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हेलो दोस्तों, जैसा की आप सब जानते है कि DK पर ये मेरी पहली स्टोरी है। पहले मैं अपने बारे में बता दू की मेरा नाम नमिता यादव है और मेरी उम्र 25 साल है, मैं इंदौर की रहनी वाली हूँ, मेरी हाइट 5 फुट 7 इंच है और साइज 34,30,34 है.
जब मैं अपनी सेक्सी सी कमर हिला-हिला के चलती हु तो बहुत से लौंडो के जाने कहा-कहा से पानी रिसना शुरू हो जाता है। अब मैं अपनी कहानी पर आती हु.
ये स्टोरी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैं इंदौर के गुजराती कॉलेज में पढ़ती थी और मेरे साथ ही मेरी छोटी बहन भी वही पढ़ती.
बात 6 साल पहले की है जब कॉलेज में मेरा फर्स्ट ईयर ही था और जुलाई होने की वजह से बारिश का सुहाना मौसम था, बारिश मुझे बहुत पसंद है और मेरी फ्रेंड खुशबु को भी पसंद है.
तो हम दोनों कॉलेज की बंक मारके बहार रोड़ पर ही बारिश में नहाने लग गए, बारिश होने की वजह से ट्रैफिक भी कम ही था, 1 घण्टा नहाने में बाद हम साइड हो गये क्योकि अब ठंड भी बहुत लग रही थी, अचानक मेरे सर में तेज दर्द होने लगा और मुझे छींके आने लगी.
ये देख के मेरी फ्रेंड ने कहा चल सामने मल्टी में एक मेडिकल है वहाँ से सर्दी की दवाई ले लेते है, हम दोनों वहाँ गए तो वहाँ हमें एक हट्टा-कट्टा लड़का मिला जिसका नाम दीपेश था और उसका रंग सांवला सा था.
मेरी फ्रेंड ने उससे कहा कि कोई सर दर्द की या सर्दी की टेबलेट देदे, उसने मुझे डी-कोल्ड टोटल दी और बोला इससे ठीक हो जायेगा, फिर उसने मुझसे नाम पूछा मेने बता दिया और पूछा आप यही पढ़ती हो तो मैने कहा कि फर्स्ट ईयर।
मुझे उसका नेचर अच्छा लगा, फिर इसे कुछ दिनों बाद मैं फिर से दवाई लेने वहाँ गयी, इस बार मैं अकेली गयी थी, उसने फायदा उठा कर मुझे बोल दिया की आप बहुत खूबसूरत हो और मैं आपको पसंद करता हूँ, ये पहली बार था जब किसी ने मेरी तारीफ़ की थी मुहहे बड़ा ही अच्छा लगा, फिर उसने मुझसे मेरा नंबर माँगा जो मेने बिना कुछ सोचे उसे दे दिया, उसकी बाटे मुझ पर जादू जैसा असर कर रही थी.
कुछ दिनों बाद इसका फोन आया सुबह 9 बजे, मैं कॉलेज में जा रही थी की रिंग बजी मेने रिसीव किया तो वो बोला हैप्पी बर्थडे, मेने कहा तुम्हे कैसे आता की आज मेरा बर्थडे है, मेरा बर्थडे 1 अगस्त को आता है, तो उसने बोला बस चाहने वाले सब पता कर लेते है, मैं बिलकुल चौंक गए और बहुत खुश भी हुई.
उठाने मुझे कॉफ़ी के लिए पूछा तो में मना नहीं कर पाई, उसने मुझे कॉलेज से थोड़ा आगे आने को कहा जहा उसकी सफ़ेद रंग की फोर्ड कार खड़ी थी, मैं कार की पिछली सीट पर बैठ गयी तो उसने बोला की आगे आ जाओ, मेने कहा कि यही ठीक है.
फिर हम एक फ्लैट पर पहुंचे जो की साकेत तरफ कही था, दरवाज़ा खोलते है मैं हैरान रह गयी सामने केक रखा था जिस पर लिखा था हैप्पी बर्थडे चाहत, मेने पूछा ये चाहत कोन है तो वो बोला की मैं आपको बहुत चाहता हु इसलिए आपका नाम चाहत रखा है क्यों आपको अच्छा नहीं लगा तो मैने कहा नहीं बहुत अच्छा है.
