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इस सेक्स स्टोरी के पहले पार्ट को पसंद कदने के लिए धन्यवाद्, अब आपके लिए पेश है अगला पार्ट..
मौसा जी ने मुझे बैॅड पर पटक दिया और मेरे ऊपर 69 की अवस्था में लेट गए। मौसा जी ने मेरी टांगें खोलकर अपनी जीभ मेरी चूत में घुसेड़ दी और मैं उनके लंड को अपनी गर्दन हिला हिला कर चूसने लगी। मेरे लंड चूसने से पुचचच… पुचचच… और मौसा जी के मेरी चूत चाटने से सपड़ सपड़ की आवाज़ें आ रही थीं।
कुछ देर ऐसे करने के बाद मौसा जी ने मुझे जमीन पर घुटनों के बल बैठा दिया और अपना लंड मेरे होंठों पर लगा दिया। मैं उनके लंड को को मुंह में लेकर चूसने लगी। मौसा जी ने मेरे सिर को पकड़ लिया और मैं समझ गई वो मेरे मुंह को चोदेंगे। मैंने लंबी सांस ली और मौसा जी ने अपनी कमर हिला कर झटका मारा।
मौसा जी का लंड मेरे गले की गहराई में उतर गया। उन्होंने कुछ देर अपना लंड मेरे गले की गहराई में फंसा कर रखा और बाहर खींच लिया। मौसा जी बार बार अपना लंड मेरे गले में उतार देते और कुछ देर वहीं फंसा कर रखने के बाद बाहर खींच लेते।
उनके लंड बाहर खींचते ही मैं लंबी सांस लेती ताकि दोबारा उनके लंड को गले में उतारने का मजा आ सके और सांस न फूले। मैं अपनी चूत को हाथ से रगड़ते हुए मुंह चुदाई का मजा लेने लगी। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है..
मौसा जी ने मुझे टेबल पर बैठा लिया और टांगें खोलकर मेरी चूत के छेद पर अपना लंड लगाकर कहा, “क्यों अर्श बेटा तैयार हो अपने मौसा का लंड खाने को।” मैंने उनकी आंखों में देखा और स्माईल देकर आंख मारते हुए मौसा जी को बांहों में भरकर कस के पकड़ लिया।
मौसा जी ने अपनी कमर को हिला कर एक बहुत जोरदार शाॅट मारा और ऊक ही शाॅट में उनका सख्त लंड मेरी चूत की नाजुक दीवारों को चीरता हुआ जड़ तक बैठ गया।
मैं इतने जोरदार शाॅट से बिल्कुल हिल गई और मेरे मुंह से बहुत जोर की चीख निकल गई। अगर घर में कोई होता तो हम जरूर पकडे़ जाते। मैंने मौसा जी से कहा मैं आपकी भांजी हूं कोई रंडी नहीं जिसे आप पैसे देकर लाए हो और अपने पैसे वसूल करने हैं।
मौसा जी ने मुस्करा कर कहा अभी तो शुरुआत है मेरी बेटी आगे आगे देखना होता है क्या। मैंने मुस्करा कर कहा आज तो अपनी बेटी को रंडी बना ही दोगे और उनके होंठों पर होंठ रख दिए। मौसा जी अपनी कमर को हिला कर मेरी चूत में लंड पेलने लगे और मैं भी अपनी गांड हिला कर चूत में लंड लेने लगी।
मेरी चूत में मौसा जी के लंड के घर्षण होने से मेरे मुंह में कामुक सिसकियां फूटने लगीं। मैंने मौसा जी को कस कर बांहों में भींच रखा था और मेरे बूब्ज़ उनकी सुडौल छाती में गढे़ हुए थे। मौसा जी मेरी पीठ को सहलाते हुए अपनी कमर हिला कर मेरी चूत चोदने लगे और मैं उनकी पीठ को मसलते हुए और उनकी गर्दन को चूमते हुए गांड हिला हिला कर चूत चुदवाने लगी।
मौसा जी ने मुझे टेबल पर हाथों के सहारे झुका कर खड़ा कर दिया और मेरे गांड के छेद के अंदर-बाहर और अपने लंड पर ढेर सारा नारियल का तेल लगा लिया। इस बार मैं मौसा जी के जोरदार शाॅट को झेलने केलिए तैयार थी।
