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दोस्तो, मेरा नाम जय (बदला हुआ) है.. मैं गुजरात से हूँ और मैं 12वीं में पढ़ता हूँ। ये कहानी मेरे पहले सेक्स अनुभव की है, बात 2 महीने पहले की है।
हमारे स्कूल में एक बहुत सेक्सी मैडम है.. जिसका नाम निशा (बदला हुआ) है। वो हमारी क्लास टीचर थी। वो जब भी क्लास में आती.. मुझे बहुत सेक्सी लगती थी। उसका फिगर 34-32-34 था हमेशा से ही मैं उसको चोदना चाहता था और उसके नाम की मुठ्ठ भी मारता था। एक दिन जब शनिवार था.. हमारे स्कूल में शनिवार को कम छात्र आते थे।
उस दिन शनिवार था, हमारी क्लास में भी कम छात्र थे और उस दिन स्कूल में टीचर भी कम आए हुए थे। तभी निशा मैडम ने मुझे स्टाफ रूम में बुलाया और कहा- तुम क्लास का ध्यान रखना.. लेकिन मेरी नजर उनकी चूचियों पर थी.. मैडम ने मेरी इन निगाहों को देख लिया.. लेकिन कुछ बोला नहीं।
फिर ऐसे ही कुछ दिन बीते.. फिर एक दिन मैं स्टाफ रूम में गया.. वहाँ निशा मैडम के अलावा कोई नहीं था। मैं मैडम के चूचे देख रहा था.. तभी मैडम ने अपनी साड़ी थोड़ी ऊपर को कर दी। अब मेरा लण्ड खड़ा हो गया था, मेरा मन कर रहा था कि अभी इसे पकड़ कर चोद दूँ.. लेकिन डर लग रहा था। फिर मैं थोड़ी हिम्मत करके उनके नजदीक जाकर उनके चूचे दबाने लगा। उनकी तरफ से मुझे रोकने जैसी कोई हरकत नहीं हुई तो फिर मेरी हिम्मत जरा और बढ़ी.. और मैंने निशा का ब्लाउज ऊपर को कर दिया।
उसने अन्दर काली ब्रा पहनी हुई थी। मैंने ब्रा को भी ऊपर कर दिया और मैं उनके चूचे चाटने लगा। क्या मस्त चूचे थे यार.. तभी मुझको मेरे लण्ड पर कुछ एहसास हुआ.. मैंने तुरंत निगाह अपने लौड़े की तरफ की.. तो मैंने देखा कि मैडम मेरे लण्ड को अपने हाथ से हिला रही है। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मैंने अपना लण्ड बाहर निकाला और खुला कर दिया। मैडम ने अपने हाथ से मेरा लौड़ा पकड़ा और उसे अपने मुँह में लेकर चाटने लगी। अब मैं उनके चूचे खुल कर दबा रहा था। फिर मैंने साड़ी ऊपर की.. और देखा कि उसने नीचे काली पैन्टी पहनी हुई थी। मैंने पैन्टी उतार दी और उनकी नंगी चूत मेरे सामने थी। चूत पर छोटे-छोटे बाल थे.. मैंने चूत पर हाथ फेरा।
कुछ ही पलों बाद मैं उसकी चूत को चाटने लगा, अब मैडम भी गर्म हो गई और मुझे बोलने लगी- अब मत तड़पा.. फाड़ दे.. मेरी चूत आह… हहह.. चोद.. मुझे फाड़ दे अपनी मैडम की चूत.
