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सभी पाठकों को मेरा नमस्कार.. मेरा नाम मॉन्टी है और मेरा लण्ड साइज़ 6.2 इंच है.. मैं देखने में मस्त हूँ और काफी रोमाँटिक भी हूँ। यह मेरी पहली कहानी मेरी और पिंकी यानि मेरी पहली गर्ल-फ्रेंड की है.. अब उसकी शादी हो चुकी है। वो अपने पति से तो चुदती ही होगी, क्या पता दूसरों से भी चुदवाती होगी। खैर.. उसकी चूत और उसे चुदवाने के लिए मेरी तरफ से पूरी छूट।
बात उन दिनों की है.. जब मैं रोज सुबह की तरह जॉब की तलाश में घर से अपनी बाइक लेकर निकल जाता था।
एक दिन जब मैं अपने शहर दिल्ली के करोल बाग में इंटरव्यू के लिए जा रहा था.. तो मैंने देखा एक लड़की बस स्टैंड पर परेशान सी खड़ी है.. वैसे तो मुझे पहले लड़कियों से बात करने में बड़ा डर लगता था। इस बार मैंने उससे डरते-डरते पूछ ही लिया- क्या मैं आपकी कोई मदद कर सकता हूँ?
पहले तो उसने मुझे घूर कर देखा.. फिर कुछ सोच कर बोली- मुझे इंटरव्यू पर जाना है और मेरी बस छूट गई है। मैंने उससे पूछा- आपको कहाँ जाना है? तो उसने बोला- अब कोई फायदा नहीं है क्योंकि इंटरव्यू का समय सुबह ग्यारह ही बजे तक का था। मैंने कहा- फिर भी मैं आपकी कोई मदद कर सकता हूँ?
तो उसने मुझे अपने बारे में बताया कि उसका नाम पिंकी है.. वो दिल्ली में ही रहती है और वो अभी जॉबलैस है। फिर बात करते-करते मैंने उससे पूछ ही लिया- कहीं बैठ कर चाय पीएं? तो पहले तो वो हिचकिचाई.. फिर मान गई।
एक बात बताऊँ.. मुझे सड़क किनारे बैठकर चाय पीना बड़ा पसंद है।
तो हम सड़क के किनारे एक चाय वाले के पास बैठ कर चाय पीने लगे। इस तरह से हमारी दोस्ती हो गई। दोस्ती होने के बाद हम इंटरव्यू साथ-साथ देने लगे और साथ-साथ घूमने भी लगे। एक दिन उसने कहा कि वो मेरा घर देखना चाहती है।
तो मैंने उससे पहले साफ़-साफ़ बता दिया- मैं एक मिडिल क्लास परिवार से हूँ.. तो उसने कहा- उससे मुझे कुछ नहीं लेना-देना.. बस मुझे तो तेरा घर देखना है। मैंने कहा- ठीक है.. आज तो नहीं.. कभी और दिन दिखा दूँगा। उसने कहा- ठीक है.. मैं इंतज़ार करूँगी।
मैंने उससे उसकी फैमिली के बारे में पूछा तो उसने बताया- मैं भी मिडिल क्लास फैमिली से ही हूँ। मैंने कहा- फिर तो यानि हम दोनों की चाय का हिसाब बराबर-बराबर रहेगा। तो वो हँसने लगी और मेरा हाथ पकड़ कर ‘थैंक्यू’ बोला। मैंने पूछा- थैंक्यू क्यों? तो उसने कहा- मैं तेरे कारण थोड़ी थोड़ी दुनिया देखने और जीने लगी हूँ।
उसकी यह बात सुनकर मैंने उसके माथे पर एक किस कर दिया और ‘थैंक्यू’ कहा। तो उसने पूछा- तुमने ‘थैंक्यू’ क्यों बोला..? मैंने उससे कहा- उसके कारण अब मुझे लड़कियों से बात करने में डर नहीं लगता.. शायद उसे इस बात से कुछ बुरा सा लगा था।
उसने कहा- चलो अब चलते हैं। मैंने कहा- नहीं.. आज तो मुझे अपना वादा पूरा करना है। तो वो बोली- जिस-जिस लड़की से बात की है.. उन्हीं से वादे पूरे कर लेना और उन्हीं को अपना घर भी दिखा देना। मैं समझ गया कि वो मुझसे प्यार करने लगी है।
तो फिर भी मैंने उससे कहा- चलो आज तुम्हें तुम्हारी मनपसंद चीज दिखाता हूँ। वो थोड़ा सा मुँह बनाकर बाइक पर बैठ गई.. फिर उसे मैं अपने घर ले आया.. तो वो थोड़ी सी खुश लगी। मैंने उससे कहा- मैं तुमसे बहुत प्यार करने लगा हूँ।
तो उसने भाव खाने चालू कर दिए.. यह देख कर मैंने उससे कहा- ठीक है जानू.. तो मैं फिर उससे ‘हाँ’ बोल देता हूँ जिसने मुझे कल प्रपोज किया था। वो यह सुन कर वो रोने लगी.. यह देख कर मैंने उससे अपनी गोद में उठा लिया और प्यार से उसका माथा चूमा। फिर मैं धीरे-धीरे से उसकी गर्दन पर हाथ डालते हुए मैंने उसके होंठों पर अपने होंठों को रख दिया।
वो थोड़ी-थोड़ी सी हिचकिचाने लगी.. तो फिर मैंने जोर-जोर से उसके होंठों को चूमना चालू कर दिया। अब उसे भी मज़ा आने लगा और वो मेरा साथ देने लगी। धीरे-धीरे हम दोनों मस्त होकर एक-दूसरे को गरम करने लगे।
