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हाय फ्रेंड्स मेरा नाम जतिन है और मैं अभियांत्रिकी का छात्र हूँ। मैं खाते पीते घर से हूँ.. इसीलिए मैं एक एथलेटिक और भरे हुए बदन का मालिक हूँ और दिखने में भी मैं एक आकर्षक लड़का हूँ। हर रोज जिम जाना मुझे अच्छा लगता है और ये मेरी हॉबी है। वैसे तो मुझे लड़कियाँ अच्छी लगती हैं लेकिन मैं इसमें ज्यादा ध्यान नहीं देता.. क्योंकि मेरा सपना है कि पहले अच्छे से पढ़ाई करके कुछ बन जाऊँ।
मुझे अन्तर्वासना पर लिखी कहानियाँ बहुत अच्छी लगती हैं.. इसीलिए मेरे मन में आया कि मैं भी अपना अनुभव आपके सामने पेश करूँ। दोस्तो, यह मेरी सच्ची कहानी है। एक दिन मेरे साथ ऐसी घटना घटी.. जिसने मेरी जिंदगी और नियत दोनों बदल दी।
मेरे साथ मेरी क्लास में पढ़ने वाली शीतल मेरे साथ बहुत ही फ्रेंडली रहती थी। क्लास में सिर्फ मैं ही एक ऐसा बन्दा था.. जिसे वो अपना मानती थी, उसका घर मेरे घर के पास ही था।
वैसे तो मुझे ब्लू-फिल्म्स देखना अच्छा लगता है.. लेकिन किसी से चुदाई करने का मौका नहीं मिलता था। मेरे फोन में भी कई सारी ब्लू-फिल्म्स हैं.. जब मौका मिलता है.. मैं देख लेता हूँ।
ये घटना एक माह पुरानी है, जब हमें प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए कहा गया था। मैंने शीतल को अपने ग्रुप में ले लिया, मेरे निर्णय से वो भी खुश थी। हम अक्सर प्रोजेक्ट के सिलसिले में एक-दूसरे के घर आते-जाते थे। एक दिन कॉमन ऑफ़ होने की वजह से मैं घर पर ही था.. तो मैंने सोचा कुछ प्रोजेक्ट का काम कर लेते हैं। तो मैंने शीतल को कॉल किया और वो मान गई और उसने कहा- इधर ही आ जाओ..
मैंने तुरंत अपनी गाड़ी निकाली और उसके घर जाने से पहले ठंडा.. आइसक्रीम.. स्नेक्स वगैरह खरीद लिए ताकि हमारा वक़्त अच्छे से बीत जाए। उसके घर पहुँचते ही मैंने बेल बजाई.. उसने दरवाजा खोला। वो काले रंग की जींस और सफ़ेद टॉप में थी। मैं सोफे पर बैठ गया और उसको खाने की चीजों का पैकेट थमा दिया। उसने मुझे और खुद को ये सब परोस दिया।
अचानक वो बोली- अरे यार मुझे एक प्रोजेक्ट के काम में प्राब्लम है.. मैं अपने प्रोजेक्ट गाइड से बात करके पूछ लेती हूँ। मैंने बोला- ठीक है.. उसने मेरा मोबाइल माँगा तो मैंने तुरंत निकाल के दे दिया। मुझे ध्यान भी नहीं रहा कि उसमें ब्लू-फिल्म्स है।
उसे मोबाइल देकर मैं वाशरूम की तरफ चल दिया और फ्रेश होकर वापस आया तो देखा कि शीतल मुझे अजीब सी नजरों से घूर रही है। मैंने पूछा- क्या हुआ? तो वो बोली- मुझे पता नहीं था कि तुम इतने भी नॉटी होगे।
उसके इस बयान से मैं समझ गया कि उसने सब कुछ देख लिया है। मैंने भी सफाई देते हुए कहा- इस उम्र में ये सब न देखेंगे.. तो कब देखेंगे? तब वो बोल पड़ी- सही है.. मैंने भी कई बार ऐसी क्लिप्स अपनी सहेलियों के फ़ोन में देखी हैं और मुझे भी अच्छा लगता है।
मैं उसे कामुक निगाहों से देखने लगा और वो मेरी आँखों में आँखें डाल कर बिंदास बोली- क्या तुम्हें मेरी फिगर का अंदाज़ा है? मैंने बोला- नहीं.. लेकिन मेरे हिसाब से तुम्हारी फिगर 32-28-34 की होगी। वो बोली- अबे यार.. तूने एकदम गलत अंदाजा लगाया है.. मेरी फिगर 34-28-36 है। मैं बोला- लगता तो नहीं है.. मैं नहीं मान सकता। तो वो बोली- ठीक है.. तो मतलब अब तुम्हें यकीन दिलाना ही पड़ेगा।
