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हैलो दोस्तो, मेरा नाम अन्नू जैन है, इस वक़्त मैं 21 साल की हूँ। मेरी पहली कहानी मेरी मम्मी की चुदाई की पति बाहर.. यार का लण्ड चूत के अन्दर
आप पढ़ चुके हैं, उसके बाद मैंने अपनी जीवन में बहुत सेक्स किया है, अभी मेरी शादी नहीं हुई है, कुँवारी तो नहीं हूँ, मगर दुनिया की नज़र में शादी नहीं हुई तो कुँवारी ही हूँ। अब जब ज़िंदगी में बहुत मज़े कर रही थी, तो मेरी देखा देखी मेरी छोटी बहन भी मेरे ही नक्शे कदम पर चल निकली, उसने भी एक लड़के से सेटिंग कर ली। मुझे तो उसकी हरकतों से शक हुआ, जब मैंने उससे पूछा, तो वो मान गई कि उसका एक लड़के से प्यार है। मैंने और डीटेल में पूछा, तो उसने यह भी बता दिया कि वो अपने यार यानि बॉय फ्रेंड के साथ चुदाई यानि सेक्स कर चुकी है।
मैंने सोचा, बड़ी दीदी को देख कर मैं बिगड़ी, मुझे देख कर यह बिगड़ गई है। मतलब हम तीनों बहनों में से एक भी ऐसी नहीं बची जो बिना चुदे अपने ससुराल गई हो। दीदी भी अपने यार से शादी से पहले ही चुद चुकी थी, मैं भी और अब सबसे छोटी भी, चलो अब जब इसकी भी सील टूट ही चुकी है, तो अब क्या किया जा सकता है। मगर इस बात से हम दोनों बहनों से ज़्यादा अच्छी दोस्त बन गई, दोनों अपने अपने बॉयफ्रेंड की खूब बातें सुनाती एक दूसरी को, दोनों उनकी मर्दानगी के, उनके सेक्स करने के तरीके के और उनके मोटे लंबे औजारों की भी बातें करती। एक दो बार तो ऐसा भी हुआ कि हम जैसे रात को एक साथ सोते हुये आपस में ऐसी बातें करने लगी, तो इतनी गर्म हो गई कि एक दूसरी के होंठ चूसने, बदन सहलाने तक जा पहुँची, बल्कि मैंने तो छोटी के छोटे छोटे बूब्स भी चूस लिए। मगर इससे ज़्यादा आगे हम नहीं बढ़ीं।
दोनों बहनें अलग अलग अपने अपने बॉय फ्रेंड से चुदती रही, धीरे धीरे हम दोनों ने एक दूसरे को अपने अपने यारों से भी मिला दिया। वो दोनों भी आपस में दोस्त से बन गए।
ऐसे में ही एक घटना घटी जो बहुत ज़बरदस्त थी, मैं आपको बताना चाहती हूँ।
हुआ यूँ कि एक दिन मेरे बॉय फ्रेंड ने मेरे साथ चुदाई का प्रोग्राम बनाया। पहले तो हम कहते थे कि मिलना है, बात करनी है। पर अब जब हर बार बात नहीं चोदा चोदी होती थी तो बात भी सीधी होने लगी- अरे अन्नू, सन्डे को क्या कर रही है, थोड़ा टाइम निकाल के आ यार, तेरी लेने का मन कर रहा है। या फिर ‘अबे सुन, बहुत खुजली हो रही है, मिलता है क्या?’ ये तो बात होती थी, प्यार व्यार सब खत्म, सेक्स और सिर्फ सेक्स।
एक दिन मुझे फोन पे मेरे बॉय फ्रेंड ने पूछा, तो मैं भी तैयार हो गई। मगर दिक्कत यह आ गई कि उसके पास कोई जगह का जुगाड़ नहीं हो पा रहा था तो हमारा फिक्स किया दिन खाली निकल गया। मेरा भी मन बहुत कर रहा था, मगर जब जगह ही नहीं मिली तो करते कहाँ पे।
मैं बड़ी उदास सी रात को अपने बेड पे लेटी थी, तभी छोटी आ गई और आ कर मेरे पास लेट गई- क्या हुआ दी, बहुत बुझी बुझी सी है? उसने पूछा।
मैंने बड़े भरी मन से कहा- अरे यार, आज डेट थी, मुझे जाना था, पर साले से जगह का जुगाड़ ही नहीं हो पाया। मैंने तो सोचा था कि आज मज़े करेंगे, पर सारा प्रोग्राम ही फुस्स हो गया। तो छोटी बोली- अरे मेरे वाला तो मिनट में जगह का जुगाड़ कर लेता है। तुम अपने बी एफ से कहो न के मेरे वाले से बात करे, हो सकता है वो उसकी कोई मदद कर दे?
