This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
अब तक आपने पढ़ा.. मैंने उसके मम्मों को फिर से प्रैस किया और उसकी गाण्ड को सहलाते हुए कहा- भाभी के अन्दर आज एक साथ दो-दो लौड़े उतार देते हैं यार! वो बोली- हाँ.. पर मुझे मज़ा लेना है.. अपनी गाण्ड नहीं फड़वानी है कुत्तों.. संजय ने उसकी चूत में उंगली डाली और कहा- तो चल फिर ये फड़वा ले साली..
मैंने भी संजय की उंगली के साथ एक अपनी एक उंगली गीत की चूत में डाल दी। अब एक उंगली संजय की और एक मेरी.. दोनों गीत की चूत में थीं। अब आगे..
गीत सिसकारने लगी थी आ..ह उ..ई आ..ह .सा..लों. उ.न्ह.. ब..स अ..भी..’
वो इतना ही कह पाई थी कि मैंने उसकी चूत से उंगली निकाली और उसको फिर से उल्टा कर दिया और अपना लौड़ा गीत के मुँह में दे दिया और संजय ने भी उसकी चूत को अपने मुँह पर सैट किया, अब संजय गीत की चूत चूस रहा था और मैं गीत के मुँह से अपना लौड़ा चुसवा रहा था।
गीत भी मेरा लौड़ा मज़े से चूस रही थी, लौड़े की टोपी के ऊपर से नीचे तक गोल गोल राउंड में अपनी जीभ घुमा कर लंड चूस रही थी, ऐसा लग रहा था उसे बहुत मज़ा आ रहा है। उधर संजय गीत की चूत में अन्दर तक जीभ डाल कर उसे चूस रहा था। मैं साथ-साथ गीत की पीठ पर किस कर रहा था।
अब मैंने फिर से संजय को कहा- साली की मुझे चूत चूसने दे..
संजय ने तुरंत उसकी चूत में से होंठ निकाले और मैंने भी गीत के मुँह से अपना लौड़ा बाहर निकला और तुरंत गीत की चूत को अपने मुँह में भर लिया। अब मेरी जीभ गीत की चूत के अन्दर थी और उसकी चूत से निकल रहे काम रस को पी रही थी।
मैं अपनी जीभ को गीत के अन्दर ही अन्दर उतारता जा रहा था। संजय ने गीत के मम्मों को अपने मुँह में ले लिया था।
अब गीत दो-दो मर्दों के बीच थी, मैंने गीत के कान में कहा- क्यों कुतिया साली.. मज़ा आ रहा है? गीत ने कहा- उ..न्ह आह हाँ.. और..चूसो..
अब मैं गीत की चूत को इस कदर चूसने लगा था कि गीत की चूत से रस बाहर आने लगा था, मैं उसके रस को पीने लगा था। गीत मस्त होकर चुदने को तैयार थी, मैंने गीत की चूत को इतना चूसा कि गीत जोर-जोर से सिसकारियाँ लेते हुए एक बार छूट गई थी।
उसकी चूत का रस मेरे मुँह में निकल चुका था, अब गीत पूरी तरह से झड़ गई थी। कुछ पलों के लिए गीत को हमने छोड़ दिया। गीत वाशरूम में गई और फ्रेश होकर फिर वापिस आ गई।
अभी हम सभी नंगे ही थे.. उसके बाहर आते ही मैंने गीत को पकड़ा और संजय के सामने ही उसको ऊपर उठा कर नीचे से अपना खड़ा लौड़ा गीत की चूत में डाल दिया।
जैसे ही मैंने गीत की चूत में लौड़ा पेला.. तो गीत सिसकती हुई जोर-जोर से चिल्लाते हुए अपनी चूत चुदवाने लगी। इतने में गीत की गाण्ड के नीचे से मैंने उसके नितम्बों को हाथ से पकड़ा और जोर-जोर से झटके लगाने लगा।
अब गीत भी जोर-जोर से उछलने लगी, गीत भाभी की सिसकारियाँ तेज़ हो गई थीं। जैसे ही मैंने गीत को थोड़ा और ऊँचा किया तो उसकी गाण्ड के पास खड़े संजय को गीत की गाण्ड पसंद आ गई और उसने आगे-पीछे बिना देखे.. बस अपना लौड़ा गीत की गाण्ड में डाल दिया।
