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हैलो दोस्तो, सभी पाठकों को अर्शदीप कौर उर्फ चुद्द्कड़ अर्श का सलाम। मेरे सभी चाहनेवालों के होंठों को अपने होंठों से चूमते हुए, अपने बूब्ज़ मसलाते एवं चुसवाते हुए, सब के लंंड अपने मुंह, चूत एवं गांड में लेकर बहुत-बहुत प्यार। मैं अपनी चूत और गांड फैलाए हुए और नंगे बूब्ज़ हिलाते हुए आपको सामने अपनी चुदाई की नई चुदाई की कहानी लेकर आई हूं। आशा करती हूं इस कहानी को आपका बहुत-बहुत प्यार मिलेगा।
मेरी पहली कहानियों पर पाठकों के बहुत प्यार भरे मेल मिले हैं। बहुत से पाठकों ने प्यार भरा अनुरोध किया है कि मैं हर कहानी में अपने बारे में लिखूं ताकि उनको कहानी पढ़ते टाईम ज्यादा मजा आए। वो सब मुझे और मेरी आदतों को अपनी कल्पना में साकार कर के लंंड हिलाते हुए मुझे अपने पास महसूस करके मेरे मुंह, गांड और चूत में लंंड की कल्पना करके अच्छे से चोद सकें। उनके अनुरोध के मद्देनजर मैं अपने बारे फिर से लिख रही हूं।
मैं पंजाब के फिरोज़पुर जिले के एक गांव की हूं और एमकॉम पहले साल की छात्रा हूं। मेरी आयु 23 साल और रंग बहुत गोरा है। मेरा कद 5 फीट 7 इंच (170सैमी) और फिगर का साईज 34डी-26-35 है। मतलब मेरी बस्ट 34, कमर 26 एवं गांड 35 इंच है और ब्रा कप का साईज ‘डी’ है। मेरा बदन भरा हुआ, चिकना, टाईट और मस्त है। मेरे बूब्ज़ और चूतड़ साईज में काफी बड़े-बड़े और शेप में गोल हैं। मेरी आंखों एवं बालों का रंग गहरा काला है और मेरे बाल लंबे हैं। मेरे होंठों का रंग गुलाबी है और होंठ पतले एवं नर्म हैं।
मेरे बूब्ज़ और मेरी गांड बाहर को उभरे हुए हैं तथा पेट बिल्कुल समतल है। मेरे बूब्ज़ के निप्पलों का रंग हल्का भूरा है। मेरा पेट नाजुक, मुलायम एवं टाईट है और नाभि गहरी है। मेरी जांघें भी भरी हुई, मजबूत, मुलायम और चिकनी हैं। मैं अपनी बॉडी के अनचाहे बाल साफ करके रखती हूं और चूत के बाल हेयर रिमूवर से साफ करती हूं ताकि चूत मुलायम और चिकनी रहे।
मैं ज्यादातर टाईट जींस के साथ टाईट टॉप या बॉडी फिट शर्ट और हाई हील सैंडिल पहनती हूं। ऐसी ड्रेस में मेरे बदन के उभार बहुत सेक्सी दिखते हैं और हाई हील से मेरी मोटी गोल गांड में और भी ज्यादा उभार आ जाता है और मेरी गांड और भी कामुक लगती है। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है..
