This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
हैलो दोस्तो, मेरा नाम विक्की है और मैं अजमेर का रहने वाला हूँ.. मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। यह मेरी पहली कहानी है।
बात उन दिनों की है.. जब मैं 12वीं कक्षा में पढ़ता था। मैं हमेशा किसी को चोदने की सोचता रहता था। उस समय एक बन्जारन की लड़की मेरे घर के सामने रहती थी।
वो कुछ सांवली थी.. पर उसके मम्मे बड़े मस्त थे। वो जब भी मेरे सामने आती थी.. मेरा लण्ड खड़ा हो जाता था.. पर वो मुझे थोड़ी छोटी लगती थी। पर मुझे इससे क्या.. मुझे तो चूत चाहिए थी।
मैं हमेशा उससे अकेले मिलने का मौका तलाशता रहता। एक दिन मेरी यह इच्छा पूरी हो गई। वो मुझे अकेले में मिल गई.. वो स्कूल से घर लौट रही थी। मैं उस समय बाइक पर था। मैं हिम्मत करके उसके पास गया और उसको बोला- क्या मैं आपको घर छोड़ सकता हूँ..? उसने एक प्यारी सी स्माइल दी.. और बाइक पर बैठ गई। वो मेरे बिल्कुल चिपक कर बैठी थी.. मेरा मन कर रहा था कि उसे यहीं पटक कर चोद दूँ। फिर मैंने उसे घर से थोड़ा दूर छोड़ा.. उसने फिर से वही स्माइल दी और चली गई।
उसके बाद मैं अगले दिन फिर गया और बाइक उसके सामने रोक दी। उस समय उसके साथ एक सहेली भी थी। उसने अपनी सहेली के कान में कुछ कहा और मेरी बाइक पर बैठ गई।
मैं सोच रहा था कि उससे बात कहाँ से शुरू करूँ। मैंने उसका नाम पूछा.. तो उसने अपना नाम रेणु बताया। और फिर उसने कहा- आप यहाँ किसी काम से आते हो क्या? तो मैंने उससे पूछा- आपको क्या लगता है? वो हँसने लगी और कहा- मैं सब समझ गई।
फिर रेणु ने पूछा- आपकी कोई गर्लफ्रेण्ड है क्या? मैंने कहा- अभी तक तो नहीं है.. पर अब शायद बन जाए.. वो हँसने लगी।
इतने में उसका घर आ गया.. मैंने रेणु से जाते समय पूछा- आप मुझे कभी मिल सकती हो क्या? तो उसने हँसते हुए कहा- कल रविवार है.. इसी समय मिल जाना।
दूसरे दिन में वहीं पर उसका इन्तजार कर रहा था.. फिर जैसे ही वो आई मैं होश गंवा बैठा।
क्या बताऊँ दोस्तो.. क्या कयामत लग रही थी। मैं उसे पहली बार जीन्स टॉप में देख रहा था। वो आते ही मेरी बाईक पर बैठ गई और फिर मैं उसे अपने दोस्त के घर ले गया। मैंने अपने दोस्त से कुछ खाने का सामान मंगा लिया और उसको बाहर घूमने के लिए भेज दिया।
अब उस कमरे मैं और रेणु अकेले थे। फिर मैं इधर-उधर की बातें करने लग गया। बातों ही बातों में मैंने उससे कहा- मैं आपको हग करना चाहता हूँ। रेणु ने कहा- ये भी कोई पूछने की बात है..
