा और धीरे से उसकी चूची दबाई तो पायल घबरा गई और रोहन से बोली– मरवाओगे क्या भाई… मम्मी ने देख लिया तो समझ लो दोनों का घर से निकाला हो जाएगा…
‘हो जाने दो निकाला, मैं मेरी प्यारी बहना को लेकर बहुत दूर चला जाऊँगा और फिर वहाँ तुम और मैं एक साथ अपनी जिन्दगी बिताएंगे।’ ‘हट… तुम तो बिल्कुल पागल हो गए हो भाई…’ पायल ने हँसते हुए कहा।
तभी सोनम टेबल पर कुछ सामान रखने आई और पायल को हँसते हुए देख कर पूछ लिया- क्या गिटपिट हो रही है तुम दोनों में?? ‘कुछ नहीं, यह हम बहन-भाई के बीच की बात है, तुम्हें क्यों बतायें?’ ‘अच्छा ना बताओ.. तुम्हारी मर्जी…’ सोनम ने कहा और फिर दुबारा रसोई में चली गई।
सोनम के जाते ही रोहन ने फिर से पायल की चूची को पकड़ा और जोर से दबा दिया। ‘क्या करते हो भाई… दिन में मन नहीं भरा… पता है तुमने मसल मसल कर दोनों चूचियाँ लाल कर दी हैं।’ ‘अच्छा दिखाओ तो ज़रा…’ और रोहन पायल के टॉप को ऊपर उठाने लगा। पायल डर गई और उठ कर जल्दी से रसोई में चली गई। चुदाई के कारण उसकी चाल अभी भी थोड़ी बदली हुई थी। वो जानबूझ कर रसोई में रखे सामान से टकरा गई और फिर लंगड़ा कर चलने लगी जैसे उसे बहुत चोट लग गई हो।
‘ये लड़की भी ना देख कर तो चल ही नहीं सकती, लग गई ना चोट!’ पायल को उसकी मम्मी ने डांटा। तभी रोहन भी उठ कर रसोई में आया तो पायल ने रोहन को आँख मार दी। रोहन पायल का नाटक समझ चुका था- कहाँ चोट खाती घूम रही है… चल तुझे कुर्सी पर बैठा दूँ।
रोहन ने पायल की बाजू ऐसे पकड़ी जैसे वो उसे सहारा देना चाहता हो और पायल को लेकर डाइनिंग टेबल की तरफ चल पड़ा।
रोहन ने मुड़ कर देखा तो मम्मी और सोनम अपने काम में लग गए थे। बस मौका देखते ही रोहन ने फिर से पायल की बगल में हाथ डाल कर उसकी एक चूची पकड़ कर मसलनी शुरू कर दी और तब तक मसलता रहा जब तक पायल को कुर्सी पर नहीं बैठा दिया।
‘भाई तुम बहुत बेशर्म हो और बदमाश भी.. कुछ तो शर्म करो!’ ‘अब तुमसे कैसी शर्म… अब तो तुम मेरी रानी हो…’ रोहन हँस पड़ा। ‘आज रात का क्या प्रोग्राम है..?’ ‘ना भाई रात को नहीं.. फिर सोनम भी तो साथ होती है अगर उसको शक हो गया तो फिर तरसते रह जाओगे मज़े के लिए!’
रोहन ने पायल को समझाया कि तुम पढ़ाई के बहाने मेरे कमरे में आ जाना और फिर वहीं सो जाना। अगर कोई उठाने आएगा तो मैं कह दूंगा कि अगर सो गई है तो यहीं सो जाने दो और फिर जब बाकी सब सो जायेंगे तो फिर तुम और मैं… समझ गई ना। कह कर रोहन ने पायल को आँख मारी तो पायल शर्मा गई और रोहन को मुक्का मार कर बोली- भाई तुम पूरे बहनचोद हो…’ पायल के मुँह से बहनचोद की गाली सुन कर रोहन हँस पड़ा और बोला- मुझे बहनचोद बनाया भी तो तुमने ही है मेरी प्यारी बहना!
