This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
अब तक आपने पढ़ा.. मैं बोला- थोड़ी देर पहले ये अपनी माँ को किसी और के साथ चुदते देख चुकी है.. और इसका ये हाल है। अगर अभी कुछ नहीं करेंगे.. तो ये अपने पापा को बता भी सकती है.. तब क्या करोगी आंटी? आंटी मान गईं- पर सैम.. बन्टी कहाँ गया? ‘मैं पता करता हूँ.. तुम कमरे में जाओ पानी लेकर.. मैं आता हूँ।’
मैंने निक्की के पास जाकर उसके सर पर हाथ फेरते हुए कहा- निक्की क्या कर रही हो? तो निक्की गुस्से से बोली- दूर हो जाओ मेरे पास से.. मैं तुमको चाहने लगी थी.. और तुम मेरी माँ के साथ सोए हो.. आने दो पापा को.. मैं उन्हें सब बताती हूँ। अब आगे..
मैं निक्की को अपनी बाँहों में उठा कर उसके होंठों को चुम्बन करने लगा, वो अपने मुँह से कुछ भी नहीं बोल पा रही थी, मैं उसे उठा कर आंटी के कमरे में ले गया। वहाँ आंटी पानी लेकर खड़ी थीं, मैं बेहताशा निक्की को चुम्बन कर रहा था.. निक्की लगातार गर्म हो रही थी, उसका श्वास गति बढ़ रही थी। वो बोली- सैम आई लव यू.. पर तुमने मुझे धोखा दिया है.. मैंने उसे सब समझाया.. तो वो समझ गई.. और मुझसे लिपट गई। आंटी भी मुझसे लिपट गईं।
फिर मैंने निक्की.. को नंगी करके उसके बदन को ध्यान से निहारा। उसका मस्त 32-24-34 का फ़िगर.. पतली कमर.. सीना और गांड फूला हुआ.. एकदम कामिनी लग रही थी, उसकी आँखें गोल-गोल.. काला सुरमा लगा कर और भी नशीली लग रही थीं। वो इस वक्त ऊपर से नीचे तक पूरी कयामत लग रही थी।
मैंने उसे अपनी तरफ खींचते हुए सीधा उसके होंठों को चुम्बन करने लगा। एक हाथ से मैं उसके मम्मों को दबा रहा था और एक हाथ से मैं उसकी भग को छेड़ रहा था। उसकी गुलाबी अनछूई चूत एकदम मस्त लग रही थी। निक्की से अब रहा नहीं जा रहा था.. पर उसे पूरा गर्म करना जरूरी था।
आंटी नीचे बैठ कर मेरे लण्ड और अन्डकोषों को चूस रही थीं। मेरा लण्ड भी तन गया था.. निक्की सिसकारते हुए बोली- सैम.. मेरी जान और मत तड़पा.. डाल दे तेरे लण्ड को मेरी चूत में.. तोड़ दे सील इसकी..
पर अभी तक निक्की का ध्यान मेरे लण्ड पर नहीं गया था। उसे मैंने बिस्तर पर लिटा कर अपने लण्ड को उसके मम्मों से रगड़ते हुए.. उसके मुँह में डाल दिया। थोड़ी देर बाद हम दोनों 69 की अवस्था में आ गए और निक्की की कुंवारी चूत का स्वाद लेने के लिए उससे उठने वाली महक बहुत मस्त थी। मैं उसे चूसने लगा।
निक्की बोली- सैम.. इतने बड़े लण्ड से मैं तो मर जाऊँगी। मैं बोला- तेरी माँ तो नहीं मरी मादरचोद.. बड़ी आई तू मरने वाली।
मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ को डाल दिया और निक्की से अब सहन के बाहर हो गया, उसके पैर काँपने लगे, वो मेरे सर को अपनी चूत में दबाने लगी और ‘उईईईई ईईईई..’ चिल्लाते हुए झड़ गई। थोड़ी देर बाद मैं आंटी के साथ काम-क्रीड़ा करने लगा और इधर निक्की हम दोनों को देख कर फिर से जोश में आ गई।
मैंने आंटी को क्रीम लाने को बोला.. आंटी लेकर आईं और लण्ड और निक्की चूत में ढेर सारी क्रीम लगा दी ताकि लण्ड अच्छी तरह से फिसल कर चूत में सटासट चले.. अब मैंने लण्ड को उसकी कुँवारी चूत में सैट किया और सील तोड़ने को एकदम रेडी हो गया, आंटी भी उसके सर के पास जा कर उसे सहला रही थीं। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
अब मैंने एक बार झटका दिया.. नहीं गया.. दुबारा जोर से झटका दिया.. लण्ड चूत को चीरता हुआ 2 इंच अन्दर चला गया। निक्की जोर से चिल्लाई और उसकी आँखों से आँसू निकल आए, उसके पैर अकड़ गए.. वो थरथरा रही थी। लगभग 5 मिनट रुकने के बाद उसको चुम्बन करते हुए थोड़ी देर निक्की के रिलैक्स होने तक रुक कर मैं कभी आंटी के दूध को दबाता.. तो कभी निक्की के समोसे मसकता।
निक्की के रिलेक्स होने के बाद चुम्बन करते हुए मैं बहुत जोर से झटका मारते हुए लण्ड को अन्दर घुसाने लगा। अबकी बार लण्ड 6 इंच अन्दर चला गया, निक्की का शील भंग करते हुए लण्ड पूरा अन्दर चूत की जड़ तक पहुँच गया था। निक्की का मुँह मेरे मुँह से दबा था.. उसके चीख़ नहीं निकली.. पर उसका शरीर पूरा कांप रहा था.. निक्की को पानी पिलाने के बाद.. करीब 15 मिनट रुकने के बाद निक्की का दर्द कम हुआ। फिर वो अपनी गांड हिलाने लगी.. तो मैंने भी अब चोदना चालू किया।
पहले एक बार मेरा पानी आंटी की चूत में निकल चुका था.. तो इस बार लण्ड ने पानी निकालने के लिए बहुत समय लिया। आंटी और निक्की को ऊपर-नीचे लिटाकर बारी-बारी से मैंने लण्ड को दोनों की चूतों की चुदाई में लगा दिया। दोनों को खूब मजा आ रहा था। आंटी थक गईं तो अपनी गांड हिलाते हुए उठ कर पानी पीने चली गईं। अब मैंने निक्की से पूछा- बन्टी कहाँ गया? तो निक्की बोली- वो टीचर के साथ रुक गया है.. शाम को 5 बजे तक आएगा। ‘ओके..’