भीड़भाड़ में मुझे मर्दों को गर्म करने में बहुत मजा आता है। मैं जान बूझकर उनसे अपनी गांड या बूब्ज़ टच कर देती हूं। इससे मर्द गर्म हो जाते हैं। अगर कोई मर्द अच्छा लगे और मौका मिल जाए तो कई बार चुदाई का मजा भी मिल जाता है। मुझे बंधन में रहना पसंद नहीं है इसीलिए कई लड़कों का प्यार का आॅफर ठुकरा चुकी हूं। मुझे सिर्फ मोटे एवं लंबे लंड से प्यार है जो मेरे तीनों छेदों की काम वासना को अच्छी तरह शांत कर सके। मैं एक ही लंड से बोर हो जाती हूं और कुछ दिनों बाद मुझे नए लंड की इच्छा होने लगती है।
मैं बहुत ही गर्म, सेक्सी और मस्त माल हूं। मेरा गोरा रंग, सेक्सी चेहरा, तने हुए बड़े-बड़े गोल बूब्ज़, लचीली पतली कमर, भरी हुई जांघें और ऊपर-नीचे हिलती मोटी उभरी हुई गोल गांड देखकर लड़कों से बूढ़ों तक के लंड मेरे हुस्न को खड़े होकर सलामी देते हैं। मैं हवस की पुजारिन और बहुत चुद्दकड़ हूं। मैंने 23 की आयु तक आते-आते ही बहुत से लड़कों, शादीशुदा मर्दों और बूढ़ों से चुदाई कर के बहुत मजे लिए हैं।
ये कहानी मेरे और मेरे मौसेरे भाई रणबीर के बीच हुए सेक्स की कहानी है। रणबीर मेरी बड़ी मौसी का बेटा है और उसकी दो सगी बहनें हैं। सबसे बड़ी बहन की शादी हो चुकी है और उससे छोटी अभी कुंवारी है। रणबीर सबसे छोटा और लाडला है। उसकी दोनों बहनें मेरी तरह बहुत चालू और लंड की भूखी हैं और उनके तीनों छेदों में बहुत सारे मर्दों के लंड जा चुके हैं। दोनों ही एक नंबर की चालू और चुद्दकड़ हैं। बड़ी दीदी शादी के बाद भी और मर्दों से चुदाई करवाती है क्योंकि शादी से पहले से ही उसको मेरी तरह अलग अलग लंड लेने का चस्का लगा हुआ है। उनके बारे बाद में बात करेंगे अभी कहानी पर आती हूं।
रणबीर उम्र में मुझ से छोटा है और मुझे दीदी बुलाता है। उसका रंग गोरा और चेहरा बहुत क्यूट है। उसका कद करीब मेरे जितना है। उसके अभी दाढ़ी मूंछें नहीं है और दिखने में बच्चा लगता है लेकिन उसका लंड काफी मोटा और लंबा है। एक बार मैं मौसी के घर गई थी तो रात को मैं रणबीर के रूम में सोई थी और रात को रणबीर ने मेरे बदन को हर गह यहां वो चूम सकता था चूमा। मेरे चूतड़ और बूब्ज़ दबाए। उसने अपना लंड मेरे होंठों पर रगडा़ और अंत में मेरी हथेली में लंड रखकर मुट्ठी बंद करके मेरे नाजुक हाथ से लंड हिला कर अपना माल निकाला। ये सब तीन दिन चला और उसके लंड से माल निकलने बहुत टाईम लगता था। मैं बहुत गर्म हो जाती थी लेकिन सभी घर होने की वजह से कुछ हुआ नहीं।
कुछ महीनों बाद मुझे रणबीर के लंड से चुदाई का मौका मिल गया। ये बात जुलाई 2016 की है, मौसी की बड़ी बेटी के पास बच्चा होने वाला था। दीदी और जीजू शहर में अकेले रहते हैं तो मौसी को अपनी बेटी और रणबीर के साथ 10 दिन केलिए वहां जाना था। लेकिन रणबीर के स्कूल में कोई जरूरी प्रोग्राम था और वो अभी तीन दिन नहीं जा सकता था। तो मौसा जी ने तीन दिन की छुट्टी ली ताकि रणबीर की जगह वो जा सके। तीन दिन बाद रणबीर ने जाना था और मौसा जी ने घर आना था।