इतना कहते हुए वो अपना टॉप उतारने लगी। मुझे देखकर वो अपने होंठ मादक अदाओं में गोल करते हुए मोड़ने लगी और उसने एक झटके में अपना टॉप उतार दिया। वाऊ.. क्या मस्त भरे हुए मोटे चूचे थे उसके.. एकदम गोल मम्मे उसकी कसी हुई ब्रा के बाहर आने के लिए तड़प उठे थे। उसने बड़ी कामुक अदा के साथ अपना सीना उठाते हुए एक-एक करके सारे कपड़े उतार दिए। वो अब सिर्फ ब्रा-पैन्टी में थी। मैं उसके बोबों की तरफ ही ध्यान लगाए हुए बैठा था।
तब वो अचानक बोली- सच्चा मर्द है.. तो हाथ लगाकर दिखाएगा.. और अगर देखता ही रहेगा तो साले तू एक नंबर का छक्का होगा।
मैंने उसके पास जाकर उसे किस करते हुए कहा- यार शीतल.. तेरे बोबे तो कैटरीना से भी बड़े हैं.. मेरी जान, मैंने इसके पहले किसी के बोबे नहीं देखे हैं.. और आज मैं तुझे साबित करके दिखाऊँगा कि सच्चा मर्द किसे कहते हैं। मैं फिर से उसे किस करने लगा। वो भी गरम होते हुए मेरा साथ दे रही थी। हमारी ये चुम्मा-चाटी करीब 15 मिनट तक चली।
फिर उसे अलग करते हुए मैंने उसकी ब्रा और पैन्टी उतार कर सूंघ कर फ़ेंक दी। अब मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार के फ़ेंक दिए और उसे बिस्तर पर लिटा दिया। मैंने उसकी नंगी चूत देखी तो मैंने उसके चूत पर घने बाल देखे। मैंने कहा- पहले तेरी झांटों की शेव करके आते हैं। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मैं उसे बाथरूम में ले गया और उसे कमोड पर बिठा दिया। मैंने उसकी चूत पर बहुत सारा झाग लगाया और रेजर से शेव करने लगा। शेव करते समय मेरी नाक उसकी चूत के पास आ गई और मुझे उसकी चूत से अजीब सी लेकिन मादक सुगंध आने लगी। शेव करने के बाद मैं उसे कमरे में ले आया।
अब मैंने उसको किस किया और उसे कहा- मैं अभी एक मिनट में आता हूँ.. मैं कोल्ड्रिंक्स की बोतल.. आइसक्रीम.. बटर सब कुछ लेकर उसके पास आया और कहा- चल आज कुछ तूफानी करते हैं।
मैंने उसे जमीन पर लिटाया और उसकी टांगें बिस्तर पर ले लीं.. और खुद बिस्तर पर बैठ गया।
सबसे पहले मैंने कोल्ड्रिंक्स की बोतल खोल कर थोड़ा सा कोल्ड्रिंक्स उसकी चूत में डाल दिया.. कोल्ड-ड्रिंक ठंडा होने की वजह से वो कसमसाई और उसके बाद मैं उसकी चूत में स्ट्रा घुसा कर पीने लगा। कोल्ड्रिंक्स का स्वाद थोड़ा सा नमकीन लग रहा था.. क्योंकि उसमें शीतल की चूत का पानी जो मिल गया था। थोड़ा-थोड़ा करके मैंने कोल्ड-ड्रिंक की सारी बोतल शीतल की चूत में डाल कर स्ट्रा से पी ली।
फिर बारी आई आइसक्रीम की.. मैंने आइसक्रीम का डिब्बा खोल कर सारी की सारी आइसक्रीम को शीतल की चूत और गाण्ड पर लगा दिया और उसे चाटने लगा। एक घंटे में शीतल का काम रस इतना बह चुका था कि आइसक्रीम की मिठास से ज्यादा उसकी चूत से आने वाले पानी का ही स्वाद ज्यादा लग रहा था।
इस दौरान मैंने उसके निप्पलों पर भी आइसक्रीम लगा कर तबियत से चूसा था। यह सब करने से मुझे ऐसा लगा मानो कि मैं उसके निप्पलों से उसका दूध ही पी रहा होऊँ। वो भी अति चुदासी होकर ‘स्सस्सीई स्स्स्ससी..’ करके मुझे उकसाने लगी।
उसके बाद जब मैं उसके दाने को रगड़-रगड़ कर चाटने लगा.. तब वो एकदम से बेकाबू हो उठी और बोलने लगी- प्लीज़ जतिन फक मी.. फक मी.. हार्डर..
