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नमस्कार दोस्तों मेरा नाम विकास है, मैं मध्य प्रदेश में ग्वालियर का रहने वाला हूँ ।यह कहानी मेरे एक दोस्त की बीवी नमिता पर आधारित है। मैं 5 फीट 10 इंच का हूँ, मेरे लंड का साइज़ लगभग 6 इंच और मोटाई लगभग 2.5 इंच है.
अब मैं सीधा अपनी जिंदगी की एक सच्ची घटना पर आता हूँ। बात उस समय की है जब मैं कॉलेज में बी.एस.सी. की पढाई कर रहा था, मेरे घर के सामने वाले घर में मेरा एक दोस्त संदीप रहता था.
उसकी शादी को लगभग 6 महीने ही हुए थे, उसकी शादी हमारी कॉलोनी के पीछे वाली कॉलोनी से ही हुई थी जो हमारे घर से लगभग 1 कि मी दूर है।
उसकी पत्नी नमिता बहुत सुन्दर और एक नशीले जिस्म की मालकिन थी, उसका फिगर का साइज़ 32-28-32 के आसपास होगा। जिसे देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता था। मैं और मेरा दोस्त संदीप दोनों आपस में बहुत मजाक किया करते थे, और मैं उससे उसकी वाइफ मतलब नमिता के बारे में कुछ भी बोल दिया करता था और वो हमारी बहुत सी बातें घर वाली से शेयर करता था.
एक दिन मैंने उससे मजाक ही मजाक में बोल दिया कि यार नमिता भाभी बहुत हॉट और माल लगती हैं और उसकी वाइफ नमिता मुझे पहले से ही पसंद करती थी पर कभी उसने बताया नहीं था पर उस दिन की बात उसके पति ने उसे बताई तो उसने पति के सामने फ़ोन कर के बड़े प्यारे अंदाज़ में मुझसे पूछने लगी कि अप इनसे क्या बोल रहे थे सीधे मुझसे बोलो ना की बात क्या है.
मैं एकदम हैरान हो गया और बोला भाभी जी ऐसी कोई बात नहीं है वो तो बस मजाक कर रहा था और इसी बहाने उसने मेरा मोबाइल नंबर अपने पति के मोबाइल से निकाल लिया फिर कुछ दिन बाद रक्षाबंधन था तो वो अपने मायके चली गयी।
उसके बाद रक्षाबंधन के दुसरे दिन एक नए नंबर से एक मिस कॉल आया और मैंने जब वापस उसी नंबर पर कॉल किया तो उसने मुझसे पूछा कि मुझे पहचाना तो कुछ देर सोचने के बाद अचानक से मुझे वो आवाज़ समझ में आ गयी मैंने कहा भाभी जी आपको कैसे भूल सकते हैं, फिर मेरी नमिता से काफी देर तक बात हुई।
उसने मुझे बताया की मेरे पति मुझे वो प्यार नहीं दे पाते जो एक औरत चाहती है, वो बहुत जल्दी थक जाते हैं। नमिता मुझे पहले से बहुत पसंद थी और मैं हमेशा उसे चोदने के चक्कर में रहता था और आज वो खुद ही चुदना चाह रही थी तो मेरी ख़ुशी का तो ठिकाना नहीं रहा।
फिर एक दिन नमिता भाभी का कॉल आया तो उसने मुझसे बोला की विकास तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो मैं तुम्हे बहुत पसंद करती हूँ, तो मैंने भी उसी समय बोल दिया की भाभी जी मैं भी अपको बहुत पसंद करता हूँ तो वो कहने लगी कि विकास मुझे भाभी नहीं नमिता कह कर बुलाया करो, बस फिर क्या था मैंने भी सीधे बोल दिया कि मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ उसने भी मुझे आई लव यू बोल दिया।
फिर रक्षाबंधन के दो दिन बाद उसका फ़ोन आया कि मेरे परिवार के सभी लोग रिश्तेदारी में गए हैं तुम घर पर आ जाओ अपन बैठकर बातें करेंगे, मैं मन ही मन बहुत खुश था कि आज तो चुदाई की जुगाड़ हो ही गयी समझो।
लगभग एक घंटे के अन्दर मैं उसके मायके वाले घर पर पहुँच गया और गेट पर जाकर घंटी बजाई तो नमिता ने ही आकर गेट खोला और जब उसने गेट खोला और मैंने उसे देखा तो बस मैं उसे देखता ही रह गया, वो लाल रंग के सूट में बहुत मस्त लग रही थी। मैं उसके घर में घुसते हुए उसके बिल्कुल करीब से गुज़रा उसे जिस्म से बड़ी प्यारी महक आ रही थी।
फिर हम दोनों अन्दर बैठ गए वो मेरे लिए पानी लेकर आई, और पानी देकर वहीं मेरे पास बैड पर बैठ गयी और मेरी तरफ बड़ी प्यारी नज़रों से देखने लगी, और धीरे से मैंने उसका हाथ पकड़ लिया, और उसके अपनी तरफ खींच लिया.