घर की संभाल और रणबीर एवं मौसा जी के खाने-पीने का ख्याल रखने के लिए मुझे बुला लिया। रणबीर के साथ अकेले रहने की बात सुन कर मैं बहुत खुश हुई क्योंकि मुझे नया लंड चोदने वाला था ओर रणबीर को पटाने की जरुरत नहीं थी वो तो पटा पटाया था। मैं रणबीर से चुदाई के बारे में सोचते-सोचते मौसी के घर पहुंच गई। मेरे पहुंचने पर सब जाने को तैयार थे। मौसी ने मुझे किचन के बारे समझाया और चले गए।
अभी दिन के 11 बजे थे और रणबीर को 2 बजे बजे घर आना था। उनका घर उनके खेतों के बीच में है और गांव से काफी हट कर । वहां कोई आता-जाता नहीं है। मैंने गेट को ताला लगाकर सामान अंदर रखा और वोदका की बोतलें एवं सिगरेट के पैकेट अलमारी में छुपा दिए। मैंने काले रंग की लोअर और पतला सा गुलाबी टॉप पहन लिया।
मैंने नीचे से ब्रा और पैंटी नहीं पहने और चुदाई के लिए तैयार थी। मेरे टॉप से मेरे बड़े-बड़े बूब्ज़ और नाजुक पेट दिख रहा था जो मैंने रणबीर को उत्तेजित करने केलिए पहना था। मैंने वोदका की बोतल और सिगरेट का पैकेट निकाल लिया और कंप्यूटर चालू कर कर पोर्न मूवी की सीडी चला दी। मूवी देखते-देखते मैं शराब पीने लगी और बाहर खुले आंगन में जाकर सिगरेट पी लेती। 1:30 बजे तक मैंने पांच सिगरेट और आधी से ज्यादा बोतल चढ़ा ली थी।
मैंने सब कुछ फिर सए छुपा दिया और टेबल साफ कर दिया। मैंने बाथरूम में जाकर ब्रश किया और माऊथ फ्रेश से मुंह साफ किया ताकि मुंह से शराब और सिगरेट की बदबू न आए। मैं बाथरूम से बाहर आ गई और गहरे बादल छा चुके थे। मैं रणबीर का इंतजार करने लगी और बारिश भी शुरू हो गई। थोड़ी देर बाद रणबीर आ गया और मैं गेट खोलने चली गई। वो बारिश से भीगा हुआ था और मैं भी भीग गई। रणबीर जल्दी से अंदर आ गया और मैं गेट बंद करके आ गई।
मैं पूरी तरह भीग चुकी थी और मेरा टॉप मेरे बदन से चिपक गया। मेरा पूरा जिस्म टॉप से दिखने लगा और मेरे बूब्ज़ के निप्पल और नाभि भी दिखने लगी। मैं ऐसे ही रणबीर के सामने आ गई। वो मुझे देखकर बहुत खुश हुआ और मुझे कस कर बांहों में भर चिपक के मिला और मैं भी वैसे ही गर्मजोशी से चिपक कर मिली। मेरे बूब्ज़ उसकी छाती में गढ़ गए। वो अपने कपड़े बदलने चला गया और मैं किचन में खाना गर्म करने लग गई।
मैं ऐसे ही भीगे कपडों में खाना लेकर अंदर आ गई और रणबीर वहां सिर्फ टॉवेल में बैठा था। मैंने खाना टेबल पर लगा दिया और हम दोनों खाने लगे। मैं उसके सामने बैठी थी और वो बार बार मेरे बूब्ज़ को घूर रहा था। मैंने खाना खाने के बाद रणबीर से कहा कि मुझे बहुत थकान हो गई है और बहुत नींद आ रही है। मैंने उसको शाम को बातें करने को कहा शर दूसरे रूम में जाकर कपड़े चेंज किए। मैंने रणबीर का बरमूडा पहन लिया और अपना सफेद टॉप जिसका गला बहुत गहरा था। रणबीर कुर्सी पर बैठा हुआ था और मैं उसकी तरफ मुंह करके लेट गई और मेरे आधे बूब्ज़ टॉप के गले से बाहर छलकने लगे।
