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लवर हॉट सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मैं अपने जन्मदिन पर अपनी प्रेमिका को होटल रूम में ले गया. वहां हम दोनों ने अपना पहला सेक्स कैसे किया?
हैलो फ्रेंड्स, मैं निलेश इंदौर से फिर से एक बार अपनी गर्लफ्रेंड की कुंवारी चुत की चुदाई कहानी का मजा देने आ गया हूँ. लवर हॉट सेक्स स्टोरी के पिछले भाग गर्लफ्रेंड की बुर की सील तोड़ने की तैयारी में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं पूजा को एक होटल के कमरे में लाकर उसके होंठों से होंठ लगा कर चूम रहा था. इस बार पहली बार मेरी जीभ ने पूजा के मुँह के अन्दर जाकर रस लेना शुरू कर दिया था. इसी के साथ मेरे हाथ भी उसके मम्मों के ऊपर जम गए थे.
अब आगे लवर हॉट सेक्स स्टोरी:
मेरे हाथों ने पूजा के मम्मों को नापा, तो मुझे अहसास हो गया कि उसके मम्मे तीस इंच के थे.
अपने मम्मों पर हाथ महसूस करके उसने भी मेरी शर्ट में अन्दर हाथ डाल दिया और वो भी मेरे सीने पर हाथ फेरने लगी.
कुछ देर बाद मैंने उसे बेड पर लेटाया और उसकी गर्दन पर स्मूच करने लगा.
उसके लिए यह अहसास कुछ ज़्यादा सुखदायी मालूम हो रहा था. इसके साथ जब मैंने उसके मम्मों को दबाना शुरू किया, तो वो सिसकारियां लेने लगी.
इससे मेरे अन्दर तो जैसे करंट दौड़ने लगा था. मैंने उसे बहुत जल्दी से ऊपर से नंगी कर दिया और उसके नंगे मम्मों को अच्छे से चाटने लगा; उसके निप्पलों को चूसने लगा.
वो तो जैसे तड़प रही थी.
ये सब हम दोनों ही पहली बार कर रहे थे … लेकिन इसके बारे में हमने इतनी बार बातें कर ली थीं कि जैसे हम दोनों चुदाई में एक्सपर्ट हों.
इसमें वो उठना नहीं चाहती थी … लेकिन ख़ुदगर्ज़ ना बनते हुए वो उठी और उसने मुझे भी नंगा करके मेरे सीने को चाटा. मुझे बहुत अच्छा लगा.
अब मैंने सीधे उसकी चूत पर हाथ रख दिया … तो वो एकदम रुक गयी. उसने कुछ भी विरोध नहीं किया बल्कि उसने ऐसा बिहेव किया जैसे वो पूरी तरह मुझे सौंप चुकी हो.
मैंने उसे बहुत प्रेम पूर्वक लेटाया और बोला- अब उठना नहीं. उसने हां में सर हिलाया.
मैंने जैसे तैसे उसकी टाइट जीन्स निकाली, तो देखा कि उसकी पैंटी पूरी तरह गीली हो चुकी थी. मैंने उसकी पैंटी को भी खींच कर बाहर निकाल दिया.
आह … वो जन्नत का दरवाजा मेरे सामने खुल गया था, जिससे होकर अभी तक कोई गुजरा ही नहीं था … उसकी उंगली तक नहीं.
वो पूरी तरह अपनी बुर को साफ करके आई थी.
दोस्तो, अगर अपने एक वर्जिन चूत देखी हो, तो आप समझ सकते हैं मैं कैसा महसूस कर रहा था.
मेरे सामने एकदम टाइट, फ्रेश और गीली चूत खुली पड़ी थी. मैंने उसकी चुत पर हाथ रखा तो वो इतने में ही ‘उम्म्म्म ..’ कर उठी. मैंने कुछ नहीं किया था … सिर्फ़ उसकी चूत को छुआ भर था. इससे आप सोच सकते हो कि वो कितनी संवेदनशील होगी.
