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दोस्तो, मुझे क्षमा कीजिए कि शादी में दिल खोल कर चुदी की सीरीज में इतना खो गई कि अपनी पुरानी कहानी को थोड़ा भुला बैठी। खैर.. अब पुनः इसका आनन्द लीजिए।
अब तक आपने पढ़ा.. सुनील के वीर्य से मेरा मुँह भर गया और मैंने तुरंत माल को गुटकते हुए मुँह हटा कर कहा- यार ये क्या किया.. अब मुँह कैसे धोऊँगी? पर सुनील आँखें बंद किए झड़ने का मजा ले रहा था.. क्योंकि अभी भी मेरा हाथ सुनील के लौड़े पर चल रहा था। सुनील ने अपने रुमाल से मेरा मुँह साफ किया और फिर अपना लंड साफ़ किया।
अब हम लोग अपने कपड़े ठीक कर आराम से बैठ गए। सुनील बोला- थैंक्स नेहा.. मैं बोली- इसमे थैंक्स की क्या बात है.. यह तो मेरा फर्ज था। हम लोग आगरा के करीब पहुँच गए थे कुछ ही देर में कार एक मकान के सामने रुकी। अब आगे..
मैं और सुनील कार से बाहर निकले और ड्राईवर को बाय किया। फिर मैं सुनील के पीछे चलते हुए बिल्डिंग में दाखिल होते हुए बोली- यहाँ कोई काम है क्या? सुनील बोले- वो मैं आपको बताने वाला था.. पर ध्यान से उतर गया था। यहाँ पर मेरा एक बहुत ही ख़ास दोस्त रहता है.. उसी से आपको मिलाने ले जा रहा हूँ। यदि आप थकी न हो.. तो आप मिल लेतीं। मैं बोली- अब तो यहाँ लाकर पूछना तो बेमानी है और आप उससे मिलाने लाए हो या चुदाने? सुनील बोला- यार नाराज हो गई क्या? मैं हँस कर बोली- नहीं यार.. मैं तो यूं ही मजाक कर रही थी।
तभी सुनील ने एक कमरे के बाहर लगी घंटी को दबाया। करीब एक मिनट बाद कमरे का दरवाजा खुला और सामने एक साधारण कदकाठी का एकदम गोरा मर्द बाहर आया- अरे सुनील, तुमने बताया भी नहीं यार.. कि तुम आ रहे हो? सुनील बोला- क्या नवीन भाई.. मुझे अब बता कर आना पड़ेगा क्या..? नवीन बोला- नहीं यार.. मेरा कहने का यह मकसद नहीं है।
फिर नवीन मेरी तरफ देखने लगा.. तभी सुनील ने मेरा परिचय करवाया। ‘भाई क्या देख रहे हो.. यह नेहा जी हैं क्या इन्हें दरवाजे पर ही खड़ा किए रहोंगे?’
नवीन हड़बड़ा कर मुझे ‘हाय’ करके अन्दर आने को बोला। हम लोगों ने कमरे में पहुँच कर देखा कि यह एक गेस्टरूम था.. उसमें दो सोफे और एक बेड लगा था। मैं सोफे पर बैठी और मेरे बगल में सुनील जी बैठकर नवीन जी से बोले- यार नेहा जी बनारस से आई हुई हैं। मैंने सोचा कि इन्हें आपसे मिलवा दूँ। नवीन बोला- अच्छा किया.. पर यार थोड़ा मुश्किल है।
मैं यहाँ आपको नवीन के फ्लैट के विषय में बता दूँ कि नवीन का फ्लैट चार कमरे का था। कुल मिलाकर ये बहुत बड़ा फ्लैट था। मैं जहाँ बैठी थी.. वह सामने का पहला कमरा था।
सुनील बोला- क्यों यार.. ऐसी क्या दिक्कत है.. जो तू नेहा जैसी हसीन लड़की को सामने पाकर भी मुश्किल कह रहा है। नवीन बोला- अब तेरी भाभी है अन्दर.. तो कैसे क्या होगा? तभी सुनील बोला- यार, भाभी को हम लोगों का आना पता ही नहीं है। नेहा जी को यहीं रहने दो.. तुम मेरे साथ अन्दर चलो। भाभी मुझे देख कर खुश हो जाएंगी और मैं उनको बातों में उलझाए रहूँगा, तुम कोई बहाना बनाकर नेहा के पास आकर आराम से मिलते रहना।