मुझे मालूम था आगे क्या होने वाला है। करीब 20 मिनट बाद रणबीर ने मुझे दीदी दीदी कहकर दो बार आवाज़ दी लेकिन मैंने गहरी नींद में होने का ड्रामा किया। वो कुर्सी से उठकर मेरे पास आ गया और मेरी भरी हुई जांघों को सहलाने लगा। आज वो कुछ ज्यादा ही उत्तेजित लग रहा था और मेरे टॉप में हाथ घुसा कर धीरे-धीरे दबाने लगा और मेरे निप्पल सावधानी से दबाने लगा। उसने मेरा एक बूब टॉप से निकाल लिया और मेरा निप्पल मुंह में भरकर हल्के-हल्के चूसने लगा। मैं काम ज्वाला में जलने लगी।
रणबीर ने मेरे नर्म होंठों पर अपना लंड रगड़ना चालू किया और बरमूडा में हाथ डालकर मेरी गांड सहलाने लगा। मेरा दिल किया कि उसके लंड को मुंह में भरकर चूसने लग जाऊं लेकिन अभी मैं उसको और तड़पाना चाहती थी। उसने मेरे हाथ में लंड दिया और हिलाने लगा। मैंने आंखें खोल लीं और रणबीर को देखा। वो बिल्कुल नंगा होकर अपनी आंखें बंद किए हुए मेरे हाथ से मुट्ठ मारने का मजा ले रहा था। मैंने रणबीर का लंड जोर से पकड़ लिया और उसने आंखें खोल कर मेरी तरफ देखा।
मुझे जागती देखकर रणबीर डर गया और घबरा गया। वो इतना डर गया कि उसका लंड जो अभी फुंकारे मार रहा था एकदम से बेजान हो कर ढीला हो गया। मैंने उसके डर को दूर करने केलिए उसको आंख मारी और उसके लंड पर चुम्मा ले लिया। मेरी इस हरकत से रणबीर कुछ नॉर्मल हुआ और मैंने उसको बैॅड पर पास बैठा लिया।
मैंने बात को आगे बढ़ाने केलिए कहा, रणबीर घबरा मत यार ये इस उम्र में आम बात है। लेकिन ऐसे चोरी-छिपे ये करने की आदत से नाराज़ हूं। तुम तो मेरे प्यारे भाई हो और तुम मुझे कह देते तो मैं खुद ही कर देती। रणबीर ने कहा कि आपको ऐसी बात बोलने में शर्म आती है दीदी। मैंने पलटकर जवाब दिया, जब अपनी दीदी के बूब्ज़ दबाता है, गांड सहलाता है, होंठों पर लंड रगड़ता है और दीदी के हाथ से माल निकालता है थब शर्म कहां होती है। उसको समझ आ गई थी कि वो जो हरकतें करता है वो सब मैं जानती हूं और वो सिर नीचे करके बैठा रहा।
मैं बैॅड पर बैठ गई और कहा चल आ जा तेरा माल निकाल दूं। रणबीर ने कहा अब तो मेरा लंड मुरझा गया है। मैंने कहा तूने अभी अपनी दीदी का जलवा नहीं देखा। मेरे जलवे के सामने तो बूढ़ों के लंड खड़े हो जाते हैं, तू तो अच्छा खासा जवान है। मैंने उसका लंड हाथ में पकड़ लिया और हिलाते हुए कहा अरे यार तेरा लंड तो बहुत जानदार है, अभी तक कितनी लड़कियों को चोदा है। मुझे लगा 3-4 बोलेगा लेकिन उसका जवाब सुनकर मैं हैरान हो गई। उसने आज तक सेक्स नहीं किया था। मेरे दिल में कुंवारे लंड से चुदाई के बारे सोच कर गुदगुदी होने लगी।
मैंने अपना सिर रणबीर की गोद में रख लिया और उसके लंड को चूमते हुए पूछा, फिर जो तू करता है वो कहां से सीखा। रणबीर ने बताया कि वो पोर्न मूवीज देखता है और रात को सोती हुई अपनी बहन से भी ये सब करता है। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है..