फिर मैं झुका और मैंने उस गीली चूत पर एक किस करके अपनी जीभ से उस पर लगे पानी को चाट लिया. मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगा लेकिन चुत चाटने से जो आवाजें वो निकालने लगी थी, उनको सुनकर मैं खुद को हटा नहीं पाया.
वो तो बिल्कुल मछली जैसे तड़प रही थी और ‘नील नील …’ कराह रही थी.
मैं चुत चाटता चला गया और वो सिर्फ़ दो मिनट में ही झड़ गयी. उसकी चुत के खारा पानी का टेस्ट मुझे नहीं जमा … तो मैं उससे दूर हो रहा था.
लेकिन उसने मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने की कोशिश की, तो मैंने मन मार कर उसकी चूत को चाट चाट कर उसे पूरी तरह से झाड़ा.
फिर उसने मेरे सर से हाथ हटाया और मैं साइड में होकर बैठ गया. उसने आंखें बंद कर ली थीं और लगभग दो मिनट तक चुपचाप लेटी रही.
फिर उसने जैसे ही आंख खोली, मैंने पूछा- कैसा लगा? उसने मुझे बैठ कर हग कर लिया और बोली- बहुत ज़्यादा अच्छा लगा … तुम्हें पसंद नहीं आया ना? मैंने कहा- शुरूआत थी तो ऐसा हुआ, बाद में ज़रूर आएगा.
ये सब हमने बहुत बार पढ़ रखा था, तो हमें पूरा ज्ञान था.
उसने हां में सर हिलाया और बोली- अब आएगा … मेरे बेबी को मज़ा!
मुझे पता था कि अब सच में मुझे मज़ा आने वाला है.
उसने मुझे लेटाया और मुझे फटाफट नंगा करके मेरे लंड को हाथ में पकड़ लिया. उसे मेरा लंड बहुत पसंद आया, वो उससे खेलने लगी.
यहां मैं उसके हाथ के स्पर्श से जैसे घायल हो रहा था. ये एक युद्ध जैसा लगा था.
उसने मेरे खड़े लंड को सहलाना शुरू किया और उसे ऊपर नीचे करने लगी. मेरी आंखें स्वतः ही बंद हो गयी थीं.
मेरा हाल तो इतने में ही बुरा हो गया था कि तभी उसने मेरे लंड को मुँह में ले लिया.
दोस्तो, उस समय मेरी पूरी चेतना उठ कर मानो मेरे लंड के टोपे पर आ गयी थी. मैं जन्नत का अहसास कर रहा था.
उसने लंड को थोड़ा और अन्दर लिया तो मेरी आवाजें निकलने लगीं.
मैं भी बस दो मिनट में ही उसके मुँह में झड़ने लगा.
वो अलग हटने लगी, तो मैंने उसके हाथ पकड़ कर लंड पर रखा और हिलाने का इशारा किया.
वो जोर जोर से लंड हिलाकर हुए मुझे झाड़ने लगी. मैं इस टाइम में सातवें आसमान में था और पूरा खाली होकर ही उसे रोका.
लंड झाड़ कर अपनी आंखें बंद करके मैं लेट गया. मेरा पूरा वीर्य वहां पड़ा हुआ था.
उसने एक पेपर नैपकिन से उसे साफ किया और मेरे पास हग करके लेट गयी.
हम दोनों पूरे नंगे लेटे थे. पहली बार चूत लंड का टेस्ट करके बहुत अच्छा अनुभव हुआ था.
वो दो मिनट बाद उठ कर मेरे ऊपर लेट गई. मैं उसको किस करने लगा था, उसके मम्मों को दबाने लगा.
कुछ ही देर में हम दोनों का मूड बन गया.
मैं उठा और अपने बैग से ड्यूरेक्स अल्ट्राथिन कंडोम का एक पैक निकाल लिया. मैं एक कंडोम को अपने लंड को पहनाने की कोशिश करने लगा.
वो मुझे देख रही थी. थोड़ी देर में सफलता हासिल करके मैं बेड पर आ गया.
तो पूजा मुझ पर हंसने लगी. मैंने पूछा- क्या हुआ? वो हंसी और बोली- तुम कंडोम पहनना नहीं जानते … और सेक्स करने आ गए.