फिर सुनील और नवीन अन्दर चले गए।
करीब दस मिनट बाद नवीन जी वापस आ गए। मैं नवीन से बोली- अगर आपकी वाइफ यहाँ आ गईं तो? नवीन मुस्कुराकर बोला- नेहा, देखो आपको और मेरे को पता है कि तुम मेरे पास क्यों आई हो। मैं ‘हाँ’ बोली।
‘फिर भी मेरा और आपके मिलन में देर हो रही है.. लेकिन अन्दर सुनील और मेरी वाइफ सेक्स शुरू भी कर चुके होंगे।’ मैं बोली- ओ माई गॉड.. क्या सुनील को पता है कि तुम अपनी बीवी की चूत चुदाई के बारे में जानते हो? नवीन जी बोले- नहीं सुनील और मेरी वाइफ कुछ नहीं जानते.. में उन्हें चुदाई करते देख चुका हूँ.. बस सुनील को मौका चाहिए था.. जो आज आपकी वजह से मिल गया।
‘क्या सुनील आपकी वाइफ को बताएगा कि मैं यहाँ आपके साथ हूँ?’ ‘नहीं नेहा जी.. वह ऐसा नहीं करेगा.. क्योंकि उसने वाइफ के सामने मुझे आगरा फ़ोर्ट भेजने की बात की है.. अगर मैं यहाँ हूँ.. वाइफ को पता चलेगा, तो वो सुनील के साथ कुछ नहीं करेगी और सती सावित्री बनने का ढोंग करके आसमान पर सर पर उठा लेगी।’
बातों के दौरान ही मुझे नवीन ने बेड पर बैठाकर मेरी कुर्ती और लैगी को निकाल दिए थे और मैं पैन्टी और ब्रा में बैठी चूची और चूत मसलवा रही थी। मैंने अपने होंठ नवीन के होंठों पर रख दिए, नवीन मेरे होंठों को चूसने लगे, नवीन अपने हाथों से मेरी चूचियाँ कस कर मसल रहे थे। हम दोनों करीब दो मिनट तक इस तरह ही एक-दूसरे के मुँह में मुँह डालकर चूमते रहे।
कुछ मिनट बाद नवीन ने अपने कपड़े निकालने के लिए मेरे होंठ से अपने को अलग किए और कपड़े निकाल कर पूरी तरह निर्वस्त्र हो गए और इसी के साथ मेरी भी ब्रा-पैन्टी निकाल फेंके।
नवीन ने मेरी गर्दन को चूमते हुए कहा- नेहा जी.. आपको सेक्स का लाईव सो दिखाता हूँ। मैं कुछ कहती इससे पहले नवीन धीमे से अन्दर चले गए जहाँ सुनील और नवीन की वाइफ थी। कुछ देर में मुझे भी अन्दर आने का इशारा किया, मैं डरते हुए नवीन के पास गई। इस वक्त मैं और सुनील पूरी तरह निर्वस्त्र थे।
सुनील ने इशारे से खिड़की के अन्दर देखने को बोला, खिड़की की ओट से हम दोनों ने अन्दर देखा तो मेरे तो होश ही उड़ गए। नवीन की वाइफ पैर फैलाकर बिस्तर पर लेटी थी और सुनील उसकी चूत चाट रहा था।
नवीन की वाइफ मजे लेकर चूत चटवाते हुए सिसकारी लेते हुए नवीन को गालियाँ बक रही थी- हाय जान.. मस्त है तुम्हारा लंड.. इसी लिए तो तुमको देख कर मेरी चूत छिनाल बन जाती है.. नवीन साले का लंड.. मुझे उसका लौड़ा कभी पसंद ही नहीं आया.. आज तक साला ठीक ढंग से मेरी चूत चौड़ी ही नहीं कर पाया।
सुनील नवीन की वाइफ के ऊपर चढ़ कर और पैर उठा कर अपना लंड चूत पर लगा कर रगड़ने लगा। नवीन की वाइफ पूरी मस्ती से ‘आआआह.. ऊऊ.. उईईई.. हाआ.. सि.. करते हुए अपना चूतड़ उछाल कर लंड को अन्दर कर लिया।