फिर मैंने अपना लण्ड चूत पर रखा और अन्दर डाला.. लेकिन लण्ड पूरा अन्दर नहीं गया। मैंने फिर धक्का मारा और अबकी बार लण्ड पूरा अन्दर घुसता चला गया और मुझे ऐसा लगा कि शायद मैडम को एकदम से दर्द हुआ.. मैं कुछ रुकने को हुआ.. लेकिन तभी मैडम बोली- धक्का लगाते रहो.. मैं थोड़ी देर ऐसे ही करता रहा। अब मुझे भी मजा आ रहा था। मैडम को देख के लगा उन्हें भी अब मजा आ रहा था।
मैंने धक्के मारने की गति बढ़ा दी। ऐसे ही 15 मिनट तक चुदाई करने के बाद मेरा माल निकलने ही वाला था तो मैंने मैडम से कहा.. तो वो बोली- मेरी चूत पर निकाल दो। मैंने अपना सारा माल उनकी चूत पर निकाल दिया, मैडम भी झड़ गई। फिर हमने अपने-अपने कपड़े पहने और मैं क्लास में चला गया। मैं निशा मैडम की चुदाई के बाद में निशा के घर जाकर उसे चोदने लगा।
लेकिन एक दिन मैंने हमारी दूसरी मैडम टीना को चोदने की बात की तो पहले तो उसने मना किया पर फिर ‘कोशिश करूँगी..’ कहा। एक दिन उसने टीना से बात की पर उसने मना कर दिया और ऐसे ही दिन निकलने लगे।
एक दिन जब मैं स्टाफ रूम में अकेले में निशा को किस कर रहा था.. तो उसने देख लिया.. पर कुछ बोला नहीं। मैं वहाँ से चला गया.. बाद में निशा ने मुझे बताया कि टीना अकेले में अपनी चूत में उंगली डाल रही थी।, मैंने खिड़की से छुप कर देख लिया था। मैं खुश हो गया कि टीना भी अब चुदने वाली है। फिर हमने प्लान बनाया कि जब टीना अन्दर आए.. तब निशा मेरा लण्ड चूसेगी और हम एक दिन ऐसा करने लगे।
जब टीना आने को हुई.. तो उसे अनदेखा करके हम चुसाई कार्यक्रम में चालू रहे और तभी टीना अन्दर आई और मैं निशा की चूत में उंगली डालने लगी और अपने स्तन दबाने लगी और मैंने उसे किस किया और अपना लण्ड पैन्ट में डाल कर जा रहा था।
तो टीना ने मुझे रोका और चुदाई के लिए कहा.. लेकिन मैंने उससे बोला- ये जगह चुदाई के लिए ठीक नहीं है। तो उसने अपनी साड़ी उठाई और पैन्टी नीचे कर लण्ड डालने को कहा। मैंने निशा की ओर देखा तो उसने सिर हिला कर ‘हाँ’ बोला और दरवाजे पर जाकर बाहर देखने लगी।
फिर मैंने उसकी चूत में दो-तीन धक्के लगा कर जाने लगा.. तो उसने मुझे रोका। मैंने कहा- ठीक से चुदाई यहाँ नहीं होगी बाद में अकेले में निशा के घर जाकर करेंगे।
फिर हम तीनों ने रात को निशा के घर चुदाई का प्लान बनाया और रात को निशा के घर जाकर मैं निशा को किस कर रहा था.. तभी टीना भी आ गई। उसने निशा को दूसरे कमरे में जाने को कहा.. पर निशा ने थोड़ी देर नखरे किए पर फिर वो चली गई।
मैं टीना को किस करने लगा और वो मेरा साथ देने लगी। फिर उसने मेरा पैन्ट उतारा और मेरे लण्ड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। मैंने उसके संतरे निकाले और जोर-जोर से चूसने लगा, वो खुद बेकरारी से मुझे पकड़ कर अपने संतरों पर मेरा मुँह दबा रही थी।
फिर मैंने उसकी चूत को चाटा.. चूत के बाल उसने काटे हुए थे उसकी चूत एकदम चिकनी चमेली लग रही थी। मैंने जैसे ही उसकी चूत पर जीभ फेरी.. वो चिल्लाने लगी। ‘जय.. अपनी टीना मैडम की चूत फाड़ दे.. अपनी टीना की चूत को फाड़ दे.. फाड़ दे.. मेरी चूत..’
फिर मैंने उसकी टांगें फैलाईं और अपना लण्ड चूत पर रख कर जोर से धक्का लगाया। तब वो थोड़ा चिल्लाई.. पर मुझे धक्के मारते रहने को कहा.. मैं धक्के मारता रहा। वो लगातार ‘आह.. आह..’ चिल्ला रही थी.. पर मैं उसे चोदता रहा। दस मिनट बाद हम झड़ गए और हम वहीं लेट गए।
थोड़ी देर बाद निशा आई और मेरा लण्ड चूसने लगी.. वो खड़ा हो गया। मैं टीना के संतरे चाटने लगा.. वो फिर से गरम हो गई। फिर मैंने बारी-बारी दोनों को हचक कर चोदा। उस रात मैंने 2 बार दोनों को चोदा। अब जब भी मौका मिलता है.. तब मैं दोनों को खूब चोदता हूँ।
मेरी सच्ची कहानी आपको कहानी पसंद आई या नहीं, मुझे ईमेल जरूर कीजिएगा। [email protected]
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