मैं भी हंस दिया और कहा- यार, फर्स्ट टाइम है. इस पर हम दोनों ही हंस पड़े.
फिर मैंने उससे पूछा- आर यू रेडी! वो बोली- यस बेबी. मैंने उसे स्माइल दे दी.
हम दोनों बहुत ज़्यादा उत्तेजित थे. वो सीधी लेटी थी. मैं उसके पैर फैला कर बीच में बैठ गया और अपने छह इंच के सीधे खड़े लंड को उसकी चूत के मुँह पर रगड़ने लगा.
वो मदमस्त कर देने वाली आवाजें निकालने लगी. मैं उसको देखते हुए अपने लंड को तलवार की तरह उसकी तरबूज सी लाल चुत में घुसाने लगा.
अपनी चुत में लंड लेते ही उसके चेहरे के हाव भाव बदलने लगे थे. केवल दो इंच लंड चुत में घुसने में ही उसे दर्द होने लगा.
वो मुझे रोकने लगी, लेकिन मैं संयम नहीं रख पाया और एक तेज शॉट मार बैठा. इससे मेरा चार इंच तक लंड चुत के अन्दर घुस गया.
इस पर वो जोर से चीख पड़ी और मुझे दूर करने की कोशिश करने लगी. मगर मैं उस पर लेट गया और उसको किस करने लगा.
वो मुश्किल से शांत हो पाई थी. फिर मैं बहुत आराम आराम से लंड चुत के अन्दर घुसाने लगा और कुछ ही देर में पूरा छह इंच का लंड उसकी चुत में घुस गया. वो छटपटाने लगी थी, लेकिन मैंने उसको आवाज़ करने का मौका नहीं दिया. उसके मुँह पर अपना हाथ रख कर उसे चीखने से रोके रखा.
मैंने जैसे ही थोड़ा अन्दर बाहर करना शुरू किया, तो वो मुँह अलग करके जोर से आहह करने लगी. फिर भी मैं नहीं रुका और उसकी आवाजें मुझे और आमंत्रित करने लगीं.
मैं उसके ऊपर चुदाई की पोजीशन ने चढ़ कर उसे अच्छी तरह चोदने लगा. वो तकिया को अपने मुँह पर रख कर दर्द को सहन करने लगी.
लगभग पांच मिनट बाद वो भी चुदाई का मजा लेने लगी और फाइनली उसकी सिसकारियों में मुझे आनन्द के स्वर सुनाई देने लगे. ये देखकर मैं पूरी ताक़त से उसे चोदने लगा और वो ‘यस यस आआहह इह आह ..’ ऐसे ही कुछ ना कुछ बोलते हुए चुदने लगी.
तभी मैं झड़ने लगा, तो मेरे आखिरी शॉट्स बहुत तेज़ हो गए थे. जिनको उसने भी बहुत एंजाय किये और वो खुद भी अकड़ उठी.
फिर मैं कंडोम में पूरा खाली होकर उस पर लेट गया. वो भी स्खलित हो चुकी थी.
हम दोनों एक दूसरे से चिपके हुए लेटे गठे.
लगभग पांच मिनट बाद मैं उठा और लंड से कंडोम निकालने लगा, तो देखा कि बेड पर खून था. खून देख कर मैं खुश हो गया था.
मैंने जल्दी से कंडोम को निकाल कर साइड में फेंक दिया. उसपर भी खून लगा था.
मैंने उसके सर पर किस किया और उसे ‘लव यू जान बोल दिया. उसने भी ‘लव यू हनी ..’ में जबाव दिया.
मैंने उससे पूछा- कैसा लगा? वो बोली- शुरू में बहुत दर्द हुआ लेकिन बाद में बहुत मज़ा आया … पूरे दर्द की बराबरी हो गयी.
मैं हंस पड़ा.
फिर हम दोनों ने उठ कर बेड को थोड़ा बहुत साफ किया. वो भी खून देख कर हंस पड़ी.
