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अब तक आपने पढ़ा..
पुनीत- अरे तो मेरी प्यारी बहना.. यहाँ मेरे कमरे में सो जाओ.. वैसे भी ये बिस्तर बहुत बड़ा है.. दोनों आराम से सो जाएँगे। पायल ने कुछ सोचा और ‘हाँ’ कह दी। पुनीत ने चादर अपने ऊपर डाल ली और करवट लेकर सो गया। पायल भी दूसरी तरफ़ करवट लेकर लेट गई और कुछ सोचने लगी। अचानक उसे पूजा की कहानी याद आई कि कैसे उसके भाई ने रात को उसके साथ सब किया था..। ये सोचकर वो थोड़ी डर गई और जल्दी से पुनीत की तरफ़ करवट ले ली।
अब आगे.. पुनीत आराम से दूसरी तरफ़ लेटा हुआ था। उसको पता भी नहीं था कि पायल के दिमाग़ में क्या चल रहा है.. पायल अपने आपसे बात कर रही थी कि उसका भाई ऐसा नहीं कर सकता और इन्हीं ख्यालों में उसकी आँख लग गई।
बीच रात को अचानक पायल की आँख खुली तो वो पुनीत से चिपकी हुई थी.. उसका घुटना पुनीत के लंड पर था और हाथ सीने पर.. वो घबरा गई और जल्दी से पुनीत से अलग हुई। उसका जिस्म आग की तरह तप रहा था। उसने खुद को काबू किया.. मगर ना चाहते हुए भी उसका ध्यान पुनीत के लंड पर गया.. जो तनकर बरमूडा में तंबू बना रहा था।
पायल- ओ माय गॉड.. ये क्या है.. मैं कैसे भाई के पास चली गई.. उनसे चिपक गई। मेरी वजह से वो सोए हुए भी कैसे गर्म हो गए.. मगर मैं तो उनकी बहन हूँ.. फिर उनका ‘वो’ कैसे टाइट हो रहा है.. तभी पायल को पूजा की बात याद आई कि लंड और चूत किसी रिश्ते को नहीं समझते.. बस ये दोनों तो एक-दूसरे के लिए ही बने होते हैं।
यह बात ध्यान में आते ही पायल की चूत गीली हो गई उसको कुछ समझ नहीं आ रहा था कि ये क्या हो रहा है.. उसने सर को झटक कर दोबारा दूसरी तरफ़ करवट ले ली और सोने की कोशिश करने लगी। मगर जैसे ही आँख बन्द करती.. उसको पुनीत का लौड़ा टेंट बना हुआ दिखता.. उसने बहुत कोशिश की.. अपना ख्याल हटाने की.. मगर वो नजारा उसकी आँखों के सामने से हटने का नाम ही नहीं ले रहा था। तो उसने कुछ सोचा और वापस पुनीत की तरफ़ करवट ले ली।
दोस्तो, पूजा की कही हुई बातें और रात की तन्हाई.. पायल को बहका रही थी। आख़िर वो भी एक जवान कमसिन लड़की थी और यह उमर तो होती ही ऐसी है.. कि कोई भी बहक जाए। खास तौर पर जबकि उसके एकदम पास कोई जवान लड़का सोया हुआ हो तो.. पायल की तो औकात ही क्या थी।
पायल ने मन में सोचा कि लंड आख़िर होता कैसा है.. एक बार छू कर देखने में क्या हर्ज है.. उसने डरते हुए पुनीत के लंड को छुआ तो उसको 440 वोल्ट का झटका लगा। अचानक से उसकी चूत से पानी ज़्यादा रिसने लगा।
पायल- ओह.. गॉड.. कपड़े के ऊपर से टच किया.. तो पूरे जिस्म में करंट पैदा हो गया.. आख़िर ऐसा क्या है इसमें.. इसने तो मेरी हालत खराब कर दी। अब पायल का मन बेचैन हो गया था.. वो दोबारा धीरे से लौड़े को टच करने लगी। पुनीत गहरी नींद में सोया हुआ था और पायल की हवस बढ़ती ही जा रही थी, वो लंड को ऊपर से नीचे तक धीरे-धीरे दबाने लगी थी.. उसकी लंबाई का जायजा लेने लगी थी।