छोटी की बात सुन कर मैंने तभी अपने बॉय फ्रेंड को फोन लगाया और उसे कहा कि वो छोटी के बॉयफ्रेंड से बात कर ले और अगर जगह का इंतजाम हो जाए तो मुझे भी बता दे। थोड़ी देर बाद उसका फोन आ गया कि उसने बात कर ली है और जगह का इंतजाम भी हो गया है, शनिवार का प्रोग्राम बना है, तैयार रहना, सुबह 11 बजे।
मैं खुशी से उछल पड़ी, शनिवार मतलब परसों, वाह, मज़ा आ गया। मैंने तो छोटी का मुँह चूम लिया। उसके बाद हम दोनों बातें करती करती सो गई।
शुक्रवार बीता और शनिवार आ गया, मैंने अपने हाथों से वीट लगा कर अपनी चूत और बगलों के बाल साफ किए, नहा धोकर पूरी तैयारी के साथ जाने को तैयार होने लगी। सही समय पर मैं अपने बॉयफ्रेंड के पास पहुंची, पहले हम मैकडी गए, वहाँ पे बर्गर और कोक का नाश्ता किया, उसके बाद थोड़ा बाज़ार में घूमे, क्योंकि फोन आने पर ही हमें कमरे में जाना था।
करीब 12 बजे फोन आया कि ‘आ जाओ।’ हम दोनों बाईक पर बताई हुई जगह पर पहुंचे। जब हमने घर की बेल बजाई तो दरवाजा छोटी के बॉयफ्रेंड ने खोला।
हम दोनों से वो गले लगकर मिला, पहले भी हम ऐसे ही मिलते हैं। हम तीनों अंदर गए, उसने हमें सीधे एक बेडरूम में भेज दिया।
हम जा कर बेड पर बैठ गए। अक्षित मेरे बॉयफ्रेंड ने दरवाजा बंद किया और मेरे पास आ बैठा। मैंने उसे देखा और उसने मेरा सर पकड़ा और हम दोनों के होंठ एक दूसरे के होंठों से जुड़ गए। होंठ चूसते चूसते उसने मेरे बूब्स को दबाना शुरू कर दिया। अब उससे कितनी बार तो चुद चुकी थी, ये सब तो रूटीन की बात थी, उसने बूब्स दबाये मैंने अपनी टी शर्ट उतार दी और साथ में ही ब्रा भी उतार फेंकी, वो भी मुझे छोड़ के उठा और कपड़े उतारने लगा।
1 मिनट बाद हम दोनों बिल्कुल नंगे थे। मुझे उसने धक्का दे कर बेड पे गिरा दिया- चल साली, आज तेरी माँ चोदूँगा। मैं भी हंस पड़ी- माँ क्यों, उसकी जवान बेटी जो है, उसको चोद के दिखा साले! मैंने कहा तो अक्षित छलांग लगा कर मेरे ऊपर आ गिरा। मैंने अपनी टाँगे खोल कर उसे अपनी गिरफ्त में जकड़ लिया।
अभी अक्षित ने अपना लिंग मेरे अंदर नहीं डाला था, उसका तना हुआ लंड मेरे पेट पे पड़ा था। उसने अपने हाथों में मेरे दोनों बूब्स पकड़ रहे थे और उन्हे दबाते हुए वो मेरे होंठ और जीभ को चूस रहा था। मैं भी उसे अपनी बाहों की गिरफ्त में जकड़ कर लेटी उसके साथ किसिंग का मज़ा ले रही थी कि तभी दरवाजे पे दस्तक हुई। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
