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मेरा नाम अजीत उर्फ़ अज्जू है.. मैं अन्तर्वासना साइट का नियमित पाठक हूँ.. पिछले 2-3 सालों से मैं यहाँ पर लोगों की कहानियाँ पढ़ रहा हूँ। आज मैं भी आप सब लोगों के साथ अपने साथ हुई बात को शेयर करना चाहता हूँ।
यह बात आज से 7 साल पहले की है.. जब मैं 12 वीं क्लास में पढ़ता था। मैं आप लोगों को अपने बारे में बता दूँ कि मेरी लंबाई 5 फुट 10 इंच है.. मैं दिखने में ठीक-ठाक हूँ। मेरे लिंग का साइज़ 8.5 इंच है और यह 3 इंच मोटा है। इसका सारा श्रेय मेरी टीचर ममता को जाता है.. जिसकी वजह से अब तक अपनी लाइफ में मैं इतनी सारी औरतों की खुश कर पाया हूँ।
बात उन दिनों की है.. जब मैं अपनी टीचर के यहाँ शाम को नित्य 2 घंटे पढ़ने जाता था मैं उनसे गणित की ट्यूशन लेता था.. जिसमें मैं बहुत कमजोर था। मैडम मुझे बड़े प्यार से पढ़ाती थीं और बाकी सब बच्चों से मुझे सबसे ज्यादा टाइम देती थी। वो मुझे अपने पास ही बैठाती थीं। मुझे तब तक सेक्स के बारे में कुछ भी नहीं पता था।
दस साल पहले ही मैडम का तलाक़ हो चुका था, उनकी 20 साल की एक बेटी थी… जो उन्हीं की जैसी सुंदर और बहुत अच्छी दिखती थी। मैडम मुझे बार-बार अपनी तरफ आने को मजबूर करती थीं.. मेरे गालों को सहलाना.. हालांकि वो मेरे को कभी भी कुछ नहीं बोलती थीं.. बस मुझे वो अलग-अलग किस्म के इशारे करती थीं.. पर मुझे कुछ समझ नहीं आता था कि वो मुझसे क्या चाहती हैं और यह सब क्या हो रहा है।
एक दिन जब मैं रोज़ की तरह शाम को मैडम के घर पढ़ने गया.. तो 20 मिनट तक कोई नहीं आया। तो मैंने मैडम से उनके कमरे में जाकर पूछा.. तो मैडम ने कहा- आज की छुट्टी है.. मैं तुमको बताना भूल गई थी.. पर कोई बात नहीं.. तुम मेरे पास आ जाओ यहाँ पिक्चर आ रही है.. साथ बैठ कर देखते हैं.. पढ़ाई कल कर लेना सब बच्चों के साथ।
फिर क्या था.. मैं मज़े से उनके पास जाकर उनके बिस्तर पर पिक्चर देखने लगा मैडम फिर से रोज़ की तरह मुझे प्यार करने लगीं.. दुलारने लगीं लेकिन मैंने महसूस किया कि आज उनके प्यार में कुछ और ही बात थी।
आज उन्होंने बस एक झीना सा गाउन पहना हुआ था.. जिसमें से उनका शरीर बहुत ही साफ़ दिखाई दे रहा था। आज तक मैंने उनको इस नज़र से कभी नहीं देखा था, ऐसा देखते-देखते पता नहीं कब मेरा लंड टाइट सा और लंबा सा होने लगा। मुझे बहुत अजीब सा महसूस हो रहा था, मैं अपने लौड़े के उभार को छुपाने की बहुत कोशिश कर रहा था.. लेकिन छुपा नहीं पाया। मैडम ने उसे देख ही लिया.. मुझे बहुत गंदा महसूस हो रहा था। ऊपर से मैडम ने पूछा- यह क्या है? मैंने कहा- कुछ नहीं मैडम.. पता नहीं यह आज कैसे हो गया.. मैं घर जा रहा हूँ.. पढ़ने के लिए कल आता हूँ।
इस पर मैडम ने मेरे लंड को पकड़ कर कहा- कोई बात नहीं.. इस उमर में ऐसा होता है। वो उसे अपने हाथों से दबाने लगीं। मुझे बहुत ही अलग सी फीलिंग आ रही थी। ऐसा करते हुए तो मैडम ने मुझसे पूछा- पहले भी ऐसा कभी हुआ है क्या? तो मैंने अपना सर ‘ना’ में हिलाते हुए कहा- नहीं.. आज यह आपके घर पर पहली बार हुआ है।
