This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
मेरे प्यारे दोस्तो, मैं आप लोगों की तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ जो आप ने मुझे इतना प्यार दिया… आम लोग तो प्यार से दूसरों को पलकों पे बिठाते हैं पर आप लोगों ने मुझे उससे भी ऊँचा दर्जा दिया और मुझे अपने लंड पर बिठा लिया, इसके लिए मैं आपको और आपके लंड दोनों को शुक्रिया कहना चाहूँगी।
आप लोगों ने मेरी कहानी को सराहा और अपनी दास्ताँ अपनी फोटो के के द्वारा जो व्यक्त किया उसके लिए दुबारा बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए अब हम अपनी चुदक्कड़ रेल को पटरी पे लेकर आते हैं और कहानी को आगे बढ़ाते हैं।
मैंने पिज़्ज़ा विद एक्स्ट्रा क्रीम का स्वाद लिया और फिर थोड़ी बियर पी और फिर तो ऐसे नींद आने लगी कि आँखें बंद होने लगी। पर इन कमीनों के लन्ड थे कि मानते नहीं… वहीं थकान की वजह से मेरे आँखों और मेरी गांड ने जवाब दे दिया, मैंने पीटर से कहा- अब बस करो, मुझे नींद आ रही है।
पीटर ने जैसे तैसे इन नागराजों को मनाया फिर इन्होंने सोने के लिए हाँ कर दी।
मैं तो आँखें बंद करके सो गई पर इन चोदने वालों का ऐसे कैसे? इनका लंड तो अभी भी तना हुआ था। इन्होंने अपने लंड को अपने हाथों से पकड़ा और धड़ाधड़ मुझ पर वीर्य वर्षा करने लगे। मैं भी आधी नींद में बाद बड़ा रही थी और मैं मासूम बेचारी कर भी क्या सकती थी।
रात कब बीती, पता ही नहीं चला, सुबह उठी तो देखा दो लंड मेरे मुँह के अगल बगल पहरेदारी कर रहे थे, एक लंड मेरी गांड खोद रहा था। मैंने जैसे तैसे इन सबको हटाया और उठने लगी। इन मादरचोदों ने मुझे ऐसे कुतिया की तरह चोदा था कि ठीक से खड़े होते भी नहीं बन पा रहा था।
जैसे तैसे उठी और अपने बालों से हाथ फेरा तो देखा बाल बिल्कुल झाड़ी से हो गए थे, कड़क हो गए थे क्योंकि इन काले नागों ने अपना ज़हर जो उगला था मेरे बालों में, वीर्य से बाल आपस में फंस गए।
जैसे तैसे मैंने मूता, वापिस लेटने आई तो पीटर जाग गया था। मेरे पास पीटर आया और अपने मोटे होंठों से मेरे होठों को चुम्बन दिया और कहा- मुझे आशा है कि तुम्हारी कल की रात यादगार रही। मैंने कहा तो कुछ नहीं, पर मन ही मन सोचा यादगार का तो पता नहीं पर लंडदार, वीर्यदार और कड़ाकेदार तो थी ही और वैसे भी मुझे अभी इनसे बहुत काम करवाना था।
मैंने पीटर को कल रात के लिए शुक्रिया कहा और बोला- मुझे बहुत ख़ुशी होती अगर तुम्हारे दोस्त हमारे साथ थोड़ा और वक़्त बिताते। पीटर बोला- अगर तुम चाहो तो हमारे साथ इनके घर आ सकती हो! और जब तक जी चाहे रहो।
यह सुनते ही मेरा मुँह लंड खाने को लपलपाने लगा, पर ऐसे थोड़े न कह सकती थी, मैंने कहा- शायद फिर कभी! अभी फ्रेश हो जाते हैं। पीटर- क्या तुम हमारे साथ नहाना चाहोगी? क्यूंकि तुम काफी थकी हुई लग रही हो और हम मिल कर तुम्हें नहला देंगे, थोड़ी मसाज भी कर देंगे जिससे तुम्हें आराम मिलेगा! मैंने फट से कहा- जरूर!