और वो ऐसा बोलते ही मेरे सीने से चिपक गई। मेरे लण्ड का तो बुरा हाल था.. मानो अभी जीन्स फाड़ कर बाहर आ जाएगा।
फिर मैं उसके होंठों पर गया.. क्या रस भरे होंठ थे। दस मिनट तक रेणु के होंठ चूसने के बाद मैंने जैसे ही उसके मम्मे पर हाथ लगाया तो उसने मुझे दूर कर दिया और कहने लगी- मैं अभी ये सब नहीं कर सकती.. अभी तो मैं आपको अच्छे से जानती भी नहीं हूँ।
मैंने उसे समझाने की कोशिश की- मैं आपसे प्यार करता हूँ और प्यार में तो ये सब चलता है। वो बोली- मैं भी तो आपसे बहुत प्यार करती हूँ.. मुझे पता है.. पर अभी में ये सब नहीं कर सकती.. सो प्लीज मेरी बात को समझो। कुछ समय बाद आप जो बोलोगे.. मैं वो करूँगी.. पर आज ये सब मत करो प्लीज।
मुझे उस समय बहुत गुस्सा आ रहा था.. पर थोड़ा सोचा और लगा इसका कहना भी ठीक ही है और जब इतना रुका हूँ तो कुछ समय और रुक जाता हूँ। मैं उसे घर ले आया। उसने मेरा फोन नम्बर लिया और ‘सॉरी’ बोल कर चली गई।
फिर कुछ दिन तक मेरी लगातार रेणु से फोन पर बातें चलती रहीं। हम रोज साथ में घूमने जाने लगे। उसकी सब सहेलियां मुझे अच्छे से जान गईं। मैं लगभग रोज ही उसे चुम्बन करता था।
एक दिन देर रात उसका फोन आया और रेणु ने कहा- उस दिन आपके दोस्त के घर जो काम अधूरा रह गया था.. उसे कल पूरा करेंगे.. सुबह 6 बजे मिल जाना…! और उसने फोन काट दिया।
उसकी ये बातें सुनते ही मेरे लण्ड में हलचल हो गई। मैं सोचने लगा कि उस दिन इसने मुझे मना कर दिया था। मैं उसका बदला जरूर लूँगा।
मैं सुबह जल्दी उठा और अपने साथ कुछ कन्डोम और एक *** गोली ले ली। सुबह हमारी मिलने की तय जगह पर पहुँच गया और देखा कि वो स्कूल की ड्रेस में आई थी।
मैं उसे फिर से वहीं पर ले गया और पूछा- आज अचानक से कैसे आपको इसकी याद आ गई। उसने कुछ शर्मा के कहा- कल मैं अपनी सहेली के साथ ब्लू-फिल्म देख रही थी.. तो मेरा भी मन वो सब करने के लिए होने लगा और आपकी याद आ गई।
दोस्त के घर पहुँचते ही मैंने अपने दोस्त को समझा कर बाहर भेज दिया और उसके कमरे से जाते ही रेणु मुझ पर अचानक टूट पड़ी और मुझे लगातार चुम्बन करने लगी। मैंने खुद को संभाला और उसका साथ देते हुए उसकी कमीज उतारने लगा और साथ में उसकी ब्रा भी उतार दी।
वो अभी भी चुम्बन किए जा रही थी.. मैंने उसे अलग किया और नीचे लेटा दिया। मैं उसके मम्मों पर टूट पड़ा और अच्छी तरह से मसलने लगा। वो ‘आहह्ह्ह्ह.. ओहह्ह आह्.. आह्ह्ह्ह्ह..’ की आवाजें निकाल रही थी। मेरा लण्ड तो मानो लोहे की तरह सख्त हो चुका था।
मैं उसके पूरे बदन पर चुम्बन कर रहा था और उसके मम्मों को जोर-जोर से मसल रहा था। रेणु के मुँह से कराहने की आवाजें आ रही थीं.. पर वो मेरी इस बेरहमी का जवाब चुम्बन से दे रही थी।
इसी दौरान मैंने उसकी सलवार खोल दी अब वो मेरे सामने बस पैन्टी में थी। क्या मस्त लग रही थी। फिर मैंने पैन्टी भी उतार दी। उसकी चूत पर थोड़े बाल भी थे.. पर ऐसा लग रहा था जैसे कोई फूल की कली हो।
मैंने जैसे ही रेणु की चूत को छुआ.. तो वो मना करने लगी- यहाँ पर हाथ मत लगाओ.. प्लीज मुझे गुदगुदी होती है। मैंने वहाँ से हाथ हटा लिया और उसके पेट पर और मम्मों को चूमने लगा। वो पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी।
फिर उसने कहा- अब रहने दो और ऊपर आ जाओ। फिर मैं उसके ऊपर आ गया और उसे समझाया- पहले थोड़ा दर्द होगा सहन कर लेना। रेणु ने कहा- हाँ.. ठीक है.. पर अब जल्दी करो ना..
