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प्रिय अन्तर्वासना पाठको, मैं अजय.. राजस्थान के एक जिले सीकर का रहने वाला हूँ। इतना परिचय काफी है.. अब मैं अपनी और अधिक जानकारी न देते हुए सीधे कहानी पर आता हूँ, यह मेरी पहली कहानी है।
बात दो साल पहले की है.. जब मेरी बहन की शादी थी, उसमें मेरी बुआ की लड़की भी आई हुई थी। बुआ मध्यप्रदेश में रहती है। इस शादी में मेरी नजरें उस पर टिक गईं.. उसका नाम सोनू है.. उसको भी मुझमें कुछ दिख गया आँखों ही आँखों में हम दोनों ने एक दूसरे को समझ लिया था। सोनू जयपुर में हॉस्टल में रह कर पढ़ाई कर रही थी।
शादी के 4-5 दिन बाद जब वो सब जाने लगे.. तो मैंने सोनू से उसका मोबाइल नंबर माँगा.. तो उसने बिना हिचकिचाहट के दे दिया और मेरे नंबर भी ले लिया।
दोस्तो.. मैं आपको सोनू के बारे में बता दूँ कि वो एक गजब की माल किस्म कि लड़की थी.. उसको देखकर बुड्ढों के भी लण्ड खड़े हो जाएँ। अगले दिन उसका कॉल आया.. तो मैंने पूछा- दोबारा सीकर कब आओगी? तो उसने कहा- तुम बुलाओगे तो आऊँगी।
मैं उससे 15 दिन तक बातें करता रहा.. क्योंकि मुझे वो बहुत ही दिलकश लगी थी और मेरे मन में उसको चोदने की इच्छा थी और किसी न किसी तरह मुझे उसकी चूत चाहिए थी। इन 15 दिनों में हम दोनों ने अपने मन की बात आपस में एक-दूसरे से साझा कर ली.. वो भी मुझसे चुदने को राजी थी।
मैंने अपने एक दोस्त राकेश से कहा- यार, एक माल है, उसको चोदना है.. तू कुछ इंतजाम कर न.. तो उसने कहा- दिन के वक्त मेरे घर में कोई नहीं होता, उसको मेरे घर पर ही बुला ले।
मैंने सोनू को कॉल किया कि कॉलेज से फ़रलो मार कर आ जा, दिन में ऐश करेंगे, शाम को तू हमारे घर आई जाएगी। उसने मेरी मम्मी को फ़ोन करके कह दिया कि वो अगले दिन शाम को कॉलेज के बाद आ रही है।
अगले दिन वो सुबह 10 बजे सीकर पहुंच गई और मैं उसे लेकर अपने दोस्त के घर चला गया। थोड़ी ही देर में मेरा दोस्त चला गया।
हम दोनों कमरे में गए और अन्दर से बंद कर लिया, बंद करते ही वो मुझसे लिपट गई और मुझे जोर-जोर से किस करने लग गई। हम भी एक नंबर के चोदू.. हमने फ़ालतू में समय खराब न करते हुए सीधा उसका टॉप हटा दिया। उस साली ने भी अन्दर कुछ नहीं पहन रखा था.. पूरा इंतजाम करके आई थी चुदवाने का।
मैं उसको किस करते जा रहा था। कभी होंठों पर.. तो कभी चूचियों पर.. वो लगातार गर्म हो रही थी और मुझसे चुदासी आवाज में बोली- भेन्चोद.. अपना लौड़ा निकाल.. और गाड़ कर फाड़ दे मेरी चूत को..
इतना सुनते ही तो मेरा अन्दर का बॉस जग गया और मैंने तुरंत ही उसकी जीन्स और पैन्टी दोनों उतार दीं। अपने लण्ड पर थूक लगा कर उसकी चूत के मुँह पर रख दिया और लवड़ा घिसने लगा। सोनू के मुँह से गालियां निकल रही थीं- बहन के लौड़े.. जल्दी अन्दर डाल नहीं.. तो तेरी गांड मार दूँगी।
मैंने अपना लण्ड निशाने पर रखा और पेल दिया.. एक ही झटके में उसकी चूत के अन्दर घुसता चला गया। उसके मुँह से एक दर्द भरी ‘आह..’ निकल गई। उसकी चीख सुनकर मैं रुक गया.. तो वो बोली- मेरे जान.. रुक क्यों गए.. चोद दो मुझे.. ये चूत तुम्हारी है.. जान..
अब मैं अपने लण्ड को आगे पीछे करने लगा और कमरे में ‘फ़्च.. फ्फ्च..’ की आवाजें आने लगीं। वो भी मेरा साथ देने लगी।
अब दोनों तरफ से जोर-जोर से धक्के लग रहे थे। लगभग 6-7 मिनट बाद वो झड़ गई.. खूब सारा पानी उसकी चूत से निकल कर बिस्तर पर गिर गया लेकिन मैं अभी भी उसको चोदने में लगा हुआ था। कुछ देर बाद मैं भी उसकी चूत में ही झड़ गया।
वो अब खुश नजर आ रही थी। उसके बाद मैंने उसे एक जोरदार सा किस किया और उसकी चूत पर भी एक किस किया। उस दिन तीन बार चुदाई करके मैं दोपहर बाद उसे अपने घर ले गया।
रात को भी हमें अपने घर में मौका मिल गया और हम दोनों ने चुदाई का खूब आनन्द लिया और फिर सोनू एक दिन रुक कर सोनू अपने हॉस्टल वापस चली गई।
मित्रो, यह थी मेरी सच्ची कहानी। कैसी लगी.. जरूर बताएं। [email protected]
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