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हाय दोस्तो.. मेरा नाम सचिन है.. मैं गाज़ियाबाद में रहता हूँ। मेरी उम्र 37 साल है.. रंग साफ़.. औसत कद काठी का इंसान हूँ। यह मेरी पहली कहानी है, कहानी एक साल पहले की है। मैं नेट पर याहू मैसेंजर पर चैटिंग का बहुत शौकीन हूँ। एक दिन चैट कर रहा था अचानक एक फ्रेण्ड का मैसेज आया- हाय.. योर एएसएल.. प्लीज़?
मैंने रिप्लाइ किया- मेल 37 गाज़ियाबाद और आप? उधर से रिप्लाई आया- एफ 38.. दिल्ली.. मैंने नाम पूछा तो उसने बताया- सोनी.. और आपका? मैंने भी बताया और इस प्रकार शुरू हो गया बातचीत का दौर।
वो 1-2 बार की बातचीत में ही मेरे से काफ़ी खुल गई और उसने मुझसे मेरा मोबाइल नंबर ले लिया। मैंने भी उससे लिया, हम दोनों एसएमएस और मैसेंजर से अक्सर बात करने लगे।
एक दिन वो बोली- सचिन मेरे से मिल सकते हो? मैंने ‘हाँ’ कह दिया।
हम दोनों कनॉट प्लेस दिल्ली में मिले। वो मुझसे मिलकर बोली- सचिन मैं 2 बच्चों की माँ हूँ। मेरा पति मुझे प्यार नहीं करता.. मैं बहुत प्यासी रहती हूँ.. क्या तुम.. मैं बोला- क्या तुम.. क्या.. आगे बोलो? सोनिया बोली- क्या हम कहीं ऐसी जगह मिल सकते हैं.. जहाँ सिर्फ़ हम दोनों हों? मैं बोला- ठीक है..।
वो बहुत खुश हो गई। दो दिन बाद हम दोनों ने पहाड़गंज में एक होटल में रूम लिया और अन्दर चले गए। मैं और सोनिया कुछ देर अन्दर रूम बन्द करके बिस्तर पर बैठ कर इधर-उधर की बात करते रहे। फिर सोनिया ने धीरे से मेरा हाथ पकड़ा और बोली- सचिन तुम बहुत अच्छे हो..
मेरे अन्दर कुछ होने लगा.. मैं भी उसके हाथ को पकड़ कर सहलाने लगा। वो अब धीरे-धीरे मदहोश होने लगी और अपना सर मेरे कंधे पर रख कर तेज़ी से साँसें लेने लगी।
अब मेरे सब्र का बाँध टूट गया और मैंने उसे किस कर दिया। मेरे किस करते ही वो मेरे से एकदम लिपट गई.. जैसे कि वो मेरे रिस्पॉन्स का ही इन्तजार कर रही थी। फिर क्या हम दोनों बिना वक़्त गंवाए खूब चूमा-चाटी किस करने लगे। मेरा हाथ उसके चूचों.. चूत.. पीठ और गाण्ड पर चलने लगा। वो भी ‘सस्स्स.. स्स्स्सस्स.. ओह.. उम्म्म्मम..’ करते-करते मेरी छाती को चूमने लगी, साथ ही वो अपने हाथ से लंड को सहलाने लगी।
मैं उसके सूट को ऊपर करके उसकी चूचियों को मुँह से चूमने लगा। उसकी चूचियाँ बहुत ज़्यादा टाइट नहीं थीं.. फिर भी ठीक थीं.. क्योंकि वो 2 बच्चों की माँ थी। वो चुदास से भरी हुई बहुत प्यासी औरत थी.. उसकी तड़प से महसूस हो रहा था।
मैंने जब उसके सलवार के ऊपर से उसकी चूत को सहलाना शुरू किया तो वो गाण्ड को उठा-उठा कर मेरे लंड को तेज से सहलाने लगी थी। मैं सोनिया के कपड़े उतारने लगा, सोनिया एक झटके में ही सब निकाल कर एकदम नंगी मेरे सामने भूखे शेर की तरह वासना की ज्वाला में जलती हुई मेरे कपड़े उतारने लगी। मेरे कपड़े उतरते ही वो मेरे लंड को हाथ सहलाते हुए अपने मम्मों पर रगड़ने लगी। मेरे मुँह से ‘ओह.. सस्स्स्स.. स्स्स्स्स सस्स.. उम्म्म्म..’ की आवाज़ निकलने लगी।
वो एकदम से लंड को मुँह में लेकर चाटने लगी.. जैसे किसी बच्चे को लॉलीपॉप मिल गया हो। अब मुझसे भी रहा नहीं गया.. मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और उसकी चूचियों को तेज-तेज रगड़ने लगा। तब वो गुस्से से बोली- मेरे चोदू राजा.. मेरी चूचों को चूस.. नीचे भी चूत में चींटियाँ चल रही हैं.. मुझे रौंद दे.. आज..
