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अब तक आपने पढ़ा..
रॉनी- अरे क्या गुड्डी.. सारा दिन घर में ही रहोगी क्या.. अब छुट्टियाँ मनाने आई हो.. तो घूमो-फ़िरो थोड़ा लाइफ को एन्जॉय करो। पायल- ओके.. मगर मेरी एक शर्त है.. वो आपको माननी होगी। पुनीत- कैसी शर्त गुड्डी.. बोलो? पायल- भाई अब मैं छोटी बच्ची नहीं हूँ.. घर में तो चलता है.. मगर बाहर आप मुझे गुड्डी नहीं कहोगे और मैं जो कहूँ.. करोगे.. जहाँ चाहूँ.. घुमाओगे.. बोलो है मंजूर? पुनीत- हा हा हा हा.. तू भी ना कमाल करती है.. अच्छा बाबा.. बाहर तुझे पायल ही बुलाएँगे और बाकी तू जो कहेगी वैसा करेंगे.. चल अब आजा.. नास्ता कर ले हमें तो बहुत जोरों की भूख लगी है। तीनों ने नाश्ता किया और यूँ ही बातें करते रहे।
अब आगे..
पायल- काका.. मेरा जूस कहाँ है.. आपको पता है ना.. मुझे सुबह जूस चाहिए.. काका- लो बिटिया.. आपका जूस तैयार है.. मैंने कभी देने में देर की है.. जो आज करूँगा। पायल- काका आपकी यही बात मुझे पसन्द है.. आप बोलने के साथ हर चीज़ रेडी रखते हो। काका- बेटी बरसों से यहाँ काम कर रहा हूँ.. इतना भी नहीं समझूँगा क्या.. कि किस वक़्त किसको क्या देना है।
दोस्तो, यह काका इनके यहाँ बहुत पुराना नौकर है.. इसके बारे में आगे बाद में बताऊँगी.. अभी इन पर ध्यान दो।
नाश्ते के बाद पायल रेडी होने के लिए अपने कमरे में चली गई और रॉनी ने बाहर आकर सन्नी को फ़ोन लगाया। रॉनी- हाँ बोल भाई.. क्या बात है.. अब एकदम फ्री हूँ.. किसलिए फ़ोन किया था? सन्नी- तुम अभी पिंक कैफे आ जाओ और हाँ.. अकेले ही आना.. पुनीत को कहो वो पायल के करीब होने की कोशिश करे.. उसको दोस्त बनाओ.. तभी आगे का काम सही होगा.. समझे? रॉनी- अरे यार इतनी सी बात के लिए मेरी नींद खराब कर दी तुमने.. यह बात तो तुम उस वक्त भी बता सकते थे।
सन्नी- उस वक्त बताता तो तू वापस सो जाता.. चल अब जल्दी कर.. वहाँ से निकल.. मैं यहाँ तेरा वेट कर रहा हूँ और हाँ सुन एक्टिंग आती है ना तुझे? रॉनी- कैसी एक्टिंग.. मैं समझा नहीं? सन्नी- यहाँ आकर खुद ब खुद समझ जाएगा.. तेरे अन्दर का कलाकार बाहर आ जाएगा.. हा हा हा.. चल जल्दी कर अब निकल वहाँ से..
रॉनी ने फ़ोन बन्द किया… कुछ सोचा फिर पुनीत को अन्दर जाकर बता दिया कि सन्नी ने बुलाया है.. तुम गुड्डी के साथ दोस्ती करो.. ज़्यादा से ज़्यादा करीब हो जाओ। पुनीत- मैं सब संभाल लूँगा.. तू निकल.. मैं उसको शॉपिंग पर लेके जाऊँगा और उसके बाद थोड़ा घूम कर आएँगे… ओके.. रॉनी ने ‘बेस्ट ऑफ लक’ कहा और वहाँ से निकल गया।
पुनीत नीचे बैठा हुआ पायल का वेट कर रहा था.. जब पायल कमरे से बाहर आई तो पुनीत बस उसको देखता ही रह गया, वो किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी। पायल ने सफ़ेद और लाल रंग का सलवार सूट पहना हुआ था.. हल्का सा मेकअप होंठों पर लाल लाली और खुले बाल… उसकी सुंदरता को और बढ़ा रहे थे।
पायल नीचे आकर पुनीत के सामने खड़ी हो गई और एक सेक्सी स्माइल दी। पुनीत अभी भी उसको निहार रहा था। पायल- हैलो.. भाई.. कहाँ खो गए.. ऐसे क्या देख रहे हो मुझे? पुनीत- ओह्ह.. कुछ नहीं.. तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो.. पायल- ओह्ह.. रियली.. थैंक्स भाई.. अब बोलो कहाँ चलना है?