फिर हमने केक काटा और एक दूसरे को खिलाया, उसने घुटनो पर बैठ कर मुझे एक रिंग बॉक्स दिया और बोला आई लव यू विल यू मैरी मी, मैं चौंक गयी ये सब मेरे लिए पहली बार था मेने उससे कहा कि सच में इतना प्यार करते हो मुझसे, तो वो बोला अपनी जान से भी ज़्यादा, मेने रिंग लेली और उसने मुझे अपनी बांहो में भर लिया और पागलो की तरह मेरे होंठ चूसने लगा.
मुझे बिजली का झटका लगा और बड़ा मजा आने लगा, फिर उसने मुझे अपने हाथों में उठाया और बैडरूम की तरफ ले गया, बेड पर बड़े प्यार से मुझे सुलाया, ये सब हो रहा था तो मुझे बिलकुल होश नहीं था और बड़े मज़े ले रही थी पर क्या पता था कि आज मैं लड़की से औरत बनने वाली थी और मेरी चूत का भोसड़ा.
उसने मेरा टॉप निकाल दिया और जीन्स भी अब मैं सिर्फ ब्रा-पेंटी में थी और उसने अपने भी सारे कपड़े निकाल दिए वो सिर्फ अंडरवियर में था और उसमें कुछ बड़े डंडे जैसा दिखाई दे रहा था, उसने धीरे से मेरी ब्रा उतार दी अब मेरी चूचिया आज़ाद थी और उसके सामने थी.
उसने मेरी चूची अपने मुंह में भर ली और मैं सीत्कार उठी की उइईईई माँ दीपेश ये क्या कर रहे हो, आआ आ ह हा हह हहहहहह, मेरी दूसरी चूची मसल दी उसने बड़ी बेरहमी से मैं चीख पड़ी आईईईईइ, वो बोला नमिता मेरी जान आज तुझे स्वर्ग दिखाऊंगा उसके बाद तू रोज बोलेगी मुझे चोदने को, फिर उसने मेरी पेंटी निकाल दी और अपने होंठ मेरी बहती चूत पर रख दिए.
मैं जैसे पागल सी हो गयी आह अहह आहहहहहहहहह, मेरा रस रह-रह के बह रहा था, उसने अपना अंडरवियर उतार दिया तो सांप जैसा उसका लण्ड झूलते हुए बाहर आया, उसमे मुझे हाथ पकड़ के खिंचा और लण्ड नेरे मुंह के पास लाके बोला की चुसो इसे, मेने बड़े प्यार से उसका लण्ड पकड़ा और सहलाने लगी तो उसने मेरे बाल पकड़ के अपना 7 इंच लम्बा और 2 इंच मोटा लण्ड मेरे मुंह में घुसेड़ दिया जिससे मेरी आवाज बीस गुगुऊऊऊ करके निकलने लगी.
10 मिनट की घमासान मुंह-चुदाई के बाद फिर उसने तेल की बोटल ली और अपने लण्ड पर मसलने लगा, फिर मेरी चूत पर मसलने लगा, अब उसने लण्ड मेरी चूत के छेद पर टिकाया और दबाव बनाया तो मेरी सांसे तेज चलने लगी और हाथ-पैर कांपने लगे, मेने बोला प्लीज ये सब बाद में कर लेना तो बोला अब तो तेरा बाप भी मुझे नहीं रोक सकता.
उसने मेरे हाथ अपने हाथों से दबा दिए और कमर के नीचे एक तकिया लगा दिया, मैं चाह कर भी नहीं हिल सकती थी या भाग सकती थी, वो वक़्त आ गया जिसका मुझे डर था उसके अपना लण्ड सेट करके एक धक्का जो मारा तो उसका टोपा लण्ड का अंदर गया बस और मेरी चीख निकली फिर उसने लगातार दो धक्के मारे उसका 4 इंच लण्ड अंदर जाके फंस गया तो ऐसा लगा जैसे कोई मोटा पाइप मेरी चूत में फंस गया हो..