उसके बाद खाना आ गया, सब बैठ कर खाना खाने लगे। खाने के दौरान दोनों भाई बहन ने कोई हरकत नहीं की और चुपचाप खाना खाया। खाना खाने के बाद सब कुछ देर बैठे बातें करते रहे। रोहन की मम्मी ने रोहन के पापा को फ़ोन किया तो उन्होंने बताया कि वो रात को नहीं आयेंगे।
फिर लगभग दस बजे सब सोने जाने लगे तो पायल ने तय प्रोग्राम के तहत सोनम और मम्मी को बोला कि रोहन भैया के पास बैठ कर पढ़ाई करेगी क्यूंकि उसे रोहन से कुछ समझना है। बहन भाई पर भला कौन शक करता। सोनम ने तो कहा भी कि मैं समझा दूंगी पर पायल ने मना कर दिया।
फिर सब सोने के लिए चले गए। क्यूंकि पायल रोहन के कमरे में जाने वाली थी तो सोनम भी अपनी मम्मी के साथ उनके कमरे में सोने चली गई।
कमरे में जाते ही रोहन और पायल दोनों ही किताबें खोल कर बैठ गए। पायल और रोहन दोनों ही जानते थे कि थोड़ी देर में मम्मी दूध देने के लिए कमरे में एक बार जरूर आएगी। और फिर करीब बीस पच्चीस मिनट के बाद मम्मी दूध देकर चली गई।
पायल ने मम्मी को बोल दिया कि मैं आज रात यही भाई के पास ही सो जाऊँगी क्यूंकि काम ज्यादा है और रात को देर हो जायेगी। मम्मी ने बोला- जैसा ठीक लगे कर लेना।
मम्मी के जाते ही रोहन ने पायल को बाहों में भर लिया और पायल के रसीले होंठों का रसपान करने लगा। तभी पायल ने रोहन को रोका और उठ कर बाहर गई और देख कर आई कि मम्मी और सोनम क्या कर रहे हैं। दोनों दूध पी कर सोने की तैयारी में थे।
वापिस आई तो पायल ने कमरे की कुण्डी लगा ली। रोहन उस समय बाथरूम में गया हुआ था। रोहन वापिस आया तो देखा कि पायल बेड पर बैठी हुई है और उसने अपने दुपट्टे से घूँघट निकाला हुआ है। जब रोहन ने पायल से इस बारे में पूछा तो पायल ने शर्मा कर कहा– अजी अपनी सुहागरात है ना आज, तो अपने सैंया का इंतज़ार कर रही हूँ..
पायल की बात सुन कर रोहन के लंड ने एकदम से खड़े होकर सलामी दी। उसने भी बिलकुल फिल्मी स्टाइल में पायल का घूँघट उठाया। पायल ने भी स्टाइल से उसको पास में रखा दूध पिलाया, आधा रोहन ने पिया और बाकी पायल को पीने के लिए दे दिया। ‘पूरा पी लो भाई… आज रात बहुत मेहनत करनी है तुम्हें..’ चुदाई की कहानियाँ पढ़ पढ़ कर पायल ऐसे बहुत से डायलॉग सीख गई थी।
दूध ख़त्म करते ही रोहन ने पायल को अपनी बाहों में भर लिया और होंठों पर होंठ रख दिए, रोहन के हाथ पायल के संतरों से जूस निकालने की कोशिश करने लगे थे। ‘बहना… मर्द को असली ताक़त तो औरत के दूध से मिलती है भैंस के दूध से नहीं…’ कहते हुए रोहन ने एक ही झटके में पायल का टॉप उतार कर एक तरफ उछाल दिया।
चूचियाँ नंगी होते ही रोहन ने पायल की चुचियों के चुचक अपने होंठो में दबा लिए और फिर जोर जोर से पायल की चूचियों को चूसने लगा। पायल की सिसकारियाँ कमरे में गूंजने लगी थी ‘आह्ह्ह… भाई… चूस लो… चूस लो अपनी बहन का सारा दूध… आह्ह्ह… उफ्फ्फ… निचोड़ लो मेरी चूचियों को… बहुत मज़ा आ रहा है भाई… सी… आह्ह्ह!’