मैंने लण्ड को उसकी चूत पर थोड़ा रगड़ा.. और एक धक्का मारा.. पर लण्ड फिसल गया। मैंने फिर कोशिश की इस बार जोरदार धक्का मारा और लण्ड का सुपारा अन्दर घुस गया। रेणु जोर से चिल्ला उठी और मेरी पकड़ से छूट गई। मैंने फिर से उसे कस के पकड़ा और एक ही धक्के में आधा लण्ड उसकी चूत में उतार दिया। उसके आंसू आ गए और उसके नाखून मेरी पीठ पर गड़ गए।
मैंने थोड़ा रुक कर एक और धक्का दिया.. और मेरा 6 इन्च का लण्ड रेणु की चूत चीरता हुआ जड़ तक पहुँच गया। रेणु ने कराहते हुए कहा- उह्ह.. थोड़ा रुक जाओ.. प्लीज बहुत दर्द हो रहा है।
मैं उसे चुम्बन करने लगा और थोड़ा सामान्य होते ही धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू कर दिए। दस मिनट बाद उसने भी कमर हिलाना शुरू कर दिया। हर धक्के के साथ उसकी सिसकारियाँ निकल रही थीं।
मेरी तो मन की इच्छा पूरी हो रही थी.. क्या मस्त आनन्द मिल रहा था। मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता। थोड़ी देर में वो ‘फ़क मी.. फ़क मी..’ की उत्तेजित आवाजें निकालते हुए झड़ गई और उसने कमर हिलाना बन्द कर दिया।
कमरे में सिर्फ हमारे मिलन की आवाजें गूँज रही थी। करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद उससे अब सहा नहीं जा रहा था। रेणु ने कहा- अब बस करो.. मुझे बहुत दर्द हो रहा है जानू.. जान लोगे क्या.. मैंने उससे कहा- बस 5 मिनट और.. सोना.. मेरे लिए थोड़ा सा और सहन कर लो।
मैंने भी धक्कों की स्पीड तेज कर दी। झड़ने के कारण उसकी चूत चिकनी हो गई थी.. तो मेरा लण्ड आसानी से अन्दर-बाहर हो रहा था। उसे भी बहुत मजा आ रहा था। फिर तीस मिनट की इस चुदाई के कारण मेरे लण्ड में थोड़ा दर्द हुआ और मैंने अपने लण्ड रस से कन्डोम भर दिया।
पर जब लण्ड बाहर निकाला तो पता चला कि कन्डोम फट चुका था।
इस चुदाई के दौरान वो तीन बार झड़ चुकी थी और बिस्तर पर खून और वीर्य का मिश्रण फैला हुआ था। फटा कन्डोम देख कर रेणु को बहुत गुस्सा आया और वो मुझ पर चिल्लाने लगी। मैंने उसे समझाया कि आपको गोली दिला दूँगा.. तो वो मान गई।
सच बोलूँ.. तो मुझे पता था कि कन्डोम फट चुका है.. पर मैं रेणु की चूत से अपना लण्ड एक पल के लिए भी बाहर नहीं निकालना चाहता था।
उसके बाद तो मैं उसे कई बार चोद चुका हूँ। मुझे मेल करें कि आपको मेरी कहानी कैसी लगी.. मुझे जरूर बताना ताकि मैं अपनी कुछ और कहानियां आपके सामने ला सकूँ। आप फेसबुक पर भी मिल सकते हैं। [email protected] [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000