पुनीत- अरे तुम हुक्म करो.. जहाँ जाना चाहो.. मैं तुम्हें ले जाने को तैयार हूँ। पायल- भाई मेरे सारे कपड़े ओल्ड फैशन हो गए हैं पहले कुछ शॉपिंग करेंगे उसके बाद सोचेंगे.. कि कहाँ जाना है.. ओके? पुनीत- जो हुक्म मेरी प्यारी बहना.. गाड़ी तैयार है.. आइए चलिए.. पायल- ये क्या भाई.. मेरा मजाक बना रहे हो क्या.. सीधे-सीधे बोलो ना.. ये क्या लगा रखा है? पुनीत- अरे मजाक कर रहा हूँ.. तू नाराज़ क्यों होती है.. चल अब आ जा..
दोनों बातें करते हुए घर से निकल गए.. थोड़ी देर बाद दोनों सिटी सेंटर में थे।
पायल ने पुनीत से कहा कि ड्रेस पसन्द करने में वो उसकी मदद करे.. पुनीत- चलो वो सामने वाली शॉप में अच्छे कपड़े दिख रहे हैं।
दोनों वहाँ जाकर कपड़े देखने लगे.. पायल को अभी भी रात की बात से कुछ कन्फ्यूजन सा था.. वो अपने आपसे जूझने लगी।
पायल अपने मन में ही कहने लगी- अब तुम तो अपने भाई पर फिदा हो गई हो.. मगर वो तुम्हारे बारे में ऐसा सोचता है या नहीं.. ये भी देखना होगा। वैसे पूजा ने कहा था कि दुनिया का कोई भी लड़का पहले लड़का है बाद में किसी का बेटा या भाई.. तो पुनीत को आजमाना पड़ेगा।
पुनीत- अरे क्या सोच रही है.. कुछ पसन्द आया तुम्हें? पायल- भाई वो ड्रेस कैसा रहेगा? पायल ने एक छोटे से टॉप और स्कर्ट की तरफ इशारा किया।
पुनीत- अरे वो तो बहुत अच्छा है.. मगर थोड़ा छोटा नहीं है? पायल- क्या भाई आजकल यही चलता है.. अगर आपको पसन्द नहीं तो जाने दो.. पुनीत- अरे नहीं नहीं.. बहुत अच्छा है मैंने तो बस ऐसे ही कहा था.. पायल- ओके भाई.. मैं इसको ट्राई करके देखती हूँ… फिटिंग कैसी है! पुनीत- ओके जाओ.. देख आओ.. मैं तब तक कुछ और देखता हूँ।
पायल- नहीं आप ट्रायल रूम के बाहर खड़े रहो.. मुझे कैसे पता लगेगा.. आप देख कर बताना.. अच्छा है या नहीं.. ओके.. पुनीत ने ‘ओके’ कहा.. तो पायल वो ड्रेस लेकर अन्दर चली गई और कुछ देर बाद जब वो बाहर आई.. तो पुनीत बस पायल को निहारने लगा।
दोस्तो, वो ड्रेस पायल के जिस्म से चिपका हुआ था डार्क ब्लू टॉप.. जो बहुत शॉर्ट था.. उसमें से पायल की नाभि भी आराम से दिख रही थी और उसके कसे हुए मम्मे टॉप को फाड़ कर बाहर आने को बेताब थे। नीचे का ब्लैक स्कर्ट भी उसकी जाँघों तक मुश्किल से आ रहा था। उसकी गोरी-गोरी जाँघें देख कर एक बार तो पुनीत की नियत भी बिगड़ गई.. मगर उसने जल्दी से अपने आपको संभाला।
पुनीत- वाउ सो नाइस गुड्डी.. पायल- भाई.. मैंने क्या कहा था.. गुड्डी नहीं.. पायल.. ओके.. पुनीत- ओह्ह.. सॉरी सॉरी.. पायल.. यह ड्रेस बहुत अच्छा है.. तुम इसमें किसी गुड़िया जैसी लग रही हो।
पायल कुछ नहीं बोली और वापस अन्दर चली गई.. उस ड्रेस को निकाला.. अपने कपड़े पहने और मुँह फुला कर बाहर आ गई। पुनीत को कुछ समझ नहीं आ रहा था.. कि आख़िर हुआ क्या..