अब उसके होंठ मेरे होंठों के करीब आ गए और मैंने उसे प्यार से आय लव यू बोल कर उसके होंठों पर एक किस किया जिससे वो खुश हो गयी और मेरी गले में बाहें डालकर मुझे बड़े प्यार से किस करने लगी और इसी मौके का फायदा उठाकर मैंने उसे बैड पर लिटा लिया और उसके ऊपर आकर उसके होंठों पर किस करने लगा।
कुछ समय तक हम ऐसे ही किस करते रहे और धीरे धीरे मैंने उसके बूब्स सूट के ऊपर से ही दबाना शुरू कर दिए, फिर मैंने उसका सूट उतार दिया और उसके बूब्स जो ब्रा में पूरी तरह कैद थे वो मेरी आँखों के सामने आ गए जिन्हें देखते ही मैं उन्हें पागलों की तरह दबाने लगा.
फिर वो मुझसे कान में बोली विकास इतनी भी जल्दी क्या है मैं आज के बाद सिर्फ तुम्हारी हूँ मेरे जिस्म पर तुम्हारा पूरा हक़ है, मुझे आज बहुत सारा प्यार दो। फिर मैंने उसकी ब्रा के हुक खोल दिए और उसके एकदम खड़े हुए गोल गोल बूब्स मेरे हाथों में थे, मैं उसके निप्पल मुंह में लेकर उन्हें चूसने लगा और वो मेरे सर को अपने बूब्स में दबा रही थी और सिस्कारियां लेकर बोल रही थी और जोर से चूसो।
और आह्ह्ह…अह्ह्ह्ह्… म्मम्मम… अहह…की आवाजें निकालने लगी, जिससे मैं और जोश में आ गया और पागलों की तरह उसके बूब्स चूसने लगा। थोड़ी देर बाद उसने मेरे शर्ट पेंट और बनियान उतार दी और मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से ही दबाने लग गयी। मेरा लंड एक गरम लोहे की तरह पूरी तरह खड़ा हो गया.