मौसा जी ने मेरी गांड के छेद पर अपना लंड लगा दिया और मैंने टेबल को कस कर पकडे़ हुए गांड को ढीला छोड़ दिया। मौसा जी ने कमर से कस कर पकड़ा और लंड को मेरी गांड में धकेल दिया। उनका मजबूत लंड मेरी गांड को फाड़ता हुआ मेरी गांड की गहराई में समा गया और इस बार मैं फिर से चिल्लाई क्योंकि मौसा जी के जोरदार प्रहार से मेरा पेट हिल गया था।
मौसा जी ने लंड को बाहर खींच कर वापस गांड में पेल दिया। अब मुझे मजा आने लगा और मैं गांड को गोल गोल घुमा कर जबरदस्त गांड चुदाई का आनंद लेने लगी। मौसा जी बहुत जोरदार धक्कों से मेरी गांड चोदने लगे और मेरे बूब्ज़ हवा में आगे-पीछे डांस करने लगे।
मौसा सोफे पर अपने लंड को पकड़ कर बैठ गए। मैंने घुटने मोड़ कर सोफे पर रखे और हाथ मौसा जी के कंधों पर रखकर अपनी चूत को लंड पर टिका दिया। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है..
मैंने गांड को थोड़ा ऊपर किया और जोर से नीचे धकेल दिया। मेरी चूत का छेद सीधा मौसा जी के लंड से टकराया और सररर.. की आवाज़ से उनका लंड मेरी चूत में समा गया। इस बार चिल्लाने की बारी मौसा जी की था। उन्होंने खुद को संभालते हुए कहा, “क्या कर रही हो अर्श बेटी।”
मैंने उन्हीं के अंदाज़ में कहा अभी तो शुरुआत है चोदू मौसा जी, आगे आगे देखना होता है क्या। मेरा जवाब सुन कर मौसा जी मुस्कराने लगे और मुझे ऐसे ही बैठाए हुए दो गिलास में शराब डाल ली। हम दोनों शराब पीने लगे और एक-दूसरे की आंखों में हवस भरी नज़रों से देखने लगे। मैं मुंह से शराब गटक रही थी और नीचे मेरी चिकनी चूत में लंड फंसा हुआ था।
मुझे अजीब सी मस्ती आ रही थी इसी मस्ती में मैंने मौसा जी से कहा कि कितना मजा आता अगर मैं चूत के साथ-साथ मेरी गांड में भी लंड लेकर शराब पीती। मौसा जी ने कहा कि मैं भी जोती जैसी रंडी हूं वो भी मौसा जी और उनके बडे़ भाई जानी कि अपने ताऊ का लंड एक साथ अपनी चूत और गांड में लेकर शराब का मजा लेती थी।
हमने शराब पीकर गिलास रख दिए और मौसा जी के कंधों पर हाथ रखकर उनके लंड पर उछल-कूद करने लगी। मौसा जी नीचे से गांड हिला कर मेरी चूत चोदने लगे। मैं अपनी गांड उछाल उछाल कर मौसा जी का लंड अपनी चूत के अंदर-बाहर करने लगी और अपने बूब्ज़ उनके चेहरे पर दबा दिए।
मौसा जी नीचे से मेरी चूत चोदते हुए मेरे बूब्ज़ चूसने लगे। मौसा जी ने मेरी कमर पकड़ कर मुझे ऊपर उठा दिया और लंड को चूत से निकाल कर मेरी गांड के छेद पर लगा दिया। मौसा जी ने अपने लंड को मेरी गांड पर सैट करके मेरी कमर को नीचे दबा दिया और लंड मेरी गांड में समा गया।
अब मैं उछल उछल कर मौसा जी का मोटा लंड अपनी गांड में लेने लगी और मौसा जी मेरे ऊपर-नीचे छलांग लगा रहे बूब्ज़ को हाथों में थाम कर मेरी गांड चोदने लगे। मैं चुदाई में लीन हुई मस्ती में ऊंची ऊंची चिल्ला रही थी।
मौसा जी बैॅड पर बाईं तरफ मुंह करके लेट गए और मैं उनकी तरफ पीठ करके लेट गई। मौसा जी ने मेरी टांग उठाकर पहले मेरी चूत में लंड डाला फिर गांड में।