अक्षित उठ कर खड़ा हुआ और चड्डी पहन ली, मैंने पास पड़ी चादर से अपना बदन ढक लिया। बाहर मेरी बहन का लवर हेमन्त खड़ा था। अक्षित ने पूछा- क्या हुआ? हेमन्त बोला- क्या मैं अंदर आ सकता हूँ? मुझे यह सुन कर बड़ी हैरानी हुई, मगर मेरे कुछ कहने से पहले ही अक्षित ने उसे अंदर बुला लिया।
हेमन्त के सिर्फ चड्डी थी और चड्डी में उसका तना हुआ लंड साफ दिख रहा था। ‘यह क्या है हेमन्त?’ मैंने हेमन्त से पूछा। ‘दरअसल बात यह है दी कि हमारे कमरे का ए सी नहीं चल रहा, क्या हम भी यही आ जाएँ आपके पास? वो बोला। ‘मतलब आँची भी यही हैं क्या?’ मैंने हैरान होकर पूछा। ‘हाँ, हम दोनों साथ वाले कमरे में हैं, पर मैं सोचता हूँ के दोनों बहने और दोनों भाई अगर एक साथ ही एंजॉय कर लें तो दिक्कत क्या है!’ वो बोला। और अक्षित ने भी कह दिया- हाँ हाँ, हमें कोई दिक्कत नहीं! बस उसके कहते ही हेमन्त हमारे कमरे से भाग गया।
मैंने अक्षित से कहा- यह क्या बदतमीजी है अक्षित? मैं, तुम और इन दोनों के सामने? मगर अक्षित बोला- डोंट वरी, हम सब साथ में एंजॉय करेंगे।
इतनी देर में ही दरवाजा फिर से खुला और अक्षित और आँची अंदर आ गए। हेमन्त तो वैसे ही चड्डी में था, आँची के भी सिर्फ ब्रा और पेंटी पहनी थी। अक्षित बोला- अरे वाह आँची तुम तो गजब की सेक्सी हो यार। और आँची भी बड़ी बेशर्मी से उसके सामने खड़ी बोली- थैंक यू अक्षित!
इसके बाद अक्षित और हेमन्त की आँखों आँखों में कुछ इशारा हुआ और अक्षित वापिस मेरे पास आ गया। अब चादर के अंदर मैं तो बिल्कुल नंगी थी और अक्षित भी चादर में घुस गया। उसने अपनी चड्डी उतरी और फिर से मुझे चूमने चाटने लगा। मगर मेरा ध्यान तो आँची और हेमन्त की तरफ था कि दोनों के सामने मुझे नंगी होना पड़ेगा।
मैंने देखा हेमन्त और आँची तो दूसरे को चूसने लगे हुये थे। और मेरे देखते देखते ही हेमन्त ने आँची के ब्रा और पेंटी उतार कर उसे बिल्कुल नंगी कर दियाऔर आँची ने उसकी चड्डी उतार के उसे नंगा कर दिया। लंबा मोटा काला लंड, पूरी तरह से तना हुआ और मैं देख रही थी कि मेरी छोटी बहन उसे पकड़ के ऐसे खड़ी थी जैसे उसके लिए सबसे कीमती और प्यारी चीज़ हो।
मगर तभी एक और बात हुई, वो यह कि हेमन्त ने हमारी चादर खींच दी और हम दोनों भी उनके सामने नंगे हो गए, मुझे पहले बड़ी शर्म आई मगर चादर के अंदर हम नंगे ही तो थे, थोड़ी सी शुरुआती शर्म के बाद मैं भी बेशर्म हो गई।