अब मैं खड़ा हो गया और उसे बिस्तर पर लिटा दिया। मैंने अपने लौड़े पर बटर लगा कर उसके मुँह में दे दिया.. वो छोटे बच्चे की तरह मेरे लौड़े को चूसने लगी। उसने पहली बार किसी का लौड़ा अपने मुँह में लिया था, उसने करीब 15 मिनट तक मेरा लौड़ा चूसा। फिर वो नशीली आवाज में बोली- अब और देर न करो.. और जल्दी से अपना लण्ड मेरी बुर में डाल दो। मैंने हामी भरते हुए कहा- ठीक है बेबी..
अब मैंने उसकी टांगें चौड़ी करके बहुत सारा बटर चूत के होंठों में लगा दिया। थोड़ा सा बटर उसकी चूत के 2 इंच अन्दर भी लगा दिया। अब मैंने अपना राकेट उसकी चूत पर लगाया.. उसे मेरे लौड़े की गर्माहट उसकी चूत पर महसूस होने के बाद वो मुझ पर अपने चूतड़ों को उठा कर जोर डालने लगी- जल्दी करो यार जतिन… मैं और नहीं सह सकती।
मैंने फुल प्रेशर के साथ उसकी चूत में अपना हथियार पेल दिया। वो झटपटाने लगी.. चूंकि वो एक अनछुई लड़की थी और आज कली से फूल बनने जा रही थी।
मेरे जोर से धक्का लगाने के बाद उसकी सील तोड़ते हुए मेरा लंड 5 इंच अन्दर घुस कर उसकी बच्चेदानी पर लगने लगा। उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे। लगभग 30-40 धक्कों के बाद उसे अच्छा लगने लगा और मेरी गाण्ड पर हाथ लगा कर वो मेरे लवड़े को जोर-जोर से अपनी चूत में दबाने लगी।
कुछ देर तक चुदाई करने के बाद वो झड़ गई.. लेकिन मैं झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था। उसके झड़ जाने के 5 मिनट और चुदाई करने के बाद मैं उसकी ही चूत में झड़ गया। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं जन्नत में हूँ।
मैंने शीतल से कहा- यार तूने तो आज मुझे जन्नत ही दिखा दी.. मैं तेरा एहसान कभी नहीं भूलूंगा।
तो वो बोली- जतिन मैंने जब तुम्हें पहली बार देखा था.. तभी मुझे तुम अच्छे लगने लगे थे.. फर्स्ट इयर से ही मैं तुम्हें अपना बनाने के लिए तड़प रही थी और पूरी क्लास में सिर्फ तुम ही सबसे हेंडसम हो। आज मेरी मन्नत पूरी हो गई, तुमने मुझे जो सुख दिया.. वो शायद कोई नहीं दे पाता और मुझे तुम्हारा ये डर्टी सेक्स बहुत अच्छा लगा.. थैंक यू जतिन.. आई लव यू जान..
जवाब में मैंने भी उसे ‘आई लव यू सो मच’ कह दिया और कहा- एक और राउंड हो जाए.. मुझे तुम्हारी गाण्ड चुदाई करनी है। तो वो डर गई और कहने लगी- मेरी गाण्ड का छेद तो बहुत ही छोटा है और देखो तुमने मेरी चूत का क्या हाल कर दिया है।
उसने मुझे अपनी चूत की ओर इशारा करते हुए कहा.. तो मैं बोला- कोई बात नहीं बेबी.. पहले बाथरूम जाकर आते हैं और उसके बाद में दूसरा राउंड स्टार्ट करते हैं.. ओके?