इधर नवीन भी अपनी वाइफ की चुदाई देखकर उत्तेजित होकर पीछे से ही मेरी चूत पर लंड लगा कर ठेल दिया। सही में नवीन का लण्ड बहुत छोटा तो नहीं था.. फिर भी मीडियम साइज था, पर सुनील के लण्ड के आगे बच्चा ही था।
नवीन के एक ही झटके में मेरी चूत पूरा लण्ड खा गई। नवीन की वाइफ की चुदाई देख कर मेरी भी चूत लण्ड लेने के लिए पानी छोड़ रही थी और मेरी गीली चूत में नवीन का लण्ड ‘सट.. सट..’ करते हुए अन्दर-बाहर हो रहा था। नवीन मेरी गर्दन.. कभी मेरी पीठ को.. और मेरी चूची को रगड़ते हुए अपने लण्ड को पेल रहा था।
‘आआहह..’ उसे चूमने और चूसने में मुझे भरपूर मज़ा आ रहा था। मैं भी सिसियाते हुए धीमे से बोली- आह.. सिईसिआह.. बहुत मजा आ रहा है.. ऐसे ही चूसो.. चाटो.. ऊंऊऊहह.. हां… हां.. और मेरी चूत पेलो।
उधर नवीन की वाइफ कमरे में सुनील के मोटे लण्ड से चीख-चीख कर और कमर उठाकर चुद रही थी, इधर मैं चुदाई देखते हुए चुदने का एक अलग ही मजा लेकर चुद रही थी। नवीन बड़े प्यार से मेरी चूत का मजा ले रहा था।
तभी कमरे से सिसकारियों की आवाज तेज हो गई और नवीन भी चोदते हुए अन्दर देखने लगा। सुनील ‘गचा.. गच..’ लण्ड पेलते हुए बीच में उसकी चूचियाँ भी दबाता जा रहा था और हर एक धक्के पर चीख कर नवीन की वाइफ सुनील को चूत में लण्ड पेलने को प्रोत्साहित कर रही थी।
‘आह्ह.. चोदो आह.. आआहह.. और मारो मेरी चूत.. आआहह.. ऊऊह.. उईई.. अहा..’ वो मजे करते हुए चूतड़ उछाल कर लण्ड खा रही थी। इधर नवीन मेरी चूत पर शॉट पर शॉट मार कर मेरी चुदाई करता जा रहा था।
तभी मेरी निगाह अन्दर गई और मैंने देखा कि नवीन की वाइफ झड़ रही थी और सुनील ने झटका मारते हुए नवीन की बीवी की चूत में ही पिचकारी छोड़ दी, वो अपना पूरे का पूरा लण्ड बुर में ठोक कर झड़ने लगा।
इधर नवीन सुनील को झड़ता देख मेरी चूत में लण्ड चोदने की रफ्तार तेज करके मेरी चुदाई करते हुए छह-सात जोरदार धक्के लगाकर मुझे अपनी बाँहों से जकड़ कर मेरी चूत में भी पिचकारी छोड़ कर झड़ने लगा।
मैं सिसियाकर प्रश्न वाचक निगाहों से नवीन को झड़ते देखने लगी। नवीन समझ गया कि मैं प्यासी हूँ और सर झुकाकर मेरे पीठ पर वजन रख कर हाँफने लगा। उधर नवीन की वाइफ भी जोरदार चुदाई से मस्त होकर आँखें बंद करके सुनील के सीने से चिपक कर लंबी-लंबी साँसें ले रही थी। वे दोनों एक-दूसरे की बाँहों में ऐसे बेसुध होकर चिपके रहे, जैसे किसी से कोई शिकायत ही ना हो। इधर मैं प्यासी ही रह गई।
मेरे प्यारे दोस्तो, आप लोगों ने मेरी कहानी को पढ़ा और पसंद किया है। जो आप लोगों ने प्यार दिया है, इसके लिए मैं आप सबका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करती हूँ। फिर मिलूँगी अगले भाग में… मेरी कहानी कैसी लगी, जरूर बताना। मेरी मदमस्त कहानी आगे भी जारी रहेगी। [email protected]
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