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दोस्तो.. मेरा नाम विनी है.. मेरी उम्र अभी 23 साल की है.. मैं अन्तर्वासना को लगातार 6 सालों से पढ़ता आ रहा हूँ, अन्तर्वासना पर बहुत सी कहानियाँ पढ़ी थीं लेकिन कभी ये नहीं सोचा था कि मेरे साथ भी कुछ ऐसा वाकिया होगा। आज मैंने सोचा कि मैं भी अन्तर्वासना डॉट कॉम के माध्यम से अपनी कहानी भी आप लोगों से शेयर करूँ।
यह बात उस वक्त की है.. जब मैं इंजीनियरिंग के फाइनल इयर में था। मैं किराए पर कमरा लेकर रहता था और मेरे लैंडलॉर्ड यानि मकान-मालिक की एक लड़की और एक लड़का.. था। लड़की का नाम नेहा था और वो 12वीं में पढ़ रही थी।
मुझे वहाँ रहते हुए 3 महीने निकल गए.. लेकिन मैंने कभी भी इस बात को नोटिस नहीं किया क्योंकि मुझे लड़कियों के मुक़ाबले आंटी किस्म की महिलायें ज़्यादा पसन्द थीं क्योंकि वो सिरदर्द नहीं होती थीं। नेहा का 32-28-32 का फिगर इतना ग़ज़ब का था और वो देखने में भी इतनी ब्यूटीफुल थी.. ओ माय गॉड.. एकदम पटखा.. लेकिन अंकल-आंटी मुझ पर भरोसा करते थे इसलिए मैं उसके बारे में ज़्यादा सोच नहीं पाता था और बाथरूम में जाकर अपना लंबा-तगड़ा लंड हिला लेता और शांत कर लेता।
आप यह कहानी अन्तर्वासना पर पढ़ रहे हैं।
फिर एक दिन कहानी में ट्विस्ट आया.. अंकल-आंटी को कोई प्राब्लम की वजह से एकदम कहीं अपने रिश्तेदार के यहाँ जाना पड़ा.. और उन्हें कम से कम 3 दिन लगेंगे.. यह वो घर पर बोल कर निकल गए। उन्होंने नेहा को कहा कि वो भाई का ध्यान रखें और विनी को बोल देना यानि मुझे.. क्योंकि मेरा प्रॉजेक्ट रनिंग था.. इसलिए मेरे आने का कोई फिक्स टाइम नहीं था।
नेहा ने मुझे कॉल किया और कहा- तुम जल्दी घर आ जाओ और 3 दिन का कॉलेज से ऑफ ले लेना.. क्योंकि उसने मुझे सारी प्राब्लम बताई.. और मैंने वैसा ही किया।
मानवता के नाते और उनके परिवार से अच्छे तालुक्कात के कारण मैंने ऐसा करना उचित भी समझा। अगले दिन तक सब नॉर्मल था, मैंने खाना खाया और टीवी देखने लगा। नेहा ने अपने भाई को सुला दिया और मेरे पास आकर टीवी देखने लगी। फिर कुछ टाइम बाद मैं वहाँ से ‘गुडनाईट’ बोल कर जाने लगा.. तो उसने कहा- मुझे आज नर्वस सा फील हो रहा है.. तुम यहीं सो जाओ। तो मैंने नॉर्मली ‘यस’ बोल दिया।
फिर नेहा ने कहा- आप भी बिस्तर पर सो जाओ.. मैं बीच में तकिया लगा देती हूँ। तो मुझे कुछ अज़ीब सा लगा.. क्योंकि उसने अपने भाई को दूसरे कमरे में अकेला छोड़ दिया था। खैर.. मैं नॉर्मल होकर सोने लगा.. तो नेहा ने कहा- मैं चेंज करके आती हूँ। मैं तो पहले से ही लोवर और टी-शर्ट में था।
जैसे ही नेहा वापिस आई.. मेरे तो होश उड़ गए.. क्या लग रही थी.. उसने टी-शर्ट और नीचे कुछ ढीला सा लोवर पहना हुआ था.. जिसमें उसके चूतड़ एकदम टाइट दिख रहे थे। जैसे ही वो चलती तो किसी की भी पीछे से उसकी उठी हुई गाण्ड देख कर नियत बिगड़ जाए.. वो इतनी कामुक लग रही थी, टी-शर्ट में उसके मम्मे एकदम खड़े सीधे तोप की तरह दिख रहे थे।
मुझे पहली बार अहसास हुआ कि यार नेहा तो ग़ज़ब का माल है। वो आकर मुझसे बोली- रात को मेरे हाथ-पाँव चलते रहते है.. प्लीज़ डोंट माइंड.. मैंने दबी आवाज़ में कहा- इट्स ओके..