और मैं 1 फुट ऊपर उछल पड़ी जोर से चीख मारती हुई उइईईई माँ दीपेश मार डाला ये क्या डाल दिया मेरे अंदर बहुत दर्द हो रहा है निकालो इसे बाहर मैं मर जाउंगी, आआआआ आआआआ माँ मम्मी मैं कहा फंस गई ये, फिर उसने मेरे होठ पर अपने होंठ रख दिए जिससे मेरी चीख दब गई, अब उसने अपना लण्ड बहार खिंचा और पूरी ताकत से मेरी चूत में धक्का मारा जिससे मेरी आँखे बहार आने को हो गयी और आंसू आ गए, मैं बहुत जोर से चीखना चाहती थी मगर मेरी आवाज दबी हुई थी.
अब उसका 1.5 इंच लण्ड बहार था फिर से उसने अपना लण्ड बहार खिंचा और दुगनी ताकत के साथ धक्का लगाया तो मैं जैसे बेहोश होते-होते बची उसने मुझे 2 थप्पड़ मारे होश में लाने के लिए, अब उसका पूरा लण्ड मेरी चूत में समा चुका था और मैं रोये जा रही एक मछली तरह तड़प रही थी.
उसने मुझे किस करना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे अपनी कमर ऊपर नीचे करने लगा, मूझे अब थोड़ा आराम मिला ही था कि उसने फिर एक जोर का धक्का मारा जिससे उसका लण्ड मेरी बच्चेदानी पे जा लगा और मैने अपने होंठ हटा के जोर से चीख मारी उइईईई मैं गयी, फाड़ दी मेरी चूत कितना जालिम आदमी है रे जरा भी रहम नही करता.
माँ मैं आज कहा फंस गई किसका मुंह देख के निकली थी सुबह-सुबह, अब उसके कमर हिलाने से मुझे थोड़ा मज़ा आने लगा और मैं भी कमर ऊपर नीचे करके उसका साथ देने लगी, ये देखके उसको जोश आया और मशीन की तरह चूत में धक्के मारने लगा और मैं एक कुतिया की तरह चिल्लाने और बड़बड़ाने लगी.
हां हां हां हहहह मेरे राजा ऐसे ही मार मेरी चूत आज फाड़ दे रे इसे अब तुझसे रोज चुड़वाऊंगी रे दीपेश मेरे पति मेरे मालिक तू मुझे छोड़ना मत कभी अपनी रखैल बना के रख लेना भले ही, अआहाहा हहहह ऊऊ म मम्म माँ दे दे जोर से पेल अपनी चाहत को मेरे राजा निचोड़ दे इसका सब पानी आज, और वो पागलो की तरह धक्के लगा रहा था हम दोनों पसीने में लथपथ हो गए और पूरे कमरे में फच-फच की और मेरी सीत्कार की आवाज गूंजने लगी.
करीब 30 मिनट की घमासान चुदाई में मैं 3 बार झड़ गयी उसके लण्ड पर ही मगर वो तो अपने घोड़े जैसे लण्ड से मेरी चूत की चटनी कूटे ही जा रहा था, 45 मिनट बाद वो बोला की मैं झड़ने वाला हु तो मैं बोली की अंदर ही झड़ जा मेरे राजा मुझे तेरे बच्चे की माँ बनना है, इतना कहते ही धक्के और तेज कर दिए और में चिल्लाने लगी एआईईईई माँ जी रेरेरेरेर गयी रीरेरे मर गयी रे और लंबी सी पिचकारी मारते हुए मेरे ऊपर निढाल हो गया और मैं निहाल हो गयी.
कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार निचे कोममेंट सेक्शन में जरुर लिखे.. ताकि देसी कहानी पर कहानियों का ये दोर आपके लिए यूँ ही चलता रहे।
दोस्तों ये थी मेरी पहली चुदाई आपने यार दीपेश के साथ, आप सब को कैसी लगी ये आप मुझे मेल करके बता सकते है, आप लोगो के रिस्पांस पर ही मैं अपनी अगली कहानी लिखूंगी.
आपकी रानी नमिता, आगे आप पढ़ेंगे कैसे दीपेश ने मुझे वियाग्रा खा के दिन भर चौदा और चलने फिरने लायक भी न छोड़ा, मेरी गांड भी चीर दी जिससे मेरी चाल भी बिगड़ गयी, उसने मुझे धोका भी दिया और मैं उसके बाद कई लोड़ो से चुदी ये सब आपको अगली कहानी में बताउंगी.
आपके मेल का इंतज़ार रहेगा, आप अपने मेल यहाँ भेज सकते है मेरी मेल आई डी है “[email protected]”.
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