This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
सम्पादक – जूजा जी हजरात आपने अभी तक पढ़ा..
जाहिरा की टाँगों पर हाथ फिराता हुआ फैजान ऊपर को आ रहा था। अब उसका हाथ जाहिरा के घुटनों तक पहुँच चुका था और फिर उसका हाथ ऊपर को सरका और उसने अपना हाथ अपनी बहन की नंगी जांघ पर रख दिया। जैसे ही फैजान के हाथ ने जाहिरा की नंगी जाँघों को छुआ.. तो मेरी चूत ने तो फ़ौरन ही पानी छोड़ दिया। मैं अब ज्यादा बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी और ना ही मैं इतनी जल्दी और इतनी आसानी से अभी फैजान को जाहिरा की चूत तक पहुँचने देना चाहती थी। अब आगे लुत्फ़ लें..
मैंने थोड़ी सी हरकत की तो फैजान फ़ौरन ही पीछे हट कर लेट गया। मैं बड़े ही आराम से उठी जैसे नींद से जागी हूँ और आराम से बाथरूम की तरफ चल दी। बाथरूम में जाकर मैंने अपनी चूत को अच्छे से धोया.. जो बिल्कुल गीली हो गई थी, फिर मैंने बाहर निकलने से पहले थोड़ा सा छुप कर बाहर देखा.. तो फैजान थोड़ा सा उठ कर अपनी बहन की गालों को चूम रहा था और कभी उसकी होंठों को भी पी रहा था.. लेकिन साथ ही बार-बार बाथरूम की तरफ भी देख रहा था।
मैंने बाथरूम में थोड़ा सा शोर किया और फिर दरवाज़ा खोल दिया.. लेकिन फैजान को अपनी जगह पर टिक जाने का पूरा मौका दे दिया। फिर बाथरूम से वापिस आकर मैं अपनी जगह पर लेटने की बजाए फैजान की तरफ आ गई और उसके साथ लेटने की बजाए उसके ऊपर लेट गई क्योंकि उसके साथ लेटने के लिए जगह नहीं थी।
मेरे ऊपर लेटने की वजह से फैजान ने नींद में होने का नाटक करते हुए आँखें खोलीं और बोला- हाँ क्या है? मैंने बिना कुछ कहे उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसके होंठों को चूमने लगी। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
फैजान भी जो अब तक अपनी बहन के जिस्म से छेड़छाड़ करने से गरम हो चुका था.. उसने भी मुझे अपनी बाँहों में भर लिया। मैं यह सब कुछ जानबूझ कर कर रही थी.. क्योंकि मुझे पता था कि जाहिरा भी जाग रही है और वो यह सब देख रही होगी। मुझे चूमते हुए और मेरी कमर और मेरी गाण्ड पर हाथ फेरते हुए फैजान मेरे कान में आहिस्ता से बोला- जाहिरा जाग जाएगी।
मैं अपने होंठ फैजान के जाहिरा की साइड वाले कान की तरफ ले गई और थोड़ी ऊँची आवाज़ में बोली- नहीं जानू, तुम्हारी बहन गहरी नींद में सो रही है.. वो सुबह से पहले नहीं उठेगी.. बस जल्दी से तुम मेरे जिस्म से अपनी प्यास बुझा लो..
मैं ये सब इतनी ऊँची आवाज़ में कह रही थी.. ताकि जाहिरा भी यह बात आसानी से सुन ले।
मैं नीचे को जाने लगी और फैजान की टाँगों के दरम्यान आ गई। मैंने फैजान के शॉर्ट्स को नीचे खींचा और उसके अकड़े हुए लंड को अपने हाथ में ले लिया। मैंने फैजान की लंड की टोपी को चूम लिया और बोली- जानू.. तुम्हारा लंड तो पहले से ही तैयार है.. लगता है कि किसी हसीन और खूबसूरत लड़की की ख्वाब ही देख रहे थे? फैजान मुस्कराया और एक नज़र जाहिरा पर डाल कर बोला- हाँ..
मैंने फैजान की लंड की टोपी को ज़ुबान से चाटा और बोली- ख्वाब देखने की क्या ज़रूरत है.. जब तुम्हारी पास इतनी खूबसूरत चीज़ मौजूद है.. तो चढ़ जाते बस.. और चोद लेते.. तुम्हें किसी से इजाज़त लेने की तो ज़रूरत नहीं है ना..
फैजान ने चौंक कर मेरी तरफ देखा और बोला- क्या मतलब? मैं मुस्कराई उसकी घबराहट देख कर और बोली- हाँ.. तो और क्या.. तुम्हारी बीवी हूँ.. और खूबसूरत भी हूँ.. तो दिल कर रहा था तो आकर चोद लेते मुझे..