रोहन भी मस्त होकर पूरी चूची को अपने मुँह में भर भर कर चूस रहा था और बीच बीच में चूचुक को अपने दांतों से काट लेता था जिससे पायल तड़प उठती थी। पायल के हाथ भी अब रोहन को लंड को टटोल रहे थे।
पायल ने जल्दी से रोहन का लंड बाहर निकाला और लंड को जोर जोर से मसलने लगी। रोहन ने भी बिना देर किये अपना लंड पायल के होंठों पर लगा दिया। पायल ने लंड का सुपारा अपने होंठों में दबाया और जीभ से रोहन के लंड को चाटने लगी। दोनों वासना की आग में जल रहे थे, दिन दुनिया से बेखबर थे दोनों, बस एक दूसरे में समा जाने को बेताब थे।
पायल रोहन का लंड चूस रही थी, रोहन ने भी पायल की स्कर्ट और पेंटी उतार कर साइड में फेंक दी और उसने भी अपनी जीभ पायल की एक बार चुदी चूत पर लगा दी। पायल की चूत अभी भी कुछ सूजी सूजी सी लग रही थी, सूजती भी क्यों ना, आखिर दिन में रोहन ने जबरदस्त चुदाई की थी पायल की चूत की।
दिन में हुई चुदाई की हल्की सी टीस अभी भी पायल की चूत में थी, तभी तो जब रोहन ने चूत पर अपनी जीभ घुमाई तो पायल के चेहरे पर मस्ती और दर्द के मिलेजुले भाव नजर आ रहे थे। रोहन पायल की चूत की पुतियों को अपनी उँगलियों से खोल खोल कर जीभ को अन्दर तक डाल डाल कर चाट रहा था। पायल भी मस्ती में जल बिन मछली की तरह कसमसा रही थी, सिसकारियाँ कमरे में एक मादक संगीत की तरह गूंजने लगी थी।
कुछ देर बाद पायल की चूत से कामरस निकलने लगा, अब वो लंड को चूत में लेने के लिए तड़पने लगी थी। रोहन भी अपनी प्यारी बहन की कामरस से सराबोर चूत को अपने लंड से चोद कर तृप्त करने के लिए बेताब था, उसने भी बिना देर किये अपना मूसल पायल की ओखली के मुहाने पर लगाया और एक जोरदार धक्के के साथ लगभग दो-तीन इंच लंड चूत में दाखिल कर दिया।
पायल दर्द से तड़प उठी, उसकी चीख निकल जाती अगर रोहन ने समय पर अपना हाथ पायल के मुँह पर ना लगा दिया होता। पायल की आँखों से आँसू टपक पड़े, कराहते हुए पायल ने दोनों हाथ जोड़ कर रोहन से लंड को बाहर निकालने की गुजारिश की। रोहन को एक बार तो अपनी प्यारी बहन पर तरस आया पर चुदाई करते हुए रहम चूतिया लोग करते हैं, उसने बिना पायल की तरफ ध्यान दिए दो तीन जोरदार धक्के लगाए और पूरा लंड पायल की चूत की गहराई में उतार दिया।
पायल छटपटा रही थी पर रोहन तो पायल की गर्म गर्म चूत का एहसास अपने कड़क लंड पर पाकर जन्नत की सैर कर रहा था। उसे पायल के दर्द से ज्यादा अपने लंड को मिल रहे सुख और आनन्द का ख्याल था। जानती पायल भी थी कि जो दर्द होना था हो चुका, अब तो अगले पल सिर्फ और सिर्फ मस्ती के है पर दर्द तो आखिर दर्द है।
रोहन ने कुछ देर लंड को ऐसे ही अन्दर डाल कर रखा और शांति से पायल के ऊपर लेट कर पायल के होंठ चूमता रहा और अपने हाथों से पायल के संतरों को मसलता रहा। पायल अब शांत हो गई थी- भाई… तुम बहुत गंदे हो… अपनी बहन का तुम्हें बिल्कुल भी ख्याल नहीं है… अगर आराम से करते तो तुम्हारा क्या जाता… मैं कोई भागी थोड़े ही जा रही थी… कितना दर्द कर दिया…
रोहन कुछ नहीं बोला, बस हँस दिया और पायल की चूची को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। पायल ने प्यार से दो तीन मुक्के रोहन की कमर पर जमा दिए और तड़प कर बोली- भाई, अब ऐसे ही लेटे रहोगे या आगे भी कुछ करोगे?