फिर हम बातें करने लगे और फिर नेहा ने कहा- लाइट ऑफ कर दो.. हम दोनों ‘गुडनाइट’ बोल कर सो गए।
अचानक रात को मुझे कुछ अहसास हुआ कि मेरी पीठ से कोई चिपक रहा है और जब मैंने देखा तो नेहा का एक पाँव मेरे ऊपर था और उसके मम्मे मेरे पीठ से लग रहे थे।
मैंने सोचा कि शायद वो नींद में है.. इसलिए ऐसा हुआ हो। लेकिन मेरे मन में भी कीड़ा जाग गया था, मैंने पलटी मारी और एक हाथ उसकी कमर पर रख दिया और उसकी अगले हरकत का इन्तजार करने लगा। कुछ टाइम बाद नेहा सीधी होकर सो गई.. और मेरा हाथ अपने आप ठीक उसके मम्मों पर चला गया। नेहा की साँसें गर्म और तेज़ हो गईं। फिर मैंने सोचा कि कुछ और करना पड़ेगा क्योंकि मुझे मालूम था कि लड़कियाँ खुद कभी शुरु नहीं करतीं। मैंने जल्दी से अपना पाँव उसकी दोनों टाँगों के बीच में रख दिया।
फिर क्या.. नेहा की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई.. अब मेरा मूड बन चुका था और मेरा लंड जो कि एकदम तगड़ा लंबा सुडौल.. जो कि हर चूत की पसंद होता है.. ठीक वैसा ही खड़ा हो गया था। मेरा लौड़ा नेहा को महसूस हो रहा था।
अब मैं नेहा के मम्मों को ऊपर से सहलाने लगा। अगले 10 मिनट तक और नेहा की साँसें सब कुछ ब्यान कर रही थीं। उसके बाद मैंने नेहा की टी-शर्ट निकालने की कोशिश की तो वो दूसरी तरफ से अनचाहे ढंग से कुछ इस तरह पलटी कि मुझे पता ना चले कि टी-शर्ट निकालने में उसने मदद की।
टी-शर्ट उतारी तो देखा.. ये क्या.. नेहा ने ब्रा ही नहीं पहनी थी.. और उसके मम्मे एकदम आज़ाद थे। मेरे हाथ जैसे की जन्नत के मजे में हों.. वाह… हाथ फेरने में क्या मस्त मज़ा आ रहा था.. जैसे मैं उनके साथ खेलता गया.. उसके मम्मे और अधिक उभरते गए और फिर अचानक नेहा उठी और करेंट की तरह मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे किस करने लगी, जैसे कि किसी का सब्र का बाँध टूट चुका हो। हमने 10 मिनट तक प्यार से धीरे-धीरे किस किए।
नेहा के चेहरे पर एक लंबी सी स्माइल दिखी और उसने कहा- आई लाइक यू.. सो मच.. मैं ये बोल नहीं पा रही थी.. लेकिन आज में ये मौका नहीं जानी दूँगी क्योंकि एक टॉल हैण्डसम और मॉडल को हाथ से कौन जाने देगा।
फिर हम दोनों ने एक-दूसरे के कपड़े निकाले और प्यार से मस्त होकर सेक्स का मजा लेने के लिए दरिया में डुबकी लगानी शुरू की। मैंने नेहा की आँखों को किस किया और मेरे दोनों हाथ उसके मम्मों पर जमा दिए। फिर उसकी सुतवां नाक पर प्यार से चुम्मी की.. होंठों को चूमा.. गर्दन पर होंठों से मस्ती की और इस सब के साथ-साथ उसके रसीले मम्मों को हौले-हौले मसलकर दबाता रहा। नेहा को भी बहुत मज़ा आ रहा था।