फिर मैं निक्की को बेफिक्र होकर धकापेल चोदने लगा। निक्की सिसकार रही थी.. उसके मुँह से कामुक शब्द निकल रहे थे ‘सैमम्मम्म लव यू जानू.. चोदो मुझे.. चोदो.. मैं सिर्फ तुम्हारी ही हूँ।’
अब मैंने निक्की को डॉगी स्टाइल में आने को कहा और उसके पीछे से लण्ड डालने लगा।
मेरा पूरा लण्ड अन्दर जा रहा था। निक्की को दर्द अभी भी थोड़ा-थोड़ा हो रहा था। थोड़ी देर बाद मेरा पानी निकलने वाला था। मैंने निक्की को बोला- कहाँ डालूँ..? वो बोली- पहली बार है.. अन्दर ही डाल दो.. पहली बार ही चुदी हूँ.. और चूत को प्यासी नहीं रख सकती।
मैंने अन्दर ही माल डाल दिया। फिर थोड़ी देर बाद आंटी आईं.. निक्की और आंटी दोनों नंगी थीं और मैं भी नंगा था।
मैंने दोनों को अपने अगल-बगल लिटाया और दोनों को सहलाते हुए प्यार करने लगा।
फिर कुछ देर बाद आंटी कुछ खाने को लेकर आईं.. हम सभी ने खाया। बन्टी के आने के बाद तैयार होकर बाहर घूमने चले गए।
रात को खाना आदि खा कर सब सोने चले गए। रात के 12 बजे निक्की मेरे कमरे में आई और मैंने उसको पकड़ कर चुम्बन करते हुए उसके कपड़े उतार कर उसके दूध पीने लगा। वो मेरे लण्ड को निकाल कर खूब सहला रही थी और चूसने के लिए अपने मुँह के पास ले रही थी.. तो मैं लौड़े को थोड़ा इधर-उधर कर रहा था।
फिर हम लोग 69 की अवस्था में आ गए और एक-दूसरे के अंगों को चूसने लगे।
निक्की और मैं दोनों अब उत्तेजित हो गए थे। निक्की को डॉगी स्टाइल में आने को कह कर मैंने पीछे से लण्ड को उसकी चूत में डालने लगा.. पर जा नहीं रहा था। फिर थोड़ा सा क्रीम लगा कर चूत में लौड़ा डाल ही दिया। अब भी थोड़ा टाइट जा रहा था.. पर कुछ देर में आसानी से चला गया.. थोड़ा सा खून निकल आया।
फिर पीछे से उसके मम्मों को दबाते हुए मैं आधा घंटे तक उसको चोदता रहा। इसके बाद निक्की को सीधा चित्त लिटा कर उसके ऊपर से लण्ड को चूत में डाल कर चुदाई करने लगा।
अबकी बार हम दोनों देर तक चुदाई करते रहे। निक्की इस बीच झड़ चुकी थी और मेरा निकल गया था.. पर जोश के कारण पता नहीं चल रहा था। थोड़ी देर रुक कर निक्की चली गई। उसके जाने के बाद मैं सो गया और सुबह 10 बजे नींद खुली, देखा कि आंटी मेरा लण्ड अपने मुँह में लेकर चूस रही थीं। मैंने बन्टी के बारे में पूछा.. तो आंटी बोलीं- वो स्कूल चला गया।
‘और निक्की?’ आंटी बोलीं- निक्की नहा रही है.. ‘ओके.. आंटी.. तो मैं भी थोड़ा फ्रेश हो जाता हूँ।’
मैं आंटी को चुम्बन करके सीधे निक्की के कमरे वाले बाथरूम में गया और दरवाजा खटखटा कर अन्दर घुस गया। मैंने निक्की को चुम्बन करके वहीं पर उसे चोदना चालू कर दिया। थोड़ी देर बाद आंटी भी आ गईं। उन दोनों को शॉवर चालू करके मैंने खूब चोदा.. दोनों को शांत कर दिया। मुझे भी दोनों ने निचोड़ लिया था।
मैं वहाँ काम के सिलसिले में पूरे 2 महीने रुका था और आंटी और निक्की के साथ पूरी अय्याशी की। आते वक़्त आंटी ने मुझे 15 हजार रूपये दिए और मुझे बीच-बीच में आने को बोला।
मैं अब भी वहाँ जाता हूँ और निक्की की शादी तक उसको चोदता रहा और उसके बाद भी उसको चोदता रहा। निक्की ने मुझे अपनी सहेलियों से भी मिलवाया.. पर दोस्तों ये सब बाद में बताऊँगा।
धन्यवाद मित्रो.. आपने मेरी कहानी पढ़ी। कैसी लगी.. मुझे मेल करें। [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000