अब गीत दो-दो लंडों के बीच चुद रही थी। जब मेरा लौड़ा गीत की चूत के अन्दर होता तो संजय का बाहर और जब संजय अपना लंड गीत की गाण्ड में डालता.. तो मैं गीत की चूत से अपना लौड़ा बाहर निकाल लेता।
इस तरह हम बैलेंस बना कर गीत को जबरदस्त मज़ा दे रहे थे, गीत भी बहुत खुश होकर एक साथ हमारे दो-दो लंडों का मज़ा ले रही थी। अरे वाहह.. क्या मस्त सीन था। हम सभी एकदम नंगे चुदाई में मगन थे।
अब हम सभी ओर्गास्म के बहुत करीब थे। मैंने गीत से पूछा- बो..ल.. मा.द.र.चो..द.. कहाँ.. ..पे. .डा.लूँ.. अ.प.नी. ..जवा..नी. का.. र..स.. कु..तिया आह.. उ..न्ह आ..ह.. सी। गीत भी सिसकती हुई बोली- आ..ह उ..ई.. .सा..लों.. कु..त्तों.. उई… चो.द.. डा..लो.. मे..री.. ज..वा..नी.. न..ह..ला.. दो.. मु..झे.. अ..प.ने.. र..स.. से.. गां..ड.. औ.र. म..म्मों. पे.. गिरा दे… आह्ह.. मेरा.. ..निकल.. रहा.. है.. उ..ई.. आह.. सी..सी.. मैं गई..
यह कहते हुए गीत ने एक बार फिर अपनी चूत से उबाल मार दिया और अपनी जवानी का रस मेरे लंड पर निकाल दिया। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
उधर पीछे गीत की गाण्ड को चोद रहा संजय भी बोल उठा- सा..ली.. ब..हन.. की.. लौ..ड़ी.. को.. अ.भी. नी.चे म..त फें..क..ना. मे..रा.. रस.. इ..स..की.. गां.ड.. में.. निक..ल. रहा.. है.. ले.. कु..ति.या.. दे..ख.. अ..प..ने.. या..र.. के.. लं.ड.. का.. र..स.. ते..री प्या..री.. गां..ड. में.. हमारी.. प्यारी.. रां..ड.. साली.. कु..तिया.. बहन.. की लौड़ी.. आ..ह उ..ई.. सी..
संजय ने भी अपने लंड से गीत की गाण्ड को नहला दिया। जैसे ही संजय ने अपना लंड साइड में किया.. मैंने तुरंत गीत को नीचे बिस्तर पर डाल दिया और उसके लिए गालियाँ निकालते हुए अपने लंड के फुव्वारे को उसकी छातियों पर छोड़ दिया। गीत और संजय दोनों ने मिल कर गीत के दोनों मम्मों को पकड़ लिया ताकि मेरे लंड की सीधी धार गीत की छातियों पर पड़े।
मेरे लंड की फुआर गीत के मम्मों को तब तक नहलाती रही.. जब तक मेरे लंड की आखरी बूंद तक खाली न हो गई। उसके बाद हम सब शांत हो चुके थे.. फिर हम सब साथ मिलकर नहाए और खाना खाया। मैंने गीत और संजय से विदा ली और आ गया।
गीत अब हमसे चुदाई करवा कर काफी खुल चुकी थी, हममें कोई भी शर्म नहीं रही थी और उसे गालियाँ देना और सुनना बहुत पसंद है, गीत को हमारी चुदाई से बहुत ज्यादा मज़ा आया, उसके बाद तो मानो वो चुदवाने के लिए तड़प उठी कि ऐसी चुदाई उसकी रोज़-रोज़ हो।
एक दिन गीत का मूड बहुत सेक्सी था और उसने कॉल किया.. मैंने फोन उठाया तो सीधा ही बोली- अबे साले, मुझे चोद कर कहाँ भाग गए.. अब कॉल भी नहीं करते.. इधर मादरचोद मेरी फुद्दी तुम्हारे लौड़े के लिए तरस रही हो.. मेरे कुत्ते यार.. उसी बात सुनते ही मैंने उसे जवाब दिया- अरे साली कुतिया.. कोई बात नहीं बहन की लौड़ी.. आज करता हूँ तेरी प्यासी चूत को शांत.. आता हूँ तेरे पास.. खोल के रख अपना छेद..