अब रणबीर फिर से गर्म होने लगा और उसका मोटा लंबा लंड तन कर खड़ा हो गया। मैंने उससे कहा तू भूल जा कि हम भाई-बहन हैं और ये सोच जो पोर्न मूवी तूने सब से लास्ट में देखी हम वो लड़का-लड़की हैं। तुम वैसे ही करना जैसे मूवी में लड़का करता है। उसने कहा कर तो लूंगा दीदी लेकिन आपको दर्द होगा। मैंने उससे कहा चुदाई में दर्द नहीं मजा आता है। रणबीर ने पूछा तो फिर पोर्न मूवीज में लड़कियां चिल्लाती क्यों हैं तो मैंने कहा अरे पागल वो दर्द से नहीं मस्ती में चिल्लाती हैं।
रणबीर ने मेरा टॉप निकाल कर खड़ी कर दिया और बरमूडा निकाल कर मुझे कुर्सी पर बैठा दिया। रणबीर कुर्सी के पीछे खड़ा हो गया और मेरा चेहरा ऊपर उठा लिया। उसने अपने होंठो को मेरे होंठो से लगा दिया और अपने हाथ मेरे बड़े-बड़े बड़े-बड़े बूब्ज़ पर रख दिए।
उसके इस तरह चूमने का स्टाईल मुझे बहुत सेक्सी लगा, हम एक-दूसरे का निचला होंठ मुंह में खींच कर चूसने लगे। हम पूरी तरह पागल हो चुके थे और एक-दूसरे के मुंह में जीभ डालकर घुमाने लगे और एक-दूसरे की जीभ को जोर जोर से चूसने लगे। हम सेक्स की दुनिया में खो रहे थे और एक-दूसरे के होंठो को दांतों से काटने लगे। हम चाह रहे थे कि एक-दूसरे के होंठो और जीभ के रस की एक एक बूंद चूस लें।
रणबीर कुर्सी पर बैठ गया और मुझे अपनी गोद में बैठा लिया। मैंने घुटनें मोड़ कर कुर्सी पर रखे और हाथ रणबीर के कंधों पर रखकर उसकी गोद में बैठ गई। मेरे बड़े-बड़े गोल बूब्ज़ उसकी आंखों के सामने लहराने लगे। रणबीर ने एक हाथ से मेरे एक बूब को दबाते हुए दूसरे को मुंह में भर लिया और एक हाथ से मेरी पीठ सहलाने लगा। मैं अपने हाथ कुर्सी पर रखकर अपने बूब्ज़ रणबीर के मुंह पर दबाने लगी और नीचे से गांड हिला कर उसके लंड को चूत पर रगड़ने लगी।
रणबीर बहुत जोर जोर से मेरे बूब्ज़ चूसने लगा और निप्पलों को दांतों से काटने लगा। मैं बूब्ज़ उसके मुंह पर दबाते हुए और चूत से उसका लंड मसलते हुए रणबीर के बालों से खेलने लगी। रणबीर मेरी पीठ सहलाते हुए अपना हाथ मेरे चूतडो़ पर घुमाने लगा और अपनी एक ऊंगली मेरे गांड के छेद में धकेल दी।
मैं समझ गई कि लड़का नया जरूर है लेकिन चुदाई के बारे में सब जानता है। मैंने हाथ पीछे करके उसकी ऊंगली गांड से निकाल दी और उसकी दो ऊंगलियों को पकड़ कर अपनी गांड में घुसेड़ लिया। रणबीर ने मेरी आंखों में देखा और कहा दीदी आप तो काफी चुदी हुई लगती हो। मैंने उसको सेक्सी स्माईल दी और कहा हां मेरे छोटे भाई और आज तुझे भी चोदू बना दूंगी।
रणबीर नए मुझे खड़ी कर दिया और खुद मेरे सामने खड़ा हो गया। मैं उसे खींच कर बाहर बारिश में ले गई और उससे ऐसे कसकर चिपक गई कि हमारे बीच हवा भी नहीं निकल सकती थी। हम दोनों सेक्स की आग में जल रहे थे और ऊपर से बारिश की ठंडी फुहारें आग को और भड़काने का काम करने लगीं।
हम दोनों पूरी तरह भीग गए और एक-दूसरे के कानों, गालों और गर्दन को चूमने और काटने लगे। रणबीर घुटनों के बल नीचे बैठ गया और मेरे नाजुक गीले पेट को चूमने लगा। वो मेरी गहरी नाभि में जीभ डालकर चाटने लगा और हाथों से मेरे दोनों चूतड दबाने लगा। मैं मस्ती में आह… आह… करते हुए उसके बाल नोचने लगी। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है..