लेकिन हम दोनों को ही इस अवस्था में चुदाई का ज्यादा मजा नहीं आया और मौसा जी बैॅड पर सीधे लेट गए और मैंने अपना मुंह उनके पैरों की तरफ कर लिया। मैंने मौसा जी की टांगों पर हाथ रखकर लंड पर चूत को टिका दिया और गांड नीचे धकेल कर लंड को चूत में ले लिया।
मैं मौसा जी की टांगों को पकड़ कर थोड़ा झुक गई और गांड को ऊपर उठा कर तेज़ी से नीचे धकेलने लगी। मैं बहुत तेज़ी से और जोर से लंड को चूत में आगे-पीछे करने लगी और मुझे लग रहा था कि मैं जंनत की सैर कर रही हूं। मौसा जी भी अपनी कमर हिला हिला कर मेरी चूत में लंड पेलने लगे।
मौसा जी ने मुझे दीवार से सटा कर खड़ा कर दिया और मेरे चूतडो़ं की फांकों को खोलकर मेरी गांड के छेद पर लंड टिका दिया।इससे पहले मौसा जी शाॅट मारते, मैंने जोर से गांड को पीछे धकेल दिया और मौसा जी का लंड मेरी गांड में समा गया।
मेरी ये हरकत देखकर मौसा जी बोले तू तो किसी चुद्द्कड़ रंडी से भी गर्म है और जोर जोर से मेरे बूब्ज़ हाथों में पकड़ कर चोदने लगे। मैंने कहा चुदाई का मजा तो बेशरम रंडी बन कर ही आता है और गांड को आगे-पीछे करके चुदने लगी।
मौसा जी ने मुझे घुमा कर मेरा मुंह अपनी तरफ कर लिया और मेरी एक टांग उठा ली। मैंने अपनी गोरी एवं कोमल बांहें मौसा जी के गले में डाल दीं और अपने बूब्ज़ उनकी छाती पर दबा दिए।
मौसा जी ने अपना लंड मेरी चूत के छेद पर लगा कर झटका मारा और लंड को चूत में घुसा दिया। मौसा जी ताबड़तोड़ शाॅट मारते हुए मेरी चूत चोदने लगे और मेरा बूब्ज़ उनकी छाती से रगड़ खाने लगे। मौसा जी की रफ्तार काफी बढ़ गई मतलब वो झड़ने वाले थे।
मौसा जी ने मेरी चूत से लंड निकाल लिया और मुझे कंधों से दबा कर बैठा दिया। मैंने जल्दी से मौसा जी का लंड पकड़ा और हिलाने लगी लेकिन मौसा जी ने लंड मेरे मुंह में दे दिया और मेरा सिर पकड़ कर मेरे मुंह को जोरदार धक्कों से चोदने लगे। मौसा जी अपनी चरम सीमा पर पहुंच गए और उन्होंने एक जोरदार शाॅट मारा।
कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार निचे कोममेंट सेक्शन में जरुर लिखे.. ताकि देसी कहानी पर कहानियों का ये दोर आपके लिए यूँ ही चलता रहे।
मौसा जी का लंड मेरे गले की गहराई में उतर गया और लावा उगल दिया। मौसा जी मेरे गले की गहराई में हांफते हुए धीरे-धीरे लंड हिलाने लगे और मुझे उनका गर्म गर्म वीर्य मेरे गले के नीचे उतरता हुआ महसूस होने लगा। मौसा जी ने लंड निकाल लिया और मैंने अपनी जीभ से चाट कर साफ कर दिया।
हमने फिर से शराब और सिगरेट पी और और नहाने चले गए और वहां बाथरूम में नहाते हुए फिर से ताबड़तोड़ चुदाई की। हम आकर बिना खाना खाए नंगे ही सो गए। सुबह दफ्तर जाने से पहले फिर से चुदाई का रंगारंग प्रोग्राम चला और 7 दिन वहां रही और खूब चुदाई की।
अब आपके सामने नई सेक्स स्टोरी लेकर आऊंगी तब तक सब को चुद्द्कड़ अर्श का सलाम। और मेरी मेल आई डी है “[email protected]”.
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