तो वो खिलखिलाते हुए बोली- हाँ यार.. सच में बहुत प्यासी हूँ.. आज आ जाओ.. मैं आपका इंतज़ार कर रही हूँ.. हमने टाइम फिक्स किया और मैंने फोन काट कर अपना सभी काम करके ऑफिस के बाद उसके बताए टाइम पर उसके घर पहुँच गया.. उस वक्त उसके घर पर कोई नौकर आदि भी नहीं था।
मुझे गीत ने बता दिया था- संजय को साथ ही ऑफिस से पकड़ लाना मैंने उसको नहीं बताया था कि आज तुमसे चूत चुदवानी है।
मैंने अपने दोस्त संजय को भी साथ ले लिया। गीत को मालूम ही था कि हम दोनों आने वाले हैं.. पर संजय को ये नहीं पता था कि आज फिर रंगीनियाँ बिखरने वाली हैं।
हम जैसे ही घर पहुँचे तो उसने हमें पहले अपने ड्राइंग-रूम में बिठाया और उसके बाद वो हमारे लिए पानी लेकर आई। कुछ देर बैठकर हम इधर-उधर की बातें करते रहे। फिर उसने हम दोनों की तरफ मम्मे खुजाते हुए कहा- पता है आपको मैंने आज क्यों बुलाया है? हम दोनों एक-दूसरे की तरफ देखने लगे और फिर मैंने ही कहा- बताओ?
तो वो बोली- आज मेरा जन्म दिन है और मैं ये दिन आपके साथ शेयर करना चाहती हूँ.. और आपको एक सरप्राइज़ भी देना चाहती हूँ..। तभी संजय और मैं एक साथ बोले- हैप्पी बर्थ-डे डार्लिंग..
ये कहते हुए मैंने उसको होंठों पर एक किस कर दी और संजय ने भी उसकी गाल पर किस कर दी। वो ‘थैंक्स’ कहती हुई साइड में हुई और बोली- अरे वहीं रुको। मैंने कहा- डार्लिंग.. पहले बताती तुम्हारा बर्थ-डे है.. तो हम कोई गिफ्ट लेकर आते।
तो वो बोली- ओह यार.. डोंट वरी आप आ गए.. मेरे लिए यही गिफ्ट है। आओ अब सब मिल कर पार्टी करते हैं और आपको एक सरप्राइज़ भी देती हूँ।
उसने ये कहते हुए संजय और मेरा हाथ पकड़ा और हम दोनों उसके आजू-बाजू होकर उसके बेडरूम की तरफ जाने लगे। बेडरूम का डोर जैसे ही उसने खोला.. तो हम तो एकदम दंग रह गए।
वहाँ एक और लेडी मौजूद थी.. उसने हमें देखते ही हमें नमस्ते बोला और हमने भी उसकी नमस्ते का जवाब दे दिया। फिर गीत ने हमें उस लेडी से परिचय करवाया.. उसका नाम सिमरन था।
गीत ने हमें बताया कि सिमरन और वो दोनों बहुत पुरानी पक्की सहेलियाँ हैं और दोनों की बहुत दोस्ती है। फिर सिमरन ने हमें देख कर थोड़ी स्माइल दी और हमें बैठने को कहा। गीत ने कहा- आप सभी बातें करो.. मैं अभी आई..
यह कहकर गीत बाहर चली गई और मैंने सिमरन से पूछा- सिमरन जी.. क्या आपको हमारे बारे में कुछ पता है क्या? तो सिमरन बोली- हाँ जी.. मुझे गीत ने सब बता दिया है और मुझे ये भी मालूम है कि आप और गीत.. वो कहती-कहती रुक गई।
मैंने कहा- हाँ.. आगे बोलिए.. ‘आप और गीत’ मतलब..? आप बेझिझक पूरी बात बताओ। मेरे दुबारा पूछने पर सिमरन बिना किसी झिझक के बोली- आप और गीत काफी अच्छे दोस्त हैं। तभी संजय बोला- दोस्त ही हैं या फिर कुछ और भी बताया है?
तो सिमरन बोली- जी हाँ मुझे सब मालूम है.. गीत के साथ आपका क्या रिश्ता है। मैंने कहा- क्या रिश्ता है.. फिर बताओ तो?
साथियो.. मुझे उम्मीद है कि आपको ये चुदाई कथा बहुत पसंद आ रही होगी अभी इसमें और भी मजा आना बाकी है। मेरे साथ अन्तर्वासना से जुड़े रहिए और मुझे अपने मेल भेजते रहिए। आपका रवि [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000