रणबीर ने मुझे गोद में उठाया और अंदर ले आया। हमने एक-दूसरे के बदन को टॉवेल से अच्छी तरह साफ किया और रणबीर ने मुझे बैॅड पर लेटा दिया। वो मेरे ऊपर 69 की अवस्था में आ गया और मेरी टांगें खोल दीं। रणबीर मेरी चूत के दाने को जीभ से रगड़ने लगा और मैं उसके लंबे मोटे लंड के लाल सुपाडे़ पर जीभ घुमा घुमा कर चाटने लगी। अचानक रणबीर ने लंड को नीचे दबा दिया और लंड मेरे मुंह में घुस गया। रणबीर अपनी जीभ मेरी चूत में घुसेड़ कर चाटने लगा और मैं अपना सिर ऊपर-नीचे करके उसका लंड गले की गहराई में उतार कर चूसने लगी। लंड और चूत जोर जोर से चूसने की वजह से रूम में फच… फच… और पुच… पुच… की आवाज़ें गूंजने लगीं।
अब असली खेल चालू होने वाला था जब चूत और लंड का मिलाप होना था। रणबीर मेरे ऊपर आ गया और गांड के नीचे तकिया लगा दिया। तकिये की वजह से मेरी चूत ऊपर को उठ गई और रणबीर ने मेरी टांगें अपने कंधों पर रख लीं। उसने मेरी चूत के छेद पर लंड रखा और झटका मारा। चूत की चिकनाई से लंड फिसलता हुआ आधा अंदर घुस गया। रणबीर ने लंड को थोड़ा पीछे किया और एक जोरदार शाॅट मारा। उसका लंड मेरी चूत की दीवारें को खोलता हुआ मेरी बच्चेदानी के मुंह से टकरा गया और मेरे मुंह से जोरदार आहहह… निकल गई।
रणबीर ने अपना लंड कुछ देर ऐसे ही रखा और फिर धीरे-धीरे झटके देने लगा। मैंने रणबीर से कहा, अरे बहनचोद तुझ में दम नहीं है क्या जो इतना धीरे-धीरे चोद रहा है। उसने मेरी बात का जवाब जोरदार झटकों से दिया। अब मुझे चुदने का मजा आने लगा और मैं आह.. आह.. सीईईई… करते हुए अपने बूब्ज़ दबा कर चुदने का आनंद लेने लगी। रणबीर के हर शाॅट से मेरे मुंह से मस्ती भरी आहह निकल जाती।
अब रणबीर ने मुझे कुर्सी के सहारे झुका कर खड़ी कर दिया और मेरे पीछे आकर मेरी गांड के छेद के ऊपर और अंदर कोल्ड क्रीम लगा दी। उसने अपने लंड पर भी क्रीम लगाई और लंड मेरी गांड के छेद पर लगा दिया। मैं अपनी गांड को पीछे धकेलने लगी और लंड मेरी गांड में उतरने लगा। मैंने धीरे-धीरे पूरा लंड अंदर ले लिया और रणबीर मेरी कमर को पकड़ कर जोरशोर से मेरी गांड चोदने लगा।
मैं भी गांड को गोल गोल घुमा कर गांड चुदाई का मजा लेने लगी। रणबीर ने लंड मेरी गांड से निकाल लिया और ऐसे ही पीछे से मेरी चूत में धकेल दिया। रणबीर ने मेरी चूत में जोरदार धक्कों की बौछार कर दी। मेरे मुंह से कामुक सिसकियां निकल रही थीं और मैं जोर जोर से चिल्ला कर चुदने का मजा लेने लगी। रणबीर मेरी चूत में धक्के मार रहा था और मैं गांड को आगे-पीछे करके चूत चुदाई करवाने लगी।
रणबीर बैॅड पर लेट गया और मैं उसके ऊपर आ गई। मैंने अपनी चूत रणबीर के लंड पर लगाई और अपनी गांड को तेज़ी से नीचे धकेल दिया। रणबीर का लंड मेरे एक शाॅट में ही मेरी चूत में समा कर मेरी बच्चेदानी से टकरा गया। मैंने आगे की तरफ झुक कर अपने हाथ रणबीर की छाती पर रख लिए और अपनी गांड उचका उचका कर चूत में लंड को अंदर-बाहर करने लगी। रणबीर नीचे से मेरी चूत में धक्के मार कर मेरी चूत चोदने लगा और उसने मेरे ऊपर-नीचे उछल-कूद कर रहे बूब्ज़ को कस कर पकड़ के दबाने लगा।