मैं उसका हिंट समझते ही चूचियों को मुँह में डाल कर पीने लगा। वो पूरे बदन को चाटने लगी। फिर मैं उसकी चूत में उंगली डाल कर फिंगरिंग करने लगा। दोस्तों उसकी चूत भी कुछ ढीली थी.. पर बहुत सेक्सी थी।
बच्चा होने की वजह से चूत और पेट पर कुछ निशान थे.. मेरी फिंगरिंग से वो अजीब सी आवाज़ निकालने लगी ‘सस्स्स्स.. उउउ.. म्म्म्मम.. ऊओह.. मेरे राजाआाआ.. कककका.. आअ ओह.. बुझा दे मेरी प्यास…’ यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मुझसे भी सहन नहीं हो पा रहा था, मैंने उसे बिस्तर पर लिटा कर उसकी गाण्ड के नीचे तकिया लगाया और अपने लंड से उसकी चूत के ऊपर लौड़ा रगड़ने लगा। वो बिना पानी के मछली की तरह तड़पने लगी। उसने एकदम से मेरे लंड को पकड़ कर अपने चूत पर लगा कर नीचे से एक धक्का दिया और पूरा लंड ‘घप्प’ से चूत के अन्दर समा गया। वो खुद की धक्का लगाने लगी, हम फोरप्ले की वजह से ज़्यादा गरम हो गए थे इसलिए 15 मिनट में ही हम दोनों साथ में ही झड़ गए।
फिर 5 मिनट हम वैसे लेटे रहे.. तो सोनिया बोली- सचिन मेरी चूचियों और चूत दोनों ढीले हो गए हैं.. शायद तुम्हें मज़ा नहीं आया होगा। मैं बोला- मेरी रानी ऐसा मज़ा.. मुझे कभी ज़िंदगी में नहीं आया।
ऐसे ही बातें करते-करते हम दोनों फिर से चुदाई के लिए तैयार हो गए। इस बार मैंने सोनिया को घोड़ी बना कर चोदा.. मैं काफ़ी देर तक चोदता रहा उसे! सोनिया की ढीली चूत भी मेरे अन्दर की गरमी से कसावट लेने लगी। इस तरह हम दोनों ने उस दिन 4 बार चुदाई की.. फिर रूम से चेक आउट करके घर के लिए निकल लिए।
घर जाते समय सोनिया ने बताया- सचिन तुमने मुझे आज चुदाई का असली मज़ा दिया है.. अब तुमसे जब भी टाइम मिलेगा.. मैं ज़रूर चुदा करूँगी।
दोस्तो मेरे अन्दर चुदाई की स्टेमिना बहुत जबरदस्त है.. किसी भी औरत को मैं थका देने का पावर रखता हूँ। आपको मेरी कहानी पर कुछ भी कमेंट्स करने का अधिकार है तो मुझे ईमेल करें। [email protected]
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