हम दोनों अपने जिस्म धोने बाथरूम में गए तो मैंने शॉवर ऑन कर दिया.
मैं फव्वारे के नीचे उसे पीछे से हग करके उसके मम्मों को मसलने लगा; उसे किस करने लगा. इस तरह नहाते नहाते ही फिर से मूड बन गया तो मैं उधर ही उसे घोड़ी बना कर लग गया.
मैंने पीछे से उसकी चुत में लंड घुसा दिया. उसने कुछ देर आवाजें की लेकिन रोका नहीं.
कुछ ही देर में बहुत अच्छे से लंड चुत में अन्दर बाहर होने लगा था. हम दोनों बहुत एंजाय करने लगे थे. फिर मैं उसे कुतिया बना कर चोदने लगा.
मैं उसकी चूत में गपागप लंड पेल रहा था. अब वो कम आवाज़ कर रही थी और मेरा साथ दे रही थी. वो खुद भी अपनी गांड से मेरे लंड को पीछे झटके दे रही थी.
दस मिनट में ही चुदाई अपने चरम पर आ गई और वो झड़ गई. मुझे उसका स्खलन महसूस हुआ और उसकी आवाज़ भी बदल जाने से समझ आ गया था कि वो झड़ गई है.
चुत में रस आ जाने से चुदाई की आवाक भी ‘ठप ठप’ से ‘छप छप ..’ में बदल गई थी. साथ ही उसका गांड को पीछे धकेल कर धक्का देना भी बंद हो गया था.
लेकिन मैं उसे और तेज़ चोदने लगा था. इस बार मुझे रहा नहीं गया और मैं उसके चूत में ही झड़ गया.
फिर मैं रुक गया. कुछ देर वो मेरे सामने नहाती रही और अपनी चुत में उंगली करके मेरे वीर्य को निकलने की कोशिश करती रही. मैं उसे ये सब करते देखता रहा.
फिर वो कमरे में अन्दर गई, तो मैं उसे रेडी होने का बोल कर नहाने लगा.
वो जब तक कपड़े पहनती तब तक मैं नहा कर रेडी हो गया. कुछ देर और चुम्मा-चाटी हुई. मैंने उसके मम्मों को दबाया और ये सब करके हम दोनों ने केक खा कर खत्म किया और बाहर चले आए.
बाहर हम दोनों ने एक रेस्टोरेंट में लंच किया और मैं उसे घर से कुछ दूर ड्रॉप करके चला गया.
ये सब अभी चार साल पहले की ही बात है.
उसके बाद हमारा प्यार बहुत परवान चढ़ने लगा. हम लगभग हर दस दिन में होटल जाते थे. इसके अलावा कभी किसी पार्क में, या कभी मूवी देखने में मस्ती कर लेते थे.
हम दोनों ने कई बार तो बस में ही चूत लंड को सहला कर मजा ले लिया था, किस तो कहीं भी कर लेते थे. मैं उसके मम्मों को दबा देता था.
फिर कुछ महीनों बाद एक दोस्त से रूम की ऐसी जुगाड़ हुई कि मैं जब चाहूँ, वहां जा सकता था. वो कमरा हमारे कॉलेज के पास भी था.
तब से लेकर इस साल जनवरी तक में उसे इतनी बार चोद चुका था, जितना कोई हज़्बेंड अपनी वाइफ को ना चोद सके.
हमने पूरी कॉलेज लाइफ में सिर्फ़ एक दूसरे के साथ मज़े किए … हर तरह की पोज़िशन में सेक्स किया. गांड चुदाई भी बहुत बार की. हम समय के साथ बोल्ड होते गए. अब हम हर तरह का सेक्स का अनुभव कर चुके हैं.
तो दोस्तो, ये थी हमारी लवर हॉट सेक्स स्टोरी, आप मुझे मेल करके ज़रूर बताइएगा कि हमारी सेक्स कहानी आपको कैसी लगी. अगर आपका कुछ सवाल है, तो आप वो भी मुझसे कर सकते हैं. मैं इस सेक्स कहानी को लेकर आप सभी के मेल का इंतजार करूंगा. [email protected]
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