ऊपर से मेरे शाॅट और नीचे से रणबीर के शाॅट लगने की वजह से चुदाई की रफ्तार दोगुनी हो गई और हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था। मैंने लंड को चूत से निकाल लिया और घूम गई। मैंने रणबीर की जांघों पर हाथ रखकर अपनी गांड उसके लंड पर टिका दी और मैंने अपनी गांड को नीचे दबा दिया। रणबीर का लंड मेरी गांड में उतर गया। मैं गांड को उसके लंड पर उछालने लगी और वो नीचे से मेरे चूतड़ दबाता हुआ मेरी गांड चोदने लगा।
रणबीर ने मुझे बैॅड पर घुटने मोड़ कर बैठा दिया और मेरी गांड ऊपर को उभर आई। रणबीर ने फिर से मेरी गांड के छेद और अपने लंड पर कोल्ड क्रीम लगा ली। उसने मेरी गांड पर लंड लगा कर शाॅट मारा और इस बार एक ही शाॅट में रणबीर का लंड फचचच… की आवाज़ से मेरी गांड में जड़ तक बैठ गया। रणबीर ने एक हाथ हे मेरी बालों को पकड़ लिया और लंड को मेरी गांड में पेलते हुए दूसरे हाथ से मेरे चूतडो़ पर चपत लगाने लगा। वो मुझे घोडी़ बना कर मेरी सवारी कर रहा था और मैं सेक्स की दुनियां में खोई हुई उसे सवारी का मजा दे रही थी।
रणबीर ने लंड मेरी गांड से निकाल कर मेरी कमर को पकड़ कर गांड ऊपर कर दी और मेरी चूत पीछे को ऊपर उभर आई। रणबीर ने वैसे ही मेरी चूत में लंड पेल दिया और ताबड़तोड़ शाॅट मारने लगा। मैं भी थोड़ा आगे-पीछे होकर उसका साथ देने लगी। जब वो शाॅट मारता मेरे बूब्ज़ आगे-पीछे उछलते और मुझे इस जबरदस्त चुदाई का बहुत आनंद आ रहा था।
रणबीर ने चूत से लंड निकाल कर मुझे दीवार से सटा लिया। मैंने अपनी बांहें उसके गले में डाल दीं और हम एक-दूसरे की आंखों में खोने लगे। रणबीर ने मेरी टांगें उठा कर मेरी चूत में लंड डाल दिया। मैंने अपनी टांगें उसकी कमर पर लपेट लीं और उसके होंठों पर अपनी होंठ रख दिए।
रणबीर मेरे होंठों का रसपान करते हुए अपनी कमर को हिलाते हुए मेरी चूत चोदने लगा। रणबीर सिर को थोड़ा नीचे करके मेरे बूब्ज़ चूसते हुए मेरी चूत की जबरदस्त चुदाई करने लगा। रणबीर का कुंवारा लंड मुझे वो सुख दे रहा था जो अच्छा खासा चोदू लंड देता है। रणबीर ने मुझे नीचे उतार कर मुझे पेट के बल दीवार से सटा दिया। उसने दोनों हाथों से मेरे बूब्ज़ थाम लिए और मेरी गांड में लंड पेल दिया।
वो मेरे बूब्ज़ को दबाते हुए और मेरी गर्दन को चूमते हुए मेरी गांड चोदने लगा। अब वो झड़ने वाला था और उसकी रफ्तार बड गई। रणबीर ने मेरे बूब्ज़ को कस कर पकड़ लिया और आहह… आहह… की आवाज़ करते हुए अपना माल मेरी गांड में निकाल दिया। उसके गर्म गर्म वीर्य से मेरी गांड लबालब भर गई। उसका वीर्य मेरी गांड से निकल कर मेरी चूत पर होता हुआ मेरी चिकनी जांघों पर रेंगने लगा।
मैंने बाथरूम में जाकर खुद को साफ किया और वापस रूम में आ गई। हमने एक-दूसरे को चूमा और नंगे ही सो गए। उन तीन दिनों में हमने खूब जमकर चुदाई की और मजे लूटे। अगली कहानी में आपको रणबीर के पापा से कैसे चुदाई की उसकी दास्तान बताऊंगी। तबतक सब के लंडो पर चुम्मा लेकर सब को सलाम।
मुझे जरुर बताना की आपको मेरी चुदाई की कहानी केसी लगी, आप निच्चे कमेंट लिख सकते है या फिर मुझे ईमेल लिख सकते है और मेरी मेल आई डी है “[email protected]”.
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