अब उसके मन में लंड को देखने का विचार था.. मगर कैसे? यह उसकी समझ में नहीं आ रहा था। अगर पुनीत जाग गया तो क्या होगा..? वो क्या कहेगी उसको? यह सोच कर वो वापस लेट गई और सोने की कोशिश करने लगी। मगर उसकी चूत से गिरता पानी उसको बेचैन कर रहा था।
पायल- ओह.. गॉड.. यह क्या हो गया मुझे मेरी पैन्टी पूरी गीली हो गई है.. लगता है बाथरूम जाकर साफ करना ही होगा.. नहीं तो प्राब्लम हो जाएगी, यह पानी ऐसे गिरता रहेगा। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं ! पायल उठी और बाथरूम में जाकर बैठ गई और अपना ध्यान इस बात से हटाने की कोशिश करने लगी।
दोस्तो, एक बहुत पुराना राज.. जो अब तक सामने नहीं आया.. आज उसका भी समय आ गया है। पायल बाहर आए तब तक टोनी के पास चलते हैं.. आज वहीं उस राज का पता लगेगा।
शाम को सन्नी ने फ़ोन किया और टोनी को कहा कि वो उसके पास आएगा.. पीने का बंदोबस्त रखना.. कुछ जरूरी बात भी करनी है उसको.. टोनी तो हुक्म का गुलाम था.. उसने सब बंदोबस्त करके रखा। जब सन्नी आया तो टोनी खुश हो गया, दोनों बैठकर पीने लगे।
सन्नी- टोनी अब तक तो सब ठीक चल रहा है.. बस ये साली पायल मान जाए किसी तरह से.. टोनी- अरे मानेगी क्यों नहीं भाई.. हमने उस साले पुनीत को अच्छा फँसा लिया है.. अब वो उसको कैसे भी मना लेगा। सन्नी- अरे वो तो कोशिश करेगा.. साथ में हमें भी उसका साथ देना होगा। यह पायल कुछ ज़्यादा ही सीधी है।
टोनी- हाँ उससे मिलकर मुझे भी ऐसा लगा था.. मगर कोई तो होगा साली का आशिक.. ऐसा तो नहीं है.. मज़ा लेने के लिए कुछ तो करती ही होगी साली.. सन्नी- अरे कुछ नहीं करती वो.. मुझे उसकी सारी खबर है.. उस हॉस्टल में मेरी एक आइटम है.. जो मुझे उसकी सब खबर देती है.. वो उसके पास वाले कमरे में रहती है।
टोनी- अच्छा इसका मतलब आपने उसका गेम भी बजाया होगा? सन्नी- साले उसकी आरती उतारने के लिए उसको नहीं पटाया.. जब खर्चा करता हूँ.. तो मज़ा तो लूँगा ही ना.. टोनी- हाँ ये भी सही है भाई.. उसके जरिए साली पायल को भी पटा लेते तो ये गेम का चक्कर ही नहीं होता।
सन्नी- अबे.. वो साली हाथ आने वाली नहीं है.. एक बार मेरी आइटम ने बताया.. कि वो घर जा रही है और पायल की रूम पार्टनर भी जा रही है.. और आज की रात वो पूजा के साथ रहेगी.. जो बहुत बड़ी चुदक्कड़ है.. मेरी आइटम के साथ रोज लेसबो करके मज़ा करती थी। आज पायल को वो जरूर नंगा कर देगी.. बस यही सोचकर में हॉस्टल में घुस गया था।
टोनी- क्या बात करते हो भाई.. अन्दर घुस गए? मगर कैसे.. किसी ने देखा नहीं क्या आपको? सन्नी- अबे मेरी आइटम ने चोर रास्ता बता दिया था मुझे.. जिससे अक्सर वो मुझसे मिलने बाहर आती थी। टोनी- फिर क्या हुआ भाई.. कुछ किया अपने वहाँ जाकर?