पीटर ने अपने नंगे दोस्तों को उठाया, सबने ब्रश किया और फिर सबने एक साथ बाथरूम में प्रवेश किया। पीटर ने शावर चालू किया और हम लोग शावर के नीचे आ गए और चारों मिल कर अगल बगल से मेरे बदन को मलने लगे और इनके लंड मुझे चोदने के फ़िराक में लपकने लगे ‘आगे पीछे, दाएँ बाएँ चारों तरफ से चार लंड और बीच में मैं अकेली जान! क्या करूँ क्या ना करूँ? मैंने तुरंत घुटनों को सहारा लिया और दो लंड पकड़ कर हिलाने लगी। इतने में चारों तने हुए लंडों ने मेरे ऊपर मूत वर्षा कर दी। मैंने आँखें बंद कर ली और पानी को मूत के साथ नीचे सरकने दिया। जब चारों ने मूतना बंद किया तो मुझे थोड़ा गुस्सा आया हुआ था, मैंने एक एक कर लंड को मुँह में लेकर हल्का सा दांतों से दबाया, काटा और कहा- तुम्हारी यही सजा है।
उसके बाद जहाँ दो लंड मैं पकड़ कर हिलाने लगी, वहीं दो लंड मेरे मुँह में घुसे हुए मेरे मुख को चोद रहे थे, दोनों ने मेरे बाल पकड़ रखे थे और आगे पीछे धकेल रहे थे। मेरे मुँह दर्द से फ़टे जा रहा था, दोनों ने स्पीड बढ़ाई और आख़िरकार उनके वीर्य ने मेरे मुँह में प्रवेश किया और उन्हें अपना लंड बाहर निकलना पड़ा। उन्होंने अपने लन्डों से पूरा वीर्य मेरे चेहरे पर मल दिया।
उधर बाकी दोनों लन्डों का भी क्लाइमेक्स आ चुका था, वो दोनों आगे आ गए और मेरा वीर्य स्नान करवा दिया। अब मेरे चेहरे पे इतना वीर्य था जितना मैं पूरे महीने तक क्रीम भी नहीं लगाती हूँगी।
चारों लंड इधर उधर जहाँ भी मेरे चेहरे की फेस मसाज करने में लगे थे। वैसे मैंने पढ़ा था कि वीर्य चेहरे के लिए अच्छा होता है। इसका पता तो मुझे कुछ समय बाद ही चलेगा।
खैर छोड़िये इन बातों को, हम अपनी चुदाई की दास्तान को आगे बढ़ाते हैं। फिर हमने एक दूसरे को मल मल के नहलाया और फिर मैंने एक एक करके तौलिये से रगड़ रगड़ के अच्छे से उनके बदन में लगे पानी को पोंछा।फिर चारों ने मिल कर मुझे पौंछा और फिर हम कमरे में आ गए।
कमरे में आकर जेरोम ने मुझसे कहा- क्यों न तुम हमारे साथ हमारे घर चलो? मैंने दो मिनट सोचा और फिर कहा- किसलिए.. अगर मैं तुम्हारे साथ गई तो तुम लोग फिर मुझे इसी तरह चोदते रहोगे जैसे पिछले बारह घंटे से मेरी मार रहे हो।
जरोम बोला- नहीं… अगर तुम चाहो तो हमारे साथ एक एक दिन बिताओ और फिर तुम जिसे चाहो, उसे चुन लेना, फिर तुम जो चाहो कर सकती हो।
मुझे आईडिया तो पसंद आया और इसी बहाने के काले लंडों को जानने का मौका भी मिलेगा, मैंने यही सोच कर हाँ कर दिया। हम तैयार हुए, मैंने कुछ कपड़े बैग में रखे और नीचे आ गए। नीचे आये तो देखा मेरी सहेली दो लन्डों के बीच में सैंडविच बनी पड़ी है।
हमने उन्हें उठाया और उन्हें भी साथ चलने को कहा। मेरी सहेली ने कहा कि वो बाद में आएगी, अभी तुम जाओ। हमने कैब बुक करी और सारे निकल पड़े चुदाई के अगले सफर पे।
आगे की कहानी अगले भाग में। आपको कहानी कैसे लगी मुझे जरूर बताइयेगा। और हाँ मेरी कहानी को रेट करना और कमेंट करना मत भूलना। तब तक के लिए आपके लंड की रानी जूही को आज्ञा दें… फिर मिलेंगे और जी भर के चुदेंगे। आपके ईमेल और कमेंट्स का इंतज़ार रखेगा। [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000