वो मान गई और मैं उसे अपने हाथों से गोद में उठा कर बाथरूम ले गया।
बाथरूम में जाते ही मैंने उसे किस किया और कमोड पर बिठा दिया और उसकी चूत पर शावर लगा कर उसे अपने हाथों से धोने लगा। चूत धोने के बाद उसे फिर से कमरे में ले आया और बिस्तर पर पटक दिया और कहा- स्टार्ट करें?
तो वो मान गई। फिर मैंने उसे कुतिया के पोज में खड़ा किया और उसकी गाण्ड के छेद पर बहुत सारा बटर मल दिया और मैंने मध्य ऊँगली पर बटर लगाकर उसकी गाण्ड में अन्दर बटर फेरने लगा।
जब उसका छेद एकदम चिकना हो गया और मेरी दो उंगलियां आराम से उसकी गाण्ड में तफरीह करने लगीं.. तब मैंने अपना 7 इंच लंड उसकी गाण्ड पर टिका दिया और जोर लगाया तो वो चिल्ला उठी। मैंने उसे धीरज देते हुए शान्त किया और फिर से एक और धक्का दिया। अब 5 इंच लंड चूत में समां गया था। मेरे मना करने के बावजूद भी वो चिल्लाती रही।
मैंने उसकी चीखों को नज़रअंदाज किया और धक्के लगाता रहा। थोड़ी देर बाद में मैं उसकी गाण्ड में झड़ गया।
मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया और कपड़े से उसकी गाण्ड को पोंछने लगा। उसे भी यह खेल अच्छा लगा। फिर मैंने उसकी पैन्टी लेकर उस हिस्से पर झड़ गया.. जिससे उस हिस्से का मुँह चूत पर लगता हो।
उसके बाद वही पैन्टी जिस पर में झड़ गया था। उसे मैंने अपने हाथों से पहना दी और एक-एक करके सारे कपड़े पहना दिए।
फिर मैं उसे 10 मिनट तक किस करके उसके ऊपर सोता रहा। जब मैंने आँख खोली तो उसने मुझे काफी लाकर पिला दी और कहा- प्रोजेक्ट का काम तो रह गया.. अब क्या करें?
मैंने झट से प्रोजेक्ट का सामान निकाल कर उसे जोड़ दिया और उसका चुम्बन लेते हुए मैं घर से बाहर आ गया। अब हमारा प्रोजेक्ट रेडी होकर तैयार था मैंने अगले दिन ही उसे अपने गाइड को दिखाया तो वो बोला- बहुत अच्छा प्रोजेक्ट है, लगता है तुम दोनों ने इसमें बहुत मेहनत की है। तो हम दोनों हंस पड़े।
ऐसा 2 महीने तक चलता रहा। जब हमारा फाइनल इयर का आखरी पेपर था तो मैंने उसे छोटी सी बोतल में अपना वीर्य डाल के गिफ्ट किया.. जो मैंने उसको याद कर करके निकाला था। उसने भी मुझे गिफ्ट देने के लिए अपने घर बुलाया। मैंने उसके घर जाकर उसे जम कर चोदा।
अगले दिन उसने मुझे फिर से बुलाया और वो मेरे सामने नंगी हो गई। वो बिस्तर पर लेट कर चूत में ऊँगली करने लगी और थोड़ी देर बाद पास पड़ी हुई बोतल को उठाया और बोतल का मुँह चूत में डालके स्स्स्ससी स्सस्सीई करने लगी उसका रज उस बोतल में उतरता हुआ मैं देख सकता था। उसने बोतल चूत से निकाली और ढक्कन लगा कर मेरे हाथ में दे दी। हमने ये बोतल एक-दूसरे को इसीलिए दिए थी.. ताकि हमें एक-दूसरे की याद आती रहे।
उसके बाद मैं लन्दन में पढ़ाई के लिए चला गया और वो भी पढ़ाई के बहाने शहर छोड़ के चली गई। उस दिन के बाद मैंने कभी उसे देखा नहीं, वो कहाँ है, कैसी है मुझे कुछ पता नहीं है। मैं दुआ करता हूँ कि वो जहाँ भी रहे.. सलामत रहे।
आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी? इसका उत्तर जरूर मुझे मेरे ईमेल पर भेजें। [email protected]
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