सन्नी- अबे सुन तो साले.. मैं किसी तरह उनके रूम के पास गया और की होल से अन्दर झाँक कर दोनों की बातें सुनने लगा। पूजा ने बहुत पटाया साली को.. मगर वो मानी ही नहीं और पूजा साली अपनी प्यास बुझाने बाहर निकली तो मैं किसी तरह छुप गया और साली पूजा का ही गेम बजा दिया। उसके बाद मैं तुमसे मिलने आया था याद है ना? टोनी- क्या बात करते हो भाई.. सब याद है मुझे.. मगर वो ऐसे ही कैसे मान गई?
सन्नी ने उसे सारी बात बताई कि कैसे उसने पूजा को चोदा था.. जिसे सुनकर टोनी का लंड अकड़ गया, उसका भी मन चुदाई के लिए मचल गया। टोनी- भाई प्लीज़ मुझे भी वो रास्ता बताओ ना.. मैं भी वहाँ जाकर अपने लौड़े को ठंडा कर आऊँगा.. सन्नी- अबे चुप साले.. अभी वहाँ कोई नहीं है.. सब अपने घर चली गई हैं.. तू बस अपने गेम पर ध्यान दे। अब सुन पुनीत को मैंने कहा कि वो पायल को क्लब में लाए.. वहाँ तुम्हें कुछ नाटक करना होगा.. ताकि वो साली पायल गेम के लिए ‘हाँ’ कहे.. टोनी- कैसा नाटक भाई आप बताओ?
सन्नी ने आगे का गेम उसको समझा दिया। उसके बाद कुछ देर वहाँ पीने का प्रोग्राम चला और सन्नी वहाँ से चला गया। दोस्तो, शुरू में जिस नकाबपोश ने पूजा की चुदाई की थी.. वो सन्नी था। यह आप समझ गए होंगे.. तो चलो वहाँ हमारी पायल का मन मचल रहा है… अब वो पुनीत के साथ क्या करती है.. यह भी देख लेते हैं।
पायल जब वापस बाहर आई.. तो पुनीत नींद में ही अपने बरमूडा में हाथ डाल कर खुजा रहा था.. शायद उसको लंड के पास खुजली हो रही होगी। यह देख कर पायल के होंठों पर हल्की मुस्कान आ गई। वो धीरे से बिस्तर पर आकर पुनीत के पास बैठ गई। कुछ देर बाद पुनीत ने अपना हाथ बाहर निकाल लिया और सीधा लेट गया। उसका लौड़ा अभी भी खड़ा हुआ था।
पायल- ओह गॉड.. लगता है आज तो फँस गई.. पता नहीं मुझे ये क्या हो रहा है.. ऐसा लगता है एक बार भाई के लंड को बिना कपड़ों के देखूँ.. उसको पकडूँ.. मगर कैसे करूँ.. कहीं भाई जाग गया तो क्या होगा?
पायल दोबारा लौड़े को धीरे से छूने लगी। उसने एक तरकीब सोची कि सोने का नाटक करके वो लौड़े को देख सकती है। अगर पुनीत जाग भी गया.. तो वो नींद का नाटक करती रहेगी और पुनीत को कोई जवाब भी नहीं देना होगा उसको.. बस यही सोचकर वो पुनीत के एकदम करीब लेट गई। कुछ देर चुपचाप लेटी रही.. फिर धीरे से उसने एक हाथ से बरमूडा ऊपर उठाया और दूसरा हाथ उसके अन्दर डाल दिया।
पुनीत एकदम सीधा लेटा हुआ था.. जैसे ही पायल की उंगली लौड़े से टच हुई.. उसके जिस्म में एक सर्द लहर दौड़ गई आग की तरह तपता हुआ लौड़ा उसके नाज़ुक हाथ की उंगली से टच हो रहा था। मगर उसकी हिम्मत नहीं हुई कि वो उसको पकड़ सके और तुरन्त उसने अपना हाथ बाहर निकाल लिया।
दोस्तो, उम्मीद है कि आपको कहानी पसंद आ रही होगी.. तो आप तो बस जल्दी से मुझे अपनी प्यारी-प्यारी ईमेल लिखो और मुझे बताओ कि आपको मेरी कहानी कैसी लग रही है। कहानी जारी है। [email protected]
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