सिग्नल हरा हो चुका था और चुदाई एक्सप्रेस धीरे धीरे बेड पर चलने लगी थी। कुछ देर धीरे धीरे रेंगने के बाद चुदाई एक्सप्रेस अपने पूरे शबाब पर आ गई और पायल की चूत की जबरदस्त चुदाई शुरू हो गई- उईई… आह्ह्ह्ह… ओह्ह्ह्ह…. धीरे….सीईईईई… आह्ह्ह… उईई माआआअ…. आह्ह्हह… भाईईईई… ऐसी ही कुछ आवाजें अब कमरे में गूंज रही थी, कभी दर्द भरी आह्ह्ह… तो कभी मस्ती भरी सिसकारी…
चुदाई एक्सप्रेस ने जो एक बार स्पीड पकड़ी तो करीब दस मिनट बाद पायल की चूत से बहते झरने के साथ ही कुछ शांत हुई। पायल की चूत से कामरस का फव्वारा फ़ूट पड़ा था, पायल ने अपनी टांगों के पाश में रोहन को जकड़ लिया था और पायल के तीखे नाखून रोहन की कमर में गड़ गए थे। पायल की चूत बहुत जबरदस्त तरीके से झड़ने लगी थी। टांगों के पाश के कारण रोहन के धक्कों की स्पीड कुछ कम हुई थी पर रोहन का जोश तो अभी बाकी था। झड़ने के बाद जब पायल कुछ शांत हुई तो रोहन ने पायल को बेड के किनारे पर लेटाया और लंड को एक ही धक्के में जड़ तक उतार कर फिर से जोरदार चुदाई शुरू कर दी।
कुछ ही देर में पायल फिर से गांड उठा उठा कर रोहन का साथ देने लगी। चुदाई लगभग आधा घंटा चली और पायल तीसरी बार झड़ी, साथ ही रोहन ने भी अपने लंड से निकले गर्म गर्म वीर्य से पायल की चूत को लबालब भर दिया।
झड़ने के बाद रोहन नंगा ही पायल के ऊपर पस्त होकर लेट गया, दोनों ही पसीने से नहा गए थे। चुदाई के बाद की थकावट के कारण पता नहीं कब दोनों को नींद आ गई और दोनों नंगे ही एक दूसरे से लिपटे लिपटे सो गए।
रात को करीब तीन बजे रोहन की आँख खुली तो पायल के नंगे बदन को देख कर फिर से उसकी कामेच्छा जाग उठी और उसने सोती हुई पायल के स्तन चूमने शुरू कर दिए और एक ऊँगली से पायल की चूत का दाना मसलने लगा।
पहले तो पायल नींद में ही कसमसाई पर फिर जल्दी ही उनकी नींद खुल गई और दोनों बहन भाई फिर से चूत चुदाई एक्सप्रेस पर सवार हो गए। फिर तो सुबह जब तक बाहर कुछ हलचल होनी शुरू नहीं हुई तब तक दोनों बस एक दूसरे में ही समाये रहे।
रोहन ने पायल की चूत पर अपना झंडा गाड़ दिया था और अब आगे के सफ़र पर जाने की तैयारी थी। अगला पड़ाव सोनम की चूत थी पर उसके लिए रोहन को पूरे तीन महीने इंतज़ार करना पड़ा। रोहन के लिए ये इंतज़ार ज्यादा लम्बा नहीं था क्यूंकि अब तो हर दूसरी रात पायल रोहन के कमरे में ही सोती थी और फिर पूरी पूरी रात दोनों बहन भाई पढ़ाई के नाम पर सिर्फ और सिर्फ चुदाई ही करते थे।
तीन महीने बाद सोनम की चुदाई रोहन ने कैसे की… यह सब अगली कहानी में। जैसा कि मैंने आपको पहले बताया कि समय का अभाव है, मैंने यह कहानी भी पूरे तीन महीने में पूरी की है। इस बीच रोहन के कम से कम डेढ़ सौ से ज्यादा मेल आ चुके है कि कहानी कब आएगी? कब आएगी?
साथ ही सोनम की चुदाई की पूरी कहानी भी वो मुझे भेज चुका है पर वो आज नहीं, कुछ दिन बाद आप सबके साथ शेयर करूँगा। अभी मुझे अपने बिज़नस के सिलसिले में बैंगलोर जाना है पंद्रह दिन के लिए। आकर आपसे फिर मुलाक़ात होगी।
कहानी कैसी लगी जरूर बताना… मेरे कुछ दोस्त कहानी को सच और झूठ के तराजू पर परखने लगते है। अब यह कहानी सच्ची है या झूठी ये मुझे भी नहीं पता पर कहानी को मजेदार बनाने की मैंने कोशिश की है। मज़े लेकर पढ़े और खोदते रहो और हिलाते रहो… आपका अपना राजकर्तिक शर्मा [email protected]
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