उन्होंने मुस्कुरा कर मेरे गालों पर एक पप्पी दी और पूछने लगीं- आज ऐसी क्या बात है..?? तो मैंने डरते हुए कहा- मैडम आज आपने जो कपड़े पहने हैं.. उसमें से आपका सब कुछ दिख रहा है। मैडम ने अनजान बनते हुए पूछा- क्या दिख रहा है? तो मैंने कहा- आपके मम्मे दिख रहे हैं।
मैडम ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने मम्मों पर रख दिया और उन्हें दवबाने लगीं। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.. मैं तो मानो जन्नत में था। धीरे-धीरे उनके मम्मे टाइट होने लगे और उनके चुचूक सख्त हो गए, उनको मसलने और दबाने में मुझे बड़ा मजा आ रहा था। उधर मैडम मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से ऊपर-नीचे कर रही थीं, इसमें मुझे बहुत दर्द हो रहा था।
मैडम की आँखें बंद हो चुकी थीं.. और अपने मुँह से अजीब-अजीब सी अवाजें निकाल रही थीं। फिर मैडम ने मेरे को खड़ा किया और मेरे सब कपड़े उतार दिए, अब मैं उनके सामने नंगा खड़ा था और फिर उन्होंने अपने गाउन को भी उतार दिया। मैं यह देख कर हैरान था कि मैडम ने नीचे कुछ भी नहीं पहना हुआ था।
दोस्तो.. मैं मैडम के बारे में तो बताना ही भूल गया.. वो एक पंजाबन हैं.. एकदम मस्त माल हैं.. उनकी उमर 42 साल की थी.. पर देखने से 28-29 की लगती थीं, किसी भी मर्द का उन्हें देख कर खड़ा हो जाता होगा। उनका बदन 36-28-36 है.. एकदम दूध सा गोरा..
मैं तो उनको उस हाल में देख कर पागल सा ही हो गया था। मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि आज ये सब क्या हो रहा है। तब के बाद मेरा उनसे गुरू चेला का रिश्ता बदल कर एक नर-मादा का रिश्ता हो गया था।
उसके बाद ममता ने मुझे अपनी तरफ खींचा और मेरे होंठों पर अपने नरम और रसीले होंठ रख दिए। किसी औरत के साथ यह मेरी लाइफ में पहली चुम्मी थी, मुझे तो कुछ पता ही नहीं था कि आज यह सब क्या हो रहा है।
ममता मेरे होंठों को चूसती रही और फिर मैंने भी ममता का साथ देना शुरू कर दिया, वो एक हाथ से मेरे लंड से खेल रही थी और दूसरे से मेरे बालों को सहला रही थी।
इधर मेरे हाथ भी पता नहीं कब उसके मम्मों पर चले गए और उन्हें दबाने लगे, मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था। फिर ममता ने मुझे बेड पर लेटा दिया और मेरे ऊपर आ गई। अब वो अपने मम्मों को मेरे मुँह पर लगा कर मुझे चूसने को कहने लगी, मैं छोटे बेबी की तरह उनके आमों को चूसने लगा, वो बहुत की मोटे.. गोरे.. और मुलायम थे, उसके निप्पल बिल्कुल गुलाबी थे.. एक-एक करके मैंने उसके दोनों मम्मों को चूस-चूस कर लाल कर दिए थे।