अक्षित ने मेरी चूत पर अपना लंड रखा और अंदर धकेल दिया। उसका कड़क लंड मेरी गीली चूत में फिसलता चला गया।
जब अक्षित ने मुझे चोदना शुरू कर दिया तो हेमन्त भी आँची को लेकर बिल्कुल हमारे पास ही बेड पे आ गया। आँची बिल्कुल मेरे साथ लेट गई और हेमन्त उसके ऊपर लेट गया। मेरे सामने ही आँची ने हेमन्त का लंड पकड़ा और अपनी चिकनी गुलाबी चूत पे रख लिया। ‘डालूँ क्या?’ हेमन्त ने पूछा। ‘हाँ, अब बर्दाश्त नहीं होता, डाल दे यार!’ आँची बोली और मैं उसके साथ लेटी सोच रही थी कि मेरी छोटी सी आँची इतनी बड़ी हो गई कि अब लंड लेना उसकी ज़रूरत बन गई है। खैर मैं भी तो वही कर रही थी।
अगले 15-16 मिनट तक कमरे में हम दोनों बहनों की सिसकारियाँ और चीखें गूँजती रही, क्योंकि दोनों लड़को में होड़ लग गई कि कौन ज़्यादा देर तक और ज़्यादा जोरदार चुदाई करता है। मगर इस रणनीति ने हम दोनों बहनों की माँ चुद गई। जो हम दोनों बहनें पहले मज़े में सिसक रही थी, उन लड़कों की जोश की लड़ाई में चीख पुकार मचाने लगी, ताबड़तोड़ चुदाई से हम दोनों कब झड़ गई पता ही नहीं चला मगर फिर भी वो दोनों लगे रहे।
खैर पहले हेमन्त का स्खलन हो गया, उसने अपने लंड से निकालने वाले वीर्य से मेरी छोटी बहन अंचल की चूत को भर दिया और उसके छूटने के बाद अक्षित ने भी मेरी चूत को अपने वीर्य से लबालब भर दिया।
अपनी अपनी गर्ल फ्रेंड को चोदने के बाद दोनों लड़के जाकर साइड में पड़े सोफ़े पर बैठ गए और हम दोनों बहनें बेड पर चुदने के बाद नंगी लेटी थी, और दोनों बहनों की चूतों से उनके यारों का वीर्य चू चू कर बाहर आ रहा था। हमारा सारा मेक अप दोनों लड़के चाट कर खा चुके थे।
चुदने के बाद हम दोनों बहने अगल बगल लेटी एक दूसरे को देख रही थी।
थोड़ी देर बाद हम दोनों उठी और बाथरूम में जा कर फ्रेश हो कर आई।
हेमन्त बोला- अरे सुनो अन्नू, तुम तो नंगी हालत में बहुत सेक्सी लगती हो, देख मेरा लंड फिर से अकड़ गया, क्या बोलती है? मैंने कहा- धत्त, बदतमीज़, जब तेरी सहेली है तो मुझ पे गंदी नज़र क्यों डाल रहा है? ‘अबे साली नंगी तू फिरे और गंदी नज़र मेरी, अब तो पक्का तुझे चोदूँगा।’ कह कर वो मेरे पीछे भागा और मैं अपनी इज्ज़त अपनी बहन के बॉय फ्रेंड से बचाने के लिए भागी।
बेशक यह एक मज़ाक था, मगर मुझे पता चल चुका था कि एक न एक दिन हेमन्त मुझे भी ज़रूर चोदेगा। कृपया अपने विचार मुझे अवश्य भेजे मेरी ईमेल है [email protected]
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