तभी मैंने उससे कहा- एक मिनट रुको.. मैं वाशरूम से अभी आता हूँ। मैं जानबूझ कर अपना पर्स उसको पकड़ा दिया और वाशरूम चला गया।
जो मैंने सोचा था उसने भी वही किया। उसने मेरा पर्स खोल कर देखा.. जिसमें एक डॉटेड कंडोम का एक पैकेट रखा था। अब उसने कंडोम देख लिया था और मैंने उसे पर्स खंगालते हुए चुपचाप से थोड़ा सा दरवाजा खोल कर देख लिया था।
मैंने देखा कि वो कंडोम देख कर अपनी चूत को प्यार से सहला रही थी। फिर मैं समझ गया कि वो गरम हो चुकी है और अगर मैं उसकी चूत मारूँ तो शायद वो मना नहीं करेगी। थोड़ी देर में मैं परफ्यूम छिड़क कर सफ़ेद बनियान में वाशरूम से बाहर वापस आया। फिर जाकर मैं रसोई में गया और कोल्ड ड्रिंक और चॉकलेट लेकर वापस उसके पास बैठ गया।
मैंने धीरे से उसकी कमर में हाथ डाला और फिर से उसे किस करने लगा। उसने कोई एतराज नहीं किया तो धीरे-धीरे से मैंने उसका कुरता ऊपर को कर दिया और उसके चूचे दबाने लगा।
मैंने जब उसके चूचे देखे.. तो बस मैं पागल सा हो गया। क्या मस्त उठे हुए चूचे थे.. गजब.. माल.. इतने कड़क चूचे कि जैसे शायद आज तक मेरी जान ने खुद भी अपने हाथों से नहीं दबाए हों.. दिखने में एकदम सख्त और सहलाने में ठोस लेकिन मुलायम अहसास लिए हुए थे।
फिर मैंने अपने होंठों से उसकी घुंडियों को पकड़ा और दबा कर पीने लगा। वो गरम होने लगी.. मौका देखते हुए मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और वो ‘धत्त’ कह कर शर्माने लगी। फिर क्या था.. समझदार को इशारा काफी.. मैंने उससे अपने हाथों में उठाया और कमरे में ले गया.. बिस्तर पर लिटाने से पहले मैंने उसके एक-एक करके सारे कपड़े उतार दिए.. जो पहले से ही आधे उतर चुके थे।
फिर मैंने सीधे उसकी चूत पर हमला किया.. धीरे-धीरे से मैं उसकी चूत चाटने लगा.. और वो अपनी मादक सिसकारियाँ निकालने लगी जिन्हें सुनकर मेरा लण्ड और ज्यादा कड़क हो गया और वो अपनी चूत के साथ गोते खाने लगी। आखिर मैं उसने बोल ही दिया- अब उससे रहा नहीं जा रहा.. प्लीज चोद दो.. आह्ह जान मेरी चूत को मजा दे दो..
कामातुर हो कर उसने मेरा लण्ड पकड़ लिया और अपनी चूत पर लगाने लगी। मैंने धीरे से उसकी चूत में लण्ड टिकाया और पेल डाला.. वो दर्द से बिलखने लगी.. साली बिलखती भी क्यों नहीं.. आखिर मेरा लण्ड 6.2 इंच लम्बा जो है.. वो दर्द से कहने लगी- उह..माँ.. बहुत दर्द हो रहा है.. तो मैंने उससे कहा- जानू.. शुरू में तो दर्द होगा ही.. इसे प्लीज़ सह लो.. फिर तुम्हें भी मज़ा आएगा।
यह बोलते हुए ही मैंने एक झटके में अपना पूरा लण्ड उसकी चूत में उतार दिया। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं। उसकी चूत से खून की पतली सी धार फूट पड़ी.. वो दर्द से कांपने लगी।
फिर मैं थोड़ी देर में रुक गया.. जब उसने थोड़ी सी हिम्मत बनाई.. तो मैंने फिर से उसकी चूत की चुदाई जोरों से चालू कर दी। अब उसे मज़ा आने लगा और वो भी कहने लगी- आह्ह.. जानू.. आज फाड़ दो चूत को.. साली बड़ा परेशान करती थी। उसके ये बोलते ही मैंने जोर-जोर से झटके मारकर उसे ठंडा कर दिया।
फिर मैंने कहा- जानू अब मुझे ठंडा करो.. तो उसने कहा- कैसे? मैंने कहा- मेरा लण्ड मुँह में ले लो.. यह सुन कर वो कहने लगी- मेरी चूत तो फाड़ दी.. अब क्या मुँह भी फाड़ोगे? बोलते हुए मेरा पूरा लण्ड मजे से लेकर मुँह में चूसने लगी।
ऐसा करते-करते मैंने उसके मुँह में ही अपना माल झाड़ दिया.. जिसे वो पूरा मुँह में लेकर पी गई।
अब वो कहने लगी- ये मेरी चूत की तुम्हारे लिए चाहत थी.. और तुम्हारे लण्ड ने मुझे जी भर के चोदा.. वो तुम्हारे लण्ड का दीवानापन था..
चुदाई खत्म होकर हम दोनों ने विदा ली फिर तो गाहे-बगाहे उसकी चूत मेरे लौड़े की खुराक हो ही जाती थी। तो मित्रोम यह थी वो काम रस से भरी कथा.. मुझे उम्मीद है कि आप सभी पसंद आई होगी।
अपने विचारों को मुझ तक पहुँचाने के मुझे ईमेल जरूर कीजिएगा। [email protected]
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