फिर तभी अचानक ममता ने मेरा लंड अपने मुँह में डाल लिया और उसे चूसने लगी, मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं, मुझे लगा कि मेरा कुछ निकलने वाला है.. तो मैंने अपना लंड ममता के मुँह से निकालना चाहा.. पर ममता ने निकालने नहीं दिया। तभी मेरे लंड से खूब सारा सफ़ेद-सफेद पानी सा निकल गया, वो ममता पूरा पी गई.. जैसे कि उसके लिए कोई अमृत हो।
तब जाकर मेरा लंड फिर से छोटा हो गया और अब ममता बहुत खुश लग रही थी, बोली- बहुत ही ज्यादा स्वादिस्ट था तेरा माल तो.. आज 11 सालों बाद फिर से तेरे लंड को पाकर देख कैसे मेरी चूत गीली हो गई है।
मेरा ध्यान ममता की चूत पर गया.. तो मैं देखता ही रह गया, बिल्कुल गोरी… एक भी बाल नहीं था.. फूली सी थी.. एकदम कसी सी गुलाबी रंगत लिए मस्त चूत।
ममता ने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर रखा.. तो मैंने अपना हाथ पीछे खींच लिया, मुझे यह गंदा सा लग रहा था। मैंने कहा- मैडम, आपने तो सू-सू कर दिया है। तो मैडम ने कहा- यह सू-सू नहीं है.. मेरी जान.. यह मेरी चूत का रस है.. जो आज तेरी जवानी के आगे 11 साल बाद फिर से निकल रहा है।
अब मैंने अपने हाथ से उसकी चूत पर फिर से हाथ लगाया.. तो वो बहुत ही ज्यादा गर्म थी जैसे उसमें कोई आग लगी हो। फिर मैडम ने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर रगड़ना सिखाया कि कैसे उसे मसलते हैं।
जैसे-जैसे मैं उसकी चूत मसल रहा था.. वैसे-वैसे उसके मुँह से आवाज़ निकल रही थी- आह्ह.. और ज़ोर से.. ज़ोर से.. यसस्स.. इसस्स्स और करो.. अयाया आआआ.. आआहह..
यह सब सुन कर मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा और मैडम उसे ऊपर-नीचे ऊपर-नीचे करने लगीं। फिर अचानक से मैडम 69 के पोज़ में आ गई, मुझे समझ नहीं आया और वो मेरा लंड फिर से अपने मुँह में लेकर अन्दर-बाहर.. अन्दर-बाहर.. करने लगी। मेरा लंड फिर से मोटा लंबा और टाइट हो गया।
वो मुझसे बोली- आज इसे मैं मालिश कर-कर के और भी लंबा कर दूँगी.. और आज तुझे ऐसा मज़ा दूँगी कि तू सारी ज़िंदगी मुझे याद रखेगा।
फिर ममता अपनी चूत मेरे मुँह पर रख कर मेरे मुँह पर रगड़ने लगी और मुझे उसकी महक बहुत अलग सी लग रही थी, मुझे एक नशा सा छा रहा था और मैं उसकी चूत को चूसने लगा।
उधर से वो मेरे लंड को ज़ोर-ज़ोर से अन्दर-बाहर करने लगी, मैं उसकी चूत के होंठ खोलकर उसको अन्दर से चूसने लगा.. तो मैडम ज़ोर-ज़ोर से ‘स्स्सस्स.. आआहह.. एसस्स्सस्स.. और मेरे.. अन्दर तक.. ऐसे ही.. अहा हा..’ करने लगी।
अचानक ममता एकदम से मेरे ऊपर गिर गई और उसकी चूत से खूब सारा चिपचिपा सा पानी निकल पड़ा.. जो सारा मेरे मुँह पर गिर गया और काफ़ी सारा मैं चाट भी गया.. उसका स्वाद खट्टा और नमकीन सा था।
दोस्तो, यह मेरे जीवन में पहली बार हो रहा था.. अभी मैडम की चूत की चुदाई बाकी थी और उनकी बेटी की चुदाई का खेल कैसे शुरू हुआ वो सब आप अगले भाग में पढ़ सकते हैं, अपने ईमेल जरूर लिखियेगा।
कहानी जारी है। [email protected]
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