मेरी बात सुन कर फैजान ने सकून की साँस ली। मेरा इशारा तो जाहिरा की तरफ ही था.. लेकिन मैं अपनी बात को सम्भाल ले गई।
अब मैंने फैजान के लंड को अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगी। मैं पूरी तरीके से खुल कर फैजान के साथ सेक्स करना चाहती थी.. ताकि जाहिरा को भी मालूम हो सके कि कैसे सेक्स करते हैं। मेरी एक टाँग जाहिरा के जिस्म से भी टच कर रही थी।
मैं अब कोई भी कोशिश नहीं कर रही थी कि जाहिरा को पता ना चले क्योंकि मुझे तो पहले से ही पता था कि जाहिरा जाग रही है.. और सब कुछ देख भी रही है.. और महसूस भी कर रही है।
मैंने अच्छी तरह से अपने शौहर के लंड को भर-भर कर चाटा और फिर बिस्तर से नीचे उतर कर अपना बरमूडा और अपनी टी-शर्ट उतार दी। नीचे मैंने ना ब्रेजियर पहनी हुई थी और ना ही पैन्टी.. पूरी तरह से नंगी होकर मैं दोबारा से फैजान की ऊपर आ गई।
फैजान ने मुझे बहुत रोका कि पूरे कपड़े ना उतारो.. लेकिन मैं कहाँ मानने वाली थी.. जबकि मुझे पता था कि जाहिरा अपनी आँखें नहीं खोलेगी।
फैजान के ऊपर आकर मैंने अपनी चूत को फैजान के लंड के ऊपर रखा और धीरे-धीरे उसे अपने चूत में लेते हुए नीचे को बैठ गई। फिर आहिस्ता आहिस्ता ऊपर-नीचे को होकर अपनी चूत चुदवाने लगी। मैं आगे को झुकी और फैजान के गाल पर चुम्बन करने लगी।
फिर मैं जाहिरा की तरफ देखते हुए बोली- फैजान देखो.. तुम्हारी बहन सोती हुए में कितनी मासूम और खूबसूरत लग रही है। फैजान ने भी अपनी नज़र जाहिरा के चेहरे पर जमा दी और अब बिना मेरी तरफ देखे हुए आहिस्ता आहिस्ता मुझे चोदने लगा।
अब मैंने भी अपने मम्मों को फैजान के मुँह में देते हुए जरा तेज आवाज में सीत्कार करना शुरू कर दिया ताकि बगल में लेटी हुई मेरी ननद की बुर में चींटियाँ रेंगने लगें। ‘हाय.. जानू चूसो न मेरे मम्मों को.. आह्ह.. कितना मस्त चूसते हो और ओह.. तुम्हारा लौड़ा तो आज मेरे नीचे कुछ ज्यादा ही मजा दे रहा है.. मेरी जान किसी और की फ़ुद्दी चोद रहे हो क्या..’
फैजान कुछ नहीं बोला.. बस धकापेल मेरी चूत को चोदता रहा।
थोड़ी देर के बाद जब हम दोनों चुदाई से फारिग हुए.. तो हम दोनों ने वॉशरूम में जाकर जिस्मों को साफ़ किया और फिर अपनी-अपनी जगह पर आकर लेट गए। अब हम तीनों ही आराम से सो गए।
अगली सुबह जब हम लोग उठे तो जाहिरा पहली ही रसोई में जा चुकी हुई थी। मैंने फैजान को उठाया और तैयार होने का कह कर खुद भी रसोई में चली गई।
जाहिरा चाय बना रही थी.. मैंने जैसे ही उसे देखा.. तो वो शर्मा गई। मैंने महसूस किया कि वो मुझसे नजरें नहीं मिला पा रही है। मैंने उससे कहा- चलो भी.. जल्दी से तैयार होकर कॉलेज की लिए निकलो.. फिर मुझे भी नहाना है।
जाहिरा शरारती अंदाज़ में बोली- क्यों आज ऐसी क्या बात हो गई कि आपको सुबह-सुबह ही नहाने की फिकर लग गई है। मैं मुस्करा कर बोली- अरे यार तुझे बताया तो था कि तेरे भैया रात को बहुत तंग करते हैं.. तो बस रात को उन्होंने पकड़ लिया था। जाहिरा- भैया ने आपको पकड़ लिया या आपने उन्हें पकड़ा था।
मैं जानती थी कि वो सब कुछ देख रही थी.. इसलिए यह बात कह रही है। मैं फिर भी उसकी बात को छुपाते हुए बोली- तू तो सारी रात बेहोश होकर सोई रहती है.. तुझे क्या पता कि तेरे भैया कितना तंग करते हैं.. मुझे तो पूरी रात नहीं सोने देते। इसलिए तुझे अपनी जगह पर लिटाया था कि शायद तू ही कुछ हेल्प करेगी.. लेकिन फिर तेरा भी मुझे कोई फ़ायदा नहीं हुआ।
जाहिरा शर्मा कर चाय के कप उठाते हुए बोली- भाभी.. मैं भला भैया को उनकी शरारतों से कैसे रोक सकती हूँ?
मैं चुप हो गई और मुस्कुराने लगी।
इसके बाद हम सब नाश्ते की टेबल पर आए.. तो फैजान की नजरें आज तो जाहिरा की जिस्म पर कुछ ज्यादा ही गहरी थीं और उसके नशीले जिस्म की नुमाइश से हट ही नहीं रही थीं।
मैं इस सबको देख कर मजे ले रही थी, लेकिन अभी भी वो दोनों यही समझ रहे थे कि मुझे दोनों को इनकी हरकतों का इल्म नहीं है।
आप सब इस कहानी के बारे में अपने ख्यालात इस कहानी के सम्पादक की ईमेल तक भेज सकते हैं। अभी वाकिया बदस्तूर है। [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000