उसके बाद मैंने मम्मों के बटनों के साथ अपनी जीभ से मजा लेना शुरू किया.. और इससे नेहा फुल मस्ती में आ गई थी। यह उसका तीसरे सेक्स का अनुभव था उसने बाद में मुझे बताया था।
फिर मैंने उसकी पीठ पर धीरे-धीरे चूमना शुरू किया, उसकी पीठ की चिकनाहट.. हाय.. जैसे किसी मखमल के कपड़े पर हाथ फेरना। मेरे दोनों हाथ लगातार काम कर रहे थे। फिर मैं थोड़ा और नीचे गया तो नेहा तो मानो जन्नत में पहुँच गई.. क्योंकि मैंने यहाँ तक पहुँचने में 20 मिनट लगा दिए थे।
फिर मैंने नेहा की चूत को उंगली से टच किया और उंगली को चूत के ऊपर गोलाई में घुमाया.. और फिर प्यार से किस किया, अब मेरी उंगलियाँ और जीभ दोनों एक साथ काम क़र रही थीं। ये सब लगभग 5 मिनट तक चला और नेहा फाइनली झड़ गई।
उसने मुझे गले से लगाया और कहा- क्या मैं तुम्हारे लॉलीपॉप को टेस्ट कर सकती हूँ? और मैंने नज़रों से उसे ‘हाँ’ कर दिया और वो उसे बड़े मज़े से लौड़े को देखकर मुझे चूमते हुए बोली- थैंक्स गॉड.. वाओ.. ये मोटा लंड मेरे नसीब में देने के लिए।
वो लौड़े को प्यार से चुम्मी करते-करते उसको मुँह में लेकर चूसते हुए पूरा मजा लेने लगी। दस मिनट बाद सारा माल उसने अपने मुँह में ले लिया। वो चहकी- नाउ रेडी.. टू पार्टी..! ‘श्योर.. हनी..!’
और अब हम दोनों फिर से तैयार होना शुरू हो गए, पहले उसके मम्मों को हाथ में लेकर मसला चूसा और उसकी गाण्ड के नीचे एक तकिया लगा कर धीरे से क्रीम के साथ मैंने लंड को धीरे-धीरे उसकी चूत में डालना शुरू किया क्योंकि मेरा लंड काफ़ी बड़ा है.. कुछ 2 मिनट के पूरा जड़ तक पेलने के बाद बाद मैंने स्पीड शुरू की..
और अब नेहा को भी पूरा मजा आने लगा था। वो कामुक आवाजें निकाल रही थी ‘आआआहह.. ऊहह.. आआहह.. प्लज़्ज़्ज़्ज़्.. कम ऑन.. आआअहह… ओह.. माय गॉड.. ओह माय गॉड.. कम ऑन.. आआअहह..’
फिर हम दोनों ने 4 तरह की पोज़िशन में हचक कर चुदाई की और फाइनली मजा आ गया। अब रात के 2:30 बज चुके थे.. हम दोनों थक कर चूर हो चुके थे.. लिपट कर सो गए। इसके बाद लगातार 3 दिन तक मैंने अपने साथ नेहा को भी जन्नत की सैर करवाई। नेहा ने मुझसे कहा- आज तक उसे सेक्स को इस पैशन के साथ नहीं किया था.. जो कि तुमने मुझे सिखाया..
दोस्तो.. यह मेरी सच्ची कहानी थी.. इसके बाद आज तक मैं उससे मिला नहीं हूँ। मैं अब भी उसके साथ की गई चुदाई के लिए बेचैन हूँ। आपको कहानी पसंद आई हो या ना आई हो, मुझे ईमेल कीजिएगा, अपनी राय बताइयेगा। [email protected]
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