पायल- चलो भाई.. मुझे कुछ नहीं लेना यहाँ से.. पुनीत- अरे क्या हुआ.. इतना गुस्सा क्यों हो गई.. मैंने क्या कहा.. बता तो? पायल- आपको तो तारीफ करना भी नहीं आता.. जाओ मैं आपसे बात नहीं करती। पुनीत- अरे यार, प्लीज़ अब नाराज़ मत हो.. पहले बता तो.. मैंने ऐसा क्या कहा.. जो तुझे बुरा लगा?
पायल- भाई मैंने इतना मॉर्डन ड्रेस पहना और अपने कहा मैं गुड़िया जैसी लग रही हूँ। पुनीत- अरे तो इसमे बुरा क्या है? पायल- मैं कोई छोटी बच्ची नहीं हूँ.. जो गुड़िया जैसी लगूं.. ओके..
पुनीत- ओह्ह.. तो ये बात है.. मैं तो भूल ही गया कि अब मेरी गुड़िया बड़ी हो गई है.. ओके बाबा कान पकड़ कर सॉरी.. बस अब तो मान जाओ.. पायल- नहीं.. पहले बताओ उस ड्रेस में अगर कोई और लड़की होती तो आप उसकी तारीफ कैसे करते? पुनीत- अरे दूसरी लड़की कौन यार? पायल- मान लो आपकी कोई फ्रेण्ड हो तो?
पुनीत- प्लीज़ डोंट माइंड.. हाँ अगर और कोई होती तो मैं कहता बहुत सेक्सी लग रही हो.. मगर तुम मेरी बहन हो ऐसे बोलना अच्छा नहीं लगता ना.. पायल- भाई ये क्या बात हुई.. मैं आपकी फ्रेण्ड नहीं हूँ क्या.. और मैं किसी से कम हूँ क्या.. क्या कमी है मुझमें…? पुनीत- अरे पायल.. तू तो मेरी बचपन की फ्रेण्ड है.. और तुझमे. क्या कमी होगी.. तू तो दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की है। पायल- ओह्ह.. भाई थैंक्स.. अब मेरी तारीफ खुलकर करना.. हाँ तो मैं ये ड्रेस ले लूँ.. क्या कहते हो? पुनीत- अरे इसमे. पूछना क्या है.. ले लो ना.. अच्छा है वो.. और अब जो भी ड्रेस लो.. पहले मुझे पहन कर दिखाना ताकि मैं तेरी तारीफ करूँ.. अब खुश..
उसके बाद पायल ने दो और सेक्सी ड्रेस लिए। अब पुनीत भी खुलकर उसकी तारीफ करने लगा था.. मगर पायल अभी भी सोच में थी कि पुनीत उसको किस नज़र से देख रहा है। अचानक उसके दिमाग़ में एक आइडिया आया! पायल- भाई आप कुछ नहीं ले रहे क्या.. कब से मैं ही लिए जा रही हूँ। पुनीत- अरे नहीं.. कुछ दिन पहले ही मैंने शॉपिंग की है। पायल- अच्छा जाने दो भाई.. आपको मेरी फ्रेण्ड की बात बताऊँ.. आपको बहुत हँसी आएगी।
दोस्तो, उम्मीद है कि आपको कहानी पसंद आ रही होगी.. तो आप तो बस जल्दी से मुझे अपनी प्यारी-प्यारी ईमेल लिखो और मुझे बताओ कि आपको मेरी कहानी कैसी लग रही है। कहानी जारी है। [email protected]
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