फिर मैंने उसकी सलवार उतार कर पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत पर किस करने लगा और धीरे से उसकी पेंटी उतार कर उसकी दोनों टांगों को फैलाकर उसकी चूत में अपना मुंह घुसाकार चाटने लगा जिससे वो पूरी तरह पागल हो गयी, और मेरा मुंह अपनी चूत में दबाकर घुसाने लग गयी और आअह्ह्ह्ह…ह्ह्ह्म्म्म्म्म..ओह्ह्ह्ह् ऊउफ़्फ़्फ़…..म्म्म्म्म्म्म्म्म्म….. ओह्ह्ह्ह्ह…य्य्य्य्य्य्य्य अह्ह्ह्ह्ह्…और मैं भी जीभ घुसा घुसाकर उसकी चूत को चाटने लगा, फिर मैं बैड पर आ गया और वो मेरे ऊपर आकर मेरी अंडरवियर उतार कर मेरा लंड अपने मुंह में लेकर अपनी जीभ मेरे टोपे पर घुमाकर उसे लोलीपॉप की तरह चूसने लगी।
लगभग 10 मिनट चूसने के बाद मेरा माल निकलने लगा और वो मेरा सारा माल पी गयी और चाट चाटकर मेरा लंड एकदम साफ़ कर दिया। कुछ देर तक हम दोनो यूँ ही लेटे रहे और वो मेरे लंड को अपने हाथ से सहलाती रही।
मेरा भी लंड खम्बे की तरह खड़ा हो गया, और वो मेरे लंड को थोड़ी देर चूसने के बाद बोली कि जान अब मुझसे नहीं रहा जा रहा, प्लीज अब अन्दर डाल दो फाड़ के रख दो मेरी चूत, उसका एक एक कोने में अपना लंड घुस दो, चोद दो मुझे आज जी भर के। फिर मैंने उसे बैड पर लेटा लिया और उसकी टांगें फैलाकर अपने लंड का टोपा उसकी चूत के छेद पर रखकर उसकी चूत के दाने को सहलाने लगा, जिससे वो एकदम तड़प सी गयी और कहने लगी कि जान अब मत तड़पाओ डाल दो अन्दर।
फिर मैंने लंड पर खूब सारा थूक लगाया और एक ही झटके में लंड का टोपा उसकी चूत में उतार दिया और दर्द के मारे उसकी चीख निकली,. आह्ह्ह्ह्ह्ह,.. ईईईइ… मर गईईईई… ऊउईईईइ…म्म्म्म्म्म्म्मऔर कहने लगी जान आराम से करो मैंने 6 महीने से पति से चुदवाया नहीं है, और मैं उसके होंठों को चूसने लगा और अपने लंड को थोडा सा पीछे करके दुसरे झटके में अपना पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया, जिससे दर्द और प्यास की वजह से वो मुझसे पूरी तरह चिपक गयी और आअह्ह्ह्ह्ह्ह… म्म्म्म्म्म्म्म… ओह्ह्होह्ह्ह्ह्ह… ईईईईइ… य्य्य्स्स्स्स्स्स्स… म्म्म्म्म्म्म्म… आहहह… आअह्ह्ह्ह्ह…
वो मुझसे कहने लगी जान और जोर से चोदो मुझे आज फाड़ दो मेरी चूत, बना लो मुझे अपनी रांड। मैं उसकी टाँगे उठा उठाकर उसे चोदने लगा, वो भी चुदाई के पुरे मज़े ले रही थी।
थोड़ी देर बाद मैंने उसे कुतिया बनाकर पीछे से उसकी चूत को चोदने लगा, वो भी अपनी गांड पीछे की तरफ हिला हिलाकर मेरे झटकों का बराबर जवाब दे रही थी, और बहुत ही मादक सिसकियों के साथ कह रही थी जान और चोदो मुझे और जोर से चोदो आज मुझे अपना बना लो , मेरे जिस्म की प्यास बुझा दो जान मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ जान आज से मैं तुम्हारी रांड हूँ, और करीब 40-45 मिनट की लगातार चुदाई के बाद वो अकड़ने लगी और कहने लगी जान मेरा पानी छूटने वाला तो मैंने स्पीड और बढ़ा दी।
मेरे लंड का एक एक बार उसकी चूत की गहराई में जा रहा था, फिर हम दोनों एक साथ ही झड़ गए और मैं उसकी पीठ पर ही लेटा रहा। उस दिन हमने 5 बार चुदाई की और मैंने उसको हर एंगल में खुल कर चोदा।
उसके पति को हमारे बारे में सब पता है और वो भी अब हमारा साथ देता है। अब मैं नमिता से जब भी मिलता हूँ, उसकी खूब चुदाई करता हूँ
आपको मेरी जिंदगी की ये सच्ची घटना कैसी लगी प्लीज मुझे मेरी मेल आईडी पर मेल जरुर करे.. मेरी मेल आई डी है “[email protected]” मुझे आपके मेल का इंतजार रहेगा।
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